सुहागरात में चूत के गुलाम बने पतिदेव

सब पाठकों को मेरा प्रणाम। मेरा नाम प्रकृति है, पर लोग मुझे शीना बुलाते हैं। मैं एक पढ़ी-लिखी, मॉडर्न औरत हूँ, 40 साल की, और एक अच्छे परिवार से हूँ। मेरा फिगर 36C-30-36 है, रंग दूध सा गोरा, और कद 5 फुट 6 इंच, जो आम लड़कियों से थोड़ा ज्यादा है। मैं लखनऊ में अपने बेटे रौनक के साथ रहती हूँ। रौनक 18 साल का है, कॉलेज स्टूडेंट, थोड़ा शर्मीला और मेरी तरह गोरा। मेरे पति कौशल जी, 45 साल के, एक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। वो दुबले-पतले, गोरे, और चश्मा पहनने वाले पढ़ाकू टाइप के इंसान हैं। हम अलग रहते हैं, पर कभी-कभी मिलना-जुलना हो जाता है। रौनक ज्यादातर मेरे साथ रहता है। हमारा अलगाव मेरी वजह से हुआ। मेरी जिस्मानी भूख कुछ ज्यादा थी, और कौशल जी उसे पूरा नहीं कर पाते थे।

मुझे कोई शर्म नहीं कि मैंने अपनी हवस मिटाने के लिए कई बार हदें पार कीं। मेरी परवरिश इंदौर के खुले माहौल में हुई। कॉलेज के लिए हॉस्टल में रही, जहाँ शराब, सिगरेट और बाकी आदतें लग गईं। 25 की उम्र में मेरी शादी कौशल जी से हुई। वो भोपाल के हैं, मैं इंदौर की। पहली मुलाकात में वो सीधे-सादे लगे। घरवालों को पसंद थे, तो मैंने हाँ कर दी। शादी से पहले मेरे कई मर्दों के साथ रिश्ते रहे, और मेरे लिए प्यार का मतलब चुदाई था। शादी के बाद कौशल जी की जॉब की वजह से हम लखनऊ आ गए।

सुहागरात की रात मैं लहंगे में सजी-धजी, दूध का ग्लास लिए कमरे में बैठी थी। मेरा गोरा बदन, कसी चूचियाँ, और गोल-मटोल गाँड लहंगे में और निखर रही थी। कौशल जी लोवर और टी-शर्ट में आए। उनके चेहरे पर घबराहट थी। मैं भी थोड़ा शरमाई, पर वो तो जैसे पसीने-पसीने हो रहे थे। उनकी बहनें हमें छेड़ रही थीं, जिससे माहौल और अजीब हो गया। वो मेरे पास आए, मेरा घूंघट उठाया और मेरे चेहरे को देखते रहे। मेरी चिकनी जवानी उनकी साँसें रोक रही थी।

उन्होंने कुछ शायरी सुनाई और एक सोने का हार गिफ्ट किया। मैंने मुस्कुराकर कहा, “आप ही पहना दीजिए।” वो मेरे करीब आए, हार पहनाया, और उनका हाथ मेरे गले से सरकता हुआ मेरी चूचियों को हल्का छू गया। “सॉरी, गलती से लग गया,” वो झट से बोले। मैंने होंठ दबाकर हँसी छुपाई। मैंने दूध का ग्लास दिया। उन्होंने आधा पिया, बाकी मुझे दे दिया। मैंने भी पी लिया। वो मेरे पास बैठे और बोले, “शीना, तुम्हें छू सकता हूँ?”

मैं सोच में पड़ गई कि ये कैसा मर्द है, जो अपनी बीवी से इजाजत माँग रहा है। मैंने बस “जी” कहा और उनके पास खिसक गई। उनका हाथ मेरी कमर पर गया। वो धीरे-धीरे सहलाने लगे। “तुम बहुत सुंदर हो, शीना। यू लुक सो सेक्सी। सुहागरात पर मुझे कोई तोहफा नहीं दोगी?” मैं भूल गई थी कि पति को भी गिफ्ट देना होता है। मैंने सॉरी बोला। वो बोले, “कोई बात नहीं। मेरी मर्जी का तोहफा दे दो।”

मुझे समझ आ गया कि मर्द को और क्या चाहिए। चुदाई, वो भी अपने तरीके से। मैं तैयार थी। “बताइए, क्या चाहिए?” वो मेरी आँखों में देखकर बोले, “मेरी रानी बनोगी?” मैंने कहा, “बिल्कुल। आप मेरे राजा, मैं आपकी रानी।” वो बोले, “नहीं, राजा नहीं। तुम बस मेरी रानी बनो।” मैं कन्फ्यूज हो गई, पर हाँ कह दी। “थैंक्स, शीना। होप यू लाइक इट,” कहकर उनका हाथ मेरी कमर से जांघों तक गया। मुझे लगा, अब चूत में उंगली करेंगे। पर वो मेरे पैरों की उंगलियों तक पहुंचे और उन्हें सहलाने लगे।

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मैं निराश हो गई। मैंने पहले कई बार चुदाई की थी। मुझे लंड चाहिए था, न कि पैरों की मालिश। फिर सोचा, शायद यही इनका फोरप्ले है। मैंने आँखें बंद कीं और चुदाई की कल्पना करने लगी। उनकी उंगलियाँ मेरे पैरों से खेल रही थीं। “तेरे पैर कितने सेक्सी हैं, शीना,” वो बोले। मैंने बस “थैंक्स” कहा। तभी मेरे पैरों पर कुछ गीला लगा। आँखें खोलीं तो देखा, वो मेरी उंगलियाँ चाट रहे थे। “ये क्या कर रहे हो?” मैंने गुस्से में पूछा। “क्या हुआ? पसंद नहीं आया?” वो बोले। “ये गंदा तरीका है,” मैंने कहा।

“इसे फुटजॉब कहते हैं, शीना। ये रोमांस का आर्ट है,” वो बोले। “मुझे ये गंदगी पसंद नहीं, राज। बंद करो,” मैंने कहा। “क्यों? सुहागरात का तोहफा नहीं दोगी? तुमने तो कहा था कि मेरी रानी बनोगी,” वो बोले। “हाँ, मैं तुम्हारी रानी हूँ,” मैंने कहा। “तो गुलाम को खिदमत करने दे, रानी साहिबा,” कहकर वो फिर मेरे पैर चूसने लगे। मैं हैरान थी। मैंने ढेर सारी पॉर्न देखी थी। समझ गई कि मेरे पति सबमिसिव हैं। मैं चुपचाप उनके अंगूठा चूसने का खेल देखती रही।

“बस, अब कुछ और करो,” मैंने कहा। “जी, मलिका,” कहकर वो ऊपर आए। मेरे हाथ चूमे, चूड़ियाँ और जेवर उतारे। फिर मेरे गले की माला उतारी। मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रखे। वो मुझे देर तक चूमते रहे, जैसे कोई भूखा हो। “रानी साहिबा, गुलाम को खिदमत करने दे,” कहकर वो मेरे कपड़े उतारने लगे। पहले मेरा दुपट्टा हटाया, फिर ब्लाउज खोला। मेरी पिंक ब्रा देखकर उनकी साँसें तेज हो गईं। मेरी चूचियों को चूमा, फिर साड़ी और पेटीकोट उतार दिया। मैं ब्रा और पैंटी में थी।

मैंने भी उनके कपड़े उतारे। उनके अंडरवियर पर गीला दाग था। मैंने इग्नोर किया। वो बेड से उतरे और मुझे सोफे पर बुलाया। मैं सोफे पर बैठी, और वो मेरे सामने घुटनों पर। “रानी साहिबा, इजाजत दे,” कहकर वो फिर मेरे पैर चूमने लगे। मैं बोर हो रही थी। मैंने उन्हें खड़ा किया और उनका अंडरवियर उतारा। उनका 4 इंच का लंड आधा तना था। “रानी साहिबा, मेरा लंड गंदा है, प्लीज,” वो गिड़गिड़ाए। पर मैंने उनका लंड सहलाया और मुँह में ले लिया। “आह, रानी साहिबा, बस,” वो बोले। तभी उनका लंड अकड़ा और वो झड़ गए। उनका पतला, पानी सा माल इतना खराब था कि मैंने उसे फर्श पर थूक दिया।

“माफ कर दे, रानी साहिबा,” वो जमीन पर बैठ गए। मेरा गुस्सा फट पड़ा। “तुम इतने कमजोर हो, मुझे नहीं पता था। अपनी बीवी को तो खुश करो, वरना लोग तुम्हें नमर्द कहेंगे,” मैंने चिल्लाया। “यही हकीकत है,” वो सिकुड़कर बोले। मैंने उनके बाल पकड़े। “मैं तुम्हारे पास प्यासी रहने नहीं आई। मुझे खुश करो, वरना बदनाम कर दूँगी।” मैंने ब्रा और पैंटी उतारी और बेशर्मी से नंगी बैठ गई। “अगर गुलाम हो, तो मेरा लंड मेरी चूत में डालो,” मैंने हुक्म दिया।

“मुझसे नहीं होगा, रानी साहिबा। मैं दो बार झड़ चुका हूँ। इजाजत दे तो और तरीके से खुश करूँ,” वो बोले। मैं गुस्से और हवस में जल रही थी। मैंने हाँ कहा। उन्होंने मेरी टाँगें खोलीं और मुँह मेरी चूत पर रख दिया। वो कुत्ते की तरह चाटने लगे। मेरी चूत गीली हो गई। उनकी जीभ मेरी चूत के दाने को चूस रही थी। आधे घंटे बाद मैं झड़ने वाली थी। “रानी साहिबा, आपका रस पी लूँ?” उन्होंने पूछा। मैंने उनके सिर को चूत पर दबाया और झड़ गई। मेरा सारा माल उनके मुँह में गया।

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झड़ने के बाद मैं थोड़ा शांत हुई। बाथरूम जाकर साफ किया और लौटकर राज को उनका फर्श पर गिरा माल चटाया। “रानी साहिबा, जो तुम कहोगी, मैं करूँगा। मैं तुम्हारा गुलाम हूँ। तुम्हारी खुशी मेरे लिए सबकुछ है,” वो बोले। मैंने उन्हें जमीन पर सुलाया और बेड पर अकेले सोई। मेरी सुहागरात अधूरी रही। मेरी चूत की आग बुझी नहीं, और मैं रातभर तड़पती रही।

एक हफ्ते बाद हम हनीमून के लिए गोवा गए। मुझे पता था कि राज मुझे सुख नहीं दे पाएंगे, पर दिखावे के लिए जाना था। एयरपोर्ट पर फ्लाइट में एक घंटा बाकी था। राज पेपरवर्क के लिए गए। मैं लॉबी में जगह ढूंढ रही थी। तभी एक लड़का मुझे घूर रहा था। 6 फुट लंबा, काला, मस्कुलर, और टाइट शर्ट में उसकी बॉडी साफ दिख रही थी। उसकी नजरें मेरी चूचियों और गाँड पर थीं। मैंने मुस्कुराकर उसकी तरफ देखा और उसके पास बैठ गई। “हाय, मैं आर्यन, दिल्ली से। और तुम?” उसने हाथ मिलाया। मैंने बताया कि मैं शीना हूँ, हनीमून के लिए गोवा जा रही हूँ। वो गोवा के एक पब में बारटेंडर था।

“कहें तो मैं भी साथ चलूँ?” वो हँसकर बोला। मैंने भी हँसी में जवाब दिया, “क्यों नहीं!” उसने मुझे अपना कार्ड दिया। “इस होटल में आना, 25% डिस्काउंट मिलेगा।” तभी राज आ गए। हम तीनों फ्लाइट में बैठे। गोवा पहुँचकर आर्यन ने हमें ताज होटल में डिस्काउंट दिलवाया। रूम में मैंने राज को सोफे पर सुलाया और बेड पर सो गई। रात 10 बजे उठी। मैंने टाइट स्कर्ट और डीप-नेक टॉप पहना, जिसमें मेरी चूचियाँ उभर रही थीं। शॉवर लिया और पब चली गई। राज भी पीछे-पीछे आए।

पब में आर्यन बार पर शराब सर्व कर रहा था। मुझे देखकर उसने हाथ हिलाया। मैं बार पर गई। उसने मुझे टकीला दी। दो शॉट्स के बाद हम बातें करने लगे। उसकी शिफ्ट 12 बजे खत्म होने वाली थी। मैं डांस फ्लोर पर गई और नाचने लगी। मेरी स्कर्ट उछल रही थी, और मेरी गाँड सबकी नजरों में थी। 12 बज गए। मैंने राज से कहा, “डार्लिंग, आज मेरा मस्ती का मूड है। कुछ गड़बड़ मत करना।” वो चुपके से हाँ में सर हिलाए। मैं आर्यन के साथ नाचने लगी। वो मेरे इतने करीब था कि उसका बदन मुझसे टच हो रहा था। उसका हाथ मेरी गाँड को दबा रहा था, तो कभी मेरी चूचियों को छू रहा था। हर बार मेरी चूत गीली हो रही थी।

जब देर हुई, उसने कहा, “मुझे घर जाना है।” “कहाँ रहता है?” मैंने पूछा। “पास ही में,” वो बोला। “मुझे भी ले चल,” मैंने कहा। “राज को पता चला तो?” वो बोला। “उसके सामने उठाकर ले जा, वो कुछ नहीं बोलेगा,” मैंने हँसकर कहा। आर्यन ने मेरी गाँड पर जोर से चमाट मारी। आसपास के लोग सीटियाँ बजाने लगे। मैं आर्यन के साथ उसके घर चली गई। 1 किलोमीटर चलने के बाद हम उसके छोटे से फ्लैट में पहुँचे। वहाँ वाइन पी और म्यूजिक पर डांस करने लगे। डांस करते-करते उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मैंने भी उसे किस किया। मेरी चूत की आग भड़क रही थी।

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आर्यन ने मेरी स्कर्ट ऊपर की और पैंटी निकाल दी। मैं सिर्फ टॉप और ब्रा में थी। वो नीचे झुका और मेरी चूत चाटने लगा। उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को चूस रही थी। “प्लीज, आर्यन, चाटना छोड़। मेरी चूत पेल,” मैं चिल्लाई। वो हँसा। “साली कुतिया, तुझे जरूर पेलूँगा, पर पहले मेरा लंड तैयार कर।” मैं समझ गई। मैं बेड पर घुटनों के बल बैठी और उसके कपड़े उतारे। उसका 8 इंच का काला, मोटा लंड फनफना रहा था। मैंने उसे सहलाया और मुँह में लिया। उसका नमकीन स्वाद मेरे मुँह में घुल गया। मैं पागलों की तरह चूसने लगी। उसने मेरे बाल पकड़े और अपने टट्टे मेरे मुँह में घुसेड़ दिए। “चूस, कुतिया,” वो बोला। मैंने उसके टट्टों को चूसा और लंड को गीला कर दिया।

जब उसका लंड तैयार हुआ, उसने मुझे कुतिया बनने को कहा। “कंडोम डाल ले,” मैंने कहा। उसने मेरी गाँड पर जोर से चमाट मारी। “भोसड़ी की, चुप! कुतिया बन, वरना तेरी चूत का भोसड़ा बना दूं,” वो चिल्लाया। मैं हवस में डूबी थी। मैंने ब्रा और टॉप उतारा और कुतिया बन गई। उसने मेरी स्कर्ट ऊपर की और लंड मेरी चूत पर टिकाया। एक झटके में पूरा लंड अंदर पेल दिया। मेरे मुँह से चीख निकली। “आह, मार डाला, साले!” मैं आँखें बंद करके ठुकाई का मजा लेने लगी। आर्यन लय में मेरी चुदाई कर रहा था। “साली कुतिया, ले मेरा लंड! हरामजादी, क्या टाइट चूत है तेरी!” वो गालियाँ दे रहा था। उसका लंड मेरी चूत की गहराई में जा रहा था। मेरी चूचियाँ हिल रही थीं।

आधे घंटे बाद मेरी चूत अकड़ी और मैं झड़ गई। मेरा रस उसकी जांघों पर बह रहा था। पर वो रुका नहीं। वो और जोर-जोर से पेल रहा था। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था। “आह, साले, और जोर से! मेरी चूत फाड़ दे!” मैं चिल्ला रही थी। वो मेरी गाँड पर चमाट मार रहा था। एक घंटे बाद वो झड़ने वाला था। उसने मुझे बिठाया और मेरी चूचियों पर अपना माल छोड़ दिया। मैंने उसका माल चाटा और उसके लंड को साफ किया। फिर उसने मुझे बेड पर पटका और दोबारा चोदा। इस बार उसने मेरी गाँड में उंगली डाली और मुझे और गर्म कर दिया। रातभर वो मुझे पेलता रहा। मैं चार बार झड़ी। सुबह 10 बजे उठी और होटल पहुंची।

राज मेरा इंतज़ार कर रहे थे। “वेलकम, क्वीन,” कहकर उन्होंने मुझे गले लगाया। मैं शर्म से उनके गले लगी और किस किया। फिर सोचा, इन्हें भी कुछ मजा दूँ। मैंने उनकी पैंट उतारी और उनका छोटा सा लंड मुँह में लिया। दो मिनट में उनका माल मेरे मुँह में छूट गया। मैंने उसे थूक दिया। मेरी जिंदगी में और भी कई किस्से हैं। मैं उन्हें आगे शेयर करूँगी। मैं अपनी जिंदगी के और कांड लाती रहूँगी।

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  1. मोटे लंबे टाइट हथियार की शौकीन संस्कारी घोड़ी या पाकिजा मोहतरमा है क्या कोई, जिसके संस्कार और मजहब अपनी गहराई नपवाना चाहते हो, जिसको चुपके से मजे लेने हो। ❤️ कोई स्कूल गर्ल, कॉलेज गर्ल, अविवाहित फीमेल, हाऊसवाईफ, तलाकशुदा महिला, विधवा, आंटी जो प्यासी या असंतुष्ट हो पुरी गुप्त तरीके से संबन्ध रखना चाहती हो तो पुरी privacy की गारंटी मेरी है बेहिचक मुझे इनबॉक्स में मेसेज करें ..❤️ मैं एक हाई प्रोफाइल ब्रीडर हूं, मैं इंजीनियर और हार्ड फकर हूं… मेरा मूसल लंड देखना चाहता हो तो Msg करो… चुत और लंड का कोई मजहब या धर्म नहीं होता..❤. ये दो तो बस एक दूसरे में समानाचाहते हैं ❤️💋😍

    औरत 🧕को जब येह यकीन हो जाए की जिस मर्द 🐂 से वो चुदवा रही है वो उसकी समाज में बनी प्रतिष्ठा को कोई आहत नही पहूँचायेगा और वही मर्द उसको चरम सुख 👉👌💦भी देता है तोह ऐसे मर्द 🕺 हर औरत 💃की पेहली पसंद होते हैं 😘💋😍❤️

    किसी हाउस वाइफ 🤱को सच मे प्यार 🍆🫦👉👌💦की जरूरत है जिसके पति🤦‍♂️ प्यार नही करते या बाहर रहते है अकेली पड़ जाती हो तो वो मुझे मेसेज करो सबकुछ दोनो के बीच ही रहेगा हाउसवाइफ या लड़की मैसेज करे❤️

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