अब्बू की लंडसवारी करती मेरी कमसिन बहन

Abbu beti chudai sex story – Father fucks daughter sex story: हॉट सेक्स यंग गर्ल के साथ किया मेरे अब्बू ने और वह जवान लड़की मेरी बहन है, हां जी, मेरे अब्बू अपनी कमसिन बेटी को खूब पेलते हैं, उन्हें कोई शर्म नहीं है.

मित्रो, कैसे हैं आप लोग, उम्मीद है कि लण्डधारी लंड हिला रहे होंगे और चुत की सहजादियों अपनी प्यारी चुत को उँगलियों से फेंट रहीं होंगी.

मैं आपका सिम्पल, आज एक नयी सेक्स कहानी हॉट सेक्स यंग गर्ल के साथ लेकर आया हूँ.

यह मेरे अब्बू और मेरी आपा के बीच हुई चुदाई की कहानी है, चूत और लंड के मालिकों को सलाम करते हुए मैं सीधा कहानी पर आता हूँ.

हुआ यूं कि मेरी बहन का वजीफ़ा आने वाला था क्योंकि मेरी बहन ने गांव के स्कूल से ही अपनी उच्च शिक्षा पास की थी और उसी का वजीफा आना था, सरकार द्वारा लड़कियों को उनकी शिक्षा के लिए पैसे मिलते थे, उसके तीस हज़ार रूपए आने थे.

उसी के चक्कर में मुझे लखनऊ से घर जाना था, मेरा घर लखनऊ से 300 किलोमीटर दूर है.

तीन लोग आपा, अब्बू और मैं अब्बू के एक मित्र की कार से रात में 12 बजे घर के लिए निकले, हम लोगों का घर आना जाना रात में ही होता है इसीलिए रात को ही जा रहे थे.

मेरी बहन का फ़िगर अभी बन रहा था, उसकी हाइट 5 फ़िट की रही होगी और चूचे 28 इंच, कमर 26 की और गांड 28 की होगी, मेरी इस बहन का नाम आरिफ़ा है, वह रंडी नंबर वन है, यह चुदक्कड़ तो मेरी बड़ी आपा से ज़्यादा है पर इसको गर्म करना आसान नहीं है.

अब जब बहन की चुदाई की बात चल ही पड़ी है तो अपने नए दोस्तों को बता दूँ कि मेरी एक आपा मुझसे बड़ी है जो मुझसे और मेरे सौतेले अब्बू से खूब चुदती है, उसकी कहानी आपको मेरी कहानियों में पढ़ने के लिए उपलब्ध हैं.

अभी बात हो रही थी मेरी बड़ी से छोटी वाली बहन आरिफ़ा की, आरिफ़ा जब नहाती है, तब वह अपनी चूत को खूब रगड़ती है और अपने आप से अपनी चूत में हस्तमैथुन करती है.

हुआ यूं कि मैं कार चलाते हुए जरा ऊँघने लगा, तो उन्होंने मुझे ड्राइविंग सीट से हटाया और खुद कार चलाने लगे.

फिर अब्बू ने रास्ते में एक ढाबे पर कार रोक दी और मुझसे व आरिफ़ा आपा से चाय के लिए पूछा, उसने मना कर दिया.

अब्बू ने मुझसे कहा तुम जाओ और चाय पी आओ, मैं चला गया.

अब्बू ने आरिफ़ा आपा को अपने साथ वाली सीट पर बुला लिया, मैं चाय पीने गया और जब वापस कार की तरफ देखा, तो अब्बू आपा को सीट पर बैठ कर गर्म करने में लगे थे, वे आपा की चूत चूचियां छेड़ने में लगे थे, आपा अब्बू को मना कर रही थी कि यहाँ खुले में मत कीजिए, अब्बू ने आपा की सलवार का नाड़ा ढीला किया और हाथ अंदर डाल कर जांघों पर फेरते हुए ऊपर चढ़ाया, आपा की सांसें तेज़ हो गईं और वह हाथ रोकने की कोशिश करती रही लेकिन अब्बू ने कान में गर्म सांस छोड़ते हुए कहा बस थोड़ी देर मज़ा लेते हैं, फिर पैंटी को साइड सरका कर उंगली चूत की फांक पर घुमाने लगे, आपा की चूत से हल्का रस टपकने लगा और वह कुर्सी पर सिहर उठी, उंह उंह की हल्की आवाज़ निकली.

मैं थोड़ी देर बाद चाय पीकर वापस आ गया.

मैं आप लोगों को एक बात और बता दूँ कि ये वाली बहन मेरी बड़ी आपा से ज़्यादा चुदक्कड़ है लेकिन जब तक गर्म नहीं होती, तब तक बहुत नखरे करती है, साली खूब चिल्लाएगी भी और अपने आपको छुड़ाने की कोशिश भी करेगी, लेकिन गर्म होने के बाद रंडी की तरह चुदवाती है और अगर मैं पहले डिस्चार्ज हो जाता हूँ और हट जाता हूँ, तो साली लंड को अपने हाथ से चड्डी से निकाल कर अपनी चूत पर रगड़ेगी और डिस्चार्ज होने तक आतंक मचाएगी.

मेरे और इसके बीच में जितनी बार भी चुदाई का सीन बना है, मेरा लंड इसकी बुर के अन्दर आसानी से नहीं जा पाया है, जब भी लंड चूत के अन्दर डालने की कोशिश करो, बहन की लौड़ी चिल्लाने लगेगी और धक्का दे देगी.

बहुत नाटक करती है, लेकिन एक बार घुसवा लिया तो मज़ा भी बहुत देती है, कुतिया, चुदाई की कमान अपने हाथों में रखती है.

एक बार मैंने इसकी चूत के अन्दर लंड घुसा दिया था, बहुत मुश्किल से घुस पाया था, पर जब घुस गया तब फिर तो क्या ही धमाल मचाया था इस रंडी ने, आह अब भी लंड खड़ा हो जाता है.

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वह मस्त सेक्स कहानी मैं फिर कभी बताऊंगा, पहले आज आप लोग अब्बू बेटी की चुदाई को पढ़ कर मजा ले लो.

मेरे चाय पीकर आने के बाद वे खुद ही गाड़ी चलाने लगे, अब्बू मुझसे बार बार बोल रहे थे कि अभी तुम सो जाओ, इसके बाद तुम्हें कार चलानी पड़ेगी, रात का समय है इसलिए थकान नहीं होनी चाहिए.

उनकी बात सही समझ कर मैं भी सीट पर लेट गया और पता ही नहीं चला कि कब नींद आ गयी और मैं सो गया.

रात में आपा के हिनहिनाने से मेरी आंख खुल गई, तो देखा कि अब्बू ने आगे वाली सीट पीछे करके उसे फ़ोल्ड कर दिया था और आपा के ऊपर चढ़ गए थे, वे आराम आराम से आपा की चुदाई कर रहे थे और आपा आह आह अह कर रही थी, आपा को अब्बू के लंड से चुदवाने में दर्द हो रहा था, अब्बू ने आपा की सलवार पूरी नीचे सरका कर पैरों से निकाल दी और अपनी पैंट की ज़िप खोल कर मोटा लंड बाहर निकाला, आपा की टांगें चौड़ी कीं और लंड को चूत पर रगड़ते हुए सुपारा अंदर दबाया, आपा की चूत टाइट थी इसलिए वह दर्द से मुंह बिचकाती रही लेकिन अब्बू ने कमर पकड़ कर ज़ोर का धक्का मारा, आधा लंड फचाक से घुस गया, थप थप थप की हल्की आवाज़ कार में गूंजी और आपा की सिसकारियां बढ़कर उंह उंह उफ्फ हो गईं, पता नहीं कब से हॉट सेक्स यंग गर्ल के साथ चल रहा था, थोड़ी देर बाद चुदाई खत्म हो गई और अब्बू ने गाड़ी स्टार्ट कर दी, वे गाड़ी रोड पर ले आए.

फिर लखनऊ से काम निपटा कर हम सब अपने घर पहुँच गए.

उस दिन अब्बू अपने काम से चले गए थे, तो रात में बहुत देर से घर वापस आए थे, जब वे घर आए थे, तब तक मैं सो गया था.

अब्बू ने आकर खाना खाया और आपा को चुदाई के लिए तैयार करने लगे, मेरी आंख तब खुली, जब अब्बू मेरे डबलबेड वाले बिस्तर पर आपा के साथ लेट गए थे.

उस बिस्तर पर मैं भी सोया था, चूंकि ठंड का मौसम था तो हम लोग रजाई ओढ़ कर सोये हुए थे.

मैं जिस रज़ाई में था, अब्बू भी उसी रजाई में आपा को अपने लंड पर बैठा कर चूत को कसरत करा रहे थे, उन दोनों की चुदाई बहुत आराम आराम से हो रही थी क्योंकि चुदाई की कमान आपा के हाथ में थी, अब्बू ने आपा की कमीज ऊपर सरका कर चूचियां मसलनी शुरू कीं और नीचे से लंड पकड़ कर चूत पर रगड़ा, आपा ने खुद लंड थामा और चूत पर सैट कर धीरे धीरे नीचे उतरी, लंड चूत में घुसते ही वह ऊपर नीचे होने लगी, रजाई के अंदर चप चप चप की गीली आवाज़ आ रही थी और आपा की गर्म सांसें रजाई हिला रही थीं, क़रीब 15-20 मिनट तक धकापेल चुदाई हुई.

फिर आपा चुद चुदा कर अपने कमरे में सोने चली गयी.

अब रोज़ का यही चल रहा था, अब्बू रात को देर से आते और आपा को चोदते, वे आपा से चुदाई के समय गंदी गंदी बातें करते और पेल-पाल कर सो जाते.

एक दिन अब्बू आपा को चोदने की कोशिश कर रहे थे तो आपा थोड़ा नानुकुर कर रही थी, अब्बू मेरे रूम से उसको बाहर ले गए और बाहर बरामदे में पड़े तख्त पर लिटा कर हचक कर चोदने लगे.

आपा की सिसकारियों की कोई आवाज़ भी नहीं आ रही थी लेकिन बाहर के तख्त के हिलने की आवाज़ आ रही थी, वह तख्त चूं चूं करता है जिससे मुझे समझ आ गया था कि तख्त पर मेरी बहन चुद रही है, अब्बू ने आपा को घोड़ी बना कर सलवार नीचे की और पीछे से लंड पेल दिया, कमर पकड़ कर धक्के मारते रहे, आपा दबी जुबान में उंह उंह आह कर रही थी और तख्त की चरमराहट तेज़ हो गई.

एक दिन की बात है, अब्बू जल्दी आ घर गए थे, उनका खाना भी जल्दी हो गया था, अब्बू ये जानते हैं कि मुझे सब पता है कि वे आपा को चोदते हैं, इसलिए उन्हें इस बात से झांट फर्क नहीं पड़ता है कि वे कब आपा को अपने लौड़े पर झूला झुलाने लगेंगे, तो मुझे दिख जाएगा.

उस दिन जल्दी ही खाना-वाना सब हो गया, आपा अपने रूम में चली गयी.

थोड़ी देर बाद अब्बू उठे और रूम के बाहर जाकर आपा को आवाज़ लगाने लगे.

उन्होंने दस मिनट तक आवाज़ लगाई, पर आपा ने दरवाज़ा नहीं खोला, अब्बू को ग़ुस्सा आ गया, वे दरवाज़ा बाहर से बंद करके सोने आ गए.

रात भर तो सब अच्छे से सोए, लेकिन सुबह आपा को पेशाब लगी तो वह दरवाज़ा पीटने लगी, अब्बू सो रहे थे.

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मुझे तो सब पता था, मैंने अब्बू को जगा दिया, अब्बू गए और दरवाज़ा खोला, आपा बाथरूम जाकर वापस आयी.

अब्बू उसको लेकर उसके रूम में ही चले गए और बिस्तर पर लिटा कर लोअर निकाल कर आपा की चूत को चाटने लगे.

आपा अपनी गांड उठा उठा कर चूत चटवा रही थी, आपा की बुर पावरोटी की तरह फूली हुई थी, उसकी चूत पर झांटों के छोटे छोटे घुंघराले बाल थे, वे चूत की शोभा बड़ा रहे थे, अब्बू जीभ से चूत की दरार चाटते हुए क्लिट पर दबाव डाल रहे थे, आपा की टांगें कांपने लगीं और वह अब्बू के सिर को ज़ोर से दबा कर उंह उंह आह आह करने लगी, चूत से रस टपकने लगा.

कुछ देर बाद अब्बू ने अपने लंड पर थूक लगाया और उसे आपा की चूत पर रख कर दबा दिया, आपा के चेहरे का भाव बदल गया.

लंड के हिसाब से चूत टाइट थी, लंड जितना अन्दर जाता, आपा उतना ऊपर को होती जा रही थी, पर अब्बू को तो बुर रगड़ने से मतलब था.

चूत चुदाई का मज़ा भी तभी है, जब चूत टाइट हो वर्ना क्या मज़ा, अगर लड़की चुदवाते समय चिल्लाए ही ना, तो चुदाई में मज़ा नहीं आता.

फिर जब अब्बू के लंड ने आपा की चूत को सैट कर लिया, तब आपा गांड उठा कर चुदवाने लगी.

अब्बू आपा के कंधों को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे, पर अब मेरी बहन पर कुछ असर ही नहीं हो रहा था, वह सिर्फ़ मुँह बना रही थी.

उसके मुँह से कोई आवाज़ नहीं निकल रही थी, ये सब मैं बग़ल के कमरे की दीवार में बने छेद से देख रहा था.

अब्बू आपा को ताबड़तोड़ चोद रहे थे, आपा को मीठा मीठा दर्द भी हो रहा था, थप थप थप की तेज़ आवाज़ कमरे में गूंज रही थी और आपा की चूत से गीला रस बह कर बिस्तर गीला कर रहा था.

अब आपा से अब रहा नहीं जा रहा था, वह कहने लगी आह ऊ आई ऊह अब्बू दर्द हो रहा है प्लीज़ छोड़ दो.

अब्बू आपा को चारपाई पर चोद रहे थे, चारपाई से चर्र मर्र की आवाज़ तेज होने लगी.

कुछ देर बाद अब्बू ने आपा की चूत के ऊपर अपना माल निकाल दिया और बग़ल में लेट गए.

मैंने इस चुदाई में देखा था कि आपा अब्बू को अपनी चूचियों को हाथ नहीं लगाने दे रही थी.

इस तरह कभी बाथरूम में, कभी कहीं, कभी कहीं, आपा की चुदाई रोज़ रात में होती रहती.

एक दिन की बात है, सुबह सुबह आपा पीछे नाले पर बर्तन धो रही थी.

अब्बू उठ कर पीछे नाले पर गए और आपा को पकड़ कर दीवार से लगा कर चूमा-चाटी करने लगे, उसकी चूत में हाथ डाल कर चूत रगड़ने लगे, थोड़ी देर बाद अब्बू आपा को लेकर संडास में चले गए.

अन्दर उन्होंने आपा को चोदना शुरू कर दिया, दस मिनट तक चुदाई की और बाहर आ गए, अब्बू ने आपा की सलवार नाड़ा खोल कर नीचे की और लंड चूत में घुसा कर दीवार से सटा कर तेज़ धक्के मारे, आपा दीवार पकड़ कर उंह उंह उफ्फ कर रही थी और उसकी सांसें फूल गईं.

आपा इतने दिनों में अनेकों बार चुद चुकी थी.

मैं आपा को रोज़ नहाते हुए देखता था, वह इतनी चुदाई के बाद अपनी चूत में उंगली करती थी.

मेरा बाथरूम खुला है तो मैं बहन को नहाते समय देखता था, मेरी बहन अपनी चूत में उंगली करती और माल निकालती थी, मैं ये सब देख कर अपना लंड हिला लिया करता था.

आप लोगों को कल की ही बात बताऊं कि रात को मेरे ही बेड पर आपा की ज़ोरदार चुदाई हो रही थी, अब्बू आए, उन्होंने खाना खाया और आपा के साथ अपना लंड चूत वाला खेल शुरू कर दिया.

शुरू में आपा थोड़ा विरोध कर रही थी लेकिन उसको तो पता था कि बिना चुदाई के अब्बू छोड़ेंगे ही नहीं, अब्बू ने आपा को बेड पर चित लिटाया और उसका लोअर नाड़ा खोल कर नीचे सरका कर पैरों से उतार दिया, फिर चूत को चाटने लगे.

आपा अपनी चूत चुसवाने का मज़ा ले रही थी और अपनी गांड को उठा उठा कर अब्बू के मुँह में दे रही थी.

वह अब्बू के सर को पकड़ कर भी अपनी चूत पर दबा रही थी आह उई आऊं, आपा मादक सिसकारियां लेने लगी.

थोड़ी देर बाद अब्बू लेट गए और आपा से लंड मुँह में लेने को कहा, आपा बैठ कर अब्बू का लंड चूसने लगी.

अब्बू का लम्बा और मोटा लंड आपा बड़े मजे से चूस रही थी, मैं तो उसका ये रंडी रूप देख कर हैरान था कि क्या चूस रही थी जैसे कोई देसी पॉर्न स्टार लंड चूस रही हो, आपा जीभ से लंड के सुपारे को गोल गोल चाटती और मुंह में पूरा घुसा कर चूस चूस कर थूक चमका रही थी.

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अब्बू भी अपना लंड चुसवाने के मजा ले रहे थे, कभी कभी वे आपा का सर अपने लंड पर पूरा दबा दे रहे थे.

फिर अब्बू ने आपा को अपने लंड पर बैठने को कहा.

आपा अब्बू के लंड पर चूत रख कर धीरे धीरे बैठने लगी, वह लंड को अपनी चूत के अन्दर ले रही थी.

आपा ने पूरा लंड चूत में ले लिया और वह अब्बू के सीने पर अपने दोनों हाथ रख कर अपनी कमर धीरे धीरे हिलाने लगी थी, क्या बताऊं दोस्तो, साली रांड क्या मस्त छिनाल लग रही थी.

आपा ने जो टॉप पहना था, वह नीचे से फ्राक टाइप का था, वह टॉप उसकी कमर से थोड़ा सा ही नीचे आ रहा था.

आपा जब कमर हिला रही थी, तो उसे देखकर मेरा मन कर रहा था कि पीछे से इसकी मखमली गांड में मैं अपना लंड डाल कर इसकी सैंडविच चुदाई कर दूँ, पर मैं ऐसा कर नहीं सकता था.

हालांकि अब्बू को यह मालूम था कि मैं भी आपा को चोद चुका हूँ, पर तब भी अभी हम दोनों अब्बू बेटे ने एक साथ मिलकर आपा की चुदाई नहीं की थी.

मैं देख रहा था कि आपा धीरे धीरे कमर हिला रही थी और अब्बू उसकी चूत के मज़े ले रहे थे.

आपा अब्बू के लंड की सवारी ऐसे कर रही थी, मानो वह घोड़े पर बैठी है और घोड़े के चलने से उसकी कमर ऊपर नीचे हो रही है, आपा आज पूरी मस्ती में थी.

यह मस्त सीन देख कर मेरा लंड बहुत बुरी तरह फूल गया था, लड़की लंड पर कूद कूद कर चुदे, इससे बड़ा मज़ा और क्या ही हो सकता है.

आपा की चूत बहुत टाइट है इसलिए आपा अब्बू का पूरा लंड अंदर नहीं ले रही थी, वह थोड़ा ही लंड पर ऊपर नीचे हो रही थी.

अब अब्बू के लंड ने आपा की चूत के मुहाने को पूरा फैला दिया था.

अब अब्बू के रुकने की सीमा पार हो गयी थी, वे तेज तेज चुदाई की कहने लगे.

थोड़ी देर बाद अब्बू खुद आपा की कमर पकड़ कर नीचे से धक्का देने लगे और अपनी स्पीड बढ़ा दी.

आपा के चेहरे का भी रंग बदलने लगा, उसका गोरा चेहरा लाल पड़ने लगा.

अब आपा से लंड पर बैठा नहीं जा रहा था तो वह अब्बू की छाती पर लेट गयी और उनके मुँह में मुँह डाल कर किस करने लगी, जीभ चूसते हुए अब्बू ने नीचे से धक्के मारना जारी रखा और आपा की गांड थपथपाने लगे, फिर धीरे से आपा को साइड घुमाया और खुद ऊपर आ गए.

आपा चूत खोल कर लेट गई, अब्बू ने अपना मोटा लंड आपा की नन्हीं सी चूत पर सैट किया और एक ही झटके में पूरा मूसल अंदर पेल दिया.

आपा ना चाहते हुए भी चिल्लाने को मजबूर हो गयी, वह बोल रही थी कि नहीं पापा, नहीं अब्बू प्लीज़ आराम से करो न.

मैं देख रहा था कि मेरी आपा पूरी चुदाई करवा लेगी लेकिन ये महसूस नहीं होने देगी कि उसको मज़ा आ रहा है, वह रोने का ड्रामा करती ही रहेगी.

अब्बू भी एक नम्बर के खिलाड़ी हैं, आज वे भी आपा की चीख पुकार वाली चुदाई करने वाले थे क्योंकि घर में मेरे अलावा कोई और था नहीं और अब्बू को मेरी कोई टेन्शन नहीं रहती है, तो वे बेफिक्र होकर आपा की ले रहे थे.

अब्बू आपा को तेज तेज चोदते और फिर रुक जाते, ऐसे करते करते अब्बू को 25 मिनट हो गए थे, वे झड़ ही नहीं रहे थे, अब आपा परेशान होने लगी, उसका मुँह व चूत दोनों लाल हो गए थे.

उसकी चूत में जलन होने लगी थी, वह बोल भी रही थी कि अब्बू बस करो यार बहुत दर्द हो रहा है.

पर अब्बू कहां रुकने वाले थे, अब्बू आपा को ज़ोर ज़ोर से पेलने लगे, आपा की सहने की सीमा समाप्त हो रही थी पर अब्बू अपनी जवान बेटी की चूत फाड़ने में लगे थे, आपा सिसकारियां लेती हुई मज़े ले रही थी, आह आह उफ्फ उइई की अलग अलग आवाज़ें आ रही थीं और चूत से चप चप चप की गीली ध्वनि तेज़ हो गई.

अब्बू ने आपा को काफी देर तक पेला और अपना पानी चूत के ऊपर निकाल कर अलग हो गए.

आपको हॉट यंग सेक्स कहानी कैसी लगी,

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