दोस्तों, यह कहानी मेरे, यानी हिमेश चक्रवर्ती, और मेरी बायोलॉजी टीचर के बीच हुई एक सच्ची और हॉट घटना पर आधारित है, जो मेरे दिल-ओ-दिमाग में हमेशा के लिए बस गई है। मैं, हिमेश, बचपन से ही चूत का दीवाना रहा हूँ। रात-रात भर मुठ मारकर अपनी आग बुझाता था, लेकिन मन में हमेशा एक असली चुदाई का ख्वाब पलता था। मेरी क्लास में एक बायो टीचर थीं, जिनका नाम मैं नहीं लूंगा, क्योंकि उनकी इज्जत मेरे लिए बहुत मायने रखती है। वो मुझे इतनी पसंद थीं कि उनका ख्याल मेरे दिल से निकलता ही नहीं था।
उनकी उम्र करीब 28 साल थी। उनकी फिगर थी एकदम कातिल—गोरी चमड़ी, लंबा कद, बड़े-बड़े रसीले बूब्स, पतली कमर, और एक गदराई गांड, जो किसी को भी पागल कर दे। स्कूल में जब वो चलती थीं, तो हर लड़के का लंड खड़ा होकर सलामी देता था। सिर्फ स्टूडेंट्स ही नहीं, टीचर्स भी उनके दीवाने थे। स्कूल के बाहर भी उनके चाहने वालों की लाइन लगी रहती थी। उनके घर के आसपास के लोग उन्हें घूरते रहते थे, लेकिन वो इन सब बातों को इग्नोर करती थीं। मैं, हिमेश, भी उन पर लाइन मारता था। उनकी याद में रात-रात भर मुठ मारता, उनकी चुदाई के सपने देखता, और स्कूल में उनके पीरियड का इंतजार सुबह से ही शुरू हो जाता।
उनके चेहरे से मेरी नजरें हटती ही नहीं थीं। जब उनकी आंखें मुझसे मिलतीं, तो मेरा दिल थम सा जाता। जिस दिन वो स्कूल नहीं आती थीं, मेरा मन उदास हो जाता था। फिर नवंबर में स्कूल की अर्धवार्षिक परीक्षा हुई, और जब रिजल्ट आया तो मैं बायोलॉजी में फेल हो गया। मेडम ने मुझे अपने माता-पिता को लेकर आने को कहा। मैं अपने पापा को लेकर पेरेंट्स-टीचर मीटिंग में गया। उस दिन मेडम काली साड़ी में थीं, और क्या गजब लग रही थीं! मैं पास खड़ा था, और पापा मेडम से बात कर रहे थे। मेडम ने पापा को बताया कि मैं क्लास में ठीक से पढ़ाई नहीं करता, मेरा ध्यान हमेशा कहीं और रहता है। मैंने मन ही मन सोचा, “जान, मेरा ध्यान तो सिर्फ तुम पर रहता है।”
पापा ने कहा कि मेडम, इसकी पिटाई लगा दिया करो। लेकिन मेडम ने कहा, “अब ये बड़े हो गए हैं, इन्हें क्या मारना? अगर ये ऐसे ही पढ़ाई नहीं करेंगे, तो बोर्ड की परीक्षा में फेल हो जाएंगे।” पापा ने मेडम से प्राइवेट ट्यूशन की बात की, लेकिन मेडम ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि वो अपने ससुराल में रहती हैं, और उनकी फैमिली प्राइवेट ट्यूशन की इजाजत नहीं देगी। पापा ने फिर आग्रह किया, तो मेडम मान गईं। उन्होंने कहा, “ठीक है, कल से हिमेश को ठीक 5 बजे मेरे घर भेज दीजिए।” मैं ये सुनकर इतना खुश हुआ कि मन ही मन उछल पड़ा। लेकिन घर पहुंचते ही पापा ने मेरी वाट लगा दी और कहा, “हिमेश, थोड़ा ध्यान से पढ़ाई करो।”
मैंने पापा से वादा किया और अगले दिन हीरो बनकर मेडम के घर पहुंच गया। मैंने दरवाजा बजाया, तो मेडम के ससुर जी ने गेट खोला। मैं अंदर गया और चुपचाप बैठ गया। कुछ देर इंतजार के बाद भी मेडम नहीं आईं। शायद वो किसी काम में व्यस्त थीं। घर में उनकी सास और उनका दो साल का बेटा भी था, जो मेडम जितना ही क्यूट था। मैं उस रूम में अकेला बैठा मेडम का इंतजार कर रहा था।
थोड़ी देर बाद मेडम आईं। उन्हें देखकर मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उस दिन रूम में सिर्फ मैं और मेडम थे; बाकी सब दूसरे रूम में थे। मेडम ने पढ़ाना शुरू किया, लेकिन मेरा ध्यान उनके टॉपिक्स पर कम और उनके हुस्न पर ज्यादा था। वो मुझे डांटतीं, “हिमेश, मुझ पर कम ध्यान दो और पढ़ाई पर फोकस करो।” कभी-कभी वो मेरा हाथ पकड़कर लिखने को कहतीं, और उनके बूब्स मेरे हाथ को छू जाते। कभी वो थप्पड़ की जगह मेरे गाल पर हाथ फेर देतीं, और उनके छूने से मेरे जिस्म में आग सी लग जाती।
ऐसे ही दिन बीतने लगे। मैं घर पहुंचकर उनकी याद में मुठ मारता। एक दिन मैं उनके घर पहुंचा, तो मेडम ने खुद गेट खोला। वो लाल साड़ी और टाइट ब्लाउज में थीं। उनके खुले बाल और बूब्स की उभरी शेप देखकर मैं गेट पर ही ठिठक गया। मेडम ने हंसकर कहा, “अरे हिमेश, अब अंदर भी आओगे या यहीं खड़े रहोगे?” मैं अंदर गया और पूछा, “मेडम, अंकल-आंटी कहां हैं?” उन्होंने बताया कि सब बाहर गए हैं, और उनके पति भी साथ थे। ये सुनकर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे कि शायद आज मौका मिले।
मेडम ने पढ़ाना शुरू किया, लेकिन मैं उनकी खूबसूरती में खोया रहा। उन्होंने मुझे टोका, “हिमेश, कहां खोए हो? पढ़ाई नहीं करनी?” मैंने कहा, “मेडम, आज मूड नहीं है।” उन्होंने कहा, “ठीक है, नक्शा बनाओ।” इतने में उनका बेटा मॉन्टू रोने लगा। मेडम ने कहा, “तुम नक्शा बनाओ, मैं मॉन्टू को देखती हूँ।” मैंने 10 मिनट में नक्शा बना लिया और उनके रूम में दिखाने गया। वहां मेडम मॉन्टू को दूध पिला रही थीं। उनके बड़े-बड़े बूब्स देखकर मैं पागल हो गया और एकटक देखता रहा।
मेडम ने मुझे देखकर चिल्लाया, “हिमेश, तुम्हें जरा भी तमीज नहीं है?” मैंने सॉरी कहा, लेकिन मेरे सब्र का बांध टूट चुका था। मैंने कहा, “मेडम, मैं आपका दीवाना हूँ। मैं आपको बहुत चाहता हूँ।” ये सुनकर मेडम परेशान हो गईं। मेरी आंखों से आंसू निकल आए। मैं अपनी किताबें और बैग लेने दूसरे रूम में गया और जाने लगा। तभी मेडम ने कहा, “रुको हिमेश, मेरी बात सुनो।”
मैं रुक गया, नजरें झुकाए उनके सामने खड़ा था। मेडम मेरे पास आईं और मेरा हाथ पकड़ा। उनके छूने से मेरा हाथ कांपने लगा। वो मुझे अपने बेडरूम में ले गईं, जहां मॉन्टू एक तरफ सो रहा था। उन्होंने मुझे बेड पर बैठने को कहा। मैं सर झुकाए बैठा था। मेडम ने कहा, “हिमेश, ये सब बेवकूفی है। तुम अभी छोटे हो। मैं जानती हूँ तुम मुझे घूरते हो, लेकिन मैं तुमसे 10 साल बड़ी हूँ।” मेरी नजरें शर्म से और झुक गईं। मैं तब 18 साल का था, अब कानूनी उम्र में था।
मेडम ने पूछा, “क्या तुम मुझे सचमुच पसंद करते हो?” मैंने हां में सिर हिलाया। उन्होंने कहा, “मेरी आंखों में देखो।” मैंने हिम्मत जुटाकर उनकी आंखों में देखा और मुस्कुराया। फिर मेडम ने मेरे गाल पर किस किया और कहा, “मेरे सेक्सी स्टूडेंट।” मैं मन ही मन उछल पड़ा। मैंने भी उनके गाल पर किस कर दिया। मेडम ने हंसकर पूछा, “हिमेश, क्या तुम वर्जिन हो?” मैंने शर्माते हुए कहा, “हां।”
मेडम हंस पड़ीं और बोलीं, “तभी तुम इतने बेचैन हो। चलो, आज मैं तुम्हें सेक्स का लेसन सिखाती हूँ। लेकिन वादा करो, ये बात किसी को नहीं बताओगे।” मैंने हां कर दी। मेडम ने धीरे-धीरे अपनी साड़ी उतारी। अब वो सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में थीं। उनके बूब्स टाइट ब्लाउज में और भी उभरे हुए लग रहे थे। मैंने उनके बूब्स दबाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने रोक दिया और कहा, “अभी नहीं, इनमें दूध है। पीना चाहोगे?” मैंने उत्साह से कहा, “हां, मेरी जान।”
मेडम ने ब्लाउज और ब्रा उतार दी। उनके बड़े-बड़े, गोरे बूब्स मेरे सामने थे, जिनके निप्पल गुलाबी और सख्त थे। मैं पागलों की तरह उन पर टूट पड़ा। उनके बूब्स को दबाया, चूसा, और उनका दूध पिया। मेडम मेरे सिर पर हाथ फेर रही थीं और सिसकियां ले रही थीं, “आह्ह्ह… उफ्फ्फ… हिमेश, ऐसे ही चूसो।” उनकी आवाज से मेरे जिस्म में करंट दौड़ रहा था। उन्होंने मेरी पैंट के ऊपर से मेरा लंड पकड़ लिया और धीरे-धीरे सहलाने लगीं। मेरा लंड, जो करीब 7 इंच लंबा और मोटा था, पूरा तन गया। मेडम ने कहा, “हिमेश, तुम्हारा लंड तो तलवार जैसा है।”
मैंने कहा, “जान, ये सिर्फ तुम्हारा है। तुम मेरी पहली औरत हो।” मेडम हंस पड़ीं। फिर वो मेरे ऊपर आईं और मेरे लंड को चूसने लगीं। उनका गर्म मुंह मेरे लंड पर था, और वो उसे चूस रही थीं जैसे कोई लॉलीपॉप हो। मैं सिसकियां ले रहा था, “आह्ह्ह… मेडम… उफ्फ्फ…” उनका चूसना इतना जबरदस्त था कि मेरा लंड और सख्त हो गया।
कुछ देर बाद मेडम लेट गईं और बोलीं, “हिमेश, अब मेरी चूत चाटो।” मुझे पहले थोड़ा अजीब लगा, क्योंकि मैंने ब्लूफिल्म्स में तो देखा था, लेकिन असल में कभी नहीं किया था। मेडम ने कहा, “क्या हुआ?” मैंने कहा, “कुछ नहीं।” मैंने उनकी गीली, गुलाबी चूत पर हाथ फेरा। वो इतनी गर्म थी कि मेरे हाथ में करंट सा लगा। मैं उनके पैरों के बीच बैठ गया और धीरे-धीरे उनकी चूत पर जीभ फेरने लगा। मेडम ने अपने पैर और फैलाए और चूत को हाथ से खोलकर कहा, “हां, यहीं चाटो, मेरे राजा। इसका मजा लो।”
जैसे ही मेरी जीभ उनकी चूत पर लगी, मुझे एक नमकीन, क्रीमी स्वाद मिला। पहले थोड़ा अजीब लगा, लेकिन फिर मजा आने लगा। मैंने उनकी चूत को जमकर चाटा। मेडम चिल्ला रही थीं, “आह्ह्ह… उह्ह्ह… और जोर से चाटो, हिमेश!” मैंने उनकी चूत में जीभ डाल दी और उसे अंदर-बाहर करने लगा। मेडम मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थीं और सिसकियां ले रही थीं, “हां… और जोर से… आह्ह्ह…”
मेरा लंड अब फौलादी हो चुका था। मेडम ने कहा, “हिमेश, अब डाल दो, लेकिन धीरे।” मैंने उनका पेटीकोट ऊपर किया और उनके चूत के छेद पर लंड रगड़ा। मेडम सिसकियां ले रही थीं, “उफ्फ्फ… हिमेश, धीरे…” मैंने हल्का सा धक्का दिया, और मेरे लंड का टोपा उनकी चूत में गया। मेडम ने जोर से चिल्लाया, “आह्ह्ह!” मेरी भी गांड फट गई, क्योंकि उनकी चूत इतनी गर्म और टाइट थी कि मेरा लंड जलने लगा। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारे, और हर धक्के के साथ मेडम की सिसकियां तेज होती गईं, “आह्ह्ह… उह्ह्ह… धीरे, हिमेश!”
फिर मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उनकी चूत में जड़ तक चला गया। मेडम चिल्लाईं, “आह्ह्ह… मार डाला!” मैंने धक्के मारना शुरू किया, और हर धक्के के साथ उनकी चूत की गर्मी मेरे लंड को और गर्म कर रही थी। “थप-थप-थप” की आवाज कमरे में गूंज रही थी। मेडम नीचे से अपनी गांड उछाल रही थीं और चिल्ला रही थीं, “हां… और जोर से… चोदो मुझे, हिमेश!” मैंने उनकी कमर पकड़ी और जोर-जोर से धक्के मारे।
कुछ ही मिनटों में मेडम किनारे पर आ गईं। उनकी सिसकियां तेज हो गईं, “आह्ह्ह… उह्ह्ह… मैं गई!” मैं भी झड़ने वाला था। मैंने कहा, “मेडम, मैं भी…” और हम दोनों एक साथ झड़ गए। मेडम ने मुझे कसकर पकड़ लिया और कहा, “हिमेश, मुझे जकड़ लो, वरना मैं उड़ जाऊंगी।” मैंने उन्हें जोर से गले लगाया। हम दोनों पसीने से तर थे।
थोड़ी देर बाद मेडम मेरे ऊपर आईं और मुझे किस करने लगीं। वो बोलीं, “हिमेश, मैं तुम्हारी दीवानी हो गई। तुम मेरे पति के बाद पहले मर्द हो, जिसके साथ मैंने ये किया।” मैं बहुत खुश था। उस दिन मैंने उनकी तीन बार और चुदाई की। हर बार मैंने उनकी चूत को अलग-अलग तरीके से चोदा। कभी वो मेरे ऊपर आईं, कभी मैं उनके ऊपर। उनकी सिसकियां और “थप-थप” की आवाजें कमरे में गूंजती रहीं। रात हो चुकी थी, और मुझे घर जाना था। मेडम ने बताया कि उनके घरवाले चार दिन के लिए बाहर गए हैं। मैंने अगले चार दिन तक उनकी जमकर चुदाई की।
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