Train sex story – Anal fuck sex story: मेरा नाम असलम है और मैं वेस्ट बंगाल के सिलिगुरी शहर से हूँ, मैं एक दिन किसी काम से जयपुर गया हुआ था और रास्ते में मुझे एक लड़की मिली जिससे मेरी सेटिंग हो गयी और उसने अपनी चूत तो मरवाई साथ ही मैंने उसकी गांड भी मारी, वो लड़की दिखने में गोरी चिट्टी थी मध्यम कद की पतली कमर वाली और उसके बूब्स गोल गोल थे, उसने नीली सलवार कुर्ता पहना हुआ था और मूड में थोड़ी शर्मीली लेकिन उत्सुक लग रही थी।
तो चलिए दोस्तों शुरू से शुरू करते हैं और मैं जब जयपुर से अपने घर के लिए रवाना हुआ तो कुछ दूर पहुंचते ही मैं ट्रेन में था, वैसे तो मेरी सीट एक कोच में थी लेकिन मैं ट्रेन में इधर उधर घूम रहा था और तभी मैंने देखा कि एक लड़की मुझे घूर घूर कर देख रही थी, मैंने थोड़ा ध्यान से देखा तो वो लड़की सच में बहुत सुन्दर थी, कद काठी में ठीक ठाक थी और उसके बाल लम्बे खुले हुए थे, मैं उसकी सामने वाली सीट पर जाकर बैठ गया और इशारों इशारों में हमारी बातचीत शुरू हो गयी, पहले मुस्कान फिर आँखों से इशारे और धीरे धीरे हल्की हँसी।
कुछ देर बाद मैं खड़ा हुआ और गेट के पास चला गया जहां हवा आ रही थी और ठंडक लग रही थी, कुछ देर बाद वो लड़की भी गेट के पास आ गयी और मैंने उसे अपना नंबर दे दिया फिर वहां से निकल गया, कुछ देर में ही उसका कॉल आया और आवाज में थोड़ी घबराहट थी लेकिन उत्सुकता ज्यादा।
कुछ देर बात करने के बाद मैंने फोन काट दिया क्योंकि मैं अपनी सीट पर वापस गया और वहां जाकर दुबारा कॉल किया, इस बार हमने पूरे दो घंटे कॉल पर बात की और हर बात में वो खुलती जा रही थी, बात करने के बाद मुझे पता चला कि उसका नाम पिंकी है और वो भी सिलिगुरी से है, वो यहां एग्जाम देने आई थी और अकेली आई है वैसे तो लेकिन एक सहेली उसके साथ है, फिर मैं थोड़ा थोड़ा खुल गया और उससे पूछा कि तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है।
उसने कहा पागल अगर मेरा फ्रेंड होता तो मैं तुमसे बात क्यों करती, मैं थोड़ा हंसा और उससे कहा सोरी, उसने कहा कोई बात नहीं, मैं फिर थोड़ा और खुलकर बात करने लगा और उससे पूछा कि तुमने कभी सेक्स किया है, वो कुछ देर तक शर्माती रही फिर बोली किया है सेक्स तो पर एक बार ही किया, उसकी आवाज में शर्म और उत्साह दोनों थे।
मैंने उससे कहा कि कल मिलें, उसने कहा मेरी एक शर्त है, मैंने कहा हाँ आपकी हर शर्त सर आँखों पर, उसने कहा मैं सेक्स नहीं करूंगी, मैंने कहा यार सेक्स के लिए थोड़ी मिलना होता है मैं तो किस से काम चला लूँगा और मन में सोचने लगा कि साली अगर चूत न मिले तो मिलना किस काम का लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा सिर्फ मन में सोचा।
मेरी बात सुनकर वो हंसने लगी और बोली अब सो जाओ मुझे नींद आ रही है, मैंने कहा यार मुझे तो आपसे बात करनी है पर चलो आप कहती हो तो सो जाओ, फिर उसने कहा चल ठीक है कुछ देर और कर लो बात, मैंने कहा कोई न यार सो जाओ वैसे भी थके होगे आप, उसने कहा गुस्सा मत करना सच्ची में यार बहुत नींद आ रही है मुझे, मैंने कॉल काट दिया और बस उसके बारे में सोचने लगा, अपने एक दोस्त को मेसेज किया कि कल एक माल लेकर आ रहा हूं और उसके साथ उसकी एक सहेली भी है शायद तेरा भी काम निकल जाए।
थोड़ी देर बाद उसने कहा यार ले आ बहुत दिन हो गए चूत के दर्शन हुए, सुबह पांच बजे ही उसका कॉल आ गया और उसने कहा गुड मॉर्निंग जी कैसे हो, मैंने कहा ठीक है जी आपके सपने देख रहा था, उसने कहा क्या सपना देखा, मैंने कहा कि अपने दोनों की शादी हो रही है सच्ची में मजेदार सपना था, इस बात से पिंकी बहुत खुश हो गयी क्योंकि आज मुझे उसकी चूत लेनी थी तो थोड़ा बहुत झूठ बोलना पड़ता है।
कुछ देर बाद हम उतर गए और साथ में मैं पिंकी और उसकी दोस्त रूम की तरफ निकल गए, हमने कैब बुक की थी जो मैंने ट्रेन में बैठे बैठे ही कर दी थी, आधे घंटे बाद हम तीनों मेरे दोस्त के रूम पर पहुंच गए और उसके पास दो रूम थे, एक तो उसने मुझे और पिंकी के लिए दे दिया और एक रूम में मेरा दोस्त और पिंकी की सहेली बैठ गए।
मेरे दोस्त ने हम चारों के लिए चाय बनाई और हम सभी ने नाश्ता किया, फिर मैं फ्रेश होकर बैठ गया और पिंकी भी फ्रेश होकर नहा कर बाहर आ गयी, सच में कसम से क्या माल लग रही थी, उसके गोल गोल बूब्स कुर्ते में उभरे हुए थे और उसकी बड़ी सी गांड सलवार में लहरा रही थी, मेरा तो उसकी गांड देखकर बुरा हाल हो रहा था, लंड खड़ा होने लगा।
वो मेरे पास आकर बैठ गयी और हम बातें करने लग गए, मैंने उसको कहा कि ऊपर बैठ जाओ बेड पर, उसने अपने सैंडल उतार दिए और बेड पर सही तरीके से बैठ गयी, मैं उसके नजदीक गया और उसके हाथ को टच किया, उसने कुछ नहीं कहा, मैं थोड़ा और नजदीक हुआ और उसको बेड पर लिटा दिया और उसके होंठों पर किस करने लगा, पहले हल्के हल्के चूमा फिर जीभ अंदर डाली और पांच मिनट बाद पिंकी भी मेरा साथ देने लग गयी, उसको भी वासना चढ़ गयी और वो बुरी तरह से मुझे किस करने लग गयी, मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसके बूब्स को पकड़ लिया और धीरे धीरे मसलने लगा, वो सांसें तेज ले रही थी।
मैं उसके बूब्स को मसलने लगा और एक बार तो उसने रोका लेकिन फिर कुछ नहीं बोली और मैं किस भी किए जा रहा था, उसके निप्पल कुर्ते के ऊपर से ही सख्त हो गए थे, मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत की तरफ बढ़ाया, उसने मेरे हाथ को पकड़ कर बोली ये नहीं करना, मैंने झूठ बोलते हुए कहा कि सेक्स नहीं कर सकता टच तो कर सकता हूं और किस तो कर सकता हूं, बोली ठीक है पर मुझे सेक्स नहीं करना।
मुझे और क्या चाहिए था, मैंने उसकी सलवार का नाडा खोला और सलवार नीचे सरका दी, फिर उसकी पैंटी को नीचे किया और अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी, उसकी चूत बिलकुल पानी पानी हो गयी थी और गर्म थी, साली बोल रही थी सेक्स नहीं करना लेकिन उसकी चूत तो लंड मांग रही थी, मैंने थान लिया था कि इसकी चूत तो लेनी है और इसकी गांड भी मारनी है आज।
जैसे ही उसकी चूत में उंगली डाली पिंकी की पुंगी बज गयी यानी उसके मुंह से आह्ह्ह्ह…. करके आवाजें आने लग गयी, मैंने उंगली अंदर बाहर करने शुरू कर दी और वो तड़पने लगी, मैं समझ गया कि अब माल रेडी है खाने के लिए, मैं नीचे झुका और उसकी चूत पर अपना मुंह सेट किया, पहले हल्के से चाटा फिर जीभ अंदर डालकर चोदने लगा, उसकी चूत का रस मीठा था और वो कमर उछाल रही थी, जब मैंने जीभ से उसकी चूत को चोदना शुरू किया तो पिंकी के मुंह से आह्ह्ह्ह…. यार…… क्या कर रहे हो …. निकलने लगा।
उसने मुझे रोका और खुद ही बोलने लग गयी कि यार प्लीज चुदाई करो मेरी, मुझे और क्या चाहिए था, मैंने अपना लंड बाहर निकाला जो पहले से ही मोटा और सख्त हो चुका था, उसकी चूत पर सेट किया और एक झटके से पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया, साली बोल रही थी कि मैंने एक बार सेक्स किया है लेकिन जिस प्रकार से उसकी चूत में लंड गया उस प्रकार से रोज चुदने वाली रंडी लग रही थी, चूत टाइट थी लेकिन गीली होने से आसानी से घुस गया।
मुझे क्या मतलब था मैं तो चुदाई में ध्यान देने लगा और मैंने उसकी टांगों को उठाकर अपने कंधे पर रख लिया और जमकर चुदाई करने लगा, हर धक्के में थप थप की आवाज आ रही थी और उसकी चूत से चप चप पानी निकल रहा था, मैं जैसे जैसे स्पीड बढ़ा रहा था वैसे वैसे उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लग गयी …. आआह्ह्ह… जोर से करो ……. फाड़ दो मेरी चूत को…. मैं मर रही हूं मरवाने के लिए…… बुझा दो मेरी आग…..और जोर से…… आःह्ह्ह……, वो मेरी पीठ पर नाखून गड़ा रही थी और कमर हिला रही थी।
कुछ देर बाद वो अकड़ने लगी और उसका शरीर कांपने लगा, उसका पानी निकल गया और चूत और गीली हो गयी, मैंने चुदाई जारी रखी बस पोजिशन चेंज की, मैंने उसको उठाकर घोड़ी स्टाइल में लाया और उसकी चूत में फिर से लंड डालकर कमर पकड़ कर चोदने लगा, उसकी गांड हिल रही थी और मैं थप्पड़ मार रहा था गांड पर, कुछ देर बाद मेरा निकलने वाला था तो मैंने उससे पूछा कि कहां निकालूं अपना माल, उसने कहा जहां तुम्हारा मन करे और मैंने अपना माल उसकी चूत में ही निकाल दिया, गर्म वीर्य भर दिया अंदर।
कुछ देर तक मैं और पिंकी ऐसे ही लेटे रहे और सांसें सामान्य हो रही थीं, कुछ देर बाद पिंकी खड़ी हुई और मेरे लंड के साथ खेलने लग गयी, जीभ से चाटने लगी और मेरे सामान को फिर से सख्त लंड में बदल दिया, अब मेरा मन उसकी गांड मारने का हुआ, मैंने उसे घोड़ी बनाया और अपने लंड पर काफी सारा थूक लगाया, फिर उसकी गांड से लेकर चूत तक लंड रगड़ने लगा, कभी गांड पर कभी चूत पर, उसको अहसास नहीं हुआ कि मैं क्या कर रहा हूं, मैं धीरे धीरे गांड को गीला कर रहा था।
जब उसकी गांड पूरी तरह गीली हो गयी तो मैंने एक दम से उसकी गांड में लंड पेल दिया, आधा लंड उसकी गांड में चला गया और जैसे ही आधा लंड अंदर गया उसकी चीख निकल गयी, पिंकी बोली यार कहां डाल रहे हो बाहर निकालो दर्द हो रहा है, मैंने कहा यार अब चला गया ये तो इसने अपना रास्ता बना लिया ये तो यहीं रहने दो, फिर भी वो मना करने लग गयी यार असलम प्लीज बाहर निकालो अपने लंड को दर्द हो रहा है।
मैंने एक न सुनी और एक और जोर से झटका मारा और पूरा लंड उसकी गांड में पेल दिया, अबकी बार मेरा पूरा लंड उसकी गांड में चला गया और उसकी एक और जोरदार चीख निकली, वो रोने लग गयी लेकिन मैं उसकी गांड की वासना में डूबा हुआ था, गांड बहुत टाइट थी और गर्म, मैं कुछ देर रुका ताकि वो सहज हो जाए फिर धीरे धीरे चुदाई शुरू कर दी, पहले हल्के धक्के फिर स्पीड बढ़ाई, कुछ देर बाद पिंकी को भी मजा आने लगा और वो खुद कमर हिलाने लगी, आह्ह्ह्ह…. उउफ्फ…. ओओह्ह्ह…. की आवाजें करने लगी, मैंने पंद्रह मिनट की चुदाई के बाद अपना सारा पानी उसकी गांड में निकाल दिया और साइड में लेट गया, कुछ देर बाद पिंकी ने मेरा लंड चूसना शुरू किया, जीभ घुमाकर साफ करने लगी।
मैंने ये देखकर पिंकी को बोला कि साली का मन नहीं भरता इतनी कितनी आग है तेरे अंदर, पिंकी हंसने लगी और मेरे लंड को चूसना जारी रखा, कुछ देर बाद मैंने फिर से उसकी चूत की चुदाई की, इस बार लपेट के पेला और वो भी पूरी मस्ती में थी, मैं अब थक गया और पिंकी भी बोली अब जाकर मेरी आग शांत हुई है।
मैंने अपने दोस्त को कॉल किया और उसने फोन उठाया तो उसकी सांस फूली हुई थी, मैं समझ गया कि उसने काम कर दिया यानी उसकी सहेली की चूत के मजे ले लिए हैं, कुछ देर बाद मेरा दोस्त बाहर निकला और उसने मेरी वाली और अपनी वाली को बाइक पर बिठाया और बस स्टैंड छोड़ आया ताकि वो अपने अपने घर जा सकें।
तो ये थी मेरी और ट्रेन में मिली लड़की की गांड मारने की अजीब कहानी आपको ये कहानी अच्छी लगी हो तो एक प्यारा सा कमेंट करना मत भूलना।