राधिका की गाजर वाली स्टोरी पढ़ के

Padosi uncle se choot chudai sex story: मेरा नाम काशी है, मैं बनारस की रहने वाली हूँ और नोएडा में जॉब करती हूँ। मैं 22 साल की हूँ, मेरा फिगर 32-28-30 है, और लोग कहते हैं कि मेरी अदाएँ ऐसी हैं कि किसी का भी दिल धड़का दें। मेरी त्वचा गोरी है, और मेरे लंबे, घने बाल मेरी कमर तक लहराते हैं। मैं अपनी फ्रेंड अनीता के साथ नोएडा में एक 1RK फ्लैट शेयर करती हूँ। अनीता आगरा की है, 23 साल की, और उसका फिगर 34-26-32 है। वो भी मेरी तरह जॉब करती है, और हम दोनों की केमिस्ट्री कमाल की है। हमारी जॉब सोमवार से शुक्रवार तक होती है, और शनिवार-रविवार को छुट्टी रहती है। अनीता हर शुक्रवार शाम को आगरा चली जाती है और सोमवार सुबह लौटती है। बनारस दूर है, इसलिए मैं महीने में सिर्फ़ एक बार घर जाती हूँ।

ये कहानी 15 दिन पहले की है। उस शुक्रवार को अनीता ऑफिस के बाद आगरा चली गई, और मैं फ्लैट में अकेली थी। रात के 9 बजे होंगे, मैंने लैपटॉप ऑन किया और कुछ ऑफिस का काम निपटाने लगी। लेकिन जल्दी ही मेरा मन बेकार हो गया। मैंने एक सेक्स स्टोरी साइट खोली और कहानियाँ पढ़ने लगी। एक के बाद एक कहानी पढ़ते-पढ़ते मेरी चूत गीली होने लगी। फिर मैंने “राधिका की गाजर वाली स्टोरी” पढ़ी, और बस, मेरी चूत में आग सी लग गई। कहानी में राधिका ने जिस तरह अपनी चूत में गाजर डालकर मज़ा लिया, उसे पढ़कर मेरा बदन सुलगने लगा। मैंने अपनी पैंटी उतारी और अपनी चूत पर उंगलियाँ फेरनी शुरू की। पहले एक उंगली, फिर दो, और मैंने अपनी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया। लेकिन ये काफ़ी नहीं था। मेरी चूत को कुछ और चाहिए था।

मैं उठी और किचन में गई। वहाँ फ्रिज में एक मोटी, लंबी गाजर पड़ी थी, शायद 8 इंच की। मैंने उसे धोया और वापस बेडरूम में आ गई। लैपटॉप पर स्टोरी खुली थी, और मैंने गाजर को अपनी चूत पर रगड़ा। उसकी ठंडक से मेरी चूत में सिहरन दौड़ गई। धीरे-धीरे मैंने गाजर को अपनी चूत में घुसेड़ा। “आह्ह्ह…” मेरे मुँह से सिसकारी निकली। मैंने गाजर को अंदर-बाहर करना शुरू किया, और साथ में स्टोरी पढ़ती रही। राधिका की चुदाई पढ़ते-पढ़ते मैं इतनी गर्म हो गई कि बेड पर लेटकर अपनी चूत को गाजर से ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगी। मेरी साँसें तेज़ हो रही थीं, मेरी चूत चिकनी हो चुकी थी, और मैं “उम्म… आह्ह…” करके सिसक रही थी। मैंने करीब 4-4:30 बजे तक अपनी चूत को गाजर से चोदा, लेकिन मेरी चूत की आग बुझने का नाम नहीं ले रही थी। मैं थक गई थी, लेकिन नींद नहीं आ रही थी। मैं नंगी ही बेड पर लेटी थी, गाजर मेरी चूत में थी, और मेरा दिमाग़ शांत होने की बजाय और उत्तेजित हो रहा था।

तभी मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया। राधिका ने स्टोरी में अपने पड़ोस के अंकल से चुदवाया था, तो मैं भी ऐसा क्यों न करूँ? मेरे फ्लैट के बगल में अजीत अंकल रहते हैं। अजीत अंकल 36 साल के हैं, भोपाल के रहने वाले, और बेहद हैंडसम। उनके काले, घने बाल, चौड़ा सीना, और मर्दाना चेहरा किसी को भी दीवाना बना सकता है। उनकी शादी को अभी 4 महीने ही हुए थे, लेकिन उनकी पत्नी प्रेग्नेंट थी और भोपाल में अपनी माँ के पास थी। अजीत अंकल यहाँ अकेले रहते थे। मैंने कई बार उन्हें अपनी चूचियों और चूत की तरफ़ घूरते देखा था, और उनकी आँखों में एक चिकना सा लालच दिखता था।

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मैंने फ़ैसला कर लिया कि आज मैं अजीत अंकल से अपनी चूत की आग बुझवाऊँगी। सुबह के 5:30 बज रहे थे। मैं जल्दी से उठी, ब्रश किया, और तैयार होने लगी। मैंने जानबूझकर एक टाइट, छोटी सी ब्रा पहनी, जिसमें मेरी आधी चूचियाँ बाहर झाँक रही थीं। ऊपर एक स्लीवलेस, डीप नेक टॉप डाला, जो इतना छोटा था कि मेरी नाभि तक मुश्किल से पहुँचता था। मेरी चूचियों की क्लीवेज साफ़ दिख रही थी। नीचे मैंने एक ढीली, छोटी सी शॉर्ट्स पहनी, जो इतनी छोटी थी कि मेरी आधी गाँड बाहर थी, और इतनी ढीली कि हल्का सा झुकने पर मेरी चूत साफ़ दिख जाए। मैंने अपनी चूत में गाजर रखी थी, जो शॉर्ट्स के नीचे हल्का सा उभर रही थी। मैंने बालों को खुला छोड़ा, मेकअप किया, और मोबाइल व चाबी लेकर अजीत अंकल के फ्लैट की ओर चल पड़ी।

मैंने उनके दरवाज़े की बेल बजाई। अजीत अंकल ने दरवाज़ा खोला और मुझे देखते ही उनके मुँह से “हाय…” निकला। उनकी आँखें मेरे टॉप से झाँकती चूचियों पर अटक गईं, फिर मेरी शॉर्ट्स की तरफ़ गईं। मैंने शरमाते हुए कहा, “अंकल, मेरे टीवी में केबल नहीं आ रहा, और मुझे कॉल आया था कि बनारस में दंगे हुए हैं। न्यूज़ देखना है, तो मैं आपके यहाँ टीवी देख लूँ?” अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, बिल्कुल सही किया। आओ, अंदर आओ।” उन्होंने टीवी ऑन किया और मैं सोफे पर बैठ गई। अंकल मेरे बगल वाले सोफे पर बैठे और मुझे तिरछी नज़रों से देखने लगे।

मैं रिमोट लेकर चैनल बदलने लगी। मेरी चूत में गाजर अभी भी थी, और मैं जानबूझकर अपनी टाँगें हिलाती थी ताकि गाजर हल्के-हल्के अंदर-बाहर हो। इससे मेरी चूत में सिहरन हो रही थी, और मैं “उम्म…” करके हल्की सिसकारी ले रही थी। अंकल मेरी हर हरकत को गौर से देख रहे थे। मैंने सोफे पर एक तकिया रखा और उस पर टेक लगाकर टीवी देखने का नाटक करने लगी। थोड़ी देर बाद अंकल उठकर किचन की तरफ़ गए। मैंने मौका देखकर अपनी शॉर्ट्स को और साइड किया, ताकि मेरी चूत और गाजर साफ़ दिखे। फिर मैंने आँखें बंद करके सोने का नाटक शुरू कर दिया। मेरी चूत अंकल के लंड के लिए तड़प रही थी।

थोड़ी देर बाद अंकल वापस आए और धीरे से बोले, “काशी?” मैंने कोई जवाब नहीं दिया और सोने का नाटक करती रही। अचानक मुझे लगा कि मेरी चूत से गाजर धीरे-धीरे बाहर निकाली जा रही है। मैंने आँखें बंद रखीं, लेकिन मेरी चूत में सनसनी दौड़ रही थी। गाजर पूरी बाहर निकल गई, और फिर मुझे एक ठंडी, मोटी चीज़ अपनी चूत में घुसती महसूस हुई। “आह्ह्ह!” मैं दर्द से चीख पड़ी और आँखें खोल दीं। सामने अंकल पूरी तरह नंगे बैठे थे, उनके हाथ में एक 10 इंच लंबी और 4 इंच मोटी मूली थी, और वो मेरी चूत से निकली गाजर को चूस रहे थे। उनका 8 इंच का लंड तना हुआ था, और उसकी मोटाई देखकर मेरी चूत और गीली हो गई। उनका चौड़ा, बालों वाला सीना और गहरी आँखें मुझे और उत्तेजित कर रही थीं।

मैंने शरमाते हुए कहा, “अंकल, ये क्या कर रहे हैं?” अंकल ने हँसते हुए कहा, “साली, तेरी इस रंडी चूत को भोसड़ा बनाने की सोच रहा हूँ। सुबह-सुबह यहाँ चुदने आई है, सीधे बोल देती कि काशी की चूत में आग लगी है!” मैंने शरमाकर मुस्कुरा दिया। अंकल ने मूली को फिर से मेरी चूत में घुसेड़ दिया। “आह्ह्ह… उफ्फ्फ!” मैं सिसक उठी। अंकल ने मुझे खड़ा किया और मेरे होंठों को चूसने लगे। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और वो मेरी चूचियों को ज़ोर-ज़ोर से मसल रहे थे। उन्होंने मेरा टॉप उतारा और मेरी ब्रा के ऊपर से मेरी चूचियों को काटने लगे। मेरी ब्रा इतनी छोटी थी कि मेरी चूचियाँ पहले ही आधी बाहर थीं। अंकल ने एक झटके में मेरी ब्रा उतार दी और मेरी चूचियों को चूसने लगे। उनकी जीभ मेरे निप्पलों पर गोल-गोल घूम रही थी, और मैं “आह्ह… उमम्म…” करके सिसक रही थी।

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अंकल मेरे पेट पर kiss करते हुए मेरी नाभि तक पहुँचे। उन्होंने अपनी जीभ मेरी नाभि में डाल दी, और मैं पागल सी हो गई। मेरी चूत में मूली अभी भी थी, लेकिन मेरी चूत इतनी गीली थी कि मूली ज़मीन पर गिर पड़ी। अंकल ने हँसकर कहा, “साली, अब तुझे मूली भी नहीं चाहिए?” मैंने शरारत से कहा, “अंकल, मुझे वो मूली चाहिए जो पहले गर्म हो, फिर ठंडी। ये तो बस ठंडी रहती है।” अंकल ने कहा, “काशी, तू तो सच्ची मादरचोद है!” और मुझे गोद में उठाकर बेडरूम में ले गए।

बेड पर मुझे लिटाकर अंकल मेरी चूचियों को चूमने और काटने लगे। उनकी जीभ मेरे निप्पलों पर ऐसे खेल रही थी जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूस रहा हो। मैं “आह्ह… अंकल… उफ्फ्फ…” करके चिल्ला रही थी। फिर अंकल ने मुझे पेट के बल लिटाया और मेरी पीठ पर kiss करने लगे। उनकी गर्म साँसें मेरी पीठ पर लग रही थीं, और मैं बेडशीट को ज़ोर से पकड़कर सिसक रही थी। “अंकल, प्लीज़… ऐसे मत करो… मैं पागल हो जाऊँगी!” मैं चिल्लाई, लेकिन अंकल रुके नहीं। उन्होंने मेरी गाँड को सहलाया और हल्के से थप्पड़ मारा। मेरी चूत और गीली हो गई।

फिर अंकल ने मुझे सीधा किया और 69 की पोज़िशन में आ गए। उनका 8 इंच का लंड मेरे मुँह के सामने था, और मैं उसे देखकर पागल हो रही थी। मैंने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन अंकल मुझे तड़पाने में मज़ा ले रहे थे। आख़िरकार मैंने ज़ोर से उनका लंड पकड़ा और अपने मुँह में डाल लिया। मेरा मुँह छोटा था, और उनका लंड इतना मोटा कि मुश्किल से आधा अंदर गया। “उम्म… ग्लप… ग्लप…” मेरे मुँह से आवाज़ें निकल रही थीं। अंकल ने मेरी चूत को चाटना शुरू किया। उनकी जीभ मेरी चूत के दाने को रगड़ रही थी, और मैं “आह्ह… उफ्फ्फ… अंकल…” करके सिसक रही थी। मैं उनकी गाँड पकड़कर उनका लंड और गहरे ले रही थी, और अपनी कमर उठा-उठाकर अपनी चूत उनकी जीभ पर रगड़ रही थी।

करीब 15 मिनट तक ये सब चलता रहा। मेरी चूत अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती थी। मैंने कहा, “अंकल, अब अपनी इस रंडी चूत में अपना लंड डाल दो। ये मादरचोद चूत चुदने के लिए तड़प रही है!” अंकल ने अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर रखा और एक ज़ोरदार झटके में पूरा अंदर घुसेड़ दिया। “आआआह्ह्ह… उफ्फ्फ!” मैं दर्द से चीख पड़ी। उनका लंड मेरी चूत को फाड़ रहा था। मैं चिल्लाई, “अंकल, प्लीज़… निकाल लो… मैं मर जाऊँगी!” लेकिन अंकल ने कहा, “साली, सुबह से चुदासी है, आज तेरी चूत की आग बुझाऊँगा!” और वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगे। “पच… पच… पच…” मेरी चूत से आवाज़ें निकल रही थीं।

धीरे-धीरे मेरा दर्द मज़े में बदलने लगा। मैंने कहा, “अंकल, मेरी चूत फाड़ दो… इस रंडी चूत को रात भर गाजर चोद रही थी, लेकिन ये ठंडी नहीं हुई। फाड़ दो इसे!” अंकल और ज़ोर से धक्के मारने लगे। मैं अपनी चूचियों को नोच रही थी और चिल्ला रही थी, “आह्ह… उफ्फ्फ… चोदो अंकल… और ज़ोर से!” करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद अंकल ने कहा, “घोड़ी बन, काशी!” मैं तुरंत घोड़ी बन गई और अपनी गाँड उनकी तरफ़ कर दी। अंकल ने पीछे से मेरा लंड मेरी चूत में घुसेड़ा और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगे। “पच… पच… पच…” मेरी चूत की आवाज़ पूरे कमरे में गूँज रही थी। अंकल कभी मेरी चूचियाँ सहलाते, कभी मेरी गाँड पर थप्पड़ मारते। मैं “आह्ह… उमम्म… चोदो अंकल…” करके चिल्ला रही थी।

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आधे घंटे बाद अंकल ने कहा, “काशी, तेरी गाँड मारूँ?” मैंने हँसकर कहा, “अंकल, एक ही दिन में सारा मज़ा ले लोगे? अभी चूत को चोदो!” मैंने अपनी टाँगें और चौड़ी कर दीं। अंकल ने मेरी कमर पकड़ी और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगे। मैंने अपने पैर उनकी कमर पर लपेट लिए और चिल्ला रही थी, “चोदो अंकल… और तेज़… इस चूत को बेहोश कर दो!” मेरी चूत और चिकनी हो रही थी, और मैं और गर्म हो रही थी। करीब एक घंटे बाद अंकल ने कहा, “काशी, मैं झड़ने वाला हूँ। मुँह में लेगी या चूत में?” मैंने कहा, “अंकल, आज चूत में ही झड़ो, ताकि ये थोड़ी ठंडी हो। मुँह में अगली बार पी लूँगी।” अंकल ने कहा, “मुझे अंकल बोल, अजीत नहीं। अंकल सुनकर लगता है मैं किसी 22 साल की चूत चोद रहा हूँ।” मैंने हँसकर कहा, “ठीक है, अंकल।” फिर अंकल ने 5-6 ज़ोरदार झटके मारे और मेरी चूत में झड़ गए। उनकी गर्म माल मेरी चूत को भर रहा था। वो मेरे ऊपर ही लेट गए और सो गए।

मैं 4-4:30 घंटे की चुदाई के बाद भी नहीं झड़ी थी। मेरी चूत अभी भी तड़प रही थी। मैं मन ही मन सोच रही थी, “साली काशी, तेरी चूत को शायद 4-5 लंड एक साथ चोदें, तभी ठंडी होगी।” थोड़ी देर बाद हम दोनों उठे और बाथरूम में गए। हमने साथ में नहाया। अंकल मेरी चूचियों पर साबुन रगड़ रहे थे, और मैं उनके लंड पर। नहाने के बाद मैंने तौलिया लपेटा, लेकिन अंकल ने उसे खींचकर उतार दिया और कहा, “जब तक तू मेरे घर में है, नंगी रहेगी। कपड़े पहनने की इजाज़त नहीं।” फिर उन्होंने मुझे अपनी जाँघों पर बिठाया और वो मूली, जो पहले गिरी थी, उठाकर मेरी चूत में घुसेड़ दी। उन्होंने कहा, “अब से तेरी चूत कभी ख़ाली नहीं रहेगी। या तो लंड से भरी रहेगी, या गाजर-मूली से।” हम दोनों हँसने लगे।

अगले दो दिन की कहानी मैं अगले पार्ट में बताऊँगी, कि कैसे ये दिन कटे और मैं कैसे झड़ी। साथ ही पिछले हफ्ते की 17 लोगों की सेक्स पार्टी की कहानी भी आगे के पार्ट्स में सुनाऊँगी। अभी मेरी चूत फिर से गीली हो रही है, मैं अपनी चूत मरवाने जा रही हूँ। बाय फ्रेंड्स, फिर मिलेंगे। कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कमेंट्स में ज़रूर लिखें, ताकि हम आपके लिए और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सकें।

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