ये मेरी ज़िंदगी की एक सच्ची और दिल दहला देने वाली कहानी है, जो मैं आज आपको सुनाने जा रहा हूँ। ये 100% सच है, लेकिन मैं किसी का नाम या अपने परिवार की डिटेल्स नहीं बता सकता। मैं चाहता हूँ कि आप मेरी इस कहानी को ध्यान से पढ़ें और महसूस करें कि कैसे मेरी ज़िंदगी में एक तूफान आया और कैसे मैंने उसे संभाला। तो चलिए, बिना वक्त बर्बाद किए, मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ।
मेरी शादी एक लव मैरिज थी, लेकिन मेरी बीवी मेरे घरवालों को पसंद नहीं आई। वो खूबसूरत थी, उसका फिगर ऐसा था कि कोई भी उसे देखकर पागल हो जाए। उसकी कमर पतली, बूब्स भरे हुए, और गांड इतनी उभरी हुई कि हर मर्द की नज़र उस पर ठहर जाए। लेकिन मेरे घरवालों को उसकी ये खूबसूरती नहीं, बल्कि उसका बिंदास स्वभाव खटकता था। शादी के बाद घर में रोज़ झगड़े होने लगे। मेरी माँ और बीवी के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि मैं हर वक्त परेशान रहने लगा। मैं दोनों के बीच सैंडविच बन गया था। माँ कहती थीं कि मेरी बीवी घर नहीं संभाल सकती, और मेरी बीवी कहती थी कि माँ उसे ताने मारती हैं। मैं समझ नहीं पाता था कि किसकी साइड लूँ।
धीरे-धीरे मेरे घरवालों ने मेरे कान भरने शुरू कर दिए। वो कहते थे कि मेरी बीवी मेरे लायक नहीं है, कि वो घर तोड़ देगी। मैं भी उनकी बातों में आने लगा। मेरी बीवी से मेरी छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई होने लगी। एक दिन झगड़ा इतना बढ़ गया कि वो गुस्से में अपने मायके चली गई। मैंने उसे रोकने की कोशिश नहीं की, क्योंकि मैं भी गुस्से में था और सोच रहा था कि शायद थोड़ा समय अलग रहने से चीज़ें ठीक हो जाएँगी।
तीन महीने तक हम अलग रहे। मैं ऑफिस जाता, घर आता, लेकिन मन में एक खालीपन था। मेरी बीवी की हंसी, उसकी बातें, उसका साथ—सब याद आता था। फिर एक दिन मेरे पापा ने मुझसे कहा, “बेटा, मैं तुम्हारी बीवी के घरवालों से बात करूँगा। उसे वापस लाने की कोशिश करूँगा।” मैंने हामी भर दी, क्योंकि मुझे भी लगता था कि अब बहुत हो चुका था। अगले दिन पापा मेरी बीवी के घर गए। उन्होंने उसके मम्मी-पापा से लंबी बात की और मेरी बीवी को गारंटी दी कि अब उसे घर में पूरा सम्मान मिलेगा। लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि उसे घरवालों की बात माननी होगी। मेरी बीवी मान गई और वापस आ गई।
जब वो घर लौटी, तो पापा ने उसे खूब तारीफ की। कहा, “बेटी, तुम मेरे कहने पर वापस आई हो। ये घर अब तुम्हारा भी है।” मेरी बीवी ने भी पापा का शुक्रिया अदा किया और धीरे-धीरे घर में सेटल होने लगी। लेकिन कुछ दिनों बाद मुझे कुछ अजीब सा लगने लगा। पापा मेरी बीवी के साथ कुछ ज़्यादा ही फ्रेंडली हो रहे थे। वो उससे हंसी-मज़ाक करते, कभी उसकी तारीफ करते, तो कभी उसकी कमर पर हल्का सा हाथ रख देते। मैंने सोचा, शायद मैं ज़्यादा सोच रहा हूँ। आखिर पापा हैं, वो ऐसा कुछ क्यों करेंगे?
फिर एक दिन मैंने बाथरूम के दरवाजे में एक छोटा सा छेद देखा। वो ऐसा था कि इससे अंदर का सब कुछ साफ दिखाई देता था। मुझे शक हुआ, लेकिन मैंने इग्नोर कर दिया। सोचा, शायद पुराना छेद होगा। लेकिन मेरा मन बार-बार उस छेद की तरफ जाता था। एक सुबह, करीब सात बजे, मैं किचन की तरफ गया। मेरी बीवी वहाँ टिफिन बना रही थी। उसने टाइट सलवार-कुर्ता पहना था, जिसमें उसकी गांड और बूब्स की शेप साफ दिख रही थी। पापा मंदिर में पूजा कर रहे थे। मैंने देखा कि पापा की नज़र मेरी बीवी पर थी। वो बार-बार उसकी कमर और गांड की तरफ देख रहे थे। मैं चुपके से देखता रहा, लेकिन कुछ बोला नहीं।
अगले दिन मैंने एक प्लान बनाया। मैं सुबह जल्दी नहाने चला गया और उस छेद से बाहर देखने लगा। मेरा बाथरूम और किचन आमने-सामने हैं, बीच में हॉल है। मैंने देखा कि मेरी बीवी किचन में टिफिन बना रही थी। उसने आज लाल रंग की साड़ी पहनी थी, जो उसके बदन से चिपकी हुई थी। उसकी गोरी कमर साड़ी के नीचे से झलक रही थी। तभी पापा आए। वो मंदिर की तरफ गए, लेकिन उनकी नज़र मेरी बीवी पर थी। अचानक, उन्होंने मेरी बीवी की गांड पर हल्का सा हाथ फेरा। मेरी बीवी चौंक गई और गुस्से से पापा की तरफ देखने लगी। “पापा, ये क्या कर रहे हैं?” उसने गुस्से में कहा। पापा हंसते हुए बोले, “अरे बेटी, गलती से हाथ लग गया।” लेकिन मैंने देखा कि पापा का लंड उनकी धोती में तन गया था। वो उसे सहला रहे थे। मेरी बीवी गुस्से में किचन से बाहर चली गई।
मुझे एक तरफ तो राहत मिली कि मेरी बीवी ने पापा को साफ मना कर दिया, लेकिन दूसरी तरफ गुस्सा भी आया कि मेरे अपने पापा मेरी बीवी के साथ ऐसा कर रहे हैं। लेकिन सच कहूँ, ये सब देखकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया था। मैं बाथरूम में ही बैठा रहा और मुठ मारने लगा। मेरी बीवी की गांड, पापा का उसे छूना, और उसका गुस्सा—ये सब मेरे दिमाग में घूम रहा था। मैंने ज़ोर-ज़ोर से मुठ मारी और “आह्ह… उह्ह…” की आवाज़ें निकलने लगीं।
उस दिन मैंने अपनी बीवी से बात करने का फैसला किया। ऑफिस से आने के बाद मैंने उसे बाहर बुलाया और कहा, “सुबह मैंने देखा कि पापा ने तुम्हारी गांड पर हाथ फेरा।” मेरी बीवी की आँखों में आंसू आ गए। वो फूट-फूटकर रोने लगी। उसने कहा, “तुम्हें अब पता चला? तुम्हारे पापा की नज़र बहुत खराब है। वो रोज़ सुबह, जब मैं किचन में होती हूँ, मेरे पास आते हैं। कभी मेरी कमर छूते हैं, कभी मेरे बूब्स पर हाथ फेरते हैं।” उसकी आवाज़ कांप रही थी। उसने बताया कि पापा ने उसे धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को बताया, तो वो अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसका रेप करेंगे।
मेरी बीवी ने आगे कहा, “उन्होंने मेरे हाथ में ज़बरदस्ती अपना लंड पकड़वाया था। वो कहते हैं कि मेरी चूत बहुत मस्त है, क्योंकि उस पर बाल नहीं हैं।” उसने रोते हुए बताया कि पापा ने बाथरूम के दरवाजे में छेद इसलिए किया ताकि वो उसे नहाते वक्त नंगा देख सकें। “वो रोज़ मुझे चुपके से देखते हैं और अपने लंड को हिलाते हैं। मेरे नाम की मुठ मारते हैं।” उसने अपना मोबाइल निकाला और पापा का मैसेज दिखाया। मैसेज में लिखा था:
“तू मुझसे नाराज़ क्यों रहती है? मुझे मेरी बीवी नहीं, तेरी ज़रूरत है। मैंने बाथरूम में छेद किया ताकि तेरा नंगा बदन देख सकूँ। तेरी चूत तो कमाल की है, उस पर बाल भी नहीं। जल्दी जवाब दे, वरना मैं तेरा मुँह चोद दूँगा। और अगर किसी को बताया, तो तेरा रेप करवाऊँगा।”
ये पढ़कर मेरा खून खौल गया। मैंने सोचा, अगर पापा मेरे सामने होते, तो मैं उन्हें मार डालता। लेकिन सच कहूँ, ये सब सुनकर मेरा लंड फिर से तन गया। मेरी बीवी ने कहा, “मुझे डर था कि अगर मैं तुम्हें बताऊँगी, तो तुम मुझ पर यकीन नहीं करोगे। मैं सोच रही थी कि शायद मुझे पापा के साथ बिस्तर पर जाना पड़ेगा, क्योंकि वो बार-बार कहते हैं कि उनके एहसान की वजह से मैं यहाँ हूँ।” मैंने पूछा, “क्या तुम सचमुच उनके साथ सोने को तैयार थी?” उसने हल्के से सिर हिलाया और कहा, “हाँ, अगर और कोई रास्ता नहीं होता, तो शायद…”
मैंने उसे गले से लगा लिया और कहा, “जब तक मैं हूँ, कोई तुम्हें छू भी नहीं सकता।” लेकिन मेरे दिमाग में पापा का मैसेज और उनकी हरकतें घूम रही थीं। उसी रात, मैंने और मेरी बीवी ने एक-दूसरे को प्यार करने का फैसला किया। हम अपने बेडरूम में गए। मैंने उसकी साड़ी उतारी। उसने सिर्फ़ ब्लाउज़ और पेटीकोट पहना था। मैंने उसका ब्लाउज़ खोला, और उसके भरे हुए बूब्स बाहर आ गए। मैंने उन्हें चूमा, चूसा, और धीरे-धीरे उसकी निपल्स को काटा। वो सिसकारियाँ लेने लगी, “आह्ह… उह्ह… धीरे…”
मैंने उसका पेटीकोट नीचे सरकाया। उसकी चूत साफ थी, बिल्कुल वैसी जैसी पापा ने मैसेज में लिखी थी। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी चूत को चाटने लगा। “आह्ह… ओह्ह… और ज़ोर से…” वो चिल्ला रही थी। उसकी चूत गीली हो चुकी थी। मैंने अपने कपड़े उतारे। मेरा 7 इंच का लंड एकदम तन गया था। मैंने उसे धीरे-धीरे उसकी चूत में डाला। “उह्ह… आह्ह… कितना मोटा है…” वो सिसकार रही थी। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। “चोदो मुझे… और ज़ोर से…” वो चिल्ला रही थी।
मैंने स्पीड बढ़ा दी। “पच-पच-पच…” की आवाज़ पूरे कमरे में गूँज रही थी। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड हर धक्के में और सख्त हो रहा था। “आह्ह… उह्ह… और तेज़…” वो मेरे कंधों को पकड़कर चिल्ला रही थी। मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। “ओह्ह… हाँ… चोदो अपनी रंडी को…” वो गंदी बातें कर रही थी, और मुझे ये सुनकर और जोश आ रहा था। मैंने उसकी गांड पर हल्का सा थप्पड़ मारा। “आह्ह… मारो और…” वो चिल्लाई।
करीब 20 मिनट तक मैंने उसे अलग-अलग पोज़ में चोदा। कभी मैंने उसे ऊपर बिठाया, तो कभी मैं नीचे लेट गया। उसकी चूत से रस टपक रहा था, और मेरा लंड भी फटने को तैयार था। आखिर में मैंने उसे मिशनरी पोज़ में लिटाया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे। “आह्ह… उह्ह… मैं झड़ने वाली हूँ…” वो चिल्लाई। मैंने भी कहा, “हाँ, मेरी रानी, मैं भी…” और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए। मेरा गर्म माल उसकी चूत में भर गया। “पच-पच…” की आवाज़ धीमी हो गई, और हम दोनों हाँफते हुए बिस्तर पर लेट गए।
अगले दिन हमने फैसला किया कि अब इस घर में नहीं रह सकते। हमने मुंबई में एक किराए का घर लिया और वहाँ शिफ्ट हो गए। मैंने पापा का मैसेज अपने फोन में फॉरवर्ड कर लिया था। अब भी, जब मैं रात को वो मैसेज पढ़ता हूँ, मेरा लंड खड़ा हो जाता है। मैं सोचता हूँ कि कैसे पापा मेरी बीवी को नंगा देखते थे, उसकी चूत की तारीफ करते थे, और मुठ मारते थे। ये सोचकर मेरा मन करता है कि काश मैंने उस वक्त कुछ और किया होता। लेकिन अब हम अपनी ज़िंदगी खुशी से बिता रहे हैं। मेरी बीवी अब मेरे साथ पूरी तरह खुल गई है, और हमारा सेक्स और भी मज़ेदार हो गया है।
दोस्तों, ये मेरी ज़िंदगी की सच्ची कहानी है। आपको क्या लगता है? क्या मैंने सही किया जो अपनी बीवी के साथ घर छोड़ दिया? या मुझे पापा को माफ करके उनके साथ कुछ और करना चाहिए था? अपनी राय ज़रूर बताएँ।
bahu ka sexy jism, papa ki gandi niyat, biwi ke sath chudai, incest kahani, gandi baatein, chudai story, hot bahu sex, family sex kahani, desi adult story, biwi ki chudai, papa aur bahu, explicit hindi story, sexy biwi kahani, ghar me chudai, adult hindi kahani