साले की बीवी की चूत खोली

Saale ki biwi ki desi chudai sex story – जीजाजी का लंड मसालेदार देसी सेक्स: हैलो दोस्तों, मेरा नाम रवि है, उम्र 32 साल, जयपुर का रहने वाला। कद 5 फुट 10 इंच, गठीला बदन, हल्की दाढ़ी और चेहरे पर एक ठेठ राजस्थानी मर्दाना अंदाज़। मैं सेक्स कहानियों का दीवाना हूँ। मुझे ना सिर्फ सेक्सी स्टोरी पढ़ना पसंद है, बल्कि असल जिंदगी में चुदाई का मज़ा लेना मुझे और भी भाता है। मेरी शादी 2003 में जयपुर में एक अच्छे परिवार में हुई थी। मेरी बीवी नेहा, 30 साल की, गोरी-चिट्टी, 36D के भरे हुए बूब्स, 28 की पतली कमर और 38 की गोल-मटोल गांड वाली औरत है। उसका गदराया हुआ जिस्म ऐसा है कि कोई भी उसे देखकर लंड खड़ा कर ले। उसके बूब्स का गुलाबी निप्पल और चूत की हल्की भूरी रेखा, जो साफ़-सुथरी शेव की हुई है, उसे और भी कामुक बनाती है।

शादी के कुछ साल बाद मेरे साले अरविंद की शादी हुई। अरविंद, 28 साल का, साधारण सा लड़का, 5 फुट 7 इंच, पतला-दुबला, ना ज्यादा हैंडसम, ना ज्यादा फिट। उसकी बीवी मोनिका, 26 साल की, एकदम माल थी। मोनिका को मैंने पहली बार दौसा में देखा था, जब हम उसके लिए रिश्ता देखने गए थे। 5 फुट 4 इंच की हाइट, पतली-दुबली, 34C के बूब्स, जिनका उभार हर कपड़े में साफ दिखता था, और 36 की गोल गांड, जो चलते वक्त मटकती थी। उसका गोरा रंग, काले घने बाल और होंठों पर हल्की गुलाबी लिपस्टिक उसे और सेक्सी बनाती थी। लेकिन उसका स्वभाव तीखा था, बात-बात पर गुस्सा। अरविंद को वो पसंद नहीं आई थी, पर घरवालों के दबाव में शादी करनी पड़ी।

शादी के बाद दोनों में अक्सर लड़ाई होती थी। छोटी-छोटी बातों पर तू-तू मैं-मैं। मोनिका का गुस्सा तो जैसे ज्वालामुखी था। एक बार लड़ाई इतनी बढ़ गई कि मोनिका अपने भाई के घर चली गई। मैं और नेहा उसका हाल-चाल पूछने गए। वहाँ मोनिका के कमरे में मुझे एक लिफाफा मिला, जो उसने अपनी सहेली के लिए लिखा था। मैंने उसे चुपके से खोला और पढ़ा तो मेरे होश उड़ गए। उसमें मोनिका ने लिखा था कि अरविंद उसे वो मर्दाना सुख नहीं दे पाता, जो एक औरत को चाहिए। उसने लिखा था कि अरविंद 2-3 मिनट में ही झड़ जाता है, ना उसके बूब्स चूमता है, ना चूत को प्यार करता है। मोनिका ने लिखा था कि वो उस चुदाई के लिए तरस रही है, जो एक मर्द अपनी बीवी को देता है। मैंने वो चिट्ठी जेब में डाल ली और किसी को कुछ नहीं बताया, ना नेहा को, ना किसी और को।

कुछ दिन बाद अरविंद मोनिका को मनाकर घर ले आया। उधर मेरे सास-ससुर चार धाम यात्रा पर चले गए। मुझे एक काम से तीन दिन के लिए जयपुर जाना था। जब मैं घर पहुँचा, तो देखा मोनिका अकेली थी। उसने हल्के गुलाबी रंग का सलवार-सूट पहना था, जिसमें उसकी गोरी कमर और बूब्स का उभार साफ दिख रहा था। मैंने पूछा, “अरविंद कहाँ है?” वो बोली, “वो तो बीकानेर गया है, एक हफ्ते के लिए।” मैंने हँसते हुए कहा, “आज तू सलवार-सूट में कैसे? तुझे तो साड़ी में देखा था हमेशा।” मोनिका ने आँख मारते हुए कहा, “क्यों, जीजू, इसमे अच्छी नहीं लग रही क्या?” मैंने कहा, “अच्छी क्या, तू तो हर कपड़े में माल लगती है।” वो हँस पड़ी और बोली, “माल? हाय, जीजू, ये क्या बोल रहे हो?” उसकी हँसी में एक शरारत थी, जो मुझे अंदर तक गुदगुदा गई।

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वो गर्मी का मौसम था। मैं दोपहर में सो गया, सिर्फ लुंगी पहने हुए। शाम को चार बजे मोनिका चाय लेकर आई। उसने नीले रंग का टाइट कुरता और सफेद सलवार पहनी थी, जिसमें उसके बूब्स का शेप साफ दिख रहा था। वो बेड पर मेरे पास बैठ गई और मेरी नाक पकड़कर बोली, “उठो ना, जीजू, क्या सारा दिन सोते रहोगे? अपनी साली से बात नहीं करनी?” मैं नींद में डरकर उठा और उठते वक्त मेरा सिर उसके मुलायम बूब्स से टकराया। उसका कुरता इतना टाइट था कि मैंने उसके निप्पल का हल्का उभार महसूस कर लिया। मुझे एक करंट सा लगा, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुराई। मैंने बनियान ढूंढी, लेकिन वो कहीं दिखी नहीं। मोनिका ने हँसते हुए कहा, “जीजू, आप तो बिना बनियान के भी मस्त लगते हो। ये छाती के बाल, बिल्कुल जंगल जैसे। दीदी को ये चुभते नहीं?” मैंने मज़ाक में कहा, “क्यों, तुझे चुभ रहे हैं क्या?” वो हँस पड़ी और बोली, “हाय, जीजू, आप तो बड़े शरारती हो।”

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उसकी बातों में वो शरारत थी, जो मुझे उकसा रही थी। मैंने मौका देखकर कहा, “मोनिका, एक बात पूछूँ?” वो बोली, “हाँ, पूछो ना।” मैंने धीरे से कहा, “वो चिट्ठी जो तूने अपनी सहेली को लिखी थी, कि अरविंद तुझे वो सुख नहीं दे पाता, वो सच है?” मोनिका का चेहरा लाल हो गया। वो बोली, “जीजू, आपने वो पढ़ लिया? हाय, कितनी शर्मिंदगी की बात है। लेकिन हाँ, सच है। अरविंद मुझे वो मज़ा नहीं दे पाता। मैं तो प्यासी ही रह जाती हूँ।” उसकी आँखों में एक उदासी थी, लेकिन साथ में एक चाहत भी। मैंने मौका देखा और उसे अपनी बाहों में खींच लिया। उसका मुलायम जिस्म मेरे सीने से टकराया। मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू किया, धीरे-धीरे, फिर पागलों की तरह। वो भी मस्त होकर मुझे चूमने लगी। उसकी साँसें गर्म थीं, और उसका कुरता मेरे हाथों में दब रहा था।

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मैंने उसका कुरता ऊपर उठाया और उसकी काली ब्रा देखी। उसके बूब्स इतने टाइट थे कि ब्रा में फंसकर उभरे हुए थे। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाए, और वो सिसकने लगी, “आह्ह, जीजू, धीरे…” मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला, और वो नीचे सरक गई। उसकी काली पैंटी में उसकी चूत का उभार साफ दिख रहा था। मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाला, और उसकी चिकनी, गीली चूत को छुआ। वो बोली, “जीजू, आज रात को कुछ खास करना। मैं चाहती हूँ कि ये रात मेरी सुहागरात जैसी हो।” मैंने उसकी बात मान ली। हमने रात का प्लान बनाया। खाना खाने बाहर गए, और मैंने एक किलो गुलाब के फूल खरीदे। घर आकर मोनिका ने बेड पर नई लाल बेडशीट बिछाई, और मैंने उस पर गुलाब की पंखुड़ियाँ बिखेर दीं।

रात को मोनिका लाल रंग का सेक्सी पेटीकोट और ब्लाउज़ पहनकर आई। उसका ब्लाउज़ इतना टाइट था कि उसके बूब्स बाहर निकलने को बेताब थे। मैं सिर्फ काले रंग की V-शेप अंडरवियर में था। मोनिका बेड पर लेट गई, और मैं उसके ऊपर। मैंने उसके होंठ चूमे, उसकी जीभ को अपनी जीभ से चाटा। उसकी साँसें तेज हो रही थीं। मैंने उसका ब्लाउज़ खोला, और उसकी काली ब्रा में उसके बूब्स को देखा। मैंने ब्रा का हुक खोला, और उसके गुलाबी निप्पल बाहर आ गए। मैंने एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा। वो सिसक रही थी, “आह्ह, जीजू, ऐसे ही… और चूसो… उईई…” मैंने उसके दूसरे बूब को दबाया, और उसका निप्पल कड़क हो गया। मैंने उसका पेटीकोट ऊपर उठाया, और उसकी पैंटी उतार दी। उसकी चूत एकदम चिकनी थी, हल्के भूरे रंग की, और गीली। मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया, धीरे-धीरे उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ा। वो चिल्लाई, “आह्ह, जीजू, ये क्या कर रहे हो… उईई, मर गई…” उसकी चूत का स्वाद नमकीन और गर्म था। मैंने 10 मिनट तक उसकी चूत चाटी, और वो बार-बार सिसक रही थी।

फिर मोनिका ने मेरी अंडरवियर उतारी। मेरा 8 इंच का लंड एकदम तना हुआ था, जिसका सुपारा गुलाबी और चमकदार था। वो बोली, “हाय, जीजू, ये तो बहुत बड़ा है… ये डंडा तो मेरी चूत फाड़ देगा।” उसने मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों में लिया और चूसना शुरू किया। उसकी जीभ मेरे सुपारे पर घूम रही थी, और मैं सिसक रहा था, “आह्ह, मोना, चूस ले… और चूस… उईई…” उसने मेरे लंड को पूरा मुँह में लिया, और 5 मिनट तक चूसा। मैंने उसे बेड पर लिटाया, और उसकी चूत पर लंड रगड़ा। वो बोली, “जीजू, अब डाल दो… मेरी चूत प्यासी है।” मैंने उसके पैर फैलाए और लंड को उसकी चूत पर रखा। धीरे-धीरे लंड अंदर गया, और मुझे लगा कि उसकी चूत एकदम टाइट है, जैसे अभी तक किसी ने ठीक से चोदा ही ना हो। वो चिल्लाई, “आह्ह, धीरे… दर्द हो रहा है…” मैंने धीरे-धीरे धक्के मारे, और उसकी चूत से हल्का खून निकला। वो बोली, “जीजू, आज पहली बार ऐसा लग रहा है कि कोई मर्द मुझे चोद रहा है।” मैंने धक्के तेज किए, और वो चिल्ला रही थी, “आह्ह, उईई, जीजू, और चोदो… मेरी चूत फाड़ दो…”

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मैंने उसे 20 मिनट तक चोदा, और फिर उसकी चूत में झड़ गया। मेरा गर्म वीर्य उसकी चूत में भरा, और वो भी झड़ गई। हम दोनों 15 मिनट तक वैसे ही लेटे रहे, एक-दूसरे से लिपटे हुए। फिर मोनिका बाथरूम गई, और मैं भी पीछे-पीछे। शावर के नीचे उसका नंगा जिस्म चमक रहा था। मैंने उसकी चूत के बाल देखे, जो हल्के घने थे। मैंने कहा, “मोना, ये बाल साफ कर दे, और मस्त लगेगी।” वो बोली, “जीजू, आप ही कर दो।” मैंने रेज़र लिया, साबुन लगाया, और उसकी चूत के बाल साफ किए। अब उसकी चूत एकदम चिकनी और गुलाबी लग रही थी।

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हम बाथरूम से निकले, और मोनिका डाइनिंग टेबल पर पानी की बोतल लेने गई। मैंने मौका देखा और उसकी गांड में लंड रगड़ दिया। वो हँस पड़ी और बोली, “जीजू, ये क्या शरारत है?” मैंने कहा, “मोना, तुझे डाइनिंग टेबल पर चोदना चाहता हूँ।” वो तैयार हो गई। मैंने उसे टेबल पर लिटाया, फ्रिज से मक्खन निकाला, और उसकी चूत और बूब्स पर लगाया। मैंने उसके बूब्स को मसला, चूसा, और फिर लंड उसकी चूत में डाला। वो चिल्ला रही थी, “आह्ह, उईई, जीजू, मर गई… और चोदो…” मैंने 30 मिनट तक उसे चोदा, और फिर उसकी चूत में झड़ गया। हम दोनों नंगे ही लिपटकर सो गए।

सुबह 5 बजे मोनिका उठी, और लाइट जलाते ही मैंने देखा कि वो पूरी नंगी थी। मैंने उसे फिर बेड पर खींचा, लेकिन उसने मना कर दिया, “जीजू, अब बस, थक गई हूँ।” वो कपड़े पहनकर बाथरूम गई। उसने दरवाजा खुला छोड़ा, और मैं पीछे-पीछे गया। वो शावर के नीचे नहा रही थी, और पानी उसके बूब्स से चूत तक बह रहा था। मैंने उसकी चूत को फिर छुआ, और वो मेरे लंड को रगड़ने लगी। मैंने उसे गोद में उठाया और चूत में लंड डाल दिया। 25 मिनट तक मैंने उसे चोदा, और फिर झड़ गया। हम दोनों नहाकर बाहर आए।

तीन दिन तक मैंने मोनिका की चूत को हर बार चोदा, जब मौका मिला। हर बार वो मस्त होकर चुदवाती थी। दोस्तों, ये थी मेरी कहानी। आपने ऐसी चुदाई का मज़ा लिया है कभी? कमेंट में बताइए।

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