Papa beti sex goa sex story – Betichod Papa sex story: मेरा नाम पूजा है और मेरी उम्र 19 साल है. मैं देवरिया उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूं. मैं सांवली हूं पर मेरा बदन बहुत सेक्सी है, बड़े-बड़े बूब्स और तीखे नैन-नक्श. मेरे पापा जिनका नाम राधेश्याम है, वो एक स्कूल में टीचर हैं. उनकी उम्र 41 साल है पर दिखने में सिर्फ 30 साल के लगते हैं.
मेरी मां जब मैं 7 साल की थी तभी गुजर गईं. घर पर दादा-दादी भी नहीं थे. पापा ने ही मुझे पाल-पोस कर बड़ा किया था. पता नहीं कब और कैसे मैं उनकी तरफ आकर्षित होती गई. वो तो मुझे अपनी बेटी ही समझते थे पर मैं उन्हें पिता नहीं पति समझती थी. अकेले में उनके बारे में सोच कर हर रात अपनी चूत में उंगली किया करती थी. मैं चाहती थी कि पापा मुझे रगड़ के चोदें और मेरे बूब्स को फाड़ दें.
मैंने मन ही मन फैसला किया कि किसी भी तरह क्यों ना हो, मैं पापा के साथ सुहागरात मना कर ही रहूंगी. एक दिन पापा से कहा, “पापा कितने साल से हम कहीं घूमने नहीं गए, कहीं चलिए ना”. पापा ने कहा, “ठीक है पर अरेंजमेंट्स तुम ही करो, मेरे पास इन चीजों के लिए समय नहीं है”.
मैंने भी अरेंजमेंट्स कर ली. गोवा का 3 दिन का ट्रिप फिक्स कर लिया और वहां होटल ताज एक्सोटिका में भी एक कमरा बुक करवा लिया. हम दो दिन बाद सुबह गोवा पहुंचे. होटल पहुंच कर पापा चौंक गए कि कमरा तो सिंगल बेड का ही था. वो कमरा जाकर चेंज करने थे लेकिन मैंने उन्हें रोक दिया और बोला, अड्जस्ट कर लेंगे. हम फ्रेश होकर घूमने निकले. मैंने वहां एक बीच मॉल देखा और पापा से कहा कि पापा चलिए मुझे वेस्टर्न ड्रेस खरीदने हैं.
पापा बोले, “तुम ऐसे कपड़े नहीं पहनोगी”. मैंने कहा, “क्या पापा आज तक मैंने कभी नहीं पहने, प्लीज अलाउ करिए ना”. पापा बोले, “ओके लेकिन कानपुर में मत पहनना, यहीं पहनो जितने दिन हो यहां”.
मैंने कुछ कपड़े खरीद लिए और पापा को बोला, चलिए होटल रूम में. मैं रूम में आकर कहा, पापा मैं इन्हें ट्राई करके दिखाती हूं आपको. पहले मैंने ब्लू टॉप और ब्लू टाइट जींस पहनी बाथरूम में और बाहर आई. पापा मुझे घूरते ही रह गए. उन्होंने कहा, तुम तो सच में बड़ी हो गई हो पूजा बेटा. मैंने पहली बार उनकी नजरों में हवस महसूस की और मेरी हिम्मत बढ़ गई.
फिर मैंने वन पीस मिनी स्कर्ट पहन कर आई, इस बार तो पापा जैसे शॉक लग गया हो वो मुझे देखते रहे. मैंने पूछा, कैसी लग रही हूं. पापा बोले, बहुत सुंदर लग रही हो.
मैंने उनकी पैंट में उनके लंड को टाइट होते देख लिया, मैंने सोच लिया बस यही मौका है, अभी नहीं तो कभी नहीं. मैं फिर अंदर गई और इस बार स्कर्ट उतार दिया और केवल ब्रा और पैंटी में ही बाहर आ गई.
पापा बोले, “ये क्या है बेटी”. मैंने कहा, “क्यों अच्छी नहीं लग रही हूं क्या”. पापा बोले, “हां लग रही हो”.
मैं उनके पास आकर बैठ गई. पापा मेरे बूब्स को घूर-घूर के देख रहे थे. मैंने आव देखा ना ताव बस उन्हें किस कर लिया धीरे से. वो सहम गए और कहने लगे, ये ठीक नहीं. मैंने कहा, “क्यों ठीक नहीं”. पापा बोले, “क्योंकि तुम मेरी बेटी हो और बाप-बेटी का ऐसा रिश्ता ठीक नहीं”.
मैंने कहा, “आप एक मर्द हैं जिसे प्यार की जरूरत है और मैं एक औरत, एक आदमी और औरत के बीच सब सही होता है”. पापा बोले, “नहीं ये सही नहीं”. मैंने कहा, “पापा मैं आपसे ना जाने कब से प्यार करती हूं, आई लव यू पापा, आई रियली लव यू”.
यह कह कर मैं उनसे लिपट गई और उनके पूरे जिस्म को पागलों जैसे चूमने लगी. पापा ने भी मुझे जोर से पकड़ लिया और मुझे किस करने लगे. उन्होंने मुझे 10 मिनट तक फ्रेंच किस किया, मेरे बदन में मानो आग लग गई थी. मेरा मन मचल रहा था चुदने के लिए.
चूत पूरी तरह गीली हो गई थी. मैं झट से झुकी और पापा की पैंट निकाल कर उनके लंड को आजाद कर दिया. बाप रे एकदम काला 8 इंच का था. उसको मैं चूसने लगी, ग्ग्ग्ग.. ग्ग्ग्ग.. गी.. गी.. गी.. गों.. गों.. गोग, पापा की सिसकारियां निकल उठीं.
पापा बोले, “आ.. उम्म्म… बेटी…. ये क्या.. ह्म्म्म्म … क्या… ये कर…. रही हो… बहुत अच्छा लग रहा है…”.
मैं लगभग आधे घंटे तक उनका काला लंड चूसती रही, ग्ग्ग्ग.. ग्ग्ग्ग.. गी.. गी.. गों.. गों.. गोग, और वो मेरे मुंह में ही झड़ गए.
फिर उन्होंने मुझे उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और मेरी ब्रा खोल दी. पापा बोले, “कितने बड़े-बड़े हैं ये तुम्हारे चूचे”. मैंने कहा, “आप ही के हैं, सारा दूध पी जाइए”. पापा बोले, “ह्म…”.
और पापा उन्हें दबाने और चूसने लगे. मैं सिसकारियां भरने लगी, आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्ह, आह्ह.. ह्ह.. आऊ.. ऊऊ.. ऊउइ ..ऊई ..उईईई..
थोड़ी देर के बाद पापा ने मेरी पैंटी उतार के फेंक दी और मेरी चूत को सहलाने लगे और कहने लगे, आज पूरे 12 साल के बाद कोई चूत देखी है. आज तो बेटी तुझे खूब चोदूंगा. कह कर वो मेरी चूत को लगे चाटने, आह इह्ह ओह्ह ओह ! आह.. ह्ह्ह.. इह्ह.. ..!, मेरी तो पूरे बदन में आग सी लग गई थी. मुझे मानो स्वर्ग का सुख मिल रहा था.
मैं बोली, “चाटिए और चाटिए… सस्सस्स अया ह्म और प्लीज…. आज आप बेटीचोद बन जाइए…”.
पापा बोले, “हां मैं बेटीचोद हूं और तुझे जिंदगी भर चोदूंगा, तुम्हारी शादी भी अब मुझसे ही होगी”.
मैं बोली, “तो देर क्यों कर रहे हो पतिदेव चोदो मुझे, मुझे शांत कर दो”.
मेरी ये बातें सुन कर पापा जैसे उछल पड़े, उन्होंने अपना लंड मेरी चूत के पास लाकर रगड़ना शुरू कर दिया. मैं मचल उठी, आह्ह.. ह्ह.. ऊउइ.. ऊईईई.
मैंने कहा, सिर्फ रगड़ोगे या चोदोगे भी.
पापा ने मेरा हाथ अपने हाथ से कस के पकड़ लिया और एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड अंदर घुसा दिया. मेरी आंख से आंसू निकल पड़े और मुंह से चीख, आह्ह्ह्ह्ह.. ह्हीईई, चीख सुनते ही पापा ने मुझे किस करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे धक्के मारने लगे. कुछ देर के बाद मानो मेरा सारा दर्द एक असीम आनंद में तब्दील हो गया था. वो धीरे-धीरे करने लगे. मैं भी अब पूरी तरह उनका साथ देने लगी.
मैं बोली, “आ पापा…. आह… आआआअहह…. माआआअ… ह्म्म्म्मम… ह्म्म्म्मम… आहह… सस्स्स्स्स्स्स्शह….. आआअहह… और जोर से …. एयाया …. और जोर से…”.
पापा बोले, “हां बेटी …तुम तो एकदम रंडियों जैसी आवाज निकाल रही हो”.
पापा ने धक्के जोर-जोर मारने शुरू कर दिए, आह इह्ह ओह्ह ओह ! ऊऊ.. ऊउइ.. ऊईईई..
मैं बोली, “हां मैं रंडी हूं, आप की रखैल हूं, रंडी हूं आपकी, जो भी हूं बस आपकी हूं, आई लव यू जान”.
मेरे मुंह से अपने जान सुन कर उन्होंने लगातार जोर-जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए, आह.. ह्ह्ह.. इह्ह.. ओह्ह ओह.
पापा ने अपना सारा लोड मेरे चूत में ही झाड़ दिया. मुझे पूरा संतुष्ट कर दिया था पापा ने.
चुपके उन्होंने मेरे कान में कहा, बेटी आई लव यू, क्या मुझसे शादी करोगी.
मैं बोली, हां.
पापा बोले, हम दिल्ली चले जाएंगे जहां हमें कोई नहीं जानता, तुम मेरी पत्नी बन के रहोगी और मैं किसी भी स्कूल में पढ़ा लूंगा. मैंने खुशी के मारे उन्हें गले लगा लिया और रोने लगी, वो खुशी के आंसू थे.
उन्होंने मुझे 3 दिनों में कई बार चोदा और कानपुर आकर भी चोदा.
अब दिल्ली में रहते हैं हम, और मैं प्रेगनेंट भी हूं.
सो फ्रेंड्स, ये थी कहानी पूजा की उसीकी जुबानी, होप आपको ये पसंद आई हो.