Sleeper bus sex story – ex girlfriend sex story: मेरा नाम जीत है और मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ, मेरा कद पाँच फुट दस इंच है, शरीर मजबूत है, जयपुर में नौकरी करता हूँ, छुट्टी में घर आया था और वापस जाना था, ट्रेन की सीट बुक करवाने गया लेकिन एक भी खाली नहीं मिली, मजबूरी में स्लीपर बस की डबल सीट बुक की क्योंकि सिंगल नहीं बची थी और जाना जरूरी था।
मैं बस में जाकर अपनी सीट पर बैठ गया, बैग ऊपर रख दिया, सोच रहा था दूसरी सवारी कौन होगी, थोड़ी देर बाद एक लड़की आई, चेहरा दुपट्टे से ढका हुआ था, आकर मेरे बगल में बैठ गई, जब उसने दुपट्टा हटाया तो मैं देखकर दंग रह गया क्योंकि वो मेरी पुरानी गर्लफ्रेंड नेहा थी, नेहा गोरी थी, लंबाई पाँच फुट चार इंच, बदन भरावदार, आज टाइट जींस और कुरती पहने थी, मूड थोड़ा थका हुआ लग रहा था।
नेहा को देखकर मैं बहुत खुश हो गया, पुरानी अधूरी चुदाई की यादें ताजा हो गईं, मन में ठान लिया कि आज इस मौके पर चौका लगाकर अपनी चुदाई पूरी करूंगा, बस में रात का सफर था, मौका परफेक्ट था।
मैंने नेहा से कहा कि तू यहां कैसे, उसने बताया कि जयपुर में उसका पेपर है, पेपर देने जा रही है, मैंने नेहा के बारे में बता दूं कि हम दोनों स्कूल में साथ पढ़ते थे, नेहा मेरी स्कूल टाइम की गर्लफ्रेंड थी, तब हम बच्चे थे लेकिन अब दोनों जवानी की दहलीज पर थे, नेहा अभी 22 साल की थी।
हम दोनों बातें करने लगे, स्कूल की पुरानी बातें निकलने लगीं, मैंने नेहा से कहा कि तुझे याद है हमारी आखिरी मुलाकात, मेरी बात सुनकर वो हंसने लगी, मुझे लगा वो समझ गई होगी कि मैं किस बात की ओर इशारा कर रहा हूँ।
लेकिन वो मेरी बात को नहीं समझी, फिर मैंने साफ कहा कि तुझे याद है मैं किताब के बहाने तेरे घर आया था, तू अकेली थी, मैंने तुझे पकड़ा और किस करना शुरू कर दिया, तभी ऊपर से कोई आ गया और हम रुक गए, मैं आगे बोलने लगा तो नेहा ने मेरे मुंह पर हाथ रख दिया।
नेहा बोली कि इससे आगे कुछ मत बोलना, मैं उसकी बात सुनकर रुक गया, दूसरी बातें शुरू कर दीं, पूछा कि तेरी शादी हुई क्या, मम्मी पापा कैसे हैं, उसने कहा अभी शादी नहीं हुई, मम्मी पापा ठीक हैं, तू सुना, मैंने कहा हमारे भी सब ठीक हैं।
फिर नेहा को नींद आने लगी, बोली मुझे नींद आ रही है, सुबह पेपर भी देना है, सोने दो, मैंने कहा कोई बात नहीं सो जा, बस में पेपर की वजह से बहुत भीड़ थी, हमने बैग सीट पर ही रखे थे, जगह कम हो गई थी, ऊपर से ठंड का मौसम था, कंबल एक ही था।
नेहा लेट गई, मैं भी उसके बगल में लेट गया, नेहा को ठंड लगी तो वो मेरे से चिपक कर सो गई, हमारे जिस्म आपस में टकरा रहे थे, उसकी गर्मी मेरे लंड को खड़ा करने लगी, मेरे शरीर की गर्मी से उसका भी मूड बनने लगा, मैंने धीरे से उसकी कमर पर हाथ रख दिया, वो जाग रही थी लेकिन कुछ बोली नहीं।
मैं खुद पर काबू नहीं रख पाया, धीरे से उसकी कुरती में हाथ डाल दिया, ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स मसलने लगा, बूब्स मुलायम और भारी थे, निप्पल्स कड़े हो गए, वो अचानक उठकर बैठ गई।
उसने कहा कि पागल हो गया क्या, ये क्या कर रहा है, मैं वासना में डूबा था, उसे पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया, उसके होठों पर किस करने लगा, पहले उसने धक्का दिया लेकिन धीरे धीरे मेरा साथ देने लगी, उसे भी मजा आने लगा, हम दस मिनट तक एक दूसरे के होठ चूसते रहे, जीभ अंदर डालकर खेलते रहे।
अब नेहा भी वासना में डूब चुकी थी, मैंने उसकी कुरती ऊपर की, ब्रा के ऊपर से बूब्स मसलता रहा, फिर ब्रा ऊपर सरका दी, गुलाबी निप्पल्स को मुंह में लेकर चूसने लगा, वो सिसकारी लेने लगी, मैंने उसकी जींस की बटन खोली, जींस नीचे सरकाई, पैंटी गीली हो चुकी थी, पैंटी उतार दी, उसकी चूत साफ और टाइट दिख रही थी।
मैंने उसकी चूत में उंगली डाली, जैसे ही उंगली अंदर गई, उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं, वो बोली जल्दी कुछ करो, सहन नहीं हो रहा, मैंने कहा रुक यार, कितने टाइम बाद मिले हैं, फिर उसकी चूत पर मुंह रख दिया, जीभ से चाटने लगा, चूत का रस मीठा था, वो मेरे सिर को पकड़कर चूत में घुसाने लगी, बोली जीत खा जा मेरी चूत को, मैंने जोर जोर से चूसा, क्लिट को दांतों से कुरेदा।
कुछ देर बाद मैं खड़ा हुआ, अपने कपड़े उतारे, लंड निकालकर उसके सामने किया, मेरा लंड मोटा और सात इंच का था, नेहा ने हाथ से सहलाना शुरू किया, आगे पीछे करने लगी, मैंने कहा अब मेरे लंड को चूस, पहले उसने ना नुकुर की लेकिन फिर मान गई, लंड मुंह में लेकर चूसने लगी, जीभ घुमाती रही, मेरा पानी निकलने वाला था, मैंने सिर पकड़ा और मुंह में सारा माल निकाल दिया।
जब माल मुंह में निकला, वो बाहर थूकना चाही लेकिन मैंने कहा बस खराब हो जाएगी, उसने मरते मन से सारा माल पी लिया, उसी बीच उसका भी पानी निकल गया, चूत से रस बहने लगा, हम दोनों लेट गए, थोड़ी देर ऐसे ही रहे, तभी बस होटल पर रुकी, ड्राइवर ने कहा खाना खा लो, मैंने नेहा से कहा यार भूख लगी, खा लेते हैं।
नेहा बोली हां सही है, मुंह खराब कर दिया तूने, मुझे चिमटी काटी, नीचे उतरने लगी, मैंने उसके चूतड़ पर जोर से चिमटी काट दी, वो गुस्सा होकर नीचे उतर गई, हमने खाना खाया, वापस बस में बैठे, मैं नेहा के लिए चॉकलेट ले आया, कहा खाना खा लिया बाबू, उसने कुछ नहीं बोला, फोन में लग गई, मैंने सॉरी कहा और चॉकलेट दी।
नेहा को चॉकलेट पसंद थी, फट से पकड़ ली, मुझे गले लगा लिया, फिर हम मेरे मोबाइल में देसी वासना कहानियां पढ़ने लगे, स्टोरी पढ़ते पढ़ते मूड फिर बन गया, हम किस करने लगे, किस करते करते मैंने उसकी लोअर नीचे की, पैंटी निकालकर चूत में उंगली डाल दी, वो मेरी लोअर नीचे करके लंड से खेलने लगी, सहलाती रही।
ऐसे करते हमने सारे कपड़े उतार दिए, मैंने उसे किस करना जारी रखा, नेहा पूरा साथ दे रही थी, तभी नेहा बोली ये मेरा पहली बार है, डर लग रहा है, मैंने कहा कोई बात नहीं, आराम से करूंगा, नो टेंशन, उसने कहा सुना है पहली बार बहुत दर्द होता है, मैंने कुछ नहीं बोला, किस करता रहा, बैग से तेल की बोतल निकाली, उसकी चूत पर लगाई, अपने लंड पर भी लगाया, लंड चूत पर सेट किया, होठ उसके होठों पर सेट किए, जोर का झटका मारा, आधा लंड अंदर चला गया।
नेहा कसमसाने लगी, मुझे धक्का देने लगी, लेकिन मैंने टाइट पकड़ रखा था, बिना रुके दूसरा झटका मारा, सारा लंड चूत में घुस गया, उसकी आंखों से आंसू निकल आए, रोने लगी, हाथ जोड़ने लगी, मैंने मुंह हटाया तो बोली प्लीज जीत छोड़ दे, मर जाऊंगी, बहुत दर्द हो रहा है, मैंने फिर किस किया, कुछ देर बाद वो शांत हो गई।
मैंने धीरे धीरे लंड आगे पीछे करना शुरू किया, चाप चाप की आवाज आने लगी, उसके चेहरे पर स्माइल आने लगी, वो नाखूनों से मेरी पीठ नोचने लगी, कान में बोली प्लीज जल्दी करो, आह्ह्ह्ह… और तेज… आह्ह्ह्ह… मैंने स्पीड बढ़ा दी, थप थप थप की आवाज बस में गूंजने लगी, पंद्रह मिनट तक चुदाई की, फिर नेहा का पानी निकला, मैंने भी चूत में सारा माल छोड़ दिया, हम ऐसे ही लेटे रहे, नेहा खड़ी हुई, नीचे देखा तो चादर खून से सन गई थी, चूत से खून बह रहा था, डर गई, रोने लगी, बोली साले ने चूत फाड़ दी।
मैं हंसा, कहा तेरी सील खुली है, कोई ना जानू, उसे गले लगा लिया, उस रात बस में नेहा के साथ पांच बार सेक्स किया, हर बार सीट पर ही लेटकर मिशनरी में थोका, बहुत मजे लिए, सुबह अपने अपने काम के लिए निकल गए।
नेहा का पेपर खत्म होते ही उसने कॉल किया, मैं उसे अपने रूम पर ले आया, पूरी रात जमकर चुदाई की, अगले दिन वो गांव चली गई, अब जब भी गांव जाता, नेहा और मैं जमकर चुदाई करते।
तो ये थी मेरी बस में चुदाई।