Chandigarh Desi Gay Sex Story मेरा नाम दीपक है। मैं चंडीगढ़ में रहता हूँ और पढ़ाई करता हूँ। उम्र 21 साल, रंग गोरा, कद 5 फीट 8 इंच, और बदन एकदम चिकना। मुझे लड़कियों में कभी दिलचस्पी नहीं रही। लेकिन कोई चिकना, गोरा, और हैंडसम लड़का दिख जाए तो मैं उस पर सब कुछ लुटाने को तैयार हो जाता हूँ। जवानी के साथ मेरा ये शौक और बढ़ गया। बचपन से ही मुझे लड़कों में इंटरेस्ट था, और अब तो ये जुनून बन चुका है। मैं अक्सर इंटरनेट पर गे चैटिंग करता हूँ, अपनी गांड दिखाता हूँ, और मन ही मन सोचता हूँ कि काश कोई मेरी गांड मार दे। ये मेरी पहली बार है जब मैं अपनी कहानी लिख रहा हूँ।
मेरे कई सारे गे दोस्त हैं। मैं लाइव चैटिंग करता हूँ, अपनी चिकनी गांड दिखाता हूँ, और उस पल का इंतज़ार करता हूँ जब कोई मुझे सचमुच छूए। एक रात मैं इंटरनेट पर चैट कर रहा था। अपनी गांड कैमरे पर दिखा रहा था, और तभी संजोग ऐसा हुआ कि एक लड़का, जो चंडीगढ़ का ही था, मुझसे चैट करने लगा। उसका नाम सौरभ था। 23 साल का, गोरा, 6 फीट लंबा, और बॉडी जिम वाली। उसकी बातों से ही मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई। मैंने उससे पूछ लिया, “क्या तुम मेरी गांड मारोगे?” वो तुरंत तैयार हो गया। हमने मिलने का प्लान बनाया। उसने कहा, “मैं एक घंटे में तेरे पास पहुँचता हूँ।” मैंने उसे अपना पता मैसेज कर दिया।
मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। ये मेरी पहली बार थी, और दिमाग में ढेर सारे सवाल घूम रहे थे। पता नहीं सौरभ का व्यवहार कैसा होगा? क्या वो सेफ होगा? क्या दर्द ज्यादा होगा? लेकिन फिर मैंने सोचा, आज नहीं तो कल ये करना ही है, तो आज ही सही। मैं उठा और बाथरूम में गया। शेविंग ब्रश लिया और पूरे शरीर के बाल साफ कर दिए। गांड, छाती, टांगें—सब कुछ चिकना कर लिया। फिर मैंने लिरिल साबुन और खुशबूदार शैम्पू से नहाया। नहाकर जब मैंने खुद को आईने में देखा, तो मेरी आँखें चमक उठीं। मेरा गोरा, चिकना बदन किसी लड़की से कम नहीं लग रहा था। सच कहूँ, अगर कोई मेरी गांड और किसी लड़की की गांड में से चुनने को कहे, तो वो मेरी ही गांड को चुनेगा।
मैंने अपनी गांड पर नारियल का तेल लगाया, ताकि दर्द कम हो। आईने में अपनी गोल-मटोल गांड को देखकर मैं खुद ही उत्तेजित हो गया। तभी डोरबेल बजी। मेरी साँसें थम सी गईं। मैंने कांपते हाथों से दरवाजा खोला। सामने सौरभ खड़ा था—गोरा, लंबा, और इतना हैंडसम कि मैं उसे देखते ही शरमा गया। मैंने सिर्फ़ तौलिया लपेट रखा था। वो अंदर आया और बिना कुछ कहे मुझे अपनी मजबूत बाहों में भर लिया। उसने मेरे होंठों पर किस करना शुरू कर दिया। मैं थोड़ा शरमाया और पीछे हटा, लेकिन उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि मैं उससे अलग होने का नाम ही नहीं ले रहा था। उसकी बाहों में मुझे सुकून मिल रहा था। मैं चाहता था कि वो मुझे ऐसे ही पकड़े रहे।
थोड़ी देर बाद सौरभ बेड पर बैठ गया। उसने अपना पिट्ठू बैग खोला और उसमें से कुछ कपड़े निकाले। एक लाल रंग की ब्रा, लाल रंग की पैंटी, और एक झिलमिलाता, पारदर्शी लाल गाउन। साथ में एक लिपस्टिक भी थी। उसने मुस्कुराते हुए कहा, “चल डियर, इसे पहन ले।” मेरी धड़कन फिर तेज हो गई। मैं उन कपड़ों को लेकर बाथरूम में गया। वहाँ मैंने अपनी चिकनी बॉडी पर ब्रा और पैंटी पहनी। फिर वो पारदर्शी गाउन डाला और होंठों पर लाल लिपस्टिक लगाई। मैंने अपना फेवरेट डियोड्रेंट छिड़का। जब मैंने खुद को आईने में देखा, तो मैं हैरान रह गया। मैं किसी हॉट मॉडल से कम नहीं लग रहा था। मेरा नया रूप मुझे खुद को इतना सेक्सी लगा कि मैं शरमाते हुए कमरे में वापस आया।
जैसे ही मैं कमरे में दाखिल हुआ, सौरभ ने मुझे देखा और तुरंत खड़ा हो गया। उसने मेरी तरफ देखते हुए कहा, “गजब! गजब! गजब! क्या रूप है तेरा! मैं तो तेरे इस रूप पर मर मिटा। तू चाहे तो मैं तेरे साथ पूरी जिंदगी बिता दूँ।” उसकी बातें सुनकर मेरी शरम और बढ़ गई, लेकिन मन में एक अजीब सी खुशी भी थी। वो मेरे पास आया और मुझे फिर से अपनी बाहों में भर लिया। उसने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया, और उसके हाथ मेरे गोल-मटोल चूतड़ों पर फिरने लगे। उसकी उंगलियाँ मेरे चूतड़ों को सहला रही थीं, और मैं सिहर उठा। अचानक उसने मुझे उठाया और बेड पर पटक दिया। वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरे होंठों को चूमने लगा।
मैंने उसका 9 इंच का मोटा, लंबा लंड पकड़ लिया। उसका लंड इतना सख्त था कि मेरे हाथ में थरथराने लगा। मैं भी उत्तेजित हो गया था, और मेरा 6 इंच का लंड भी खड़ा हो चुका था। सौरभ मेरे होंठों को चूस रहा था, और मैं उसके लंड को सहला रहा था। फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए। मैंने उसका मोटा लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगा। उसका लंड इतना बड़ा था कि मेरे मुँह में मुश्किल से समा रहा था। मैं उसकी गोलियों को भी सहलाने लगा। वो भी मेरे लंड को चूस रहा था। उसकी जीभ मेरे लंड के टोपे पर घूम रही थी, और मैं सिसकारियाँ भर रहा था, “आआह्ह… सौरभ… और चूस… उह्ह…”
करीब 10 मिनट तक हम एक-दूसरे का लंड चूसते रहे। फिर सौरभ ने मुझे पेट के बल लिटा दिया। मेरी गोल-मटोल, चिकनी गांड को देखकर वो पागल हो गया। उसने मेरे चूतड़ों को सहलाया और अपनी उंगली पर थूक लगाकर मेरी गांड के छेद पर मल दिया। जैसे ही उसकी उंगली मेरे छेद को छूई, मेरा पूरा शरीर सिहर उठा। मैंने खुद को संभाला और कहा, “सौरभ, धीरे… ये मेरी पहली बार है।” उसने मेरी पीठ पर एक चुम्मी दी और बोला, “चिंता मत कर, डियर… मैं तुझे जन्नत की सैर करवाऊँगा।”
उसने अपनी उंगली मेरी गांड के छेद में डाली। पहले तो हल्का सा दर्द हुआ, लेकिन उसने इतने प्यार से उंगली अंदर-बाहर की कि मैं धीरे-धीरे रिलैक्स होने लगा। फिर उसने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी गांड के छेद पर सेट किया। जैसे ही उसने अपने लंड का टोपा मेरी गांड में डाला, मैं चीख पड़ा, “आआह्ह… सौरभ… धीरे… उह्ह…” दर्द हो रहा था, लेकिन मैं चाहता था कि वो रुके नहीं। उसने धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर धकेला। हर धक्के के साथ मैं सिसकारियाँ भर रहा था, “आआह्ह… उह्ह… और अंदर… सौरभ…” करीब 4 मिनट में उसका पूरा 9 इंच का लंड मेरी गांड में समा गया।
वो मेरी पीठ को चूमने लगा, मेरे कानों में फुसफुसाया, “तेरी गांड कितनी टाइट है, दीपक… मजा आ रहा है।” उसने मेरे लंड को पकड़ा और हिलाने लगा। मैं पूरी तरह से कामुक हो चुका था। मैंने कहा, “सौरभ, अब मार मेरी गांड… जितना मर्जी उतना चोद…” ये सुनते ही उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी। उसका लंड मेरी गांड में अंदर-बाहर होने लगा। हर धक्के के साथ मेरी सिसकारियाँ तेज हो रही थीं, “आआह्ह… उह्ह… चोद… और जोर से… आआह्ह…” वो भी सिसकार रहा था, “आआह्ह… दीपक… तेरी गांड… उह्ह… कितनी मस्त है…”
करीब 10 मिनट तक उसने मेरी गांड मारी। हर धक्के के साथ बेड चरमराने की आवाज़ आ रही थी, “चट्ट… चट्ट…” मैं उसका साथ दे रहा था, अपनी गांड को पीछे धकेल रहा था ताकि उसका लंड और गहरा जाए। आखिरकार वो झड़ गया। उसने अपना सारा वीर्य मेरी गांड के ऊपर डाल दिया। उसका गर्म वीर्य मेरे चूतड़ों पर बह रहा था, और मैं सिहर उठा। उस रात सौरभ ने मुझे चार बार चोदा। हर बार वो मेरी गांड को नए तरीके से सहलाता, चूमता, और फिर चोदता। मैं हर बार सिसकारियाँ भरता, “आआह्ह… सौरभ… और चोद… उह्ह…”
सुबह हम दोनों इतने थक गए थे कि ऑफिस नहीं गए। शाम तक सोते रहे। फिर नहा-धोकर हम मार्केट गए और खूब एंजॉय किया। इसके बाद सौरभ मेरे रूम में ही रहने आ गया। मैंने अपने मम्मी-पापा को फोन करके बता दिया कि मुझे एक रूम पार्टनर मिल गया है, जिससे खर्चा कम हो जाएगा। वो खुश हो गए। मैं तो इस बात से खुश था कि अब मुझे वेबकैम की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब हर रात हम दोनों के बीच सेक्स होता है। सौरभ की मजबूत बाहों में मैं हर बार खो जाता हूँ।
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