सुहागरात की प्रैक्टिस

First time chudai हाय, मेरा नाम रोहन है, और मैं सूरत से हूँ। मैं एक कुंवारा लड़का हूँ, उम्र 24 साल, और मेरा रंग गोरा है। मेरा कद 5 फीट 10 इंच है, और मैं फिटनेस का शौकीन हूँ, तो शरीर भी कसा हुआ है। मैं बचपन से ही अपनी एक मौसी के यहाँ आता-जाता रहा हूँ। उनकी फैमिली से मेरा बहुत गहरा लगाव है। मौसी का घर हमारे शहर से तीन घंटे की दूरी पर है। उनके तीन बच्चे हैं—दो लड़के और एक लड़की। दोनों लड़के बाहर पढ़ाई करते हैं, तो घर पर ज्यादातर मौसी और उनकी लड़की नीरू ही रहती हैं। नीरू, जो सबसे बड़ी है, 22 साल की है। उसकी पढ़ाई पूरी हो चुकी थी, और मौसी उसके लिए लड़का ढूंढ रही थीं। नीरू का रंग एकदम दूध सा गोरा है, कद 5 फीट 8 इंच, और उसका फिगर 34-28-36 का है। उसकी चूचियाँ इतनी मस्त थीं कि उसकी टाइट टी-शर्ट में से साफ दिखती थीं, और जीन्स में उसकी गाँड का उभार किसी का भी लंड खड़ा कर दे। उसकी आँखें बड़ी-बड़ी थीं, और होंठ गुलाबी, जो उसे और सेक्सी बनाते थे। suhaagraat ki practice

एक दिन मैं मौसी के यहाँ गया। उस दिन दिल्ली से एक फैमिली नीरू को देखने आई थी। लड़का अच्छा-खासा सुंदर था, पढ़ा-लिखा, और नौकरीपेशा। नीरू उस दिन साड़ी में थी, और इतनी हॉट लग रही थी कि मैं उसे देखता ही रह गया। मौसी ने दिल्ली वालों की खूब खातिरी की। लड़के वालों को नीरू पसंद आ गई, और बात पक्की हो गई। वो लोग वापस दिल्ली चले गए। मौसी बहुत खुश थीं। उन्होंने अपने दोनों लड़कों को फोन पर ये खबर दी, जो एग्जाम की वजह से नहीं आ पाए थे। मौसी ने कहा कि शादी की तारीख जल्दी ही तय हो जाएगी, और ढेर सारी तैयारियाँ करनी हैं। चूंकि उनके लड़के एक महीने तक नहीं आ सकते थे, मौसी ने मुझसे कहा कि मैं उनकी मदद करूँ। मैंने घर पर फोन करके बता दिया कि मैं एक महीने तक मौसी के यहाँ रुकूँगा।

अगले दिन से मैं मौसी के घर रहने लगा। हम दिनभर शादी की तैयारियों में लगे रहते—शॉपिंग, पैकिंग, और बाकी काम। नीरू अपनी पसंद का सामान खरीद रही थी। उसकी शादी की उमंग देखकर मुझे भी मजा आ रहा था। ऐसे ही दस दिन बीत गए। एक दिन अचानक फोन आया कि नीरू के होने वाले ससुर का एक्सीडेंट हो गया है। मौसी ये सुनकर बहुत परेशान हो गईं। उन्होंने कहा कि दिल्ली जाकर उनका हाल-चाल पूछना चाहिए। पहले तो मौसी ने मुझे साथ चलने को कहा, लेकिन फिर बोलीं कि नीरू अकेली रह जाएगी, इसलिए मैं यहीं रुकूँ। हमने मौसी को ट्रेन में बिठाया और घर वापस आ गए।

रात को हम सोने की तैयारी कर रहे थे। नीरू ने कहा, “रोहन, मुझे रात को अकेले नींद नहीं आती।” मैंने मजाक में कहा, “अब तो तुझे अपने पिया जी के साथ ही सोना है, प्रैक्टिस शुरू कर दे!” वो शरमा गई और हल्के से मुस्कुराई। हम दोनों काफी खुलकर बात करते थे। नीरू ने पूछा, “रोहन, तू कभी किसी लड़की के साथ सोया है?” मैंने कहा, “नहीं, अभी तक तो मौका ही नहीं मिला। हाँ, मेरी एक गर्लफ्रेंड है, उसके साथ बस चूमाचाटी हुई है।” नीरू बोली, “मुझे शादी से बहुत डर लगता है। मेरी सहेलियाँ बताती हैं कि जब पति सेक्स करता है, तो बहुत दर्द होता है।” मैंने कहा, “हाँ, शुरू-शुरू में दर्द होता है, लेकिन बाद में बहुत मजा आता है।” वो बोली, “मजा तो ठीक है, लेकिन दर्द हुआ तो मैं क्या करूँगी? नए घर में किसी से कह भी नहीं पाऊँगी।”

वो उदास होकर बोली, “मुझे तो सेक्स का कोई एक्सपीरियंस ही नहीं है। मैं अपने पति को कैसे खुश करूँगी? मेरी सहेलियाँ कहती हैं कि जो लड़की अपने पति को सेक्स में खुश रखती है, वो उसकी हर बात मानता है। मैं अपने पति को खुश करना चाहती हूँ।” मैंने कहा, “क्यों ना शादी से पहले सेक्स का मजा ले लिया जाए? थोड़ा प्रैक्टिस हो जाए।” वो गुस्से में बोली, “ये गलत बात है! अगर किसी को पता चल गया तो?” मैंने कहा, “जब तू किसी को बताएगी ही नहीं, तो किसी को कैसे पता चलेगा?” वो बोली, “लेकिन सेक्स के लिए लड़का भी तो चाहिए। वो कहाँ से आएगा?” मैंने हँसते हुए कहा, “मैं हूँ ना! मेरे साथ क्यों नहीं ट्राई करती?” वो और गुस्सा हो गई और बोली, “रोहन, तुझे शर्म नहीं आती? मैं तेरी बहन हूँ, और तू मेरे साथ ये सब सोच रहा है?” मैंने कहा, “तू मेरी मौसेरी बहन है, और पहले एक लड़की है। इसमें क्या गलत है?” वो नहीं मानी और नाराज होकर दूसरे कमरे में चली गई। मैंने भी जबरदस्ती करना ठीक नहीं समझा और अपने कमरे में सो गया।

अगले दिन सुबह नीरू मुझसे बात नहीं कर रही थी। उसने मेरा नाश्ता टेबल पर रखा और मैगजीन पढ़ने अपने कमरे में चली गई। तभी एक फोन आया। मैंने फोन उठाया तो नीरू की सहेली रश्मि थी। मैंने नीरू को आवाज दी, और वो फोन पर बात करने लगी। थोड़ी देर बाद उसने बताया कि रश्मि आने वाली है। कुछ देर बाद डोरबेल बजी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने एक बहुत ही सेक्सी लड़की खड़ी थी। उसका नाम रश्मि था, उम्र 23 साल, कद 5 फीट 6 इंच, और फिगर 36-26-38। उसका रंग हल्का सांवला था, लेकिन उसकी बड़ी-बड़ी आँखें और मोटी गाँड उसे गजब की हॉट बनाती थी। उसने टाइट जीन्स और क्रॉप टॉप पहना था, जिसमें से उसकी चूचियाँ उभरी हुई दिख रही थीं। उसने पूछा, “नीरू कहाँ है?” मैंने कहा, “ऊपर कमरे में है।” वो ऊपर चली गई, और मैं नीचे हॉल में कंप्यूटर पर टाइम पास करने लगा।Cousin behan sex story

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लगभग एक घंटे तक ऊपर से कोई आवाज नहीं आई। मुझे लगा कुछ तो गड़बड़ है। मैं ऊपर गया और देखा कि कमरे का दरवाजा बंद था। मैंने बिना नॉक किए दरवाजा खोला और अंदर गया। दोनों बेड पर बैठी थीं। मैं उनके पास गया और बोला, “नीचे मैं बोर हो रहा था। अगर तुम्हें बुरा ना लगे तो मैं थोड़ी देर यहाँ बैठ जाऊँ?” नीरू चुप रही, लेकिन रश्मि बोली, “इसमें पूछने की क्या बात है? बैठ ना!” मैं उनके पास बेड पर बैठ गया। मैंने गौर से देखा तो दोनों की साँसें तेज चल रही थीं। उनकी आँखों में अजीब सी चमक थी। रश्मि बार-बार मेरी नजरें चुराकर अपनी चूत पर खरोंच रही थी और नीरू की तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी। मुझे कुछ समझ नहीं आया।

थोड़ी देर बाद रश्मि बोली, “रोहन, नीरू को शादी से डर लगता है। तू उसका डर दूर करने में मदद क्यों नहीं करता?” मैंने कहा, “मैं तो मदद करना चाहता हूँ, लेकिन नीरू नहीं चाहती।” रश्मि ने नीरू से पूछा, “क्या बात है, नीरू?” नीरू बोली, “रोहन मेरा भाई है। मैं ये ठीक नहीं समझती कि मैं अपने भाई के साथ सेक्स का एक्सपीरियंस लूँ।” रश्मि हँसी और बोली, “ठीक है, लेकिन घर के लड़के के साथ ये अनुभव लेना सही है। बाहर के लड़कों का कोई भरोसा नहीं।” नीरू बोली, “लेकिन रोहन के साथ मैं ये सब सोच भी नहीं सकती।” रश्मि ने बम फोड़ते हुए कहा, “देख, मैं तो अपने सगे भाई के साथ चुदाई का मजा लेती हूँ।” नीरू हैरान होकर बोली, “क्या कह रही है तू?” रश्मि बोली, “सेक्स का मजा लेने के लिए मुझे अपने भाई से अच्छा लड़का कौन मिलेगा?” नीरू बोली, “रश्मि, तुझे तो सेक्स का एक्सपीरियंस है। क्या ऐसा नहीं हो सकता कि तू मेरे सामने अपने भाई से चुदवाए?”

रश्मि मान गई और अपने घर फोन किया, लेकिन उसका भाई घर पर नहीं था। उसने मोबाइल पर बात की, तो उसका भाई बोला कि वो आज नहीं आ सकता। रश्मि ने नीरू से कहा, “मैं कल फिर आ जाऊँगी।” नीरू बोली, “कल तो मम्मी भी आ जाएँगी। फिर मुझे ये सब देखने का मौका नहीं मिलेगा।” रश्मि ने कहा, “एक आइडिया है। अगर रोहन को कोई ऐतराज ना हो, तो मैं रोहन से चुदाई करवा सकती हूँ। मुझे नया लंड मिलेगा, और तेरा काम भी हो जाएगा।” मैंने तपाक से कहा, “अंधा क्या चाहे, दो आँखें! मैं तैयार हूँ।”

इतना कहते ही मैंने रश्मि को पकड़ लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसके नाजुक होंठ इतने रसीले थे कि मैं बस चूसता ही चला गया। मैंने उसके निचले होंठ को अपने मुँह में लिया और जीभ से चाटने लगा। कभी-कभी मैं उसके होंठों को हल्के से काट लेता, तो वो सिसकारी भरती, “आआह्ह्ह… रोहन… धीरे…” मैं पूरे जोश में था। मैंने उसकी टी-शर्ट के ऊपर से ही उसकी चूचियों को पकड़ लिया और जोर-जोर से दबाने लगा। वो मचलने लगी और बोली, “हाय… रोहन… थोड़ा धीरे… आआह्ह्ह…” ये मेरा पहला सेक्स एक्सपीरियंस था, और मैं वो सब करना चाहता था जो मैंने ब्लू फिल्मों में देखा था। मैंने उसकी टी-शर्ट उतारी और बेड पर फेंक दी। अब वो मेरे सामने ब्रा और जीन्स में थी। उसकी ब्रा में से उसकी चूचियाँ बाहर निकलने को बेताब थीं। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को मुँह में लिया और चूसने लगा। रश्मि से रहा नहीं गया, और उसने पीछे से अपनी ब्रा खोल दी।

उसकी चूचियाँ आजाद हो गईं। क्या मस्त चूचियाँ थीं! हल्के गुलाबी रंग की, और निप्पल्स एक इंच के, जो उत्तेजना में पूरी तरह टाइट हो चुके थे। मैंने उसके निप्पल्स को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा। वो सिसकारियाँ ले रही थी, “आआह्ह्ह… रोहन… और चूस… हाय…” नीरू ये सब देखकर पागल हो रही थी। वो टकटकी लगाए हमारा खेल देख रही थी। मैंने अपना एक हाथ रश्मि के शरीर पर फेरना शुरू किया। उसका चिकना पेट और पीठ जैसे संगमरमर के थे। मेरा हाथ उसके शरीर पर फिसल रहा था। फिर मैंने अपना हाथ नीचे ले जाकर उसकी जीन्स के अंदर डालने की कोशिश की। उसकी जीन्स इतनी टाइट थी कि मुझे दिक्कत हो रही थी। रश्मि ने मेरी परेशानी समझी और अपना पेट अंदर खींचा। मैंने अपना हाथ जीन्स के अंदर डाला और उसकी चूत तक पहुँच गया। उसकी चूत इतनी मुलायम थी कि मैं बस उसे सहलाता रहा। उसने अपनी झांटें शेव की थीं, लेकिन हल्के-हल्के बाल फिर से उग आए थे, जो मेरी उंगलियों को गुदगुदा रहे थे।

मैंने उसकी जीन्स का हुक खोला, और उसने फटाक से अपनी जीन्स उतार दी। अब वो सिर्फ पैंटी में थी। मैंने उसके शरीर को ऊपर से नीचे तक देखा और बस देखता ही रह गया। उसकी मोटी जांघें और चिकना गोरा जिस्म किसी को भी पागल कर दे। मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को जोर से पकड़ लिया और दबाने लगा। वो तिलमिला उठी और बोली, “रोहन, तू भी तो अपने कपड़े उतार!” उधर नीरू ये सब देखकर पूरी तरह गरम हो चुकी थी और अपनी चूत को अपने हाथ से मसल रही थी। मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतारी। नीरू बोली, “रोहन, मैं तेरे कपड़े उतार दूँ?” मैं खड़ा हो गया, और नीरू ने मेरी बनियान और अंडरवियर तक उतार दिया। मेरा लंड अंडरवियर में तना हुआ था। नीरू उसे हैरानी से देखते हुए बोली, “तेरा तो पूरा खड़ा हो गया है!”

रश्मि ने मेरे अंडरवियर में हाथ डाला और मेरा लंड पकड़ लिया। उसके हाथ का स्पर्श इतना गर्म था कि मैं जैसे सातवें आसमान पर पहुँच गया। वो अंडरवियर के अंदर ही मेरे लंड को सहला रही थी। मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मैंने कहा, “रश्मि, अब तू लेट जा। मैं तेरी चूत में अपना लंड डालना चाहता हूँ।” रश्मि हँसी और बोली, “पागलों जैसी बात कर रहा है! अभी तो खेल शुरू हुआ है, और तू इसे खत्म करने की बात कर रहा है? चुप रह, और मुझे काम करने दे।” उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे पेट पर बैठ गई। उसने मेरा अंडरवियर नीचे सरकाया, और मेरा 7 इंच का तना हुआ लंड बाहर आ गया। उसने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और झुककर उस पर एक किस किया। नीरू ये देखकर बोली, “ये तू क्या कर रही है?” रश्मि बोली, “तू चुपचाप देखती रह।”

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फिर रश्मि ने अपना मुँह खोला और मेरे लंड का सुपाड़ा अपने मुँह में ले लिया। मैं जोश में आ गया। मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं नीचे से अपनी कमर उठाने लगा। रश्मि ने मुझे मना किया और धीरे-धीरे मेरे सुपाड़े को चूसने लगी। मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह टाइट हो गया था। अब उसने मेरा आधा लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। वो अपने मुँह को मेरे लंड पर ऊपर-नीचे कर रही थी। ये मेरा पहला मौका था जब किसी लड़की ने मेरा लंड अपने मुँह में लिया था। मेरी उत्तेजना चरम पर थी। मैंने रश्मि से कहा, “मेरा माल निकलने वाला है!” उसने मेरी बात अनसुनी कर दी और और जोर से चूसने लगी। मैं खुद को रोक नहीं पाया, और मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी। रश्मि ने मेरा सारा वीर्य अपने मुँह में ले लिया।

वो खड़ी हुई और नीरू के पास गई। उसने अपना मुँह खोलकर नीरू को दिखाया, जिसमें मेरा वीर्य था। नीरू हैरानी से देख रही थी। अचानक रश्मि ने नीरू के बाल पकड़े और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसने मेरा आधा वीर्य नीरू के मुँह में डाल दिया। नीरू को जैसे उल्टी होने लगी, और वो भागकर बाथरूम चली गई। रश्मि ने बाकी वीर्य पी लिया और अपने होंठों पर जीभ फेरने लगी। नीरू बाहर आई और गुस्से में बोली, “तूने ये क्या किया? इतनी गंदी चीज मेरे मुँह में डाल दी!” रश्मि बोली, “जिसे तू गंदी चीज कह रही है, वो बहुत कीमती है। जो लड़की इसका नियमित सेवन करती है, उसे कोई बीमारी नहीं होती।” नीरू चुप हो गई और बेड पर बैठ गई।

मेरा लंड अब सिकुड़कर मेरी जांघों के बीच लटक रहा था। मैंने रश्मि से कहा, “अब क्या करूँ? तूने तो मेरी जान निकाल दी। मैं तेरी चुदाई करना चाहता था, लेकिन अब लगता है मेरे लंड में जान ही नहीं बची।” रश्मि कुछ नहीं बोली। वो मेरे पास आई और मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी। उसने फिर से मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। उसने मेरा हाथ पकड़कर अपनी चूची पर रखा और दबाने को कहा। मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा। मेरे लंड में फिर से हरकत होने लगी। लगभग 15 मिनट की चुसाई के बाद मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा हो गया।

रश्मि अब बेड पर चित लेट गई और अपनी टाँगें फैलाकर मुझे अपने बीच में आने को कहा। मैं उसकी टाँगों के बीच आ गया। उसकी चूत साफ दिख रही थी—हल्की गुलाबी, और थोड़ी गीली। रश्मि बोली, “मेरी चूत को अपनी जीभ से चाट, जैसे मैंने तेरा लंड चूसा।” मैं नीचे झुका और अपनी जीभ उसकी चूत पर रगड़ने लगा। जैसे ही मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाली, वो सिसकारियाँ लेने लगी, “आआह्ह्ह… रोहन… और चाट… हाय…” उसने मेरे बाल पकड़ लिए और अपनी चूत को मेरे मुँह पर रगड़ने लगी। उसकी चूत से हल्का-हल्का पानी बह रहा था, जिसे मैं चाट रहा था। अचानक उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया। मैं उसका मुँह हटाने लगा, लेकिन उसने मेरा सिर पकड़ लिया और बोली, “मेरी चूत का सारा पानी चाटकर साफ कर!” मैंने वैसा ही किया।

अब रश्मि बोली, “अपना लंड मेरी चूत पर रख।” मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और धीरे-धीरे अंदर डालने लगा। उसकी चूत पहले से गीली थी, तो मेरा सुपाड़ा आसानी से अंदर चला गया। मैं धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत में डाल रहा था। जब मेरा पूरा 7 इंच का लंड उसकी चूत में समा गया, उसने कहा, “थोड़ी देर रुक।” मैं रुका रहा, और मेरा लंड उसकी चूत में फंसा हुआ था। थोड़ी देर बाद रश्मि ने नीरू को अपने पास बुलाया और बोली, “ध्यान से देख, लंड चूत में कैसे अंदर-बाहर होता है।” फिर उसने मुझसे धक्के लगाने को कहा। मैं धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा। रश्मि ने नीरू की चूचियों को टी-शर्ट के ऊपर से पकड़ लिया और मसलने लगी। नीरू ने कोई विरोध नहीं किया। वो हमारी चुदाई देखकर पूरी तरह गरम हो चुकी थी।

रश्मि ने कहा, “रोहन, अब स्पीड बढ़ा।” मैंने तेजी से धक्के लगाने शुरू किए। हर धक्के के साथ उसकी चूचियाँ हिल रही थीं, और वो सिसकारियाँ ले रही थी, “आआह्ह्ह… हाय… और जोर से… फक मी… आआह्ह्ह…” उसकी चूत की गर्मी और टाइटनेस मुझे पागल कर रही थी। मैंने उसे 10 मिनट तक “घोड़ी” स्टाइल में चोदा, फिर उसे बेड पर लिटाकर उसकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं और फिर से धक्के मारने लगा। हर धक्के के साथ उसकी चूत से “पच-पच” की आवाज आ रही थी। लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था। मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और उसका सारा वीर्य उसकी चूत में उड़ेल दिया।

कुछ देर हम वैसे ही पड़े रहे। फिर रश्मि उठी और बाथरूम में अपनी चूत साफ करने चली गई। इधर नीरू की आँखें लाल हो रही थीं, और उसकी चूत में खुली हो रही थी। रश्मि बाहर आई और नीरू से बोली, “तूने सब देख लिया। अब तो तुझे डर नहीं लग रहा?” नीरू बोली, “तू तो कई बार चुदवा चुकी है, तुझे दर्द नहीं हुआ। लेकिन मैं तो अपने पति से पहली बार चुदवाऊँगी।” रश्मि बोली, “तू भी रोहन से चुदवा ले। तेरी चूत थोड़ी खुल जाएगी, तो बाद में दर्द नहीं होगा।” मैंने नीरू से कहा, “जब तू रश्मि के भाई से चुदवाने को तैयार है, तो मुझसे क्या परेशानी है?” नीरू बोली, “ठीक है, लेकिन तू कोई जबरदस्ती मत करना।”

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मैंने कहा, “ठीक है।” रश्मि बोली, “मैं तुम दोनों को गाइड करूँगी।” मैंने नीरू को पकड़ लिया और उसकी टी-शर्ट उतारने लगा। वो बोली, “मुझे शर्म आती है।” मैंने कहा, “जब मैं तेरे सामने नंगा खड़ा हूँ, तो कैसी शर्म?” इतना कहकर मैंने और रश्मि ने मिलकर नीरू के सारे कपड़े उतार दिए। नीरू की कच्ची जवानी गजब ढा रही थी। उसकी चूत पर बड़ी-बड़ी झांटें थीं, जो उसे और सेक्सी बना रही थीं। रश्मि बोली, “तूने इन्हें साफ नहीं किया?” नीरू बोली, “मुझे करना नहीं आता।” रश्मि बाथरूम से मेरा शेविंग रेजर ले आई और नीरू को बेड पर लिटाकर उसकी झांटें साफ कर दीं। अब नीरू की चूत एकदम चिकनी और गुलाबी दिख रही थी, जैसे जंगल काटकर चिकनी सड़क बना दी हो।

मैंने नीरू से कहा, “रश्मि की तरह मेरा लंड चूस।” उसने कहा, “तू मेरे मुँह में अपना पानी मत छोड़ना।” मैंने कहा, “ठीक है।” नीरू नीचे बैठ गई और मेरे लंड को चूसने लगी। पहले तो वो सिर्फ सुपाड़े को चूस रही थी, लेकिन जब रश्मि ने उसकी चूत सहलानी शुरू की, तो वो जोश में आ गई और मेरा पूरा लंड जोर-जोर से चूसने लगी। मैं खुद को रोक नहीं पाया, और मेरे लंड ने उसके मुँह में पिचकारी छोड़ दी। नीरू ने मुँह हटाने की कोशिश की, लेकिन रश्मि ने उसका मुँह पकड़ लिया और उसे मेरा वीर्य पीने के लिए मजबूर किया। नीरू की आँखों में आँसू आ गए, और वो उबकाइयाँ लेने लगी। जब मेरा सारा वीर्य उसके गले से नीचे उतर गया, तब रश्मि ने उसका मुँह छोड़ा। नीरू गुस्से में बोली, “मैंने कहा था मेरे मुँह में मत करना!” मैंने कहा, “सॉरी, तू इतनी मस्ती से चूस रही थी, मैं रोक नहीं पाया।”

थोड़ी देर बाद नीरू नॉर्मल हुई। मैंने उसे बेड पर लेटने को कहा। वो लेट गई, और मैं उसके ऊपर आ गया। मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसे इतना मजा आ रहा था कि वो अपनी गाँड उठा-उठाकर मेरे मुँह पर अपनी चूत रगड़ रही थी। वो चिल्ला रही थी, “आआह्ह्ह… और जोर से… मैं मर रही हूँ… ओह्ह्ह… जोर से चाट…” अचानक उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, और मैंने उसका सारा पानी चाट लिया। रश्मि नीरू के बगल में लेट गई और बोली, “रोहन, अब नीरू को चोद, लेकिन अपना पानी उसकी चूत में मत छोड़ना। जब तू झड़ने वाला हो, तो अपना लंड उसकी चूत से निकालकर मेरी चूत में डाल देना।”

मैं नीरू की टाँगों के बीच आ गया और अपना लंड उसकी चूत पर रखा। उसकी चूत एकदम टाइट थी। मैंने धीरे से दबाया, तो वो चिल्लाई, “नहीं… मुझे दर्द हो रहा है!” रश्मि बोली, “बाथरूम से थोड़ा तेल ले आ।” मैं तेल लाया। रश्मि ने मेरे लंड पर तेल लगाया और नीरू की चूत में 2-4 बूँदें टपका दीं। तेल की वजह से मेरा लंड चमकने लगा। नीरू अपनी आँखें बंद किए लेटी थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और हल्का सा धक्का दिया। मेरा सुपाड़ा उसकी चूत में चला गया। वो जोर से चिल्लाई, “ओह्ह्ह… माँ… मर गई… मेरी चूत फट गई!” उसने मुझे धक्का दिया, तो मेरा सुपाड़ा बाहर निकल गया। रश्मि बोली, “पहली बार ऐसा होता है। अब दर्द नहीं होगा।”

मैंने फिर से अपना लंड उसकी चूत पर रखा और धीरे-धीरे दबाने लगा। अचानक रश्मि खड़ी हुई और मेरी पीठ पर चढ़ गई। मेरा लंड एकदम से नीरू की चूत में गहराई तक घुस गया। नीरू जोर-जोर से चिल्लाने लगी। मैंने उसका मुँह अपने हाथ से बंद कर दिया। उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे, और वो छटपटाने लगी। मैं कुछ देर वैसे ही पड़ा रहा। थोड़ी देर बाद नीरू का दर्द कम हुआ, और वो अपनी कमर हिलाने लगी। रश्मि बोली, “अब धीरे-धीरे धक्के मार।” मैं धीरे-धीरे नीरू को चोदने लगा। वो अब मेरा पूरा साथ दे रही थी। थोड़ी देर बाद नीरू बोली, “अब जोर-जोर से चोद!” मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। अब मैं पूरी तेजी से नीरू को चोद रहा था। वो भी अपनी गाँड उठा-उठाकर मजा ले रही थी। हर धक्के के साथ उसकी चूत से “पच-पच” की आवाज आ रही थी, और वो सिसकारियाँ ले रही थी, “आआह्ह्ह… और जोर से… फाड़ दे मेरी चूत… ओह्ह्ह…”

लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था। मैंने अपना लंड नीरू की चूत से निकाला और बगल में लेटी रश्मि की चूत में डाल दिया। 10-15 धक्कों के बाद मैं रश्मि की चूत में झड़ गया। थोड़ी देर हम वैसे ही पड़े रहे। फिर हमने अपने कपड़े पहन लिए।

आपको ये कहानी कैसी लगी? क्या आप चाहेंगे कि मैं अगला हिस्सा भी सुनाऊँ?

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