Chote Bhai Se Chudai हाय दोस्तों, आज मैं जो कहानी सुनाने जा रही हूँ, वो मेरे और मेरे छोटे भाई की चुदाई की है। मैं बताऊँगी कि कैसे मैंने अपने छोटे भाई से चुदवाया, कैसे उसने मेरी चूत चाटी, मेरे दूध चूसे, कैसे मैंने उसके लंड से अपनी चूत की प्यास बुझाई, कैसे उसने मुझे जमकर चोदा, कैसे मैंने अपनी चूत की सील तुड़वाई, और कैसे उसने मुझे घोड़ी बनाकर और कुतिया बनाकर मेरी चूत में अपना लंड डाला। मेरा नाम पूजा है, मैं 23 साल की हूँ। मेरा फिगर 36-28-34 है, गोरा बदन, भरे हुए मम्मे, और उभरी हुई गांड, जो किसी का भी लंड खड़ा कर दे। मेरा छोटा भाई जमीज 19 साल का है, हैंडसम, स्मार्ट, और हेल्दी लड़का है। हम दोनों उसे बहुत प्यार करते हैं, और वो भी हमें बहुत चाहता है। हम दोनों बहनें, मैं और मेरी बड़ी बहन समीरा, बहुत खूबसूरत हैं। हमारा गोरा बदन, मस्त मम्मे, और थिरकती गांड किसी के भी मुँह में पानी और लंड में उफान ला सकती है।
ये किस्सा दो साल पहले का है, यानी 2023 की गर्मियों की छुट्टियों का, जब मैं 21 साल की थी और जमीज 19 का। हमारे चाचा की लड़की की शादी लखनऊ में थी। अम्मी, अब्बू, और समीरा शादी में गए थे। वो एक-दो हफ्ते तक वापस नहीं आने वाले थे। मैं नहीं जा सकी क्योंकि मुझे कुछ कॉम्पिटिटिव एग्जाम देने थे। घर पर अकेली थी, तो अम्मी-अब्बू ने जमीज को मेरे साथ छोड़ दिया। जमीज का कमरा अलग था, लेकिन मैंने उसे मेरे कमरे में सोने को कहा, क्योंकि मैं अकेले डर रही थी। वो मान गया और मेरे कमरे में दूसरी दीवार के पास एक खाट डालकर सोने लगा।
अम्मी-अब्बू के जाने के तीसरे दिन, रात को करीब 1 बजे, कुछ आह-उह की आवाज़ों से मेरी नींद खुल गई। मैंने लेटे-लेटे जमीज की तरफ देखा। वो पीठ के बल लेटा था, आँखें बंद थीं। एक हाथ से वो अपने निप्पल सहला रहा था, और दूसरा हाथ… मैंने गौर से देखा तो दंग रह गई। उसने अपने लंड को पकड़ा हुआ था और तेज़-तेज़ हिला रहा था। ये नज़ारा देखकर मेरी साँसें थम सी गईं। वो कुछ बड़बड़ा रहा था। मैंने ध्यान से सुना तो और हैरान हो गई। “आह… पूजा आपा… उफ्फ… समीरा… मेरी जान…” वो मेरा नाम ले रहा था! मेरा सगा भाई, मेरे नाम से मुठ मार रहा था! मैं शर्म से लाल हो गई, लेकिन साथ ही मेरी धड़कनें तेज़ हो गईं। ये सोचकर कि मेरा छोटा भाई मेरे बारे में क्या-क्या सोच रहा होगा, मेरे बदन में आग सी लग गई।
मैंने अनजाने में अपने बाएँ मम्मे पर हाथ रख लिया और उसे ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगी। मेरे निप्पल सख्त हो गए थे, और मैं उन्हें चुटकी में लेकर मसलने लगी। मेरा दूसरा हाथ मेरी टाँगों के बीच चला गया, और सलवार के ऊपर से ही मेरी उभरी हुई चूत को सहलाने लगा। मेरी चूत गीली हो गई थी, और मैं अपने मम्मों को बेतहाशा दबा रही थी। मेरा दिमाग अब जमीज के बारे में सोचने लगा। मैं कल्पना करने लगी कि वो मेरे मम्मों को दबा रहा है, चूस रहा है, शायद मेरी चूत भी चोद रहा है। इन ख्यालों ने मुझे और गर्म कर दिया। मैंने आँखें बंद कर लीं और अपनी चूत को और ज़ोर से रगड़ने लगी।
अचानक, मैं चौंक गई जब मुझे अपने दाएँ मम्मे पर एक हाथ महसूस हुआ। मैंने आँखें खोलीं तो देखा कि जमीज मेरे पास बैठा था और मुझे ही देख रहा था। उसकी आँखों में शरारत थी। मैं शर्म से पानी-पानी हो गई। उसने मेरे मम्मे को सहलाते हुए पूछा, “आपा, आप क्या कर रही हो?” मैंने शर्माते हुए कहा, “वही जो तू कर रहा था।” वो मेरे और पास आ गया और मेरे बगल में लेट गया। मैंने पूछा, “जमीज, क्या तू मेरे बारे में सोचकर मुठ मार रहा था?” वो झेंप गया और बोला, “नहीं आपा, मैं तो बस…” मैंने उसे टोका, “झूठ मत बोल, मैंने तुझे देख लिया। तू अपना लंड हिला रहा था।”
वो खुल गया और बोला, “हाँ आपा, आप बहुत खूबसूरत हो। आपकी ये उभरी हुई चूचियाँ देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता है। मन करता है कि इन्हें पकड़कर दबा दूँ और चूस-चूसकर लाल कर दूँ।” उसकी ये बातें सुनकर मैं पागल सी हो गई। मेरी चूत में आग लग गई थी। मैंने उसे अपनी बाहों में लिया और उसके ऊपर चढ़ गई। मैंने उसके चेहरे पर चुंबनों की बरसात कर दी। वो भी जैसे पागल हो गया। उसने मेरे दोनों मम्मों को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया और मेरे गालों पर चूमने लगा।
हम दोनों एक-दूसरे से लिपट गए। उसने मेरे होंठों को अपने होंठों में लिया और फ्रेंच किस करने लगा। उसका चुंबन इतना गहरा था कि मेरे बदन में सिहरन दौड़ गई। हम कभी मैं उसके ऊपर, तो कभी वो मेरे ऊपर, एक-दूसरे के होंठ चूसते रहे। वो मेरी पीठ सहलाता, मेरी गांड दबाता, और मेरी गांड की दरार में उंगली फेरता। मैं पागल हो रही थी। उसने मेरी नाइट शर्ट उतार दी। मैं रात को ब्रा नहीं पहनती थी, तो मेरे 36 साइज़ के मम्मे उसके सामने आ गए। वो उन्हें देखकर और मदहोश हो गया। उसने मुझे पीठ के बल लिटाया और मेरे ऊपर आ गया। उसने अपने चेहरे को मेरे मम्मों पर रगड़ना शुरू किया। मेरे गुलाबी निप्पल्स और लाइट ब्राउन एरोला देखकर वो और दीवाना हो गया।
उसने मेरे कंधों के नीचे एक तकिया रखा, जिससे मेरे मम्मे और उभर गए। वो मेरे निप्पल्स पर अपनी जीभ फेरने लगा। मैं जन्नत में थी। मेरे मुँह से “आह… उह… ऊई माँ…” जैसी सिसकारियाँ निकल रही थीं। मैंने कहा, “आह मेरे भाई, तूने तो अपनी बहन को दीवाना बना दिया। चूस ले मेरे मम्मे, इन्हें लाल कर दे।” वो मेरी चूचियों को मुँह में लेकर चूसने लगा, और उसके हाथ मेरे पूरे बदन को सहला रहे थे। मैंने उसके सिर को पकड़ा और अपने मम्मों में घुसा दिया। इस बीच मैं दो बार झड़ चुकी थी। अब और बर्दाश्त करना मुश्किल था।
मुझे पता ही नहीं चला कि कब जमीज पूरी तरह नंगा हो गया। उसका 7.5 इंच का लंड मेरी टाँगों के बीच टकरा रहा था, गर्म और सख्त। मैंने धीरे से उसका लंड पकड़ा और सहलाने लगी। उसका लंड देखकर मैं दंग रह गई। चिकना, लाल सुपारा, और पूरी तरह शेव्ड। मैंने उसे सीधा लेटने को कहा और खुद उठकर बैठ गई। उसका लंड मेरे हाथ में था। मैंने धीरे से उसके लंड का टोपा अपने होंठों में दबाया। उसकी सिसकी निकल गई, “आह…” उसने कहा, “आपा, पूरा मुँह में ले लो। चूसो इसे। मैंने कितनी बार ख्यालों में तुम्हें अपना लंड चुसवाया है।” मैंने प्यार से उसका लंड चूसना शुरू किया। पूरा मुँह में नहीं समा रहा था, लेकिन मैंने जितना हो सका, उतना लिया। मेरे थूक से उसका लंड और चमकदार हो गया।
उसने कहा, “आपा, अब मैं तुम्हारी चिकनी चूत चोदना चाहता हूँ।” मैं हमेशा अपनी चूत के बाल साफ रखती हूँ। मेरी गुलाबी चूत देखकर उसका मुँह ललचा गया। उसने कहा, “आपा, तुम्हारी चूत तो मस्त है, रसीली और चिकनी।” उसने मेरी चूत को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा। मैं उछल पड़ी। उसने मेरी टाँगें पकड़ लीं और मेरी चूत का रस पीने लगा। मैं उसके सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी। अचानक उसने अपनी जीभ मेरी चूत में घुसा दी। मैं चीख पड़ी, “आह… और ज़ोर से चूस… खा जा अपनी बहन की चूत को!” मैं फिर झड़ गई, और उसने मेरी चूत का सारा रस चाट लिया।
उसने कहा, “बस आपा, अब अपने भाई से चुद लो।” मैंने कहा, “मेरे राजा, मैंने कब मना किया? चोद दे अपनी बहन को। फाड़ दे मेरी चूत।” उसने मुझे पीठ के बल लिटाया और मेरी गांड के नीचे एक तकिया रखा। मेरी चूत ऊपर उठ गई। उसने अपने लंड को मेरी चूत पर टिकाया और हल्का सा धक्का मारा। उसका सुपारा मेरी चूत में घुस गया। मैं सिसकारी, “आह…” फिर उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा। मेरी चीख निकल गई, लेकिन मैंने उसे दबा लिया। उसका 7.5 इंच का लंड मेरी गीली चूत में समा गया।
वो धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। हर धक्के के साथ मैं जन्नत में थी। मेरी टाँगें उसकी कमर से लिपट गईं। मैं सिसकार रही थी, “आह… ऊह… मर गई… चोद दे अपनी बहन को… फाड़ दे मेरी चूत…” मैं फिर झड़ गई। उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी। मैं समझ गई कि वो भी झड़ने वाला है। मैंने कहा, “भाई, मेरी चूत में मत झड़ना, कहीं मैं प्रेग्नेंट न हो जाऊँ।” उसने अपना लंड बाहर निकाला और मेरे मुँह के पास लाया। मैंने उसे मुँह में लिया और वो मेरे मुँह में झड़ गया। उसका इतना माल निकला कि मेरा मुँह भर गया। मैंने सारा रस पी लिया और उसके लंड को चाटकर साफ किया।
सच कहूँ, अपने भाई से चुदवाकर इतना मज़ा आया कि मेरे बॉयफ्रेंड से भी नहीं मिला था। इस घटना ने मेरी सोच बदल दी। अब मैं अपने सगे रिश्तेदारों से चुदवाने की कोशिश करती हूँ। मैंने अपनी बड़ी बहन समीरा को भी जमीज से चुदवाया। अब हम दोनों बहनें मौका मिलते ही अपने छोटे भाई से मस्ती भरी चुदाई करती हैं। मेरी ये कहानी कैसी लगी? ज़रूर बताएँ कि मेरे जीवन की इस अनमोल घटना के बारे में आपका क्या ख्याल है।
Bahut sundar kahani maza aya