devar bhabhi sex story, कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा की किस तरह से मैंने प्रतिभा भाभीजी को बुरी तरह से बजाया था। अब कहानी आगे………..
अब भाभीजी मेरे ऊपर चढ़कर हमला करने लगी। वो मेरे होंठों को बुरी तरह से चूसने लगी। अब भाभीजी भूखी शेरनी बन चुकी थी। मैं भाभीजी को आज उनकी भूख मिटाने का पूरा मौका दे रहा था।
अब बैडरूम फिर से ऑउच्च पुच्च ऑउच्च पुच्च की आवाज़ों से गूँज रहा था। भाभीजी मेरे होंठो को बुरी तरह से खा रही थी।
भाभीजी ताबड़तोड़ किस कर रही थी। फिर वो कुछ ही देर में मेरी चेस्ट पर आ गई और फिर शेरनी की तरह टूट पड़ी।
अब भाभीजी ताबड़तोड़ मेरी चेस्ट पर किस कर रही थी। वो बीच बीच में मेरी चेस्ट पर बाईट भी कर रही थी। भाभीजी को किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
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“ओह आह्ह सिसस्स ओह भाभी। आहा।”
मै भाभीजी के बालो को सम्हाल रहा था। फिर भाभीजी किस करती हुई मेरे लंड पर पहुँच गई। अब भाभीजी ने मेरे लण्ड को पकड़ा और उसे मसलने लग गई।
” बहुत मस्त हथियार है। बहुत शानदार।”
” अब मेरा ये हथियार आपका ही है भाभीजी।”
” हां ,अब मै इसका पूरा ध्यान रखूंगी।”
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भाभीजी मुस्कुराती हुई मेरे लण्ड को मसल रही थी। भाभीजी को मेरा लण्ड मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो मेरे लण्ड को मसल मसल कर लाल कर चुकी थी।
अब भाभीजी में छपाक से मेरे लंड को मुँह में भरा और फिर झमाझम मेरे लण्ड को चूसने लग गई।
“उँह ओह साली आहहह बहुत अच्छा लग रहा है। आह्ह आह्ह।”
भाभीजी मेरे लण्ड पर कहर बनकर टूट पड़ी थी। वो लबालब मेरे लण्ड को चुस रही थी।भाभीजी को मेरा लंड चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभी मेने मेरी टांगे भाभीजी के कंधों पर रख दी। अब भाभीजी मेरे लंड को पूरा ले चुकी थी।वो ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को झटका दे रही थी।
ओह साली,,, मां की लौड़ी। आह्ह ओह और चुस।आह्ह। बहुत बड़ी खिलाडी है तू।”
भाभीजी के बाल मेरे लंड को ढक को ढक चुके थे। भाभीजी लबालब लंड को चुस रही थी। तभी मैं भाभीजी के इरादों को समझ गया। वो मेरे लंड का पानी निकालना चाहती थी। भाभीजी ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को चुस रही थी।
” ओह भाभीजी,, ऐसा मत करो। आह्ह मत निकालो मेरा पानी।”
” आज मै तेरे लण्ड का पानी पीकर ही रहूंगी।”
भाभीजी मेरे लण्ड का पानी निकालने की पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन भाभीजी की कोशिश सफल नहीं हो पाई। फिर उन्होंने चूत में मेरे लंड को फंसा लिया और भाभीजी उछल उछल कर चुदने लगी।
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“ओह आहाहाह आहाहा उँह सिसस्ससस्स ओह साले हरामी। आहाहाह आह्ह।”
ओह साली आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा रहा है।
भाभीजी उछल उछल कर चुद रही थी। भाभीजी के हर झटके के साथ ही उनके बोबे ज़ोर ज़ोर से हिल रहे थे। भाभीजी को मेरे ऊपर चढ़कर चुदाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो लपक्क्कर लंड ले रही थी।
” उँह ओह सिससस्स आहाहाह आह्ह ओह आईईईईई ओह भेन के लौड़े। आह्ह।”
भाभीजी की चुदास को देखकर लग रहा था कि भाभीजी की ताबड़तोड़ ठुकाई हुए कई साल बीत चुके थे। आज भाभीजी मेरे साथ पूरी खुल चुकी थी। वो फूल स्पीड में चूत में लंड ले रही थी।
” आहा सिससस्स आह्ह ओह साले। आह्ह सिससस्स आह्ह। ओह।”
“ओह भाभीजी। बहुत मज़ा आ रहा है। आहा।”
फिर बहुत देर के बाद भाभीजी हांफने लगी और उन्होंने हथियार डाल दिए।
अब मैने भाभीजी को वापस बेड पर पटक दिया और फिर से भाभीजी की टांगो को कंधों पर रखकर भाभीजी की चुत में लंड ठोक दिया। अब मै भाभीजी को फिर से ताबड़तोड़ तरीके से चोदने लगा।
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” ओह आहहह आह्ह आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह ओह साले हरामी।”
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” बहूत पेलूंगा आज तो आपको।”
“पेल ले साले।”
मैं धमाधम भाभीजी की चूत में लंड पेल रहा था। भाभीजी को बजाने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभी भाभीजी का पानी निकल गया। भाभीजी फिर से पसीने में भीग चुकी थी। मै भाभीजी को बजाये जा रहा था।
” आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह आईईईई आहा ओह सिससस्।
भाभीजी की धमाधम ठुकाई से मेरा लण्ड भी अब जवाब देने लग गया। अब मेने भाभीजी की चूत में लण्ड रोक दिया और फिर भाभीजी की चूत में मेरे लंड का पानी निकाल दिया।
” ओह भाभीजी।”
अब मै भाभीजी के जिस्म से लिपट गया। भाभीजी ने मुझे बाहों में फंसा लिया और उनके जिस्म से चिपका लिया। फिर थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे।भाभीजी पहले राउंड में ही बुरी तरह से थक चुकी थी।
अब मै फिर से भाभीजी के बोबो को चूसने लगा। भाभीजी अब बिलकुल चुप थी। वो मेरे बालो को सहला रही थी। मैं फिर से निचोड़ कर भाभीजी के बोबो को चुस रहा था। फिर मेने थोड़ी देर भभीजी के बोबे चूसे।
अब मै तुरंत भाभीजी की चूत पर आ गया और उनकी गांड के नीचे तकिया लगा दिया।अब मैं भभीजी की चूत में उंगलिया पेलने लगा। भाभीजी की चूत भट्टी की तरह जल रही थी। अब मै भाभीजी की चूत में आग लगाने लगा। तभी भाभीजी कसमसाने लगी।
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“उन्ह ओह सिसस्ससस्स ओह आहाहाह सिसस्ससस्स ऊँह ओह कुत्ते।”
ओह साली, बहुत आग है तेरी चूत में। आहा सारी आग बुझा दूंगा आज।
“अब तू और मत भड़का मेरी आग को ,साले।”
“मैं तो भड़काउंगा साली।”
मैं ज़ोर जोर से भाभीजी की चूत में उंगलिया पेल रहा था। भाभीजी बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी। वो बेडशीट को मुट्ठियों में भीच रही थी। भाभीजी अब पसीने में भीगने लगी थी।
“उन्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह ओह उन्ह धीरे धीरे कुत्ते।”
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” ओह भाभीजी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आहा।”
मै भाभीजी की चूत में ज़ोर ज़ोर से उंगलिया पेल रहा था। भाभीजी दर्द से तड़प रही थी। मैं भाभीजी की चुत में बुरी तरह से खलबली मचा रहा था।तभी भाभीजी खुद को नहीं रोक पाई पाई और भाभीजी का पानी निकल गया।
” ओह कमीने। मरर्रर्र गैईईईई।”
तभी मेने भाभीजी की चूत पर मुँह रख दिया और भाभीजी की बहती हुई चूत का पानी पीने लगा। भाभीजी अब मुझे उनकी चूत पर दबाने लगी। मैं भाभीजी की चूत को चाट रहा था।
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“सिसस्ससस्स उन्ह ओह कुत्ते। अब पी ले मेरे पानी को। ओह सिसस्ससस्स।”
मैं भाभीजी की चूत को चाट चाटकर पूरा मज़ा ले रहा था। भाभीजी तो बुरी तरह से नसते नाबूत हो चुकी थी। फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी की चूत चाटी।
अब मै भाभीजी को उठाकर नीचे ले आया। अब मैने भाभीजी को दिवार के सहारे खड़ा कर दिया और फिर मै भाभीजी के ऊपर टूट पड़ा। मैं फिर से भाभीजी के बोबो को मसलते हुए उनके होंठों को चुस रहा था
मैंने भाभीजी को कसकर मुझसे चिपका रखा था। फिर मै भाभीजी के बोबो को मुट्ठियों में भरकर कसने लगा। अब भाभीजी फिर से दर्द से तड़पने लगी लेकिन वो कुछ कह नहीं पा रही थी।
मैं बुरी तरह से भाभीजी के बोबो को मसल रहा था। भाभीजी के बोबो को मसलने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर मैंने भाभीजी की चूत में उंगलिया घुसा दी। अब मै भाभीजी की चूत में उंगलिया करने लगा। तभी भाभीजी चू चु मैं मैं करने लगी।
“ओह सिससस्स आहा ओह सिससस्स।”
अब मै किस करता हुआ बुरी तरह से भाभीजी की चूत को कुरेद रहा था। भाभीजी की चूत कुरेदने में मुझे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था। भाभीजी बहुत बुरी तरह से तड़प रही थी। फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी की चूत में ऊँगली की। अब मैंने भाभीजी को पलट दिया। अब मेरा लण्ड भभीजी की गांड से टच हो रहा था।
मैं आगे से भाभीजी के बोबो को मसलते हुए उनके कंधो और कानो पर किस कर रहा था। भाभीजी कसमसा रही थी।
“ओह सिससस्स आहा ओह सिससस्स ओह मम्मी। आहा सिससस्स।”
मुझे तो भाभीजी के जिस्म पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर मैं भाभीजी की चिकनी चमचमाती हुई पीठ पर किस करने लगा। आहा! भाभीजी की मखमली पीठ पर किस करने में मुझे अलग ही मज़ा मिल रहा था।
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मैं झमाझम भाभीजी की पीठ पर किस कर रहा था। भाभीजी कसमसा रही थी।
” ओह आह्ह सिससस्स आहा ओह सिसस्ससस्स ओह रोहित।”
मैं भाभीजी की मस्त गजराई हुई पीठ पर ताबड़तोड़ किस कर रहा था। भाभीजी उनके जिस्म को सिकोड़ रही थी। फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी की पीठ पर किस किये।
मैं नीचे बैठ गया और अब मै भाभीजी की शानदार जानदार गांड पर किस करने लगा। भाभीजी अब गांड को इधर उधर हिलाने की कोशिश कर रही थी।
मुझे तो भाभीजी की गांड पर किस करने के बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मै भाभीजी के चुतडो को काट रहा था। भाभीजी कसमसा रही थी।
” आहा सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स।”
मुझे भाभीजी के चिकने गोल गोल चुतड़ो पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभीजी आहे भरकर दिवार से चिपकी हुई थी।
फिर मैने बहुत देर तक भाभीजी की गांड पर किस किये। अब मै खड़ा हो गया और भाभीजी की गाँड़ पर चपड़े मारने लगा।
” आह्ह बहुत मस्त गाँड़ है प्रतिभा तेरी। आह्ह। बहुत चिकनी है।”
” ओह कमीने दर्द हो रहा है। आहा आईईईई आईईईई धीरे धीरे मार।”
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” मारने दे जान। बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।”
” आहा सिससस्स आहा ओह सिसस्स अहा उन्ह सिससस्स।”
फिर मैंने भाभीजी की गाँड़ पर चपेड मारकर बहुत मज़ा लिया।मै बेड पर बैठ गया और मैंने भाभीजी को मेरी तरफ खीच लिया। तभी भाभीजी मेरा इशारा समझ गई और भाभीजी नीचे घुटनो के बल बैठ गई।
अब भाभीजी ने मेरा लंड मुंह में ले लिया और फिर लॉलीपॉप की तरह भाभीजी मेरे लंड को चूसने लगी। भाभीजी लबालब मेरे लंड को चुस रही थी। वो मेरे लंड को पूरा मुंह में ले चुकी थी।
“आह्ह ओह साली आहाहा बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आह्ह और चुस मेरी रानी।”
तभी भाभीजी थोड़ी देर मे ही मेरे लण्ड को चुस चूसकर लाल कर चुकी थी। इस बार भी भाभीजी मेरे लण्ड का पानी निकालने की भरपूर कोशिश कर रही थी लेकिन इस बार भी उन्हें निराशा ही हाथ लग रही थी। फिर मैंने भाभीजी का सिर पकड़ा और भाभीजी के मुँह में लण्ड डालकर भाभीजी के मुँह को चोदने लगा।
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मेरा लण्ड भाभीजी के मुँह में सकासक अंदर बाहर हो रहा था। भाभीजी के मुँह को चोदने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“ओह साली मां की लौड़ी। आहाहा।” बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
मैं भाभीजी के मुँह को चोदे जा रहा था। भाभीजी भी मुँह में भरपूर लण्ड ले रही थी। फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी के मूंह को चोदा। अब मैंने भाभीजी को खड़ा कर दिया और फिर मैंने भाभीजी से घोड़ी बनने के लिए कहा। अब भाभीजी बेड को पकड़कर घोड़ी बन गई। अब मैंने भाभीजी की गांड के हॉल में लंड सेट करने लगा।
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” बहुत दर्द होगा यार। अभी तो कल का दर्द ही नही मिटा है और तू फिर से मेरी गाँड़ मारना
चाहता है?”
” अब गाँड़ मारे बिना मज़ा अधूरा रह जाता है ना भाभीजी। इसलिये गाँड़ तो मारनी ही पड़ेगी ना।”
” हां तू तो मारेगा ही अब।”
तभी मैंने ज़ोर का झटका देकर भाभीजी की गांड में लण्ड ठोक दिया। मेरा लण्ड एक ही झटके में भाभीजी की गांड के परखच्चे उडाता हुआ पूरा अंदर घुस गया। तभी भाभीजी की चीखे निकल गई। “आईईईईई मम्मी मर्रर्रर्र गईईईई । आईईईई आईईईईई मरर्रर्र गईईई। धीरे धीरे डाल कुत्ते।”
” डालने दे साली।”
अब मैं भाभीजी की कमर पकड़कर झमाझम भाभीजी की गांड मारने लगा। भाभीजी की टाइट गांड मारने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभीजी दर्द से छटपटा रही थी। मैं उनकी गांड के परखच्चे उड़ा रहा था। “ओह आईईईई आईईईईई आईईईई आह्ह आह्ह आहहह धीरे धीरे मां के लौड़े।”
“आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
” यहाँ मेरी गांड फट रही है साले कुत्ते।”
“तेरी गांड तो ऐसे ही फटेगी साली।”
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मै ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए भाभीजी की गांड मार रहा था। भाभीजी दर्द से बुरी तरह झल्ला रही थी। मैं मस्ती से भाभीजी की गाँड़ मार रहा था।
” आहा आह सिससस्स आह्ह ओह आईईईईई आहा ओह सिससस्स।”
थोड़ी देर में ही मेरा लंड भाभीजी की गांड के छेद को ढीला कर चुका था। मै भाभीजी की गांड में लण्ड पेलें जा रहा था। भाभीजी को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। मै भाभीजी की गांड में जमकर लंड पेल रहा था।
” आईईईईई आईईईई आईईईई आह्ह आहाः आह्ह आहाः ओह सिसस्ससद आह्ह आह्ह बहुत दर्द हो रहा है साली।”
“दर्द में ही तो मज़ा आता है मेरी जान।”
तभी भाभीजी जवाब देने लगी और फिर कुछ ही देर में भाभीजी की चूत से पानी टपकने लगा। भाभीजी का फिर से पानी निकल चुका था।मैं अभी भी फूल मस्ती में डूबकर भाभीजी की गांड मार रहा था।
“आईईईई आईईईईई ओह सिसस्ससस्स बससस्स कुत्ते। अब रहने दे।। “अभी तो मेरे लण्ड की प्यास नहीं बुझी है मेरी रानी।”
फिर मैने जमकर भाभीजी की गांड मारी। अब मैंने भाभीजी को उठाकर बेड पर पटक दिया। अब मैंने फिर से भाभीजी की टांगे खोल दी।
” कचूमर बना दिया आज तो साले तूने।”
” वो तो बनना ही था भाभीजी”
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तभी मेने भाभीजी की चूत में लंड सेट कर तुरंत लंड ठोक दिया। अब मै भाभीजी की टांगे उठाकर उन्हें फिर से बजाने लगा। मेरा लंड फिर से भाभीजी की चूत के परखचे उड़ा रहा था।
” उन्ह ओह सिससस्स आहाहाह आह्ह आह्ह ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स।”
मैं झमाझम भाभीजी को बजा रहा था। भाभीजी की चूत में आज मेरा लंड तर बतर हो चूका था। मेरा लंड भाभीजी की रस मलाई खा चूका था। आज तो भाभीजी की लण्ड ठुकवा ठुकवा कर हालात पतली हो चुकी थी।
” आहाहाह आह्ह आह्ह उँह सिससस्स आहाहाह आह्ह ओह बससस्स कमीने। अब मेरी बस की बात नहीं है।”
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” क्या यार भाभीजी। आप भी बच्चो के जैसे बातें कर रही हो। अभी चोदने दो।”
” आह्ह आह्ह चल चोद ले।”
मैं भाभीजी को बजाये जा रहा था। तभी भाभीजी का एकबार फिर से निकल गया। भाभीजी बहुत बुरी तरह से पानी पानी हो चुकी थी। मै अभी भी भाभीजी की जमकर ले रहा था।
“ओह आहाहाह आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स बसस्ससस्स बसस्ससस्स।”
मेरा लण्ड भाभीजी को बहुत बुरी तरह से ठोक चूका था। अब तो भाभीजी की बस की बात नहीं थी।तभी मेने भाभीजी की चूत में लंड रोक दिया और फिर भाभीजी की चूत को मेरे लण्ड के पानी से भर दिया। अब मै भाभीजी के जिस्म से लिपट गया।
फिर बहुत देर तक हम दोनो ऐसे ही पड़े रहे। “बहुत बुरा पेला है आज तूने।”
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ऐसे ही पेलने में मज़ा आता है प्रतिभा।
” अब तो मेरी उठने की भी बस की बात नहीं है।”
अब आप आराम करो भाभीजी।
फिर मै और भाभीजी बहुत तक ऐसे ही पड़े रहे। भाभीजी की चुत से अभी भी पानी टपक रहा था। भाभीजी एकदम नंगी मेरी बाहों में थी। फिर बहुत देर बाद भाभीजी उठी। अब भाभीजी ने चड्डी पहनकर ब्रा पहन ली।फिर भाभीजी में पेटिकोट पहना और बलाउज पहनने लगी।अब भाभीजी ने फटाफट से बलाउज पहना और साड़ी पहनकर तैयार हो गई।
अब भाभीजी पोछा लेकर आई और फर्श पर लगे दागों को साफ करने लगी। मैं अभी भी नंगा ही पड़ा था। तभी भाभीजी को देखकर मेरा लण्ड फिर से कड़क होने लगा।
अब मै उठा और भाभीजी से फिर से चिपकने लगा। भाभीजी बैडरूम की चादर को सेट कर रही थी।
” अब क्या है कमीने? सबकुछ तो कर लिया?”
” मैं इस से आपको फ्री नहीं छोड़ सकता?”
तभी भाभीजी मुस्कुराने लगी ” अच्छा”
तभी मेने भाभीजी की गाँड़ पर चपेड मार दी। ” हाँ भाभीजी।”
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” तो क्या करना चाहता है अब तू?”
” वो ही करना चाहता हूँ जो आप चाहती हो।”
तभी मैने भाभीजी को दबोच लिया और उनके बोबो को पकड़ कर कसने लगा। भाभीजी कसमसाने लगी।
” ओह आहा सिससस्स आहा उन्ह आहा बच्चे आ जायँगे यार।”
” कोई नहीं आयेगा भाभीजी।”
भाभीजी बुरी तरह से कसमसा रही थी। इधर मेरा लण्ड भाभीजी की गाँड़ में लगातार दबाव बना रहा था। मैं पीछे से उनकी गर्दन और पीठ पर किस कर रहा था।
तभी मैंने भाभीजी को पलट कर सीधा कर लिया और फिर उनके रसीले होंठो को जा पकड़ा। अब भाभीजी बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी।
तभी मैंने भाभीजी को झट से बेड पर पटक दिया और तुरंत भाभीजी की चड्ढी खोल फेंकी। अब मेने भाभीजी की टांगो को ऊपर उठा दिया और भाभीजी की चुत में लण्ड सेट कर दिया।
अब मै भाभीजी को दे दना दन चोदने लगा। अब भाभीजी फिर से चीखने चिल्लाने लगी।
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” आह्ह आह्ह आईएईई ओह रोहित धीरे धीरे चोद यारर्रर्र। आईईईई मम्मी। आईईईई आहह।”
मैं भाभीजी को चोद चोद कर बुरी तरह से हिला रहा था। भाभीजी को फिर से उनकी मम्मी याद आने लगी थी। मै भाभीजी को जमकर चोद रहा था।
” आईईईई आईईईईई आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आईईईईई बसस्ससस्स।”
तभी कुछ ही झटकों में भाभी का पानी निकल आया। फिर मैंने भाभी को बहुत देर तक बजाया। अब मेरा लंड तृप्त हो चूका था।
अब भाभी उठी और उन्होंने चड्डी पहन ली।
” अब तो शांति मिल गई ना?”
” हां भाभीजी। मज़ा आ गया।”
” अब शाम को कोई ज़िद मत करना वर्ना तू शाम को भी मेरी लेनी के लिए पीछे पड़ा रहे।”
” शाम को देखा जायेगा । अगर मौका मिला तो ज़रूर लूंगा।”
” बहुत लालची हो गया है तू।”
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” हां भाभीजी। वो तो मै हूँ।”
अब भाभीजी अपने काम में लग गई और फिर मै भी कपड़े पहनकर मेरे कमरे में आ गया। आज भाभीजी को मस्ती से खूब पेला। मैं बहुत ज्यादा खुश था।
कोई भी भाभी, आँटी, लड़की दोस्ती करे।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी बताये ज़रूर–
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