यह Hot Gay Sex Stories In Hindi पढ़ें कि मैंने एक अंकल को पटाकर कुंवारी गांड में उनका लंड घुसवाया। गे वीडियो देखने के बाद मुझे भी गांड मारने की इच्छा हुई।
मेरा नाम अर्थपूर्ण है। मैं 26 वर्ष का हूँ और दिल्ली का रहने वाला हूँ।
मेरा मानना है कि यह Hot Gay Sex Stories In Hindi आपको बहुत अच्छा लगेगा।
मुझे बताने में थोड़ी शर्म आ रही है कि मैं ये सब आपको बताऊँगा। मुझे गांड मरवाना बहुत अच्छा लगता है।
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यह बात तब की है जब मैं 19 वर्ष का था।
मैं फोन पर अक्सर पॉर्न देखता था, जिसमें कुछ मर्द एक दूसरे को गांड मारते और मरवाते भी दिखते थे।
यह सब देखकर मुझे भी किसी का लंड अपनी गांड में डालने का मन हुआ।
लेकिन मेरे पास ऐसा कोई नहीं था जिससे मैं अपनी इच्छा बता सकूँ और उससे अपनी गांड खोल सकूँ।
कभी-कभी बैगन खीरे जैसी सब्जियों का काम करते हुए सोचता था कि मेरा साथ कौन देगा?
यह सब करने में मुझे बहुत मज़ा आने लगा और मुझे गांड मरवाने की ख्वाहिश बढ़ने लगी।
अब हर हफ्ते मैं अपने हाथ से अपनी गांड में कुछ कर ही लेता था।
कुछ दिनों बाद, आरिफ़ नामक एक अंकल बगल में रहने आया। वे गार्ड के पद पर थे।
वे 48 या 50 वर्ष के थे।
वे आदमी बहुत सुंदर थे; बच्चों को हमेशा सहयोग और उपहार मिलते रहते थे।
एक दिन वे मुझे खाने के लिए बाहर ले जाने लगे।
हमारे बीच जल्द ही आम से अलग तरह की बातचीत भी होने लगी।
मैं अंकल को किसी और दृष्टिकोण से मुझे देखते हुए नहीं जानता था।
छुट्टी के दिन हम एक दिन बाहर घूमने गए।
हम दोनों शाम को घूमकर वापस घर आ रहे थे, तो बस में बहुत लोग थे।
आप में से जो दिल्ली में रहते हैं, वे जानते होंगे कि दिल्ली मेट्रो या बसों में कितनी भीड़ होती है।
मैं भीड़ में अंकल के पीछे खड़ा था।
कुछ देर बाद मुझे अपने पीछे बार-बार टच लगता था।
आरिफ़ अंकल का लंड अचानक मेरी गांड में घुसने की कोशिश करने लगा।
यद्यपि मैं पैंट पहना हुआ था, फिर भी मुझे ऐसा लगा कि अंकल का लंड मेरे पैंट में घुस जाएगा।
यह सब समझने में मुझे मज़ा आने लगा।
उसी समय मैंने सोचा कि यदि मैं अंकल के लंड की ओर जाने की कोशिश करूँगा, तो वे मेरी इच्छा को भी जानेंगे और हम दोनों को इस सब करने में शर्म नहीं आएगी।
मैं सिर्फ यही सोचकर अपनी गांड उनकी ओर करने लगा।
मैं भी गांड फैला कर उनका लंड अपनी गांड में लेने की कोशिश कर रहा था जब वे अपना हथियार पेलने की कोशिश कर रहे थे।
अंकल को मैं उत्तेजित कर रहा था।
उन्हें भी कुछ ही देर में पता चला कि सार्थक क्या चाहता है।
हम बस से कुछ देर बाद नीचे उतर गए।
मैं अपने घर चला गया और अंकल भी।
घर पहुंचते ही मुझे बस में पहली बार हुआ वही याद आ रहा था।
अब मुझे लगता था कि मेरी एक लंड की जरूरत पूरी हो जाएगी।
अब मैं अंकल से कब गांड मरवाऊँगा सोचने लगा।
यह विचार करते हुए दो-तीन दिन बीत गए।
जब मैं एक दिन अंकल के सामने से जा रहा था, तो अंकल ने मुझे देखा।
“सार्थक, कहां जा रहे हो?” उन्होंने पूछा।
मैं सिर्फ इतना ही कहा।
‘मुझे गंदगी जरा भी अच्छी नहीं लगती’, अंकल ने कहा। आप मेरी मदद करेंगे?
मैंने सोचा कि शायद मैं अपना काम भी इसी तरह पूरा करूँगा।
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मैं सिर्फ यही सोचकर आरिफ़ अंकल के घर गया।
जब मैं वहां गया, तो मैंने देखा कि उनके घर में कोई नहीं था।
मैंने अंकल से पूछा कि तुम्हारे घर में कौन-सा व्यक्ति रहता है?
“मेरे सिवा कोई नहीं रहता,” उन्होंने कहा।
उस दिन पता चला कि अंकल किराए पर रहते हैं और उनकी परिवार बिहार में रहते हैं।
पैसे की कमी के कारण वे अकेले ही कमरे लेकर रहते थे ताकि कम किराया दें।
यह जानकर मुझे खुशी हुई कि आर्फी अंकल अकेले रह रहे हैं।
आरिफ़ अंकल ने कहा, “चलो, घर साफ कर लेते हैं।”
मैंने भी हां कहा और अंकल को घर साफ करने में मदद करने लगा।
थोड़ी देर बाद साफ-सफाई की गई।
हम थक गए और सामने पड़ी कुर्सियों पर बैठ गए।
अंकल ने थोड़ी देर बाद मुझे पानी पिलाया।
मैंने कुछ पानी पीया।
मेरे मन में सिर्फ गांड मरवाने की चुल्ल थी।
भी, अंकल का मन मेरी गांड मारने का था।
शायद इसी कारण मुझे अपने घर बुलाया गया था, ताकि वे सफाई करने के बहाने मेरी गांड मार सकें।
कुछ समय बाद, अंकल ने मुझे 100 रुपये का नोट दिया और अचानक मुझे पकड़कर कहा कि बाहर जाकर कुछ खा लेना चाहिए।
लेकिन मैं उनसे पैसे नहीं ले रहा था।
जब वह मुझे कसकर पकड़ लिया, तो वह मेरी गांड पर हाथ फेरने लगे।
वे मान नहीं रहे थे, हालांकि मैंने पहले मना किया था।
कुछ देर बाद, अंकल ने मुझे कसकर भींचने लगा।
आरिफ अंकल को ऐसा करते देखकर मैं भी अपने आप को रोक नहीं सका और उनका लंड पकड़ लिया।
मेरे हाथ में अंकल का लौड़ा था, और मैं उसे ज़ोर से हिलाने लगा।
उन्हें मज़ा आने लगा।
लेकिन ऐसी खुशी का क्या लाभ होना था? मैं उनका लंड अपनी गांड में लेना चाहता था।
तब आरिफ़ अंकल ने मुझे बेडरूम में ले जाकर मेरे सारे कपड़े उतारकर कहा, “सार्थक, मैं तुम्हें जन्नत में ले जाता हूँ।”
उनका 7 इंच मोटा और लंबा लंड देखकर मैं हैरान हो गया और सोचा कि आज बहुत मज़ा आने वाला है।
खीरे और बैगन से गांड खुजाने के बाद अब असली लौड़े से गांड मारने का मजा आएगा।
थोड़ा सा तेल अपने लंड पर लगाकर अंकल मुझे दिखाने लगे।
उन्हें लगता था कि सार्थक अभी मूर्ख है; वे नहीं जानते थे कि सार्थक ने गाजर मूली और बैगन से पहले ही गांड का छेद खोल दिया था।
तभी मैं अपना लोवर उतार कर कच्छे में हो गया और आरिफ़ अंकल को अपनी मखमली गांड के छेद दिखाने के लिए कच्छे को आधा नीचे कर दिया।
अकेल मुझे अपने ऊपर लेने लगा और एक लंड को मेरी गांड में सटा दिया।
अंकल के लौड़े पर सवार होने को भी मैं तैयार था।
उसने मेरी गांड के छेद पर तेल लगाया और फिर अपने लंड को मेरी गांड में डाल दिया।
मैं इससे दर्द की उम्मीद ही नहीं की थी।
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मैंने अपनी गांड ढीली छोड़ दी और उनका लंड अंदर घुस गया।
अंकल के लौड़े का सुपारा घुसने से मेरी वर्जिन इतनी चिर सी गई थी कि मुझे बहुत दर्द हुआ।
मुझसे नहीं होगा, मैं उनके लौड़े से उठ गया।
अंकल का लंड बहुत मोटा था, जिससे मेरा पूरा शरीर कंपकंपा गया।
अरे कुछ नहीं होगा, अंकल ने कहा। बाद में भी मज़ा आएगा।
मुझे लौड़े पर बैठने को कहा और मेरा हाथ उनके लंड पर ले गए।
मैं मान गया और बैठ गया, लौड़े को अपने छेद में सैट करके।
अचानक, अंकल ने मेरी गांड में पूरा लंड डाल दिया।
मुझे ऐसा सेक्स करने के तुरंत बाद बहुत दर्द होने लगा।
मैं उठने की पूरी कोशिश कर रहा था, लेकिन आर्िफ अंकल ने नहीं दिया।
वे धक्का मारने लगे।
मुझे बहुत पीड़ा हुई, लेकिन मैं कुछ देर बाद खुश होने लगा, ऐसा लगता था जैसे मैं जन्नत की सैर कर रहा हूँ।
अंकल ने कुछ मिनट बाद ही अपना पानी मेरी गांड में डालकर लेट गए।
उनके जल्दी भागने से मुझे उतना आनंद नहीं मिला जितना मैंने सोचा था।
लेकिन मैं कभी इतना खुश नहीं हुआ था।
कुछ देर बाद, अंकल ने फिर से मेरी गांड मारी।
अबकी बार उनका लौड़ा लंबे समय तक चला और बहुत मजा आया।
उस दिन से, मैं और आरिफ़ अंकल हर हफ्ते एक बार ही शारीरिक संबंध बनाते थे।
मैंने अभी तक चुदाई का पहला फोरप्ले कभी नहीं किया है. मैं सब करने के लिए बहुत उत्सुक था, लेकिन मुझे डर लगता था कि कुछ हो सकता है।
कुछ दिनों बाद मेरे माता-पिता को गांव जाना पड़ा क्योंकि वे कुछ आवश्यक काम करने जा रहे थे।
मैंने आरिफ़ अंकल को यह बताया था।
उस शाम करीब 8:00 बजे आरिफ़ अंकल आया जब मम्मी पापा दो दिन बाद गांव चले गए।
मैंने उनसे कहा कि वे ऊपर के कमरे में जाएं।
कोई भी नीचे आकर परेशान कर सकता था। मैंने उनको ऊपरी कमरे में भेजा।
कुछ देर बाद मैं भी उसी कमरे में गया।
आरिफ़ अंकल वहाँ लेटे थे।
मैं भी उनके बगल में लेट गया और बातें करने लगा।
मैंने उनसे कहा कि आज रात भर हम खेलेंगे और सेक्स करेंगे।
वे भी उत्साहित थे।
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अंकल ने मुझे पहले किस करना शुरू किया।
ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। मैं किस करने से अलग तरह का नशा कर रहा था।
तभी अचानक से अंकल ने अपनी चाल बदल दी और मुझे उतारने लगे।
मैं भी उनके साथ था और अपना पूरा कपड़ा उतार दिया।
आरिफ अंकल ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए।
उसने शायद कुछ दवा खाई होगी, इसलिए आज उनका लंड बहुत मोटा और तगड़ा लग रहा था। इसलिए उनका लंड पॉर्न फिल्मों की तरह दिखाई देता था।
मैं उनका मोटा काला लौड़ा देखकर खुश हो गया।
आरिफ़ अंकल ने तुरंत अपना पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया।
जब मैं बेड पर लेटा हुआ था, वे मेरी दोनों टांगों को ऊपर करके मेरी गांड मार रहे थे।
मैं दर्द करने लगा। लेकिन आज यह दर्द अलग ही मज़ा था।
अंकल कुछ देर बाद मेरी गांड में ही गिर पड़े।
तब हम दोनों लेट गए।
पचास मिनट बाद, मैं अंकल का लंड अपने मुँह में लेने के लिए उत्सुक था, लेकिन मुझे भी डर लग रहा था।
अकेल मेरे बगल में सो गया था।
मैं उनके नीचे आने लगा।
फिर मैं लेटे हुए अपने मुँह को उनके लंड की ओर ले जाने लगा।
मेरी सांस तेज हो गई।
अंकल को जीभ से लौड़े को चाटते ही नींद खुल गई।
वे मेरी इच्छा को समझ गए।
अंकल ने मेरी ओर अपनी कमर कर दी।
मैं और भी आसान हो गया।
ठीक है, मैं जानता हूँ कि तुम क्या चाहते हो, अंकल ने कहा। चलो इसे भी मनोरंजन करो; यह सिर्फ आपका है।
मैं खुश था।
अकेला सोया हुआ था।
जब वह हल्का सा खड़ा हुआ, मैंने अंकल का लंड उसके मुँह में डाल दिया।
मैं कोई बड़ा लॉलीपॉप मेरे मुँह में घुल रहा था।
नमकीन लंड चूसने में मज़ा आता था।
मैं उनके लंड को हलक तक ले जाता। यह बहुत मनोरंजनपूर्ण था।
दस मिनट बाद, अंकल सिर्फ मेरे मुँह में झड़ गए, और मैं भी उनका पानी अपने मुँह में लेकर पी गया।
मैं बहुत खुश था।
यह सब करने के बाद अंकल ने मेरी गांड मारी और हम दोनों नंगे सो गए।
ऐसा बहुत दिनों तक चलता रहा।
प्यारे दोस्तो, कृपया मुझे मेल करके बताओ कि आपको मेरी वर्जिन ऐस सेक्स कहानी पसंद आई या नहीं।
मैं अधिक Hot Gay Sex Stories In Hindi लिखूँगा।