मेरी सीधी साधी मम्मी बनी चुदक्कड़ रांड

हाय दोस्तों, मैं बिट्टू हूँ, उम्र 19 साल। मेरी फैमिली में तीन लोग हैं – मैं, मेरी मम्मी सोनाली और मेरे पापा। हम एक मिडिल क्लास फैमिली से हैं, जो इंडोर में रहती है। मेरी मम्मी 44 साल की हैं, गोरी, स्लिम, और बेहद खूबसूरत। उनकी हाइट 5 फीट 4 इंच है, और वो हमेशा साड़ी में ही नजर आती हैं, जिससे उनकी सादगी और हॉटनेस दोनों झलकती हैं। मेरे पापा 48 साल के हैं, बिजनेसमैन हैं, और अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं। मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ, और अपनी मम्मी से बहुत प्यार करता हूँ, लेकिन उनकी सादगी के पीछे की कहानी मुझे उस दिन पता चली, जब ये सब शुरू हुआ।

अब मैं सीधे कहानी पर आता हूँ। ये बात 3-4 महीने पुरानी है। मेरी मम्मी दिल्ली से इंडोर ट्रेन से आ रही थीं। उनका रिजर्वेशन AC-2 कोच में था। वहाँ उनकी मुलाकात एक अंकल से हुई, जिनका नाम उदय था। उदय अंकल 45 साल के थे, 6 फीट लंबे, हैंडसम, और अच्छे कपड़ों में। वो देखने में फिट और स्मार्ट थे, लेकिन उनकी आँखों में एक चालाकी थी, जो बाद में मुझे समझ आई। उनकी और मम्मी की बर्थ आमने-सामने थी। ट्रेन में दोनों की नॉर्मल बातचीत शुरू हुई – कहाँ जा रहे हो, कहाँ रहते हो, वगैरह। बातों-बातों में पता चला कि उदय अंकल भी इंडोर के ही हैं, और उनका घर हमारे घर से बस 5 किलोमीटर दूर है।

उदय अंकल ने मम्मी को अपने बारे में बताया – कि वो एक बिजनेसमैन हैं, अकेले रहते हैं, और उनका ड्राइवर उनकी गाड़ी लेकर नहीं आया था। मम्मी ने भी अपनी फैमिली के बारे में बताया, कि उनके पति यानी मेरे पापा अक्सर बाहर रहते हैं, और मैं कॉलेज में हूँ। दोनों की बातचीत इतनी सहज थी कि रास्ते में ही उनकी अच्छी दोस्ती हो गई। मम्मी ने मुझे फोन पर बताया कि वो इंडोर स्टेशन पहुँचने वाली हैं, और एक अंकल को हमें उनके घर ड्रॉप करना है। मुझे लगा शायद कोई बुजुर्ग होंगे, तो मैंने हामी भर दी।

जब मैं स्टेशन पहुँचा, तो कार पार्किंग में थोड़ा टाइम लग गया। ट्रेन पहले ही आ चुकी थी। मैं प्लेटफॉर्म पर गया, लेकिन मम्मी कहीं दिखीं नहीं। मैंने उन्हें कॉल किया, तो मम्मी ने कहा, “बाहर कोल्डड्रिंक की दुकान पर आ जा।” मैं वहाँ पहुँचा, तो देखा मम्मी और उदय अंकल कोल्डड्रिंक पी रहे थे। मम्मी हँस रही थीं, जैसे उदय अंकल ने कोई मजेदार जोक सुनाया हो। मैंने उदय अंकल को देखा – लंबे, हैंडसम, और डीसेंट लग रहे थे। उनकी उम्र मम्मी जितनी ही थी, यानी 44-45 के आसपास। मम्मी ने मुझे देखते ही कहा, “ये मेरा बेटा बिट्टू है।” उदय अंकल ने मेरे साथ हैंडशेक किया और मुस्कुराते हुए अपना नाम बताया। फिर बोले, “कुछ पिएगा?” मैंने मना कर दिया। मम्मी ने कहा, “इनको घर ड्रॉप करना है, इनका ड्राइवर नहीं आया।” मैंने कहा, “ठीक है, चलो।”

हम कार तक पहुँचे। उदय अंकल मेरे साथ आगे बैठे, और मम्मी पीछे। रास्ते में उदय अंकल सिर्फ मम्मी से ही बात कर रहे थे, जैसे मैं वहाँ था ही नहीं। उनकी बातों से मुझे लगा कि उदय अंकल कुछ ज्यादा ही फ्रेंडली हो रहे हैं। वो मम्मी को इम्प्रेस करने की कोशिश कर रहे थे। करीब 25-30 मिनट बाद हम उनके घर पहुँचे। उदय अंकल ने हमें अंदर आने को कहा, लेकिन मम्मी ने मना कर दिया, बोलीं, “नहीं, लेट हो रहा है।” फिर उदय अंकल ने कुछ ऐसा कहा, जिससे मुझे झटका लगा। उन्होंने मम्मी का नाम लेते हुए कहा, “सोनाली, तुम्हारे साथ ट्रैवल करके बहुत मजा आया। टाइम अच्छा पास हुआ।” मम्मी ने हँसते हुए कहा, “मुझे भी।” फिर उदय अंकल बोले, “तुम्हारा नंबर तो है ही, टच में रहना।” उनकी इस बात से मुझे कुछ अजीब लगा, लेकिन मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया।

हम उदय अंकल को ड्रॉप करके घर की तरफ निकल पड़े। रास्ते में मैंने मम्मी से पूछा, “ये अंकल कौन थे?” मम्मी ने हल्के से हँसते हुए कहा, “अरे, चिपकू टाइप के हैं। ट्रेन में पीछे ही पड़ गया था, बोर कर दिया।” मुझे लगा मम्मी ने उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं दी, तो मैंने भी इस बात को भुला दिया।

करीब 15-20 दिन बीत गए। मैं उदय अंकल को भूल चुका था। एक दिन मैं कॉलेज गया, और दोस्तों के साथ मूवी का प्लान बन गया। हम 5-6 दोस्त पीवीआर पहुँचे। दो दोस्त टिकट लेने गए, और हम कोने में खड़े होकर बातें कर रहे थे। तभी मेरा एक दोस्त बोला, “यार, वो साड़ी वाली आंटी देख, क्या मस्त माल है! साली की लेने में मजा आ जाएगा।” मैंने हँसते हुए कहा, “अबे, लड़कियाँ देख, आंटी क्यों देख रहा है?” वो बोला, “साले, एक बार देख तो, मस्त माल है।” मैंने मुड़कर देखा, और मेरे होश उड़ गए। वो मेरी मम्मी थीं! मुझे झटका लगा कि मम्मी मूवी देखने आई हैं, और मुझे बताया तक नहीं। पापा तो इंडोर से बाहर गए थे, तो मम्मी किसके साथ आई हैं? मैंने सोचा शायद उनकी कोई सहेली होगी। लेकिन 5 मिनट बाद उदय अंकल आए और बोले, “चलो मैडम, टिकट ले लिया।” मैं हैरान रह गया। उदय अंकल? मम्मी ने इतनी जल्दी उनसे इतनी दोस्ती कर ली कि मूवी देखने चली आईं?

मम्मी और उदय अंकल अपने में मस्त थे। उन्होंने हमें देखा तक नहीं। हम मूवी हॉल में गए। हमारी सीटें ऊपर वाली थीं, और उनकी दो रोल नीचे। मूवी शुरू हुई, और हॉल की लाइट्स बंद हो गईं। मैं बार-बार मम्मी की तरफ देख रहा था, लेकिन शुरू में सब नॉर्मल लग रहा था। कुछ देर बाद मेरा एक दोस्त कोल्डड्रिंक लेने गया। जब वो वापस आया, तो बोला, “यार, वो आंटी जो बाहर दिखी थी, उसका मालिक खूब मजा ले रहा है।” मैंने पूछा, “क्या मतलब?” वो बोला, “साले, दम से स्मूच कर रहा है। कोई मतलब नहीं है किसी का।” मैंने थोड़ा उठकर देखा, और सचमुच उदय अंकल मम्मी को किस कर रहे थे। मम्मी की साड़ी का पल्लू थोड़ा सा खिसक गया था, और उदय अंकल उनके ब्लाउज पर हाथ फेर रहे थे। मुझे गुस्सा तो बहुत आया, लेकिन मैं कुछ कर नहीं सका।

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मैंने कहा, “मैं वॉशरूम होकर आता हूँ।” जब वापस आया, तो मैंने और ध्यान से देखा। उदय अंकल मम्मी के गले पर किस कर रहे थे, और उनके बूब्स को जोर-जोर से दबा रहे थे। मम्मी की आँखें बंद थीं, और वो हल्के-हल्के सिसकारियाँ ले रही थीं, “आह… उदय… धीरे…”। मुझे साफ दिख रहा था कि मम्मी पूरी तरह उनके साथ बह रही थीं। मैं अपनी सीट पर वापस आ गया, लेकिन बार-बार उनकी तरफ देख रहा था। वो दोनों अपने में ही खोए थे। इंटरवल में लाइट्स जलीं, तो मैंने देखा मम्मी अपनी साड़ी ठीक कर रही थीं। उनका ब्लाउज थोड़ा सा खुला हुआ था, और वो जल्दी-जल्दी बटन लगाने की कोशिश कर रही थीं। उदय अंकल उठकर बाहर चले गए। मम्मी ने मोबाइल निकाला और कुछ देखने लगीं।

मैं अपने दोस्त के साथ बाहर गया। वहाँ उदय अंकल फोन पर किसी से बात कर रहे थे। मैंने उनकी बात सुनी, “यार, मूवी देखने आया हूँ। एक नया माल घेरा है, नाम है सोनाली। मस्त माल है। पहले-पहले तो नाटक कर रही थी, लेकिन अब खूब मजा दे रही है। खूब किस किया, बूब्स दबाए। साली मस्त है, चोदने में मजा आएगा।” उनकी बातों से मुझे समझ आ गया कि मम्मी अभी तक उनसे चुद नहीं पाई थीं, लेकिन उदय अंकल का इरादा साफ था। वो मम्मी को जल्दी ही अपने जाल में फँसाने वाले थे।

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मूवी खत्म हुई। लाइट्स जलीं, तो मैंने देखा मम्मी उदय अंकल से चिपकी हुई थीं। मम्मी ने अपने बाल ठीक किए, साड़ी संभाली, और दोनों बाहर निकल गए। मैं भी अपने दोस्तों के साथ बाहर आया। मम्मी की बगल वाली सीट पर दो लड़के बैठे थे। मैंने उनसे पूछा, “यार, तुम्हारी बगल वालों ने तो खूब मजा लिया?” एक लड़के ने हँसते हुए कहा, “मजा क्या, साले ने तो आंटी की ऐसी-तैसी कर दी। खूब स्मूच किया, बूब्स दबाए। साला हरामी है, इतने जोर से बूब्स दबा रहा था कि बता नहीं सकता।” उसकी बात सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आया, लेकिन मैं चुप रहा।

मैं जल्दी-जल्दी मम्मी के पीछे गया। देखा कि वो और उदय अंकल कार पार्किंग की तरफ जा रहे थे। दोनों एक SUV में बैठे और निकल गए। मुझे समझ आ गया कि उदय अंकल ने मम्मी को सिर्फ चोदने के लिए पटाया है। वो किसी भी हाल में मम्मी को चोदना चाहते थे। मैं अपने दोस्तों के पास वापस गया और कॉलेज टाइम पर घर लौट आया।

घर पहुँचा, तो देखा घर में ताला लगा था। मेरे पास चाबी थी, तो मैंने ताला खोला और अंदर आ गया। मैं सोच रहा था कि उदय अंकल ने मम्मी को इतनी जल्दी कैसे पटा लिया। मम्मी इतनी डीसेंट थीं, फिर भी मूवी हॉल में उनके साथ चिपक रही थीं। मैं यही सोचता रहा। शाम के 7 बज गए, लेकिन मम्मी नहीं आईं। मूवी तो 5 बजे खत्म हो गई थी, और वो लोग निकल भी गए थे। फिर मम्मी अब तक कहाँ थीं? मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि उदय अंकल ने मम्मी को कहीं ले जाकर चोद लिया होगा। मैंने मम्मी को कॉल किया। उन्होंने फोन उठाया और कहा, “मैं अपनी सहेलियों के साथ बाहर आई हूँ। एक घंटे में आ रही हूँ।” मुझे समझ आ गया कि वो अभी भी उदय अंकल के साथ ही हैं।

मैं टीवी देखने बैठ गया। रात 8:30 बजे मम्मी घर आईं। वो नॉर्मल लग रही थीं, लेकिन उनकी साड़ी थोड़ी सी उलझी हुई थी, और उनके गले पर हल्का सा निशान था। मैंने पूछा, “मम्मी, ये क्या हुआ?” वो घबरा गईं और बोलीं, “कुछ नहीं।” मुझे समझ आ गया कि ये लव बाइट है, जो उदय अंकल ने दी होगी। मम्मी ने मेरे लिए डिनर बनाया, लेकिन खुद नहीं खाया। बोलीं, “मैंने अपनी सहेलियों के साथ खा लिया।” रात को 11 बजे मैं सोने गया। आधी रात को प्यास लगी, तो मैं पानी पीने उठा। तभी मम्मी के कमरे से उनकी हँसने की आवाज आई। मैं उनके कमरे के बाहर गया, तो सुना वो फोन पर उदय अंकल से बात कर रही थीं। मम्मी कह रही थीं, “उदय, आज जो किया वो मैं फिर कभी नहीं करूँगी। मुझे ये सब पसंद नहीं। मैं सिर्फ अपने पति की बनके रहना चाहती हूँ।” फिर बोलीं, “वापस आते वक्त कार में जो फोटोज ली थीं, प्लीज वो डिलीट कर दो।” मैं समझ गया कि उदय अंकल ने कार में भी मम्मी के साथ कुछ किया होगा। मैं अपने कमरे में वापस आ गया और सो गया।

अगले दिन सुबह मम्मी घर के काम में लगी थीं। मैं कॉलेज के लिए निकलने लगा, तो देखा मम्मी ने सूट पहना था। उनकी गर्दन पर वही लव बाइट थी। मैंने पूछा, “मम्मी, ये क्या है?” वो फिर घबरा गईं और बोलीं, “कुछ नहीं, बेटा।” मैं समझ गया कि उदय अंकल ने ये निशान बनाया है। उस दिन मेरा दिमाग यही सोचता रहा कि उदय अंकल मम्मी का बहुत जल्दी शिकार करने वाले हैं।

करीब 8-10 दिन बीत गए। मुझे कुछ खास नहीं दिखा। फिर एक दिन मैं अपने दोस्त के साथ कोल्डड्रिंक पीने गया। वहाँ उदय अंकल अपने एक दोस्त के साथ सिगरेट पी रहे थे। उन्होंने मुझे देखा और पहचान लिया। बोले, “और बिट्टू, क्या हाल है?” मैंने कहा, “ठीक हूँ।” फिर हमने कोल्डड्रिंक ली और थोड़ा आगे चले गए। तभी उनके दोस्त ने पूछा, “ये कौन था?” उदय अंकल ने जो जवाब दिया, वो सुनकर मुझे बहुत बुरा लगा। वो बोले, “अरे, वो नया माल पटाया है ना, सोनाली। उसका बेटा है।” उनका दोस्त बोला, “सही है। सोनाली के मजे लिए?” उदय अंकल बोले, “कहाँ यार, साली चोदने नहीं दे रही। बहुत नाटक करती है। लेकिन ऊपर-ऊपर मजे लिए हैं। खूब किस किया, बूब्स दबाए, चूसे। साली मस्त है, पिंक निप्पल हैं। खूब बाइट किया उसके बूब्स पर, लाल हो गए। रुक, फोटो दिखाता हूँ।” उन्होंने अपने दोस्त को मम्मी की फोटोज दिखाईं, जो मैं नहीं देख पाया। उनका दोस्त बोला, “साली मस्त माल है, उदय।” उदय बोले, “हाँ ना, इसलिए तो पटाया है।”

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उनका दोस्त बोला, “उदय, क्यों कर रहा है? शरीफ हाउसवाइफ है, स्वीट सी है। फालतू क्यों पटा रहा है?” उदय बोले, “यार, माल है। मजा आएगा। साली सिर्फ पति से चुदती थी अब तक। सोच, कितनी टाइट होगी उसकी चूत।” उनका दोस्त बोला, “साले, मत कर। रो देगी तेरे नीचे। उसकी टाइट चूत का भोसड़ा बन जाएगा।” उदय हँसते हुए बोले, “भोसड़ा ही तो बनाना है। उसी में मजा है। लेकिन साली बहुत नाटक करती है। फिर भी 3-4 बार मजे ले लिए। बस एक बार चुदवा ले, फिर देख दीवानी हो जाएगी।” उनकी बातें सुनकर मुझे समझ आ गया कि मम्मी अब उदय अंकल से जरूर चुदेंगी।

3-4 दिन बाद मैं कॉलेज से जल्दी घर आ गया। दोपहर के 12:30 बजे थे। गेट पर ताला था। मुझे लगा मम्मी कहीं गई होंगी। मैंने ताला खोला, अंदर आया। लंच बना हुआ था, मैंने खा लिया। 3 बजे तक मम्मी नहीं आईं। मैंने कॉल किया, तो उनका फोन स्विच ऑफ था। 6 बजे फिर कॉल किया, फिर भी ऑफ। तभी मेरा एक दोस्त घर आ गया। हम टीवी देखने लगे। रात 8 बजे मम्मी आईं। उनकी हालत देखकर मैं और मेरा दोस्त हैरान रह गए। उनके बाल खुले थे, मंगलसूत्र गले में नहीं था, चूड़ियाँ भी नहीं थीं। वो चुपचाप अपने कमरे में चली गईं।

मेरा दोस्त बोला, “चल, बाहर चलते हैं।” हम बाहर गए, तो उसने कहा, “यार, आंटी कहाँ गई थीं?” मैंने कहा, “पता नहीं।” वो बोला, “कब से गई थीं?” मैंने कहा, “12:30 बजे जब मैं आया, तो घर में ताला था।” वो बोला, “एक बात बोलूँ, बुरा मत मानना। मैं तेरा दोस्त हूँ, इसलिए बोल रहा हूँ। आंटी की हालत देखकर लगता है कि वो किसी से चुदके आई हैं।” मैंने कहा, “क्या बोल रहा है?” वो बोला, “सच में, यार। बुरी तरह चुदके आई हैं। दिनभर किसी ने खूब पेला है। उनकी चाल देख, चल भी नहीं पा रही थीं।” मैंने उसे उदय अंकल की सारी बात बताई। वो बोला, “उदय ने आज आंटी को खूब पेला है। उनकी हालत देखकर बता सकता हूँ। साले ने दिनभर लिया होगा।”

मैं घर वापस आया। मैं यही सोच रहा था कि उदय अंकल ने मम्मी को रंडी बना दिया। अगले दिन सुबह मम्मी नहीं दिखीं। मैं उनके कमरे में गया, तो वो सो रही थीं। मुझे लगा, जो रोज 6 बजे उठ जाती थीं, आज 8 बजे तक सो रही हैं। उदय अंकल ने चोद-चोदकर क्या हाल कर दिया। मैं नहाकर कॉलेज के लिए तैयार हुआ। मम्मी तब तक उठ गई थीं। वो खुश लग रही थीं, लेकिन मंगलसूत्र नहीं पहना था। अचानक उन्हें कुछ याद आया। उन्होंने अपना पर्स खोला, मंगलसूत्र निकाला, और फोन चेक किया। बोलीं, “ये फोन ऑफ कैसे हो गया?” मुझे समझ आ गया कि उदय अंकल ने चोदने से पहले फोन ऑफ किया होगा। मैं कॉलेज चला गया, लेकिन यही सोच रहा था कि मम्मी आज फिर उदय अंकल से ना चुदें।

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शाम को जब मैं वापस आया, तो मम्मी घर पर थीं। मुझे अच्छा लगा। मुझे लगा शायद मम्मी को समझ आ गया कि उदय अंकल ने उनसे दोस्ती क्यों की। लेकिन ऐसा नहीं था। 2-3 दिन बाद मैंने देखा कि मम्मी अभी भी उदय अंकल से फोन पर बात कर रही थीं। मुझे समझ आ गया कि मम्मी उनके कंट्रोल में हैं। मैंने तय किया कि मुझे पता लगाना होगा कि उदय अंकल मम्मी को कहाँ ले जाकर चोदते हैं। मैंने उदय अंकल से दोस्ती शुरू की। एक महीना लगा, लेकिन हमारी अच्छी दोस्ती हो गई। वो मम्मी के बारे में खुद से कुछ नहीं बोलते थे। फिर एक दिन मैंने उनसे सीधे पूछ लिया, “मम्मी आपकी गर्लफ्रेंड हैं क्या?” पहले तो वो गुस्सा होने का नाटक करने लगे, फिर मान गए।

उदय अंकल ने कहा, “हाँ, तेरी मम्मी को पटाया है।” मैंने पूछा, “कब से?” वो बोले, “कुछ टाइम हो गया।” मैंने पूछा, “पटाया कैसे? मम्मी तो डीसेंट हैं।” वो बोले, “मैंने 25-30 लड़कियाँ पटाई हैं और चोदी भी हैं। तेरी मम्मी को पटाना कोई बड़ी बात नहीं थी। तेरी मम्मी बहुत मस्त है। उसकी चूत टाइट थी, बहुत टाइम से नहीं चुद थी। चोदने में बहुत मजा आया।” मैंने पूछा, “आपने खूब चोदा था?” वो बोले, “हाँ, खूब चोदा। ऐसा माल कौन नहीं चोदेगा?” मैंने कहा, “अगली बार जब चोदें, मुझे बताना।” वो बोले, “क्यों?” मैंने कहा, “मैं भी देखना चाहता हूँ।” वो बोले, “ठीक है। 2-3 दिन बाद तेरी मम्मी को अपने एक दोस्त के फ्लैट पर ले जा रहा हूँ। वहाँ खूब चोदूँगा साली को।”

3-4 दिन बाद उदय अंकल का कॉल आया। बोले, “आकर मिल मुझसे।” मैं मिलने गया। वो बोले, “कल तेरी मम्मी को अपने दोस्त के फ्लैट पर मस्ती करने ले जा रहा हूँ। 11 बजे उसे पिक करूँगा, और शाम 6 बजे तक ड्रॉप कर दूँगा। कल दिनभर सोनाली की लूँगा। बहुत दिन हो गए किसी को ठोके।” मैंने कहा, “वैसे भी वो आपकी हो चुकी हैं।” वो बोले, “हाँ, साली अब तो हर बात बताती है।” फिर उन्होंने एक चौंकाने वाली बात कही। बोले, “मेरा एक दोस्त भी आएगा। उसे तेरी मम्मी बहुत पसंद है। हो सकता है वो भी तेरी मम्मी को पेले।” मैंने कहा, “लेकिन मम्मी मानेगी?” वो बोले, “दारू के नशे में उसे कुछ पता नहीं चलेगा।” मैंने कहा, “ऐसा मत करो।” वो बोले, “ये तो मैं करूँगा। चिंता मत कर, तेरी मम्मी को मजा आएगा।” उन्होंने मुझे फ्लैट का एड्रेस दिया और बोले, “कल 11 बजे आ जाना। मुझे कॉल करना, रिंग मत बजाना।”

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उस रात मैं सो नहीं पाया। यही सोच रहा था कि जाऊँ या नहीं। मम्मी को बिल्कुल नहीं पता था कि उदय अंकल के अलावा उनका एक और शिकारी है। मैं सोच रहा था कि वो दूसरा आदमी कौन होगा, और मम्मी को कैसे चोदेगा। सुबह मम्मी ने कहा, “आज तू लेट हो गया। जल्दी कर, वरना क्लास छूट जाएगी। शाम को कब तक आएगा?” मैंने कहा, “4 बजे तक।” मम्मी बोलीं, “मुझे भी बाहर जाना है। हो सकता है मैं ना मिलूँ।” मैं समझ गया कि आज उदय अंकल और उनका दोस्त मम्मी की क्या हालत करेंगे।

मैं कॉलेज गया, लेकिन 11 बजे नहीं निकल पाया। 1 बजे निकला, और उस फ्लैट पर 2 बजे पहुँचा। मैंने उदय अंकल को कॉल किया। वो बोले, “आता हूँ।” 10 मिनट बाद उन्होंने गेट खोला। वो सिर्फ अंडरवियर में थे। मैंने पूछा, “मम्मी कहाँ हैं?” वो हँसते हुए बोले, “पहले कोल्डड्रिंक तो पी ले।” मैंने कहा, “नहीं, बताओ मम्मी कहाँ हैं?” वो बोले, “बेडरूम में है। चुद के पड़ी है। अभी-अभी उसे चोदकर उठा हूँ। 2 घंटे से दम से पेल रहा था। साली मस्त है, पूरी चोदने लायक।” मैंने कहा, “मुझे देखना है।” वो बोले, “जा, बेडरूम में देख ले। नशे में है, अंधमरी पड़ी है।”

मैं बेडरूम की तरफ गया। जैसे ही अंदर घुसा, मेरे होश उड़ गए। मम्मी पूरी नंगी पड़ी थीं। उनके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। उनकी आँखें बंद थीं, और वो हल्के-हल्के सिसकार रही थीं, “आह… उह…”। बेड पर उनकी ब्रा और साड़ी बिखरी पड़ी थीं। उदय अंकल भी पीछे-पीछे आए। बोले, “मजा आया?” मैं कुछ बोल ही नहीं पाया। मैं मम्मी को देखता रहा। उनके पूरे शरीर पर लव बाइट्स थे। उनके बूब्स लाल हो चुके थे, जैसे किसी ने जानवर की तरह चूसा और काटा हो। उदय अंकल बोले, “पहली बार देखा ऐसा?” मैंने कहा, “हाँ।” वो बोले, “कुछ करेगा भी, या बस देखता रहेगा?” मैंने कहा, “मुझे कुछ नहीं करना।” वो बोले, “कंडोम ले और पेल दे। उसे कुछ पता नहीं चलेगा।” मैंने मना कर दिया। वो बोले, “तेरी मर्जी। बूब्स तो चूस ले।” लेकिन मैंने कुछ नहीं किया।

फिर वो बोले, “मैंने कहा था ना, मेरा एक दोस्त भी आएगा। वो अब तेरी मम्मी को चोदेगा।” मुझे बहुत बुरा लग रहा था। तभी 4 बजे बेल बजी। उदय अंकल ने गेट खोला। उनका दोस्त आया। उसने मुझे देखा और पूछा, “ये कौन है?” उदय अंकल बोले, “मेरा दोस्त है।” वो हँसते हुए बोला, “बच्चों से दोस्ती?” फिर बोला, “सोनाली कहाँ है? आज तो साली को रगड़ दूँगा। बहुत दिन हो गए किसी को चोदे।” उदय अंकल ने उसे कंडोम दिए और बोले, “जा, बेडरूम में मजा ले।” वो बेडरूम में गया और बोला, “3 घंटे तक आवाज मत लगाना।” उदय अंकल बोले, “1 घंटे में कर ले।” वो बोला, “3 घंटे बाद ही बाहर आएगी साली।” उसने गेट बंद कर लिया।

थोड़ी देर बाद मम्मी की सिसकारियाँ और चीखें आने लगीं, “आह… प्लीज… धीरे… आह… उह…”। वो बार-बार कह रही थीं, “प्लीज… धीरे…”। लेकिन वो आदमी रुका नहीं। चुदाई की आवाजें – थप-थप-थप – पूरे कमरे में गूँज रही थीं। मैं समझ गया कि चुदाई शुरू हो चुकी है। उदय अंकल ने मुझे कहा, “अब तू घर निकल।” मैंने पूछा, “क्यों?” वो बोले, “बस नहीं मिलेगी।” मैंने कहा, “मैं मैनेज कर लूँगा।” लेकिन उन्होंने मुझे जबरदस्ती बाहर निकाल दिया। मुझे समझ आ गया कि उनका कोई और प्लान है। मैं चुपचाप घर आ गया।

घर पहुँचकर मैं टीवी देखने लगा, लेकिन मन नहीं लग रहा था। मुझे पता था कि वो दोनों मम्मी को रंडी की तरह चोद रहे हैं। रात 9 बजे तक मम्मी नहीं आईं। मैंने कॉल किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। फिर मैंने 10 बजे उदय अंकल को कॉल किया। उन्होंने फोन उठाया। मैंने पूछा, “मम्मी कहाँ हैं?” वो बोले, “बेडरूम में है। अभी-अभी चोदकर बाहर आया हूँ।” मैंने पूछा, “मम्मी को घर कब तक भेज रहे हो?” वो बोले, “कल सुबह भेजूँगा। आज रात मेरे पास रहेगी। रातभर पेलूँगा साली को।” मैंने कहा, “प्लीज, भेज दो। आपने कर तो लिया।” वो बोले, “यार, मेरा मन नहीं भरा। आज रातभर उसकी लूँगा। सुबह भेजता हूँ।” फिर उन्होंने फोन काट दिया।

मैं अपने कमरे में आ गया। रातभर यही सोचता रहा कि उदय अंकल मम्मी की क्या हालत करेंगे। सुबह 11 बजे तक मम्मी नहीं आईं। मुझे कोचिंग जाना था, तो मैं चला गया। शाम 5 बजे वापस आया, तो घर में ताला था। मुझे समझ आ गया कि उदय अंकल ने दिनभर मम्मी को चोदा होगा।

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आखिरकार रात 11 बजे मम्मी घर आईं। मैंने गेट खोला, तो देखा उनकी हालत खराब थी। उनकी साड़ी उलझी हुई थी, बाल बिखरे थे, और वो थकान से चूर लग रही थीं। तभी मम्मी की बेस्ट फ्रेंड शीला आंटी ने उन्हें देख लिया। वो बोलीं, “क्या बात है, सोनाली? फुल मजा लूटके आ रही है। किसके साथ थी?” मम्मी बोलीं, “नहीं-नहीं।” शीला आंटी हँसते हुए बोलीं, “अरे, छोड़ ना। तेरी हालत देखकर कोई भी समझ जाएगा कि तू कहाँ से आ रही है। बस ये बता, कौन था वो जिसके साथ मजा लिया?” मम्मी ने हल्की सी स्माइल दी और बोलीं, “एक दोस्त है। कुछ टाइम पहले दोस्ती हुई।” शीला आंटी बोलीं, “सही है। हरामी मर्द है। तेरी हालत खराब कर दी। खूब मस्ती की होगी साले ने।”

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