मेरी सेक्सी मॉम की चुत चुदाई

हाय दोस्तों, मैं तुम्हारा दोस्त राहुल, अपनी जिंदगी की सबसे गर्म कहानी लेकर हाजिर हूँ। ये उस वक्त की बात है जब मैं दिल्ली के एक कॉलेज में बी.ए. कर रहा था। मेरी उम्र थी 20 साल, बदन जवान, और दिल में आग सी जल रही थी। मेरी सौतेली माँ, रीना, 35 साल की थीं, लेकिन उनकी जवानी ऐसी कि किसी का भी लौड़ा खड़ा हो जाए। उनका जिस्म तराशा हुआ मूर्ति सा था—गोरी चमड़ी, भरे हुए चूचे, पतली कमर, और गोल-मटोल गांड जो साड़ी में लहराती थी। मैं कई बार उन्हें चोरी-छिपे बाथरूम में नहाते देख चुका था, उनकी नंगी चूचियों और गीली बुर को ताड़ चुका था। एक बार तो पापा उन्हें बेडरूम में नंगा करके पेल रहे थे, और उनकी मचलती जवानी ने मेरे दिल में चुदाई की चिंगारी सुलगा दी। उसी रात मैंने ठान लिया कि एक दिन मॉम की चुत को मैं भी चोदूँगा। Sexy Mom Sex Story

हमारा घर दिल्ली की एक तंग गली में था, दो मंजिला, लेकिन छोटा सा। नीचे हॉल और किचन, ऊपर दो बेडरूम—एक मॉम और पापा का, दूसरा मेरा। पापा ट्रक ड्राइवर थे, अक्सर हफ्तों बाहर रहते। मॉम घर संभालती थीं, लेकिन उनकी आँखों में एक बेचैनी थी, जैसे उनकी बुर की आग बुझती नहीं थी। मैं कॉलेज में लड़कियों को ताड़ता, लेकिन मॉम की वो सेक्सी हँसी और टाइट ब्लाउज में उभरे चूचे मेरे दिमाग से हटते नहीं थे। रात को अक्सर मैं उनका नाम लेकर मुठ मारता, उनके नंगे जिस्म को याद करके लौड़े से पानी निकालता।

एक रात पापा जयपुर गए हुए थे। मैं अपने बेडरूम में था, लेकिन चुदास की वजह से नींद गायब थी। मेरा लौड़ा तनकर लोहे सा हो गया था। मैंने मॉम की चूचियों को याद किया—वो गोल, रसीले मम्मे, जो ब्लाउज में कैद रहते थे। मैंने बेड पर रखा गोल तकिया अपनी टाँगों में दबाया और उसे मॉम समझकर पेलना शुरू किया। मेरा लौड़ा तकिए पर रगड़ रहा था, और मैं “आह मॉम… उफ्फ… तेरी चुत…” बुदबुदाते हुए जोर-जोर से धक्के मार रहा था। तभी अचानक दरवाजा खुला, और मॉम अंदर आ गईं।

दरवाजे की चरमराहट से मैं घबरा गया। मैं तकिए पर चढ़ा हुआ था, मेरा पजामा नीचे सरका हुआ, और लौड़ा पूरा तना हुआ। मैं जल्दी से तकिए के बगल में लेट गया, लेकिन मॉम ने सब देख लिया। उनकी आँखें मेरे तने हुए लौड़े पर ठहर गईं, और उनके चेहरे पर एक हल्की मुस्कान उभरी। वो सिल्क की साड़ी में थीं, बाल खुले, और चूचे साड़ी के ब्लाउज में उभरे हुए। Mummy Beta Sex Story

मॉम ने पूछा, “राहुल, ये क्या कर रहा था? रात के बारह बजे तकिया पेल रहा है?”
मैं हड़बड़ाते हुए बोला, “क… कुछ नहीं मॉम, बस नींद नहीं आ रही। बदन में बेचैनी सी है।”
मैंने उनसे पूछा, “आपको भी नींद नहीं आ रही?”
वो धीरे से बोलीं, “हाँ, आज कुछ अजीब सी बेचैनी है। तेरा पापा भी तो नहीं है।”

मैंने मौका देखकर कहा, “मॉम, तो यहीं लेट जाओ ना। मेरे पास।”
वो थोड़ा हिचकिचाईं, फिर मेरे बेड पर बैठ गईं। उनकी साड़ी का पल्लू थोड़ा सरका, और ब्लाउज में उनकी चूचियों की दरार दिखने लगी। मेरा लौड़ा फिर से अकड़ गया। मैंने कहा, “मॉम, यहीं सो जाओ। अकेले क्या करोगी?”
वो मुस्कुराईं और बेड पर लेट गईं, मेरे बगल में। उनकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर टकरा रही थीं, और उनकी खुशबू से मेरा दिमाग खराब हो रहा था।

कुछ देर चुप्पी के बाद मैंने कहा, “मॉम, नींद नहीं आ रही। चलो, कोई कहानी पढ़ लेते हैं।”
वो बोलीं, “ठीक है, कौन सी किताब?”
मैंने पापा की अलमारी से एक चटपटी सेक्सी किताब निकाली, जिसमें गर्म-गर्म चुदाई की कहानियाँ थीं। मैंने कहा, “ये पढ़ते हैं। इसकी कहानियाँ पढ़ने में बड़ा मज़ा आता है। गुदगुदी भी होती है।”
मॉम ने किताब देखकर भौंहें चढ़ाईं, “ये क्या बकवास किताब है? इसमें तो बड़ों की गंदी बातें हैं।”
मैंने हँसते हुए कहा, “अरे मॉम, ये तो पापा की अलमारी में थी। आप और पापा भी तो पढ़ते होंगे। एक बार सुनो ना, मज़ा आएगा।”

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मॉम थोड़ा हिचकिचाईं, लेकिन फिर मान गईं। मैंने किताब खोली और पढ़ना शुरू किया। कहानी थी एक जवान लड़की की, जो अपने पड़ोसी के साथ चुदाई का मज़ा ले रही थी। मैं जोर-जोर से पढ़ रहा था, “लड़की की चुत गीली हो गई थी, और उसने मर्द का मोटा लौड़ा अपने मुँह में ले लिया…” मॉम की साँसें भारी होने लगीं। वो बीच-बीच में अपनी जाँघें रगड़ रही थीं, और उनकी उंगलियाँ साड़ी के ऊपर से बुर को खुजला रही थीं।

मैंने रुककर कहा, “मॉम, गुदगुदी हो रही है ना?”
वो शरमाते हुए मुस्कुराईं और बोलीं, “हाँ, थोड़ी सी। तू भी तो गुदगुदा रहा है, ना?”
मैंने अपने लौड़े पर हाथ फेरते हुए कहा, “हाँ मॉम, मेरा तो पूरा बदन गुदगुदा रहा है। अब आप पढ़ो।”

मॉम ने किताब उठाई और पढ़ना शुरू किया। उनकी आवाज़ काँप रही थी, और वो हर लाइन के साथ गर्म होती जा रही थीं। “मर्द ने लड़की की चूचियों को जोर से मसला, और उसकी बुर में अपना लौड़ा पेल दिया…” पढ़ते-पढ़ते मॉम की आँखें चमकने लगीं। अचानक उन्होंने किताब बंद की और बेड पर चित्त लेट गईं, पैर पसारकर। उनकी साड़ी जाँघों तक सरक गई थी, और गोरी जाँघें चमक रही थीं।

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मैंने पूछा, “क्या हुआ, मॉम?”
वो बोलीं, “बस, बहुत बेचैनी हो रही है। नीचे… कुछ खुजली सी है।”
मैंने मौका देखकर कहा, “शायद पाउडर लगाने से आराम मिले। मैं लाता हूँ।”
मैं जल्दी से बगल के कमरे से टैल्कम पाउडर ले आया। जब वापस आया, तो मॉम पेट के बल लेटी थीं। उनका ब्लाउज खुला हुआ था, और ब्रा का हुक ढीला पड़ा था। उनकी नंगी कमर चाँदनी सी चमक रही थी।

मॉम बोलीं, “राहुल, कमर पर पाउडर लगा दे।”
मैंने पाउडर उनकी कमर पर छिड़का और धीरे-धीरे मलने लगा। उनका मुलायम जिस्म मेरे हाथों के नीचे काँप रहा था। मैंने हिम्मत करके ब्लाउज के अंदर हाथ डाला और उनकी चूचियों को छू लिया। मॉम ने कोई विरोध नहीं किया। उनकी साँसें तेज हो गईं। मैंने धीरे-धीरे उनके मम्मों को मसला, और वो “उफ्फ…” करके सिसकारी भरने लगीं।

मैंने कहा, “मॉम, गर्दन पर भी पाउडर लगा दूँ?”
वो पलटीं, और उनका ब्लाउज पूरा खुल गया। उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ नंगी थीं, गोल, रसीली, और निप्पल तने हुए। मैंने पाउडर उनकी गर्दन पर लगाया, लेकिन मेरा ध्यान उनकी चूचियों पर था। मैंने सीधे उनके मम्मों को पकड़ लिया और जोर-जोर से मसलने लगा। मॉम की आँखें बंद हो गईं, और वो “आह… राहुल…” बुदबुदाने लगीं।

मैंने उनका पेटीकोट ढीला किया और नाड़ा खोल दिया। मेरा हाथ उनकी जाँघों पर फिसला, और मैंने उनकी बुर को छू लिया। वो गीली थी, जैसे आग में पानी उबल रहा हो। मैंने पाउडर उनकी बुर पर लगाया और धीरे-धीरे रगड़ने लगा। मॉम बोलीं, “उह… राहुल, ये क्या कर रहा है?”
मैंने कहा, “बस, मॉम, ठीक कर रहा हूँ। इससे नींद आ जाएगी।”

वो चुप हो गईं, और मैंने उनके चूतड़ों पर हाथ फेरना शुरू किया। उनकी गांड इतनी मुलायम थी कि मेरा लौड़ा पजामे में फटने को तैयार था। मैंने पूछा, “मॉम, मज़ा आ रहा है? आराम मिल रहा है?”
वो सिसकारी भरते हुए बोलीं, “हाँ… बहुत मज़ा आ रहा है।”

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मैं उनके ऊपर चढ़ गया और बोला, “मॉम, अब बदन भी दबा देता हूँ।”
मैंने उनकी चूचियों को नीचे से पकड़ा और जोर-जोर से मसलने लगा। मॉम की साँसें तेज हो गईं, और वो मेरे लौड़े को पजामे के ऊपर से सहलाने लगीं। मैंने कहा, “मॉम, किताब वाला सीन करते हैं। मेरा लौड़ा तो गुदगुदा के मर रहा है।”

अचानक मॉम रुकीं और बोलीं, “राहुल, ये गलत है। हम माँ-बेटे हैं।”
मैंने उनके गाल पर हाथ रखा और कहा, “मॉम, दरवाजा बंद है। कोई नहीं जानेगा। मैं तुम्हारी कसम खाता हूँ, ये हमारा राज रहेगा। तुम्हें भी तो मज़ा चाहिए, ना?”
वो चुप रही। मैंने फिर कहा, “बस, किताब की तरह मज़ा लो। पापा तो हैं नहीं, मैं हूँ ना।”

मॉम की आँखों में चुदास चमकने लगी। उन्होंने धीरे से मेरे पजामे में हाथ डाला और मेरा लौड़ा पकड़ लिया। “उफ्फ… कितना मोटा है तेरा लौड़ा,” वो बोलीं। मैंने कहा, “मॉम, वादा करो, ये राज रहेगा।”
वो बोलीं, “हाँ, वादा। लेकिन जैसा कहानी में था, वैसा कर।”

मैंने उनका पेटीकोट और साड़ी खींचकर उतार दी। वो पूरी नंगी थीं, उनकी चूचियाँ हिल रही थीं, और बुर गीली चमक रही थी। मैंने उनका एक चूचा मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा। निप्पल को दाँतों से हल्का सा काटा, और मॉम “आह… राहुल… उफ्फ…” करके सिसकारी भरने लगीं। मैंने दूसरा चूचा मसला, और उनकी बुर में उंगली डाल दी। उनकी चुत इतनी गीली थी कि उंगली फिसल रही थी।

मॉम ने मेरे लौड़े को जोर से पकड़ा और सहलाने लगीं। “उह… मॉम… कितना मज़ा दे रही हो,” मैं बोला। मैंने उनकी बुर में दो उंगलियाँ डाल दीं और जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगा। मॉम “श्ह… आह… राहुल… और कर…” चिल्लाने लगीं।

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मैंने कहा, “मॉम, किताब वाला डॉगी स्टाइल करते हैं।”
वो तुरंत कुतिया की तरह झुक गईं, उनकी गांड हवा में थी, और बुर का गुलाबी छेद चमक रहा था। मैंने अपना लौड़ा उनकी बुर के मुँह पर रगड़ा, सुपारा गीला हो गया। मैंने दोनों हाथों से उनकी चूचियों को पकड़ा और धीरे से लौड़ा अंदर धकेला। मॉम की चुत ढीली थी, शायद पापा की चुदाई की वजह से, लेकिन फिर भी इतनी टाइट कि मेरा लौड़ा फंस सा गया।

“आह… मॉम… तेरी चुत कितनी गर्म है!” मैं चिल्लाया।
वो बोलीं, “राहुल… पेल दे… जोर से चोद… उफ्फ… मज़ा आ रहा है!”

मैंने धक्के शुरू किए, धीरे-धीरे, फिर स्पीड बढ़ा दी। मेरा लौड़ा उनकी बुर में पूरा अंदर-बाहर हो रहा था। हर धक्के के साथ उनकी चूचियाँ हिल रही थीं, और उनकी गांड मेरी जाँघों से टकरा रही थी। “पच-पच” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। मॉम चिल्ला रही थीं, “आह… और जोर से… पेल दे… मेरी चुत फाड़ दे!”

मैंने उनकी चूचियों के निप्पलों को खींचा और जोर-जोर से धक्के मारे। मॉम की सिसकारियाँ तेज हो गईं, “उफ्फ… राहुल… श्ह… और पेल… आह… मज़ा आ रहा है!” मैंने लौड़ा बाहर निकाला और उनकी चूचियों पर रगड़ने लगा। मॉम ने मेरा लौड़ा पकड़ा और अपने मुँह में ले लिया। वो जोर-जोर से चूस रही थीं, जैसे भूखी शेरनी। उनकी जीभ मेरे सुपारे पर नाच रही थी, और मैं “आह… मॉम… उफ्फ…” करके पागल हो रहा था।

मैंने कहा, “मॉम, अब सीधे लेटो।”
वो बेड पर लेट गईं, उनकी जाँघें फैली हुई थीं, और बुर का छेद गीला चमक रहा था। मैंने उनके जिस्म पर हाथ फेरा, उनकी नाभि को चूमा, और फिर बुर में जीभ डाल दी। मैं उनकी चुत को चाट रहा था, जैसे कोई प्यासा पानी पीता है। मॉम की चुत का नमकीन स्वाद मेरे मुँह में घुल रहा था। वो “आह… राहुल… उफ्फ… चाट ले… मेरी चुत खा जा…” चिल्ला रही थीं।

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मैंने उनकी बुर का जी-स्पॉट ढूंढा और उंगली से रगड़ा। मॉम उछल पड़ीं, “आह… श्ह… उह… राहुल… बस कर… मर गई!” उनकी चुत से पानी निकलने लगा, और वो झड़ गईं। मैंने फिर से लौड़ा उनकी चूचियों पर रगड़ा, फिर उनके मुँह के पास ले गया। मॉम ने लौड़ा चूसा, और मैंने उनकी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे, मेरी जीभ उनकी जीभ से लड़ रही थी।

मॉम बोलीं, “राहुल… अब और मत तड़पा… चोद दे… मेरी चुत जल रही है!”
मैंने उनकी जाँघें और फैलाईं और लौड़ा उनकी बुर में सेट किया। एक जोरदार धक्का मारा, और पूरा लौड़ा अंदर चला गया। मॉम चिल्लाईं, “आह… मर गई… कितना मोटा है तेरा लौड़ा!” मैंने धक्के शुरू किए, धीरे-धीरे, फिर पूरी ताकत से। मेरा लौड़ा उनकी चुत को चीर रहा था, और हर धक्के के साथ उनकी चूचियाँ उछल रही थीं।

मॉम चिल्ला रही थीं, “उफ्फ… राहुल… और जोर से… फाड़ दे मेरी चुत… आह… श्ह… मज़ा आ रहा है!” मैंने उनकी गांड के नीचे तकिया रखा, ताकि उनकी बुर और ऊपर उठे। मैं अब और गहराई तक पेल रहा था। मेरे लौड़े का सुपारा उनकी चुत की दीवारों को रगड़ रहा था, और “पच-पच” की आवाज़ कमरे में तूफान ला रही थी। मॉम की सिसकारियाँ गूँज रही थीं, “आह… उह… श्ह… और पेल… मेरी चुत तेरी है… चोद दे!”

मैंने उनकी चूचियों को जोर से मसला, निप्पलों को खींचा, और धक्के और तेज कर दिए। मॉम की चुत फिर से गीली हो गई, और वो “आह… राहुल… मैं झड़ रही हूँ…” चिल्लाकर झड़ गईं। मैं भी झड़ने वाला था। मैंने लौड़ा बाहर निकाला और उनकी चूचियों पर सारा माल छोड़ दिया। मेरा रस उनकी चूचियों पर चमक रहा था, और मैं उनके नंगे जिस्म से लिपट गया।

मॉम की साँसें तेज थीं। वो बोलीं, “राहुल… बहुत देर हो गई। अब सोते हैं।”
वो उठीं और अपने कपड़े पहनने लगीं। मैंने उनकी चूचियों को फिर से दबाया और बोला, “मॉम, फिर कभी गुदगुदी हुई तो?”
वो हँस पड़ीं और बोलीं, “बदमाश हो गया है। ये राज ही रखना। किसी से मत कहना।”

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मैंने हँसकर उनकी बुर को हल्का सा दबाया और कहा, “वादा, मॉम। लेकिन ये मज़ा फिर चाहिए।”
वो मुस्कुराईं और अपने कमरे में चली गईं। मैं बेड पर लेटा रहा, मॉम की चुदाई का मज़ा मेरे जिस्म में बिजली सी दौड़ा रहा था। ये कहानी मैं कभी नहीं लिखना चाहता था, लेकिन अब इसे बताकर मज़ा आ रहा है। तुम्हें कैसी लगी, जरूर बताना।

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