Patni ki chachi ki chudai – Chachi Saas ki chudai sex story: हाय दोस्तों, मैं निशांत, और ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, जो बिल्कुल सच्ची घटना पर आधारित है। लोगों की निजता का ध्यान रखते हुए मैंने नाम बदल दिए हैं। मेरी बीवी रीतिका की चाची का नाम प्रीति है। इस कहानी में मैं आपको बताऊँगा कि कैसे मैंने अपनी चाची सास प्रीति को पटाया और उनके साथ जमकर चुदाई के मजे लिए, जो आज भी चल रहे हैं।
मैं 32 साल का हूँ, रीतिका 26 की, और प्रीति 36 की। हमारी शादी को सात साल हो चुके हैं, और मेरी सेक्स लाइफ हमेशा मस्त रही है। रीतिका को मैं आज भी वैसे ही चोदता हूँ, जैसे शादी की पहली रात को चोदा था। लेकिन प्रीति के साथ की चुदाई का मज़ा कुछ अलग ही है। प्रीति का फिगर ऐसा है कि बस देखते ही लंड खड़ा हो जाए। उसके 38 इंच के मम्मे, एकदम गोल और टाइट, 30 इंच की पतली कमर, और 38 इंच की रसीली गांड। उसका रंग इतना गोरा है कि मक्खन भी शरमा जाए। शादी से पहले ही मैं प्रीति को पसंद करता था। मैंने ठान लिया था कि इसे तो चोदना ही है। रीतिका भी खुले दिमाग की है, और उसने मेरी इस ख्वाहिश में मेरा साथ दिया।
शादी के कुछ हफ्तों बाद मैंने रीतिका से प्रीति की बात शुरू की। वो समझ गई कि मैं क्या चाहता हूँ। एक दिन मैंने उससे साफ कह दिया, “यार, मुझे प्रीति से मिलवा दे।” रीतिका हँस पड़ी और बोली, “खुद सेटिंग कर ले, मुझे इसमें मत घसीट। अपनी मेहनत से चाची को पटा और मज़े ले।” उसने मुझे प्रीति का नंबर दे दिया। बस फिर क्या, मैंने प्रीति को पटाने की शुरुआत कर दी।
शादी के कुछ महीनों बाद मैं अपने बिजनेस के सिलसिले में गल्फ चला गया। वहाँ मेरा एक छोटा-सा बिजनेस और एक फ्लैट है। मैं हर दो-तीन महीने में भारत आता-जाता रहता हूँ। गल्फ से मैंने प्रीति को मैसेज करना शुरू किया। शुरुआत में बातें आम थीं—हाल-चाल, परिवार की बातें। धीरे-धीरे हम खुलने लगे। बातें अब फ्लर्टिंग से होती हुई गंदी बातों तक पहुँच गईं। एक दिन प्रीति ने मुझसे पूछा, “रीतिका इतनी हॉट है, क्या उससे तेरा मन भर गया?” मैंने हँसते हुए कहा, “प्रीति, तुम्हें चोदने की ख्वाहिश तो मेरे दिल में शादी से पहले से थी। मैंने रीतिका से भी कहा था कि अपनी चाची से मिलवा दे। उसने ही तेरा नंबर दिया और बोली, जा मज़े कर।” प्रीति हँस दी। मुझे लगा, बस अब वो मेरे जाल में फँस चुकी है।
प्रीति के पति से उसकी नहीं बनती थी। उसके दो बच्चे हैं, 18 और 20 साल के। वो अपने पति से तंग आ चुकी थी और मुझसे मज़े लेना चाहती थी, लेकिन सही मौके का इंतज़ार था। कुछ महीनों बाद मैं दो दिन के लिए भारत आया। मैंने रीतिका के लिए कुछ गिफ्ट्स लाए—एक सेक्सी लाल बिकनी सेट, परफ्यूम, और कुछ ज्वेलरी। प्रीति के लिए भी मैंने एक काले रंग का बिकनी सेट, एक ट्रांसपेरेंट नाइटी, और मेकअप का सामान लाया। रीतिका ने बिकनी देखकर मज़ाक में कहा, “चाची इसमें तो आग लगा देगी।”
उस रात मैंने और रीतिका ने विदेशी व्हिस्की पी। नशे में मैंने रीतिका को प्रीति समझकर चोदा। मैं बार-बार प्रीति का नाम ले रहा था, “प्रीति… तेरी चूत कितनी टाइट है…” रीतिका मज़े लेते हुए बोली, “थोड़ा जोश बचा के रख, कल चाची तुझे निचोड़ देगी।” मैंने मस्ती में कहा, “क्यों न तुम भी साथ आ जाओ, तीनों मिलकर चुदाई करेंगे।” रीतिका ने हँसकर जवाब दिया, “पहले चाची के साथ अकेले मज़े ले ले, फिर थ्रीसम करेंगे।”
अगली सुबह मैं प्रीति के घर पहुँचा। वहाँ मैंने सबसे मुलाकात की और सबको गिफ्ट्स दिए। प्रीति को मैंने उसका स्पेशल गिफ्ट दिया—व्हिस्की की बोतल, बिकनी सेट, नाइटी, और मेकअप का सामान। उसने आँख मारते हुए पूछा, “ये क्या लाया है, दामाद जी?” मैंने कहा, “खुद खोलकर देख ले।” गिफ्ट देखकर वो खुश हो गई। उस दिन उसने काली साड़ी पहनी थी, जिसके साथ गहरे गले का लाल ब्लाउज़ था। उसका फिगर उस साड़ी में कातिलाना लग रहा था। उसकी कमर और मम्मों की उभार साफ दिख रही थी।
प्रीति चाय बनाने किचन में गई। उसके पति मुझसे मिलकर अपने दोस्तों के साथ निकल गए। बच्चे भी अपने दोस्तों के घर चले गए। अब घर में सिर्फ़ मैं और प्रीति थे। किचन में मैंने मौका देखकर उसकी गांड पर हाथ रखा। उसकी 38 इंच की गांड इतनी सॉफ्ट थी कि मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। मैंने धीरे-धीरे उसकी गांड सहलाई। वो हँस दी और बोली, “दामाद जी, ये क्या कर रहे हो?” मैंने कहा, “बस तेरी गांड का मज़ा ले रहा हूँ।” उसकी हँसी में शरारत थी। मैंने हिम्मत बढ़ाई और उसके मम्मों को ब्लाउज़ के ऊपर से दबा दिया। उसके 38 इंच के मम्मे इतने भरे हुए थे कि ब्लाउज़ फटने को था। मैंने पीछे से उसकी गांड पर अपना लंड सटाया और उसकी गोरी गर्दन पर किस करना शुरू किया। उसकी साँसें तेज़ हो गईं, “आह… निशांत… क्या कर रहे हो…” वो धीरे-धीरे गर्म होने लगी।
मैंने उसके ब्लाउज़ के हुक खोले और अंदर हाथ डाला। उसके गुलाबी निप्पल सख्त हो चुके थे। मैंने उन्हें सहलाया, और वो सिसकारी, “उह्ह… निशांत… और करो…” मैं उसकी गर्दन को चूमता रहा, और उसकी गर्दन पर गहरे लाल लव बाइट्स पड़ गए। मैंने उसकी साड़ी का पल्लू सरकाया। उसका लाल ब्लाउज़ और उसमें कसे हुए मम्मे देखकर मेरा लंड फुंफकारने लगा। तभी अचानक मेरी सास कहीं से आ धमकी। वो बोली, “प्रीति, चाय तैयार है?” मेरा सारा मूड खराब हो गया। प्रीति ने हँसते हुए मुझे इशारा किया और साड़ी ठीक की। चाय पीकर मैं वहाँ से निकल आया।
रास्ते में मैंने रीतिका को कॉल किया और सारा किस्सा बताया। वो हँस पड़ी, “मम्मी ने तो तेरा खेल बिगाड़ दिया।” मैंने कहा, “कोई बात नहीं, अब अगली बार चाची की चूत का मज़ा लूँगा।” मैं वापस गल्फ चला गया और प्रीति को बहरीन आने के लिए कहा। उसने कहा, “बच्चों और पति को क्या बहाना दूँ?” मैंने ये काम रीतिका को सौंपा। उसने सब सेट कर दिया, और दो दिन बाद प्रीति अपने बच्चों के साथ बहरीन आ गई।
रात को डिनर के बाद बच्चे सो गए। अब मेरा और प्रीति का असली खेल शुरू होने वाला था। जिस रात का मैंने सालों इंतज़ार किया था, वो आज थी। मैंने दो-दो पैग व्हिस्की के बनाए। नशा चढ़ने लगा, और माहौल गर्म हो गया। प्रीति कपड़े चेंज करने गई। वो मेरे गिफ्ट किए हुए काले बिकनी सेट और ट्रांसपेरेंट काली नाइटी में लौटी। उसकी बिकनी इतनी टाइट थी कि उसकी चूत की शेप साफ दिख रही थी। उसके 38 इंच के मम्मे बिकनी में कसकर उभर रहे थे। नाइटी इतनी पतली थी कि उसका गोरा जिस्म चमक रहा था। वो किसी रंडी से कम नहीं लग रही थी। मैंने पहले से ही लिक्विड चॉकलेट, व्हिप्ड क्रीम, और चॉकलेट केक ऑर्डर कर रखा था, जो डिलीवर हो चुका था।
मैंने प्रीति को अपनी गोद में खींच लिया और उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया। वो मेरे साथ लिपट गई, “आह… निशांत… तू तो मुझे पागल कर देगा…” मैंने उसकी नाइटी के ऊपर से उसके मम्मों को दबाया। उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “उह्ह… और ज़ोर से दबा…” मैंने उसकी नाइटी उतारी। उसकी काली ब्रा में कसे हुए मम्मे देखकर मेरा लंड तड़पने लगा। मैंने उसकी ब्रा खोली, और उसके गोरे, गोल मम्मे मेरे सामने थे। गुलाबी निप्पल सख्त हो चुके थे। मैंने एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा। “आह्ह… निशांत… मेरे मम्मे चूस… और ज़ोर से…” वो सिसकारी। मैंने बारी-बारी दोनों मम्मों को चूसा, उनके बीच की गर्मी को चाटा, और उसकी बगलों को भी चूमा। उसकी खुशबू मुझे दीवाना बना रही थी।
मैंने उसकी बिकनी की पैंटी उतारी। उसकी चिकनी, गुलाबी चूत मेरे सामने थी। उसकी क्लिट सख्त हो चुकी थी। मैंने उसकी चूत को चूमना शुरू किया। मेरी जीभ उसकी चूत के होंठों पर फिसली, और वो चीख पड़ी, “आह्ह… निशांत… मेरी चूत चूस… इसे खा जा…” मैंने उसकी क्लिट को चूसा, और मेरी जीभ उसकी चूत के अंदर तक गई। वो इतनी गीली थी कि उसका पानी मेरे मुँह में आ रहा था। मैंने उसे चूसते हुए दो बार झड़ने दिया। उसका पानी मेरे मुँह में था, और उसका स्वाद मुझे और उत्तेजित कर रहा था। मैंने उसकी गोरी जाँघों को चूमा, फिर उसकी पैर की उंगलियों को मुँह में लेकर चूसने लगा। प्रीति पूरी तरह गर्म हो चुकी थी, “निशांत… अब चोद दे… मेरी चूत तड़प रही है…”
अब उसकी बारी थी। उसने मेरी छाती पर किस किया, मेरे निप्पल्स को चूसा, और फिर मेरी पैंट उतारी। मेरा 7 इंच का लंड बाहर आया। उसका सुपारा गुलाबी और चमक रहा था। प्रीति ने उसे देखकर कहा, “हाय… कितना मोटा लंड है तेरा…” उसने मेरे लंड को मुँह में लिया और चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे सुपारे पर घूम रही थी, और वो उसे पूरा मुँह में ले रही थी। “उम्म… कितना टेस्टी है…” वो मज़े लेते हुए बोली। बीस मिनट की चुसाई के बाद मेरा पानी उसके मुँह में निकल गया। उसने सारा पानी निगल लिया और हँसते हुए बोली, “दामाद जी, तेरा माल तो कमाल है।”
हमने एक और राउंड व्हिस्की पिया। मैंने लिक्विड चॉकलेट ली और उसके मम्मों पर लगाई। चॉकलेट को चूसते हुए मैंने उसके निप्पलों को हल्के से काटा। वो चीख पड़ी, “आह्ह… धीरे… मेरे मम्मे मत खा जा…” मैंने उसकी चूत में व्हिप्ड क्रीम भरी और उसे चूसने लगा। उसकी चूत का स्वाद और क्रीम का मिश्रण मुझे पागल कर रहा था। प्रीति ने भी मेरे लंड पर चॉकलेट लगाई और उसे चूसते हुए बोली, “अब चोद दे, निशांत… मेरी चूत में आग लग रही है।”
मैंने उसे बेड पर लिटाया। उसकी चूत गीली और टाइट थी। मैंने अपना लंड धीरे-धीरे उसकी चूत में डाला। “आह्ह… कितना मोटा है… धीरे डाल…” वो सिसकारी। मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए। हर धक्के के साथ उसकी सिसकारियाँ बढ़ रही थीं, “आह्ह… उह्ह… और ज़ोर से… मेरी चूत फाड़ दे…” कमरे में फच-फच की आवाज़ें गूँज रही थीं। मैंने उसे मिशनरी पोजीशन में आधे घंटे तक चोदा। फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया। उसकी 38 इंच की गांड मेरे सामने थी। मैंने उसकी गांड को थपथपाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। “आह्ह… निशांत… मेरी चूत को चोद… और ज़ोर से…” वो चीख रही थी। मैंने उसकी कमर पकड़ी और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे।
पहले राउंड के बाद हमने फिर फोरप्ले शुरू किया। मैंने उसकी चूत को फिर चाटा, और वो मेरे लंड को चूसने लगी। इस बार मैंने उसे दीवार के सहारे खड़ा किया, उसकी एक टांग उठाई, और उसकी चूत में लंड डाला। इस पोजीशन में उसकी चूत और टाइट लग रही थी। “आह्ह… निशांत… ये तो कमाल है… और चोद…” वो सिसकारी। मैंने उसे आधे घंटे तक चोदा, और मेरा पानी उसकी चूत में निकल गया।
उस रात मैंने उसे तीन बार चोदा। दूसरी बार मैंने उसे अपनी गोद में बिठाया और नीचे से धक्के मारे। वो मेरे लंड पर उछल रही थी, “आह्ह… तेरा लंड मेरी चूत में गहराई तक जा रहा है…” तीसरी बार वो मेरे ऊपर चढ़ी और रिवर्स काउगर्ल पोजीशन में मेरे लंड की सवारी की। उसकी गांड मेरे सामने हिल रही थी, और मैं उसे थपथपाते हुए चोद रहा था। उसकी सिसकारियाँ और गंदी बातें मुझे और जोश दिला रही थीं, “निशांत… तेरा लंड मेरी चूत का राजा है…”
अगली सुबह बच्चों को हमने घूमने भेज दिया। फिर चुदाई का दौर शुरू हुआ। रीतिका का फोन आया। उसने मज़ाक में पूछा, “कैसी लगी चाची की चूत?” मैंने हँसकर कहा, “मज़ा आ गया।” प्रीति ने फोन लिया और बोली, “रीतिका, तेरा पति तो लाजवाब है। इसका लंड मैं कभी नहीं छोड़ूँगी।” रीतिका हँस पड़ी, “कोई बात नहीं, चाची। मेरे पति को खुश कर दे। ये कब से तेरे पीछे पड़ा था। दो दिन बाद मैं भी आ रही हूँ, फिर हम तीनों मिलकर मज़े करेंगे।”
फोन रखने के बाद प्रीति ने कहा, “अब क्या इरादा है, दामाद जी?” मैंने उसकी गांड की तरफ देखते हुए कहा, “तेरी गांड देखकर मेरा लंड तड़प रहा है।” उसने हँसकर कहा, “मेरा जिस्म तेरा है, जो चाहे कर ले।” मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी गांड में लंड डालने की कोशिश की। उसकी गांड इतनी टाइट थी कि लंड अंदर जाने में वक्त लगा। मैंने धीरे-धीरे लंड डाला, और वो चीख पड़ी, “आह्ह… धीरे… मेरी गांड फट जाएगी…” मैंने धीरे-धीरे धक्के मारे, और दस मिनट बाद मेरा पानी उसकी गांड में निकल गया। उस दिन मैंने उसे पांच बार चोदा—दो बार चूत में, दो बार मुँह में, और एक बार गांड में।
प्रीति मेरे साथ पूरी तरह खुल गई। अगले दिन वो अपने बच्चों के सामने भी मेरी गोद में बैठकर मस्ती कर रही थी। बच्चों को मैंने ढेर सारी महंगी गिफ्ट्स दीं, जिससे वो मुझे पसंद करने लगे। अब मैं जब चाहे प्रीति को बुलाकर चोद लेता हूँ।
जब रीतिका आई, हम तीनों ने थ्रीसम सेक्स किया। उसका मज़ा मैं आपको अगली कहानी में बताऊँगा। इस कहानी में आपको कितना मज़ा आया, ज़रूर बताएँ।