ठंडी रात में साइट पर गर्म चुदाई

Labor sex story – हैलो दोस्तों, मेरा नाम संदीप है और मैं लुधियाना से हूं, अब मैं आपको अपनी लाइफ की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं, मैं एक इंजीनियर हूं और लुधियाना में रहता हूं, मेरी उम्र 28 साल है और मैं शादीशुदा नहीं हूं, यह बात दिसंबर 2014 की है जब मैं 24 साल का था, उस टाइम मैं जालंधर के पास एक गांव में साइट पर सिविल इंजीनियर था और अपने काम में व्यस्त रहता था, मैं हमेशा सेक्स के लिए कोई पार्टनर ढूंढता रहता था

फिर एक दिन मेरे पास नई लेबर काम के लिए आई, उसमें कुछ लेडीज भी थीं, उनमें से तीन तो बहुत सुंदर थीं, उनमें से एक का नाम सीमा था, उसे मैंने पटा लिया था, उसका पति एक मिस्त्री था और मेरे साथ काम करता था, वो अक्सर मुझे देखती रहती थी

फिर एक दिन जब मैं उसके पास से निकला तो मैंने उसकी गांड पर हाथ फेर दिया, मैंने देखा कि वो थोड़ा शरमा रही थी और स्माइल कर रही थी, फिर मैंने ध्यान से उसे अपना मोबाइल नंबर दे दिया और हमारी बात होने लगी, अब मैं उसके साथ सेक्स के लिए पागल हो रहा था, लेकिन शाम को मैं घर वापस आ जाता था और दिन में सेक्स का मौका नहीं मिलता था

एक दिन साइट पर दूसरे फ्लोर की स्लैब की कास्टिंग थी और कास्टिंग दोपहर 2 बजे से शुरू होनी थी और लेट नाइट तक काम होना था, मैंने सीमा को पहले ही बता दिया था कि हम लोग उस रात सेक्स करेंगे, तो वो भी मान गई थी, फिर अगले दिन दोपहर में हम लोगों ने स्लैब कास्ट करना शुरू कर दिया, मैं बहुत व्यस्त था और सर्दी भी काफी थी

रात के 11 बजे का टाइम था तो मैंने उसे फोन किया, वो तैयार थी, लेकिन मैं बहुत व्यस्त था और मैंने डिनर भी नहीं किया था, मैं तो सिर्फ सेक्स के बारे में ही सोच रहा था, फिर मैं साइट से थोड़ा दूर रूम की तरफ चला गया, वहां कोई नहीं आता था, मैंने सीमा को कॉल किया और रूम के पीछे बुलाया, सर्दी काफी ज्यादा थी

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मैं उसका इंतजार कर रहा था, वो पूरे 20 मिनट बाद आई, इतनी ठंड में भी उसने सिर्फ साड़ी पहनी थी और मुझे जैकेट में भी ठंड लग रही थी, जिस टाइम मैंने उसे देखा तो मुझे ठंड लगनी बंद हो गई, वो मेरे पास आई, वो शरमा रही थी और डर रही थी, मैंने उसका और अपना मोबाइल ऑफ कर दिया, अब मैं सेक्स से पागल हो रहा था

मैंने पहले उसके होंठों पर किस किया, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग जैसे उसके नरम होंठ चूसते हुए, जीभ अंदर डालकर उसकी जीभ से खेलने लगा, उसकी सांसें गर्म हो रही थीं, मैंने उसकी कमर पकड़कर खींचा और गांड को दोनों हाथों से मसलने लगा, आह ह्ह्ह इह्ह सीमा, वो सिसकारी भरते हुए मेरी गर्दन जोर से पकड़ लिया, हम दोनों ने लंबा फ्रेंच किस किया, मेरी जीभ उसके मुंह में घूम रही थी, वो भी अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल रही थी, गी गी गों जैसे चूसने की आवाजें आ रही थीं, मैं उसकी गांड पर जोर-जोर से थप्पड़ मार रहा था, हल्के हल्के, वो कांप रही थी

फिर मैंने उसकी साड़ी का पल्लू धीरे से सरकाया, उसके कंधों को चूमने लगा, गर्दन पर किस करते हुए नीचे आया, उसकी ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को मसलने लगा, वो आह ओह्ह संदीप दबाओ जोर से बोल रही थी, मैंने उसकी साड़ी का हुक खोला, ब्लाउज के बटन एक-एक करके खोले, हर बटन खोलते हुए उसके गले पर किस किया, फिर ब्लाउज उतार दिया, उसकी ब्रा में बड़े-बड़े बूब्स उछल आए, मैंने ब्रा के ऊपर से ही निप्पल्स को जीभ से चाटना शुरू किया, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग, वो ह्हीईई आअह्ह्ह्ह भर रही थी

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मैंने ब्रा का हुक पीछे से खोला, उसके बूब्स आजाद हो गए, गुलाबी निप्पल्स खड़े हो चुके थे, मैंने एक बूब को मुंह में लिया, जोर से चूसा, गी गी गों गोग जैसे गले तक, दूसरा बूब हाथ से मसल रहा था, निप्पल को उंगली से घुमा रहा था, वो मेरे बालों में हाथ फेर रही थी, आह ह ह ह ह्हीईई संदीप चूसो मेरे बूब्स, मैंने बारी-बारी दोनों बूब्स चूसे, हल्के दांतों से काटा, वो ऊऊ ऊउइ उईईई सिसकार रही थी

फिर मैं नीचे आया, उसकी नाभि पर जीभ घुमाई, गोल-गोल चाटते हुए, उसकी कमर पर किस किया, पेटीकोट की डोरी खींची, धीरे से उतारा, अब वो सिर्फ पैंटी में थी, मैंने उसकी जांघों को चूमना शुरू किया, अंदरूनी जांघों पर जीभ फेरते हुए, हल्के दांतों से काटा, वो कांप रही थी, आह इह्ह ओह्ह संदीप वहां मत काटो, मैंने उसकी पैंटी पर हाथ फेरा, गीली हो चुकी थी, मैंने पैंटी साइड की और सरकाई, उसकी साफ चूत दिखी, गुलाबी और चमकदार, उसने बताया आज ही बाल साफ किए हैं

मैंने उसकी चूत पर उंगली फेरी, क्लिट को रगड़ा, वो ह्ह्ह आऊ ऊई चीखी, मैंने जीभ से क्लिट चाटना शुरू किया, धीरे-धीरे फिर तेज, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग जैसे चूसते हुए, एक उंगली चूत में डाली, अंदर-बाहर करने लगा, वो मेरे सिर को दबा रही थी, आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्ह संदीप जीभ अंदर डालो, मैंने दो उंगलियां डालीं, जी-स्पॉट रगड़ा, वो झड़ने लगी, उसका रस मेरे मुंह में आया, मीठा सा

फिर वो मेरे ऊपर आ गई, मेरी शर्ट के बटन खोले, मेरी छाती चूमने लगी, निप्पल्स चाटे, मेरी पैंट की चेन खोली, जींस उतारी, मेरे लंड को हाथ में लिया, सहलाने लगी, फिर मुंह में लिया, गी गी गी गों गों गोग जैसे गले तक लेते हुए, मैं उसके बूब्स मसल रहा था, एक उंगली फिर उसकी चूत में डालकर हिला रहा था, आह इह्ह ओह्ह सीमा चूस तेज

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मेरा लंड एकदम अकड़ गया तो मैं उसके ऊपर लेट गया और बोला कि वो मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत में डाले, जब उसने मेरे लंड को चूत पर रखा तो मैंने जोर से एक धक्का दिया, आधा लंड चूत में चला गया, वो जोर से बोली उईईईईई मां, मैं उसे किस करने लगा और धीरे-धीरे हिलने लगा, वो कुछ शांत हुई तो मैं उसके बूब्स एक हाथ से जोर से दबा रहा था और होंठों पर किस कर रहा था

फिर मैंने एक धक्का जोर से और लगाया, पूरा लंड उसकी चूत में दे दिया और जोर-जोर से धक्के लगाने लगा, वो तेजी से सांस ले रही थी और बोल रही थी आआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्ससस्स ह्म्‍म्म्मममममम आआआआअहह, मैं खुद को जन्नत में महसूस कर रहा था, पहली बार किसी औरत का पूरा मजा लिया था

मैंने उसकी एक टांग को अपने कंधे पर रख लिया, उसके बूब्स तेजी से हिल रहे थे जब मैं चोद रहा था, इस तरह मुझे सर्दी में भी पसीना आ गया, हमने इस पोजीशन में जोरदार धक्के मारे, आह्ह ह्ह आऊ ऊई संदीप तेज और तेज, फिर हमने तीन बार चुदाई की, हर बार नई पोजीशन ट्राई की जैसे वो ऊपर आकर सवारी की, मैंने पीछे से गांड पकड़कर डॉगी में मारी

अगले दिन वो बीमार हो गई और कुछ दिन बाद वो वापस हिमाचल चली गई, मैं बचपन से सेक्स कहानियां पढ़ता था और जिम जाने की वजह से मेरा लंड हर समय खड़ा रहता है, मुझे मुठ मारना अच्छा नहीं लगता, बूब्स चूसने में बड़ा मजा आता है और आंटी के बड़े बूब्स बहुत अच्छे लगते हैं.

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