पहली चुदाई की चाहत

मेरा नाम श्वेता है, 20 साल की हूँ, पटियाला, पंजाब की रहने वाली। मैं एलएलबी सेकेंड ईयर की स्टूडेंट हूँ। मेरा बॉयफ्रेंड रोहित गुप्ता है, और हमारा प्यार पिछले एक साल से चल रहा है। आज मैं तुम्हें अपनी पहली चुदाई का वो तजुर्बा बताने जा रही हूँ, जो मेरे दिल-दिमाग पर ऐसा छाया कि आज भी याद करके मेरी चूत गीली हो जाती है। हाँ, अब तो हमने ढेर सारी चुदाई कर ली है, पर वो पहला मौका, वो पहली बार का नशा, वो कभी नहीं भूलता।

जब मैंने एलएलबी फर्स्ट ईयर में दाखिला लिया, तो हमारी क्लास में 32 स्टूडेंट्स थे। मैं थी, साधारण सी शक्ल-सूरत, न ज्यादा खूबसूरत, न बदसूरत। थोड़ी भारी थी, पर मोटी नहीं। मेरे बाल लंबे, काले, और चमकदार थे, जो मेरी कमर तक लहराते थे। क्लास के ज्यादातर लड़के उन लड़कियों पर लाइन मारते थे, जो चेहरा दिखने में मॉडल जैसी थीं। मुझ पर कोई ध्यान नहीं देता था, और ये बात मुझे थोड़ा चुभती थी। पर एक चीज मुझे हमेशा गुदगुदाती थी। मेरे मम्मे, 34डी साइज के, और मेरे कूल्हे, जो जीन्स और टी-शर्ट में उभरकर बाहर निकलते थे, उन पर हर लड़के की नजर टिकती थी। जब मैं कॉलेज के गलियारों में चलती, तो लड़कों की आँखें मेरे चेहरे से ज्यादा मेरे मम्मों और गांड पर ठहरतीं। मैं मन ही मन मुस्कुराती, सोचती, “चलो, कुछ तो है मुझमें!”

मेरी दो-तीन सहेलियों के बॉयफ्रेंड थे, और वो अपनी लव स्टोरीज सुनाकर मुझे जलाती थीं। मेरे दिल में भी एक चाहत थी, कि मेरा भी कोई यार हो, जो मुझे प्यार करे, मेरी बाहों में बाहें डाले, और रातों को मेरे सपनों में आए। मैं इतनी बुरी भी नहीं थी, फिर क्यों कोई मुझ पर ट्राई नहीं करता? खैर, मैं अपने में मस्त रहती, पर मन में एक टीस थी।

ऐसे ही एक दिन, कॉलेज की कैंटीन में, मैं अपनी सहेली के साथ चाय पी रही थी। रोहित, जो हमारी क्लास का सबसे कूल लड़का नहीं था, पर उसकी हंसी और बात करने का ढंग कुछ ऐसा था कि लड़कियां उसकी तरफ खिंच जाती थीं, वो मेरे पास आया। उसने अपनी कॉफी का कप टेबल पर रखा और बोला, “हाय शेवी, दोस्ती करोगी?”

मैं चौंक गई। ये क्या, अचानक? मैं जानती थी कि ये दोस्ती का प्रपोजल नहीं, लव प्रपोजल है। पर मैंने थोड़ा नाटक किया, मुस्कुराते हुए कहा, “सोचकर बताऊँगी!”

“अरे, इसमें सोचना कैसा? दोस्ती करनी है तो करनी है, नहीं तो नहीं!” उसने उसी कूल अंदाज में कहा, जैसे वो हमेशा बोलता था।

“वो तो ठीक है, पर मुझे टाइम चाहिए सोचने का!” मैंने जानबूझकर उसे तंग किया।

“ओके, कब तक बताएगी?” उसने अपनी भौंहें उठाईं।

“उम्म, पार्टी वाले दिन बता दूँगी!” मैंने हल्का सा होंठ काटते हुए कहा।

“अरे, उसमें तो अभी 4 दिन हैं! एनीवे, ठीक है, पर ‘ना’ मत कहना!” उसने हँसते हुए कहा।

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“सोचूँगी!” मैंने भी हँसकर जवाब दिया। पर सच कहूँ, मेरे दिल ने तो उसी वक्त ‘हाँ’ कह दिया था। उसकी आँखों में वो चमक थी, जो मुझे अंदर तक गुदगुदा रही थी।

फिर आया हमारे कॉलेज का फेयरवेल पार्टी का दिन। फाइनल ईयर स्टूडेंट्स की विदाई थी, और पूरा कॉलेज उत्साह में डूबा था। हर कोई सबसे अलग, सबसे हॉट दिखना चाहता था। पार्टी देर रात तक चलने वाली थी, और फिर कॉलेज बस से सबको घर जाना था। मैंने अपने लिए एक टाइट ब्लैक टॉप लिया, जो मेरे मम्मों को और उभारे, और एक स्किन-टाइट लेगिंग, जो मेरे कूल्हों को ऐसा शेप दे कि कोई भी देखे तो बस देखता रह जाए। नई ब्रा और पैंटी भी लीं, लाल रंग की, सिल्की। कोई देखने वाला नहीं था, पर ये सब पहनकर मुझे खुद में एक अलग कॉन्फिडेंस आता था। मैंने सोचा, “आज तो शेवी, तू कयामत ढाएगी!”

शाम 6 बजे पार्टी शुरू हुई। कॉलेज का हॉल रंग-बिरंगी लाइट्स और म्यूजिक से गूँज रहा था। हर कोई अपने बेस्ट लुक में था। रोहित आया, ब्लू शर्ट और ब्लैक जीन्स में, इतना स्मार्ट कि मैं उसे देखकर पल भर को ठिठक गई। वो मेरे पास आया और बोला, “हैलो शेवी, कैसी हो? आज तो तू बिल्कुल फेब्युलस लग रही है!”

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मैंने शरमाते हुए कहा, “थैंक्स, तू भी तो बहुत कूल लग रहा है! क्या बात है?”

“दरअसल, आज मेरा रिजल्ट आने वाला है। देखते हैं क्या बनता है!” उसने अपनी आँखों में शरारत भरी।

“कैसा रिजल्ट?” मैंने जानबूझकर मासूम बनते हुए पूछा।

“आज एक लड़की मेरी गर्लफ्रेंड बनने वाली है। बस, उसके जवाब का इंतजार है!” उसने मेरी आँखों में देखते हुए कहा।

“अच्छा, और अगर उसने मना कर दिया तो?” मैंने हँसते हुए तंज कसा।

“नहीं, उसकी आँखें कह रही हैं कि जवाब ‘हाँ’ है!” उसका कॉन्फिडेंस देखकर मेरी धड़कनें तेज हो गईं।

“अच्छा, तूने उसकी आँखें पढ़ लीं?” मैंने शरारत से पूछा।

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“हाँ, बस अब उसके रसीले होंठों से सुनना चाहता हूँ!” उसने इतना पास आकर कहा कि मेरी साँस रुक गई।

मैं शरमा गई, गाल लाल हो गए। “बोलो शेवी, क्या जवाब है तुम्हारा?” उसने मेरी आँखों में झाँकते हुए पूछा।

मैं चुप रही, बस मुस्कुराई। “अरे यार, अब तरसाओ मत, बता दो! क्या मैं तुम्हारी चुप को ‘हाँ’ समझूँ?” उसने बेसब्री से कहा।

मैंने धीरे से सिर हिलाया, और उसने खुशी से मुझे अपनी बाहों में भर लिया। उफ्फ, वो पल! उसकी मजबूत बाहों में, उसकी छाती की गर्मी, और वो मर्दाना खुशबू—मुझे लगा जैसे मैं हवा में उड़ रही हूँ। प्यार का पहला अहसास, और अपने बॉयफ्रेंड की बाहों में—ये जादू था।

पार्टी में हम दोनों साथ-साथ रहे। हाथों में हाथ डाले, हँसते-बोलते, डांस करते। सारी क्लास को पता चल गया था कि श्वेता और रोहित अब कपल हैं। हमने खूब खाया, पिया, और मस्ती की। रात करीब साढ़े नौ बजे, रोहित ने मेरे कान में फुसफुसाया, “चलो, थोड़ी वॉक लेके आते हैं।”

मैंने उसकी आँखों में देखा, उसमें एक अलग सी चमक थी। मैं समझ गई कि वो कुछ और चाहता है। हम दोनों हाथ थामे कॉलेज कैंपस में दूर तक चले गए, जहाँ स्टेडियम था। वहाँ कोई नहीं था, बस चाँद की रोशनी और हल्की सी ठंडी हवा। हम बातें करते-करते रुके, और रोहित ने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया। मैंने भी अपनी बाहें उसके गले में डाल दीं। उसकी धड़कनें मेरे सीने से टकरा रही थीं। वो बोला, “शेवी, अब जब हमारा प्यार पक्का हो गया है, तो क्यों ना प्यार की मोहर भी लगा दी जाए?”

“कैसी मोहर?” मैंने जानबूझकर मासूम बनते हुए पूछा, हालाँकि मेरे दिल में भी वही आग जल रही थी।

“ए किस ऑन योर स्वीट जूसी लिप्स!” उसने मेरे होंठों की तरफ देखते हुए कहा।

मैंने बस एक स्माइल दी। वो समझ गया। उसने धीरे से मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे। वाउ, क्या फीलिंग थी! मेरे पूरे बदन में जैसे बिजली दौड़ गई। उसने मेरा निचला होंठ अपने होंठों में लिया और धीरे-धीरे चूसने लगा। मैंने उसका ऊपरी होंठ अपने होंठों में लिया। फिर उसने मेरे होंठ चूसते-चूसते अपनी जीभ मेरे होंठों पर फेरी। मेरे मम्मों में, मेरी चूत में, और मेरी रीढ़ की हड्डी में सनसनाहट होने लगी। मुझे लगा जैसे मेरी पैंटी गीली हो रही है। मैंने भी उसकी नकल की, अपनी जीभ से उसके होंठ चाटे। मेरी हिम्मत देखकर उसने मुझे और जोर से अपनी बाहों में कस लिया।

मैं चाहती थी कि ये पल यहीं थम जाए। पर वो रुका और बोला, “चलो, कहीं बैठते हैं!” मैं उसके साथ चली। थोड़ी दूर जाकर हम घास पर बैठ गए। चाँद की रोशनी में उसका चेहरा और भी हसीन लग रहा था। कुछ देर बातें करने के बाद उसने कहा, “शेवी, मैं तुम्हें फिर से किस करना चाहता हूँ!”

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मैंने कहा, “अब तो मैं तुम्हारी हूँ, तुम्हें पूछने की जरूरत नहीं!” मेरी बात सुनकर वो मुस्कुराया और घास पर लेट गया। मैं उसकी बगल में लेटी, और उसने मेरा चेहरा अपने चेहरे के ऊपर खींचा। मैं आधी उसके ऊपर थी, मेरे मम्मे उसकी छाती से दब रहे थे। इस बार मैंने उसका निचला होंठ चूसना शुरू किया, पर उसने मेरे दोनों होंठ अपने मुँह में ले लिए और चूसने लगा। मेरी लिपस्टिक वो पूरा खा गया। उसने मेरी कमर में हाथ डाला, मेरे टॉप के नीचे, और मुझे पूरी तरह अपने ऊपर खींच लिया।

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मैं उसका कड़क लंड अपने पेट पर महसूस कर रही थी। उसकी गर्मी मेरे बदन में आग लगा रही थी। फिर उसने अपने हाथ मेरी गांड पर ले गया, मेरी लेगिंग के ऊपर से मेरे कूल्हों को दबाया। उसने मेरी टाँगें चौड़ी कीं और मुझे थोड़ा ऊपर खींचा। अब उसका लंड मेरी चूत से टकरा रहा था, सिर्फ कपड़ों की दीवार थी बीच में। उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, और मेरी गांड को जोर-जोर से मसलने लगा। मैंने कोई विरोध नहीं किया, बस उसकी जीभ चूसती रही। फिर उसने मेरी लेगिंग में हाथ डाला, मेरी पैंटी के अंदर, और मेरे नंगे कूल्हों को पकड़ लिया।

मैं एकदम डर गई, “नहीं… नहीं रोहित, इतनी जल्दी नहीं! ये गलत है!” मैंने उसे रोकने की कोशिश की।

“प्यार में सब जायज है!” उसने कहा और मुझे नीचे लिटाकर खुद मेरे ऊपर आ गया। अब वो मेरी टाँगों के बीच था। उसने फिर से मेरे होंठ चूसने शुरू किए, और उसके हाथ मेरे मम्मों पर चले गए। वो मेरे टॉप के ऊपर से मेरे मम्मे दबाने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था, पर डर भी था। वो कभी मेरी जीभ चूसता, कभी अपनी जीभ मेरे मुँह में डालता। ये सिलसिला 10-15 मिनट चला।

फिर उसने मेरे टॉप के अंदर हाथ डाला, मेरी ब्रा की हुक खोली, और टॉप ऊपर उठाकर मेरे मम्मे बाहर निकाल लिए। “वाउ, शेवी, तू तो कयामत है! क्या मस्त मम्मे हैं तेरे!” उसने मेरे मम्मों को जोर से दबाया और मेरे दाएँ मम्मे का निप्पल मुँह में लेकर चूसने लगा। उफ्फ, क्या सुख था! मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं, “आह… रोहित… उफ्फ!” मेरी आँखें बंद थीं, और वो मेरे मम्मों को बारी-बारी चूस रहा था, अपने दाँतों से हल्का सा काट रहा था। उसका लंड मेरी चूत पर रगड़ रहा था, और मेरी पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी।

वो मेरे पेट पर चूमता हुआ और नीचे गया। मैं चाहकर भी उसे रोक नहीं पा रही थी। उसने मेरी लेगिंग और पैंटी को धीरे-धीरे नीचे खींचा। मैंने कोई विरोध नहीं किया, और उसने दोनों उतार दीं। फिर मुझे उठाकर मेरा टॉप और ब्रा भी उतार दिया। मैं पहली बार किसी के सामने पूरी नंगी थी। मेरी चूत गीली थी, और मेरे मम्मे हवा में तनकर खड़े थे। उसने अपनी शर्ट, पैंट, और अंडरवियर उतारा। मैंने पहली बार एक मर्द का तना हुआ लंड देखा—लंबा, मोटा, और गर्म। उसने मेरा हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखा और बोला, “इसे प्यार कर, तेरा असली बॉयफ्रेंड यही है!”

मैंने शरमाते हुए उसके लंड को चूमा। उसने मेरा सिर पकड़कर अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया। मुझे उसका स्वाद नमकीन और अजीब लगा। मैंने उसे निकाला और कहा, “छी… क्या करते हो!”

“ओके, तो कुछ और करते हैं!” उसने कहा और उल्टा लेट गया। अब उसका लंड मेरे चेहरे के पास था, और मेरी चूत उसके मुँह के सामने। उसने मेरी टाँगें चौड़ी कीं और अपनी जीभ मेरी चूत पर फेरनी शुरू की। पहले उसने मेरी चूत के आसपास चाटा, फिर होंठ खोलकर अपनी जीभ अंदर डाल दी। मैं तो तड़प उठी, “आह… रोहित… ये क्या कर रहा है!” मेरे बदन में जैसे आग लग गई। उसने मेरी चूत को चूसना शुरू किया, मेरे दाने को जीभ से रगड़ा। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, और उसका लंड मेरे सामने लहरा रहा था। मैंने उसे फिर से चूमा, और पता नहीं कब मैंने उसका लंड मुँह में ले लिया। उसका लंड मुझे दुनिया की सबसे टेस्टी चीज लग रही थी। मैं उसे लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी, और वो मेरी चूत को खा रहा था।

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5 मिनट तक हम 69 में एक-दूसरे को चूसते रहे। फिर उसने मुझे नीचे लिटाया और मेरे ऊपर आ गया। उसने मेरा हाथ पकड़कर अपना लंड थमाया और बोला, “रख इसे!” मैंने उसका चेहरा नीचे खींचा, अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी, और उसका लंड अपनी चूत पर सेट किया। उसने हल्का सा धक्का मारा, और उसके लंड का सुपारा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया। दर्द हुआ, मैं चीखने वाली थी, पर उसने मेरे होंठ अपने होंठों से बंद कर दिए और मेरी जीभ चूसने लगा। मैं चीख नहीं पाई। उसने थोड़ा पीछे खींचा और फिर जोर का धक्का मारा। उसका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया। मैं दर्द से तड़प रही थी, पर वो मुझे कसकर पकड़े था। मैं उससे लिपटी हुई थी, मेरे नाखून उसकी पीठ में गड़ रहे थे।

वो धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। दर्द के साथ-साथ एक अजीब सा नशा चढ़ रहा था। उसने मेरे मम्मों को अपने दाँतों से काटा, मेरे निप्पल्स को चूसा। मैं भी अब नीचे से कमर उठाकर उसके लंड को अपनी चूत में ले रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे उसका लंड मेरी चूत से होता हुआ मेरे पेट तक जा रहा हो। मैं चिल्ला रही थी, “रोहित… और जोर से… फाड़ दे मेरी चूत!” वो और जोश में आ गया, मेरे मम्मों को मसलते हुए, मेरी गांड को थपथपाते हुए, मुझे चोदने लगा।

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15-20 मिनट तक वो मुझे चोदता रहा। हम दोनों पसीने से तर थे। मैं नीचे से अपनी गांड उठा-उठाकर उसके लंड को पूरा अंदर ले रही थी। मैं चाहती थी कि उसका लंड मेरी चूत को चीर दे, मेरे मुँह से निकल जाए। फिर उसने अपनी स्पीड बढ़ाई, और मैं भी जोश में थी। अचानक मेरे बदन में जैसे बिजली कौंधी। मेरी चूत सिकुड़ने लगी, मेरी टाँगें अकड़ गईं, और मैं सिसकारियों के साथ झड़ गई, “आह… रोहित… मैं गई!” मेरे पूरे बदन में करेंट सा दौड़ गया। वो भी जोर-जोर से धक्के मार रहा था, और फिर उसने एक गरम फव्वारा मेरी चूत में छोड़ दिया। “साली… मादरचोद… तूने तो मार डाला!” वो मेरे ऊपर गिर पड़ा।

उसकी गाली सुनकर भी मुझे अच्छा लगा। उसका लंड मेरी चूत से निकला, और उसका माल मेरी चूत से रिसकर बाहर आने लगा। हम दोनों नंगे ही घास पर पड़े रहे, हाँफते हुए। थोड़ी देर बाद वो मेरे ऊपर लेट गया और बोला, “कहो जान, कैसा लगा?”

मैंने उसका सिर अपने मम्मों पर रखा और कहा, “तुमने मुझे जिंदगी का सबसे बड़ा सुख दिया, रोहित। आई लव यू। बस, मुझे धोखा मत देना। मैं सारी उम्र तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूँ।”

“ओके डन, मैं तुझसे ही शादी करूँगा। इट्स ए प्रॉमिस!” उसने मेरे मम्मों को चूमते हुए कहा।

हम और थोड़ी देर एक-दूसरे की बाहों में लेटे रहे। फिर कपड़े पहने, खुद को ठीक किया, और पार्टी में वापस चले गए। रात 2:30 बजे मैं घर पहुँची, और सीधे अपने रूम में गई। बाथरूम में जाकर मैंने खुद को शीशे में देखा, पूरी नंगी। आज मैं अलग लग रही थी। मैं अब कुँवारी नहीं थी। मैंने शीशे पर खुद को चूमा और कहा, “हैप्पी लव लाइफ, शेवी!”

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