iPhone ke liye chudai: भिड़े का जन्मदिन कुछ ही दिनों में आने वाला था। सोनू, जो अब 19 साल की हो चुकी थी, अपने बाबा के लिए कुछ खास करना चाहती थी। उसने सोच लिया था कि इस बार वो अपने बाबा को एक शानदार फोन गिफ्ट करेगी। भिड़े, जो गोकुलधाम सोसाइटी में अपनी सख्ती और पढ़ाई के प्रति जुनून के लिए जाने जाते थे, 45 साल के थे, मध्यम कद के, साधारण चेहर-मोहरे वाले, पर उनकी आँखों में हमेशा एक गंभीरता रहती थी। दूसरी तरफ, सोनू थी—गोरी, लंबे काले बाल, बड़ी-बड़ी आँखें और एक ऐसी मुस्कान जो किसी का भी दिल जीत ले। उसका फिगर 34-28-36 था, और उसकी जवानी की ताजगी हर किसी को अपनी ओर खींच लेती थी।
सोनू ने तय किया कि वो जेठालाल की इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान से फोन खरीदेगी, जो सोसाइटी में ही थी और जेठालाल की हरकतों के लिए भी मशहूर थी। जेठालाल, 48 साल का एक शातिर बिजनेसमैन, मोटा-सा पेट, गंजा सिर, और हमेशा चालाकी भरी मुस्कान लिए रहता था। उसकी दुकान, गड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स, गोकुलधाम वालों की पहली पसंद थी। सोनू ने अगले दिन दुकान जाने का प्लान बनाया।
अगली सुबह, सोनू तैयार हुई। उसने एक टाइट व्हाइट टी-शर्ट पहनी, जिसके ऊपर ब्लू डेनिम जैकेट डाली। नीचे टाइट ब्लू जीन्स और व्हाइट शूज थे। उसकी टी-शर्ट इतनी टाइट थी कि उसके 34 साइज के बूब्स साफ उभर रहे थे, और जीन्स में उसकी गोल, भारी गाँड एकदम सेक्सी लग रही थी। उसका लुक ऐसा था कि रास्ते में लोग उसे घूरते हुए रुक जाते। सोनू को इस बात का अंदाजा था, और वो थोड़ा शरमाते हुए भी अपनी जवानी पर गर्व महसूस करती थी। वो ऑटो रिक्शा लेकर जेठालाल की दुकान पर पहुंची।
दुकान में नट्टू काका, जेठालाल का पुराना नौकर, काउंटर पर बैठा था। नट्टू काका, 60 साल के करीब, दुबले-पतले, चश्मा लगाए, हमेशा हंसमुख, पर थोड़े भुलक्कड़।
सोनू: नमस्ते नट्टू काका, आप कैसे हैं?
नट्टू काका: अरे बेटा, मैं तो बढ़िया हूँ। तू बता, आज कैसे आना हुआ?
सोनू: काका, मुझे बाबा को उनके बर्थडे पर एक अच्छा-सा फोन गिफ्ट करना है। आप कोई अच्छा फोन दिखाइए ना।
नट्टू काका: अरे बिलकुल, बेटा! चल, इधर आ।
नट्टू काका ने सोनू को कई सारे फोन दिखाए—सैमसंग, ओप्पो, वीवो—पर सोनू की नजर बस एक चीज पर अटकी—आईफोन। उसकी चमक, उसका लुक, सब कुछ उसे अपने बाबा के लिए परफेक्ट लगा।
सोनू: नट्टू काका, ये आईफोन कितने का है?
नट्टू काका: बेटा, ये 60,000 का है।
सोनू: अरे, इतना महंगा? काका, कुछ डिस्काउंट तो दीजिए ना!
नट्टू काका: बेटा, डिस्काउंट की बात तो सेठ जी से करनी पड़ेगी। वो गोदाम में बैठे हैं, तू उनसे बात कर ले।
सोनू: ठीक है, काका।
सोनू गोदाम की तरफ बढ़ी। गोदाम दुकान के पीछे था, थोड़ा अंधेरा, सामान से भरा हुआ, और हल्की-सी ठंडक थी। जेठालाल एक पुराने लकड़ी के टेबल पर बैठा कुछ हिसाब-किताब कर रहा था। उसने सोनू को देखते ही अपने चश्मे को ठीक किया। उसकी नजर सोनू की टाइट टी-शर्ट और जीन्स पर अटक गई। उसका मन तुरंत भटक गया, और उसकी आँखों में एक चमक आ गई।
सोनू: नमस्ते, जेठालाल अंकल।
जेठालाल: अरे, नमस्ते बेटा! कैसे आना हुआ?
सोनू: अंकल, मुझे बाबा को उनके बर्थडे पर एक फोन गिफ्ट करना है।
जेठालाल: अरे, तो दुकान पर नट्टू काका है ना, वो तुझे फोन दिखा देगा।
सोनू: अंकल, मैंने फोन तो पसंद कर लिया है। वो आईफोन।
जेठालाल: अरे, वो तो 60,000 का है, बेटा।
सोनू: अंकल, प्लीज कुछ डिस्काउंट दीजिए ना।
जेठालाल: बेटा, तू तो जानती है, गोकुलधाम वालों को मैं हमेशा सस्ता ही देता हूँ। फिर भी डिस्काउंट?
सोनू ने थोड़ा झिझकते हुए कहा, “अंकल, प्लीज। चाहे मैं आपकी दुकान पर सेल्स गर्ल बनकर काम कर लूँ, लेकिन मुझे ये फोन चाहिए।”
आप यह TMKOC sex story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
जेठालाल के दिमाग में तुरंत शैतानी विचार आया। उसने सोनू को ऊपर से नीचे तक देखा, उसकी टाइट जीन्स में उभरी गाँड पर उसकी नजर ठहर गई। (जेठालाल, मन में): अरे, ये तो मौका है इसकी चुदाई करने का। इसकी गाँड तो एकदम कड़क है, मजे आएंगे।
जेठालाल: देख बेटा, एक काम कर सकती है।
सोनू: अंकल, आप बताइए, मैं आपका हर काम करूँगी।
जेठालाल: तू मुझे सेक्स दे, मैं तुझे फोन फ्री में दूँगा। साथ में 10,000 रुपये भी।
सोनू चौंक गई। उसका चेहरा लाल हो गया, और वो थोड़ा पीछे हटी। “अंकल, ये आप क्या कह रहे हैं? मैं तो आपकी बेटी जैसी हूँ!”
जेठालाल: अरे, और मैं बेटीचोद हूँ। देख, सोनू, ये फोन तेरा बाबा देखकर कितना खुश होगा। सोच, 10,000 रुपये भी मिलेंगे।
सोनू का दिमाग घूम गया। वो थोड़ी देर चुप रही। (सोनू, मन में): ये ऑफर इतना बुरा नहीं है। बस थोड़ी देर की बात है। जेठालाल अंकल को देखकर लगता नहीं कि ज्यादा टिक पाएंगे। 10-15 मिनट में सब खत्म। फोन भी मिलेगा, पैसे भी।
सोनू: ठीक है, अंकल। मैं तैयार हूँ।
जेठालाल की आँखों में चमक आ गई। उसने तुरंत गोदाम का दरवाजा अंदर से बंद किया। फिर वो सोनू के पास आया और उसे अपनी बाहों में उठाकर टेबल पर बिठा दिया। सोनू का दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। वो थोड़ी घबराई हुई थी, पर उसने खुद को संभाला।
जेठालाल ने सोनू के चेहरे को अपने हाथों में लिया और उसे किस करना शुरू किया। उसकी होंठों की गर्मी और जेठालाल की मूंछों की चुभन ने सोनू को एक अजीब-सा अहसास दिया। उसने हल्का-सा विरोध किया, पर जेठालाल ने उसे और कसकर पकड़ लिया। उसने धीरे-धीरे सोनू की डेनिम जैकेट उतारी, फिर उसकी टाइट व्हाइट टी-शर्ट को ऊपर खींचकर निकाल दिया। सोनू ने काली ब्रा पहनी थी, जो उसके गोरे बदन पर एकदम सेक्सी लग रही थी। जेठालाल ने ब्रा के हुक खोले और उसे फेंक दिया। सोनू के 34 साइज के बूब्स अब आजाद थे—गोरे, नरम, और एकदम कड़क।
जेठालाल: वाह, सोनू, क्या चुचे हैं तेरे!
सोनू शरमा गई, पर उसने कुछ नहीं कहा। जेठालाल ने अपने होंठ सोनू के बूब्स पर रख दिए और उन्हें चूसना शुरू किया। उसकी जीभ सोनू के निप्पल्स पर गोल-गोल घूम रही थी। सोनू को एक अजीब-सी सिहरन हुई। “उह्ह… अंकल…” उसकी साँसें तेज हो गईं। जेठालाल ने एक हाथ से सोनू का दूसरा बूब दबाना शुरू किया, और उसकी उंगलियाँ निप्पल को हल्के-हल्के मसल रही थीं।
आप यह TMKOC sex story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
सोनू: आह… थोड़ा धीरे, अंकल…
जेठालाल ने उसकी बात अनसुनी कर दी। उसने सोनू की जीन्स का बटन खोला और उसे नीचे सरका दिया। सोनू की काली पैंटी अब साफ दिख रही थी। जेठालाल ने बिना रुके पैंटी को फाड़ दिया। सोनू की चूत पूरी तरह साफ थी, हल्की गुलाबी, और थोड़ी गीली। जेठालाल ने अपना मुँह सोनू की चूत पर रख दिया और अपनी जीभ अंदर डाल दी।
सोनू: आह्ह… उह्ह… अंकल… क्या कर रहे हैं…
जेठालाल की जीभ सोनू की चूत के अंदर-बाहर हो रही थी। वो कभी उसकी क्लिट को चूसता, तो कभी जीभ को गहराई तक डाल देता। सोनू की साँसें और तेज हो गईं। “आह… उह्ह… आह्ह…” उसका शरीर काँपने लगा। करीब 10 मिनट तक जेठालाल ने उसकी चूत को चाटा, और आखिरकार सोनू झड़ गई। उसका गर्म, गीला पानी जेठालाल के मुँह में गया, और उसने उसे पूरा पी लिया।
सोनू थककर टेबल पर लेट गई। उसकी साँसें अभी भी तेज थीं। लेकिन जेठालाल का जोश अभी खत्म नहीं हुआ था। उसने सोनू के बाल पकड़े और उसे खींचकर घुटनों पर बिठा दिया।
जेठालाल: अरे साली, अभी से थक गई? अभी तो तेरी चुदाई बाकी है!
जेठालाल ने अपनी पैंट उतारी। उसका लंड, 7 इंच लंबा, काला, और घने झांटों से घिरा हुआ, एकदम खड़ा था। उसने सोनू का मुँह पकड़ा और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया। सोनू को साँस लेने में तकलीफ होने लगी। उसका मुँह पूरा भरा हुआ था, और जेठालाल का लंड उसके गले तक जा रहा था।
सोनू: उम्फ… उह्ह…
जेठालाल ने सोनू के बाल पकड़कर उसके मुँह को और तेजी से चोदना शुरू किया। “ले साली, पूरा लंड ले!” वो जोर-जोर से धक्के मार रहा था। सोनू की आँखों में पानी आ गया, पर वो कुछ नहीं कर पाई। करीब 10 मिनट बाद जेठालाल ने सोनू के मुँह में ही झड़ दिया। उसका गर्म, गाढ़ा माल सोनू के मुँह में भर गया। सोनू ने कुछ माल थूक दिया, जो जमीन पर गिर गया।
जेठालाल को गुस्सा आ गया। उसने सोनू के गाल पर दो जोरदार थप्पड़ मारे। “साली, मेरा माल बर्बाद किया? चाट सारा, जो जमीन पर गिरा है!”
आप यह TMKOC sex story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
सोनू डर गई। उसने कांपते हुए जमीन पर गिरा माल चाटना शुरू किया। उसका चेहरा शर्म और डर से लाल था। जेठालाल ने उसे फिर से टेबल पर खींचा और उसे डॉगी स्टाइल में बिठा दिया। उसने सोनू की गाँड पर जोर से चांटा मारा। थपाक!
सोनू: आह्ह… अंकल, धीरे…
जेठालाल ने बिना रुके अपना लंड सोनू की चूत में एक झटके में डाल दिया। सोनू की चीख निकल गई। “आह्ह्ह… फक… निकालो इसे, अंकल!” उसकी चूत इतनी टाइट थी कि थोड़ा खून निकलने लगा। लेकिन जेठालाल को कोई फर्क नहीं पड़ा। वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा। थप-थप-थप की आवाज गोदाम में गूंज रही थी।
सोनू: आह्ह… उह्ह… धीरे… आह्ह…
थोड़ी देर बाद सोनू को भी मजा आने लगा। उसने जेठालाल का साथ देना शुरू किया, अपनी गाँड को पीछे धकेलते हुए। “हाँ… अंकल… और… आह्ह…” जेठालाल ने 15 मिनट तक उसे इसी पोजीशन में चोदा। फिर उसने सोनू को नीचे पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। उसका पसीना सोनू के बदन पर टपक रहा था। वो और जोर से धक्के मारने लगा। थप-थप-थप…
सोनू: उह्ह… आह्ह… हाँ… और तेज…
10 मिनट बाद जेठालाल ने सोनू को काउबॉय पोजीशन में बिठाया। सोनू उसके लंड पर उछल रही थी, उसके बूब्स हवा में लहरा रहे थे। “आह्ह… उह्ह… फक… अंकल…” जेठालाल ने उसके बूब्स पकड़कर जोर-जोर से दबाए। 30 मिनट बाद जेठालाल ने सोनू की चूत में ही झड़ दिया। सोनू इस बीच तीन बार झड़ चुकी थी। उसका शरीर पसीने और थकान से चूर था।
जेठालाल ने अपने कपड़े पहने। उसने 10,000 रुपये की गड्डी और फोन का डिब्बा सोनू की गाँड पर फेंककर मारा। “ले, साली, तेरा इनाम।” सोनू ने कांपते हाथों से अपने कपड़े पहने और बिना कुछ कहे वहाँ से चली गई। उसका चेहरा शर्म, गुस्सा, और थकान से भरा था, पर उसके हाथ में फोन और पैसे थे।
आपको ये कहानी कैसी लगी? क्या सोनू का ये फैसला सही था? कमेंट में बताइए!