Papa ne beti ko pela sex story – Father daughter incest in hotel sex story: हाय, मेरा नाम प्रियंका है और मैं मुंबई के अंधेरी में रहती हूँ। मैंने अभी इलाहाबाद से ग्रेजुएशन पूरा किया है, और आगे की पढ़ाई के साथ-साथ मॉडलिंग में भी जाना चाहती हूँ। अभी तक ज्यादा काम नहीं किया, लेकिन कुछ दिनों बाद मेरी एक ऐड रिलीज होने वाली है। मैं 23 साल की हूँ, और मेरा शरीर गठीला है, फिगर 36-28-36 है। मैं जिस तरह के कपड़े पहनती हूँ, लोग मुझे देखकर आहें भरते हैं। कॉलेज में भी मेरे कई दीवाने थे, पर मैंने किसी के साथ कोई संबंध नहीं रखा क्योंकि शुरू से ही पापा ने मुझे लड़कों से दूर रहने को कहा था। जैसे-जैसे मेरी जवानी चढ़ती जा रही थी, मेरी सेक्स की प्यास बढ़ती जा रही थी। मैं फिंगरिंग करती थी, और अपनी सहेली रागिनी के साथ लेस्बियन सेक्स करती थी, लेकिन मैं हमेशा चाहती थी कि कोई मर्द आकर मेरी प्यास बुझाए, पर डर भी लगता था।
मैं सेक्सी कहानियाँ पढ़ती हूँ, और ब्लू फिल्म भी देखती हूँ, और वो देखकर मेरे सेक्स की आग और भड़क जाती थी। घर में मेरे पापा अकेले हैं, वो करीब 45 साल के हैं। मम्मी कई साल पहले गुजर गई हैं। मेरे पापा बिल्कुल जवान लगते हैं, और शरीर से हट्टे-कट्टे हैं। जब मुझे पता चला कि माँ के गुजरने के बाद वो दूसरी औरतों को चोदकर अपनी प्यास बुझाते हैं, तो एक पल लगा कि मैं उनसे ही चुदवा लूँ, लेकिन अगले पल ही सोचा कि छी ऐसी गंदी सोच भी मन में लाना पाप है।
मेरे घर में एक दाई माँ हैं, जिन्होंने मुझे पाल-पोषकर बड़ा किया है, वही मुझे सही रास्ता दिखाती थीं, पर मेरी जान तो बस लोगों के लुंड पर लगी रहती थी कि मैं कब जल्दी से जल्दी चुद जाऊँ।
एक बार मैं और मेरे पापा मेरे पोस्ट-ग्रेजुएशन के एंट्रेंस एग्जाम के लिए नाशिक गए थे। सुबह निकले और शाम को वापस आना था। जब हम कॉलेज पहुँचे तो पता चला कि एग्जाम अगले दिन के लिए शिफ्ट कर दिया गया है। हम लोग साथ में कुछ कपड़े भी नहीं लाए थे, और हमें अगला दिन उन्हीं कपड़ों में गुजारना था। हम एक होटल में ठहर गए। मैं रूम में चली गई, पापा ने कहा वो खाना खाकर आएँगे क्योंकि मैं पूरी तरह थक गई थी।
रूम में आकर मैंने अपना टॉप निकालकर लेट गई क्योंकि अगले दिन वही पहनना था। इसी दौरान मैं सोच रही थी कि अगर पापा ने मुझे बिना टॉप के देखा तो क्या करेंगे, शायद डाँट देंगे, लेकिन मेरी चूत तो अचानक गीली हो गई। पापा का खयाल आते ही मैं कोशिश कर रही थी कि न सोचूँ, लेकिन मैं तो पूरी दीवानी हो गई थी, और पूरा मन बना लिया कि आज मैं चुदकर रहूँगी चाहे कुछ भी हो। अब मैंने अपनी ब्रा भी निकालकर रख दी, और वैसे ही सो गई।
कुछ देर बाद पापा रूम में आए। मैं आँखें बंद करके सोने का नाटक कर रही थी, लेकिन मैं देख रही थी पापा का रिएक्शन। वो मुझे इस तरह देखकर हैरान रह गए, और आँखें फाड़कर देख रहे थे। फिर उन्होंने अपना मुँह फेर लिया, और पास पड़े सोफे पर सो गए। मैं यहाँ तड़प रही थी। मैंने देखा पापा मुड़कर मेरी तरफ देखते और सो जाते। मैं बिस्तर से उठी और बाथरूम चली गई। अब मैंने अपनी जींस भी निकाल दी, और पलंग पर आकर अपनी टाँगें फैलाकर सो गई, और पापा का वेट करने लगी। मैं जानती थी पापा ये मौका नहीं छोड़ने वाले थे।
वो तो चोदने में एक्सपर्ट हैं, और मैंने कई बार उनका मोटा लुंड लुंगी से निकलते देखा था। अब मैं चाहती थी कि जल्दी से आकर मेरी चूत में लुंड डालें, और मैं तृप्त हो जाऊँ। मैंने सोचा पापा का मन तो बहुत होगा कि आज इसकी भरपूर चुदाई कर दी जाए, पर शायद बाप-बेटी के रिश्ते की वजह से हिचकिचा रहे हों।
मुझे पता था कि उन्हें नींद नहीं आ रही है, वो बस सोने का बहाना कर रहे हैं। अब मुझसे रहा नहीं गया। मैं उठी और जाकर उनके पास सोफे पर लेट गई। उन्हें जोर से भींच लिया। अब वो भी मूड में आ गए, और एक जोरदार किस मेरे होंठों पर जड़ दिया। मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैंने कहा पापा आज मुझे औरत बना दो। पापा ने कहा घबरा मत, आज तेरी वो चुदाई करूँगा कि तू आसमान में उड़ेगी, और मैं भी तेरे बदन से आज अपनी प्यास बुझाऊँगा।
जिसकी मैं इतने दिनों से राह देख रहा था। फिर पापा ने कहा चल अब मेरे कपड़े उतार, और मैंने एक-एक करके उनके सारे कपड़े उतार दिए, सिर्फ उनकी अंडरवियर को छोड़कर। उन्होंने पहले जोर से गले लगाया, और कहा काफी मजेदार चीज बन गई हो, और वो मुझे चूमने लगे। मैं सिसकारियाँ भरने लगी। मेरे कानों से उन्होंने मुझे चूमना शुरू किया, मेरे तन की आग भड़क उठी। अब हमारे होंठ मिले हुए थे, और 5 मिनट तक हम ऐसे ही किस करते रहे। पापा की जीभ मेरे मुँह में घुसकर मेरी जीभ से खेल रही थी, मैंने उनकी पीठ पर नाखून गड़ा दिए, और वो मेरे बालों को सहलाते हुए किस को और गहरा करते गए।
फिर पापा ने अपना अंडरवियर निकाला, और मैं उनका लुंड जो बिल्कुल तना हुआ था देखकर डर गई। वो मेरे बूब्स को प्रेस करते-करते अपना लुंड मेरे हाथ में देकर मेरे निप्पल्स चूसने लगे, और दूसरे हाथ से निप्पल्स दबा रहे थे। मैं भी पूरी तरह पागल हो रही थी, और पागलों की तरह उनके मोटे लुंड को चूसने चूमने लगी। पापा भी अब जोश में आकर मेरे बूब्स को दबाने और चूसने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे। बीच में वो मेरे निप्पल्स काटते तो मैं दर्द से चीख पड़ती। मैंने कहा पापा प्लीज स्लो, तो उन्होंने कहा अब पापा न कहो, अब तुम मेरी रानी हो, अब तो तुम्हें वो देखने को मिलेगा जो तुमने सपने में नहीं सोचा होगा। पापा ने मेरे बूब्स को मुट्ठी में भरकर जोर-जोर से मसलना शुरू किया, मेरे निप्पल्स उनके दाँतों के बीच चबाए जा रहे थे, और मैं उफ्फ उफ्फ करती हुई उनके लुंड को हाथ से सहलाती रही, उसकी नसें मेरी हथेली में धड़क रही थीं।
मैं डर गई कि ये क्या करने वाले हैं। उन्होंने मेरा सिर वापस अपने टाँगों के बीच ठूँस दिया। मैं उनके लुंड को जो मजा दे रही थी वो उन्हें शायद बहुत मजा दे रहा था। फिर हम 69 पोजीशन में आ गए। उन्होंने अपनी उँगलियाँ मेरी चूत में डाली तो मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। मैं खुशी से आँखें बंद कर उनका लुंड चूस रही थी। पापा बहुत गंदी बातें कर रहे थे आज तू रंडी बन गई। मैंने पापा से कहा ऐसा मत कहिए, तो उन्होंने कहा इन बातों से मजा दुगुना हो जाता है। पापा मेरी चूत बहुत जोर से चाट रहे थे, पूरे रूम में ओह आह आह की आवाजों से कामुकता बढ़ गई। पापा की जीभ मेरी क्लिट पर घूम रही थी, मैंने उनके लुंड को गले तक लेकर चूसा, और वो मेरी चूत में दो उँगलियाँ डालकर अंदर-बाहर कर रहे थे, मेरी चूत से चपचप की आवाज आ रही थी, मैं उनके मुँह पर अपनी गांड रगड़ रही थी।
मैं सचमुच आसमान में उड़ रही थी। मैंने अपना पूरा पानी पापा के मुँह में छोड़ दिया, और वो पी गए। अब उन्होंने कहा अब तुम्हारे औरत बनने का टाइम आ गया है, और उन्होंने अपने लुंड पर कंडोम चढ़ा लिया। तब मैंने उनसे पूछा पहले से प्लान था क्या। तब उन्होंने कहा तेरे साथ नहीं, लेकिन मैं किसी भी दिन बिना चोदे नहीं रह सकता, इसलिए कंडोम हमेशा साथ रखता हूँ। तब उन्होंने जो कहा वो मेरे लिए शॉक था। लुंड को चूत पर रखते हुए उन्होंने कहा क्यों न एक दिन तेरी सहेली रागिनी और तुझे साथ में चोदने का प्रोग्राम करें। तब मुझे पता चला पापा तो सभी को चोदने की आशा करते हैं। वो लुंड मेरी चूत में डालते रहे। मैं दर्द से कराह रही थी।
तो उन्होंने कसकर मेरा मुँह बंद कर दिया, और बूब्स को दबाने लगे। धीरे-धीरे उनका लुंड अंदर चला गया। तब उन्होंने जोर-जोर से धक्के लगाने शुरू किए, और करीब 20 मिनट तक चोदते रहे। मैं मजा ले रही थी। मैं गांड ऊपर करके कह रही थी फाड़ डालो मेरी चूत को पापा, अब मैं तुम्हारी हूँ, जो चाहे कर लो, अब मैं सब कुछ करूँगी। पापा ने मुझे घोड़ी बनाया, मेरी कमर पकड़कर पीछे से मोटा लुंड मेरी कुंवारी चूत में पेलते रहे, थपथप थपथप की आवाजें गूँज रही थीं, मेरी चूत से रस बह रहा था, मैं आआआह हां उफ्फ्फ करती रही, पापा मेरे बाल खींचते हुए और जोर से ठोक रहे थे, मेरी चूत टाइट होने से उनका लुंड और फूल रहा था। फिर वो मेरे ऊपर सो गए। उनका लुंड चूत में ही था। ऐसे हमने पूरी रात चुदाई का मजा लिया।