पड़ोसन भाभी के साथ अफेयर

Padosan hot bhabhi sex story – हॉट देसी भाभी सेक्स स्टोरी: हेलो दोस्तों, मेरा नाम रोहन है, और मैं नोएडा का रहने वाला हूँ। मैं 30 साल का हूँ, और एक सरकारी कर्मचारी हूँ। मेरी शादी को तीन साल हो चुके हैं, और मेरी पत्नी, शालिनी, जो 28 साल की है, अभी प्रेग्नेंट है। पहले मेरी पोस्टिंग झाँसी में थी, लेकिन कुछ महीने पहले मेरा ट्रांसफर नोएडा में हुआ। मेरी फैमिली गाज़ियाबाद में रहती है, और मैं और शालिनी यहाँ नोएडा में एक फ्लैट में रहते हैं। ये कहानी तब शुरू हुई, जब हमने नोएडा में अपना नया फ्लैट लिया।

हमने एक तीन मंजिल की बिल्डिंग के तीसरे फ्लोर पर एक फ्लैट खरीदा। उस फ्लोर पर दो और फ्लैट थे। एक में पहले से एक परिवार रहता था, और दूसरा खाली था। जब हमने गृह प्रवेश किया, तो पूरी बिल्डिंग को न्योता दिया, ताकि सबसे परिचय हो जाए। सभी लोग बहुत मिलनसार और दोस्ताना थे। हमारे सामने वाले फ्लैट में निशा भाभी रहती थीं, जो 36 साल की थीं, और उनका बेटा मयंक, जो 18 साल का था और 12वीं में पढ़ता था। निशा भाभी का फिगर 33-28-34 था, और वो इतनी फिट थीं कि उनकी उम्र का अंदाज़ा लगाना मुश्किल था। उनकी स्माइल और खुला स्वभाव ऐसा था कि कोई भी उनसे आसानी से घुल-मिल जाता था।

निशा भाभी बहुत मददगार थीं। जब हम नए-नए आए, तो उन्होंने हमें सेटल होने में काफी मदद की। कभी खाना भेज देतीं, तो कभी मार्केट की जानकारी देतीं। दो महीने में हम उनके साथ इतने घुल-मिल गए कि बातचीत में खुलापन आ गया। एक दिन हमने उन्हें और मयंक को शाम की चाय पर बुलाया। उस दिन भाभी ने एक हल्का गुलाबी कुर्ता और सफ़ेद लेगिंग्स पहनी थी, जिसमें उनकी कर्व्स साफ़ झलक रही थीं। चाय पीते हुए उन्होंने अपनी ज़िंदगी के बारे में बताया।

उनके पति, अनिल भैया, जो शायद 38-40 साल के होंगे, बाहर शहर में जॉब करते थे। वो 2-3 महीने में सिर्फ़ एक बार घर आते थे, और कभी-कभी तो 4-5 महीने भी हो जाते थे। भाभी ने बताया, “शादी के बाद मयंक जल्दी हो गया था। उसके बाद दो साल तक हम साथ रहे, लेकिन फिर उनकी जॉब की वजह से वो बाहर रहने लगे।” मैं सुन रहा था, लेकिन मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था कि इतनी हॉट और सेक्सी बीवी को छोड़कर कोई इतने समय तक बाहर कैसे रह सकता है। उनकी बातों से मुझे ये भी लग रहा था कि भाभी की ज़िंदगी में शारीरिक सुख की कमी थी।

कभी-कभी भाभी की बातों और उनके देखने के अंदाज़ से लगता था कि वो मुझसे थोड़ा आकर्षित थीं। उनकी स्माइल में एक नशीला सा अंदाज़ था, और वो बात करते हुए बार-बार मेरी आँखों में देखती थीं। लेकिन मैं हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था कि बात को आगे बढ़ाऊँ। फिर एक दिन शालिनी प्रेग्नेंट हुई, और तीसरे महीने में वो कुछ समय के लिए अपने मायके चली गई। अब मैं घर पर अकेला था, और यहीं से हमारी कहानी ने नया मोड़ लिया।

एक शाम मैं ऑफिस से लौटा, और उसी वक़्त निशा भाभी भी अपने ऑफिस से आईं। उन्होंने एक टाइट सफ़ेद शर्ट और काली ट्राउज़र पहनी थी। शर्ट इतनी फिट थी कि उनके बूब्स का शेप साफ़ दिख रहा था, और उनकी कमर की पतली लाइन ट्राउज़र में उभर रही थी। मैं बस उनकी तरफ़ देखता रह गया। भाभी ने मुझे देखा और मुस्कुराते हुए बोलीं, “रोहन, क्या हुआ? ऐसे क्या देख रहे हो? आओ, एक-एक कप चाय पीते हैं।”

मैंने पहले मना किया, लेकिन फिर सोचा कि मौका अच्छा है। मैंने कहा, “ठीक है भाभी, थोड़ा फ्रेश होकर आता हूँ।” मैं जल्दी से नहाया, एक नीला लोअर और ग्रे टी-शर्ट पहनी, और उनके फ्लैट का गेट नॉक किया। भाभी ने गेट खोला, और मैं तो बस उन्हें देखता रह गया। उन्होंने अब एक काला टाइट टॉप और छोटी सी लाल शॉर्ट्स पहनी थी। उनकी गोरी जाँघें और शॉर्ट्स में उनकी गांड इतनी सेक्सी लग रही थी कि मेरा लंड तुरंत टाइट होने लगा। उनकी पैंटी की आउटलाइन साफ़ दिख रही थी, और उनका टॉप इतना टाइट था कि उनके निप्पल्स का हल्का सा उभार भी नज़र आ रहा था।

भाभी ने मुझे देखकर हल्की सी स्माइल दी और बोलीं, “क्या हुआ, रोहन? ऐसे घूर रहे हो जैसे पहली बार देखा हो।” मैंने हँसते हुए कहा, “भाभी, आज आप कुछ ज़्यादा ही हॉट लग रही हैं। ये शॉर्ट्स तो कमाल की हैं।” वो हँस पड़ीं और बोलीं, “बस, अब चाय बनाती हूँ। बैठो।”

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जब वो किचन में गईं, मैं उनकी गांड की हरकत देख रहा था। उनकी शॉर्ट्स इतनी टाइट थी कि हर कदम के साथ उनकी गांड हिल रही थी, और उनकी पैंटी की लाइन साफ़ दिख रही थी। मेरे दिमाग में बस वही चल रहा था। चाय पीते हुए हमारी ढेर सारी बातें हुईं। भाभी ने बताया कि उन्हें डांस करना, म्यूज़िक सुनना, और ट्रैवलिंग पसंद है। वो बहुत खुलकर बात कर रही थीं, और मुझे लग रहा था कि वो मुझसे फ्लर्ट कर रही थीं।

चाय के बाद मैं अपने फ्लैट में आ गया। रात को मोबाइल चला रहा था, तभी देखा कि भाभी ऑनलाइन थीं। उन्होंने एक स्टेटस डाला था, जिसमें एक सेक्सी सॉन्ग की लाइन थी – “रात का नशा अभी बाकी है।” मैंने मौका देखकर मैसेज किया, “भाभी, ये स्टेटस तो कमाल का है। आज रात कुछ ज़्यादा ही नशा चढ़ रहा है क्या?”

बस, फिर क्या, हमारी चैट शुरू हो गई। मैंने कहा, “भाभी, आज आप वाकई बहुत खूबसूरत लग रही थीं। वो लाल शॉर्ट्स तो कातिल थीं।” वो बोलीं, “अच्छा? वैसे रोज़ नहीं लगती क्या?” मैंने हँसते हुए कहा, “रोज़ तो आप खूबसूरत लगती ही हैं, लेकिन आज कुछ ज़्यादा ही हॉट थीं।” वो हँस पड़ीं और बोलीं, “अच्छा, तो मेरी शॉर्ट्स ने तुम्हें इम्प्रेस कर दिया? शरम नहीं आती पड़ोसन को ऐसे ताड़ने में?”

मैंने थोड़ा हिम्मत करके कहा, “भाभी, आपकी शादी से पहले की ज़िंदगी के बारे में कुछ बताइए। आपके पीछे तो ढेर सारे लड़के पागल रहे होंगे।” वो बोलीं, “हाहा, ऐसा कुछ खास नहीं था। हाँ, मैं थोड़ी मॉडर्न थी। कॉलेज में मेरे कुछ बॉयफ्रेंड्स थे, लेकिन ज़्यादा सीरियस कुछ नहीं था।” मैंने पूछा, “क्यों, सीरियस क्यों नहीं हुआ?” वो बोलीं, “बस, थोड़ा मज़ा, थोड़ा टाइमपास, फिर ब्रेकअप। मैं किसी के साथ ज़्यादा बंधना नहीं चाहती थी।”

मैंने हँसते हुए कहा, “वाह भाभी, आप तो गुरु निकलीं।” फिर मैंने थोड़ा और हिम्मत की और पूछा, “भाभी, वो रिलेशनशिप नॉर्मल थे या… फिज़िकल?” वो हँस पड़ीं और बोलीं, “तुम तो बहुत आगे बढ़ रहे हो। मेरी पूरी रामायण जान लोगे क्या?” मैंने कहा, “भाभी, आपने कहा ना कि दोस्त की तरह बात करो। और दोस्तों से तो सब शेयर होता है।” वो बोलीं, “हाँ, सारे रिलेशनशिप फिज़िकल थे। कॉलेज में थी तो थोड़ा बहुत मज़ा लिया।” मैंने मज़ाक में कहा, “वाह, वो लड़के तो बहुत लकी रहे होंगे।”

फिर भाभी ने अचानक पूछा, “तुम स्मोक करते हो?” मैंने कहा, “हाँ भाभी।” वो बोलीं, “मेरा भी मन है, लेकिन मयंक को नहीं पता कि मैं स्मोक करती हूँ। घर पर नहीं कर सकती।” मैंने तुरंत कहा, “तो भाभी, चलो टेरेस पर चलते हैं। वहाँ स्मोक कर लेते हैं।” वो बोलीं, “ठीक है, मैं आती हूँ।” मैंने मज़ाक में कहा, “वही लाल शॉर्ट्स में आ रही हो ना?” वो हँस पड़ीं और बोलीं, “नहीं, अब तो काले लोअर और नीला टॉप पहना है।”

थोड़ी देर बाद भाभी टेरेस पर आईं। लेकिन मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब मैंने देखा कि उन्होंने वही लाल शॉर्ट्स और काला टाइट टॉप पहना था। उनकी गोरी जाँघें चाँदनी में चमक रही थीं, और उनका टॉप इतना टाइट था कि उनके बूब्स का शेप साफ़ दिख रहा था। मैंने कहा, “अरे भाभी, आपने तो कहा था लोअर पहना है।” वो बोलीं, “हाँ, लेकिन तुमने शॉर्ट्स की इतनी तारीफ़ की, तो सोचा वही पहन लूँ।” मैंने हँसते हुए कहा, “काश पहले पता होता, तो और हॉट आउटफिट की तारीफ़ करता।” वो हँस पड़ीं और बोलीं, “अब बस करो, शरारती लड़के।”

हमने एक सिगरेट शेयर की। भाभी स्मोक करने में इतनी माहिर थीं कि लग रहा था वो सालों से कर रही हों। सितंबर का महीना था, हवा में हल्की ठंडक थी, और टेरेस पर माहौल बहुत रोमांटिक था। हम एक चबूतरे पर बैठ गए। भाभी ने अचानक कहा, “वैसे तुम्हारी पत्नी प्रेग्नेंट है, तुम तो इन दिनों अकेले ही हो। कुछ मज़ा नहीं लेते?” मैंने कहा, “हाँ भाभी, क्या करें। कंट्रोल करना पड़ता है।” वो बोलीं, “सच बताओ, लड़कों से तो कंट्रोल होता ही नहीं, है ना?” मैंने हँसते हुए कहा, “हाँ, लेकिन करना पड़ता है।” वो हँस पड़ीं और बोलीं, “लड़कों के पास तो और भी तरीके होते हैं।” मैंने मज़ाक में कहा, “हाँ, अपन हाथ जगन्नाथ।”

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भाभी ने हँसते हुए अपना हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया। उनका स्पर्श ऐसा था कि मेरा लंड तुरंत टाइट हो गया। मैं समझ गया कि अब मौका है। मैंने उनके हाथ पर अपना हाथ रखा और उनकी आँखों में देखा। उनकी आँखों में एक हल्की सी शरारत थी। हम दोनों एक-दूसरे को देख रहे थे। दो मिनट तक खामोशी रही। फिर हमारा चेहरा पास आया, और भाभी ने आँखें बंद कर लीं।

मैंने धीरे से उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उनके होंठ इतने नरम और रसीले थे कि मैं बस उन्हें चूसता रहा। “उम्म…” भाभी ने हल्की सी सिसकारी भरी। मैंने उनकी गर्दन पर किस करना शुरू किया, और धीरे-धीरे उनकी गर्दन को चाटने लगा। उनकी साँसें तेज़ हो रही थीं। “रोहन… आह…” वो धीरे से बोलीं। अचानक उनका हाथ मेरे लंड पर चला गया, और वो उसे लोअर के ऊपर से सहलाने लगीं। मेरा लंड और सख्त हो गया।

मैंने भी हिम्मत की और उनकी कमर को पकड़कर उन्हें अपनी तरफ़ खींच लिया। मैंने धीरे से कहा, “भाभी, नीचे चलें?” वो बोलीं, “हाँ, चलो।” हम मेरे फ्लैट में आए। गेट बंद करते ही मैंने उन्हें दीवार से सटा दिया और फिर से किस करना शुरू कर दिया। मैं उनके होंठ चूस रहा था, और वो मेरे बालों में उंगलियाँ फिरा रही थीं। “आह… रोहन… और…” वो सिसकारियाँ ले रही थीं। मैंने उनका काला टॉप ऊपर किया और उसे उतार दिया। उनकी काली लेस वाली ब्रा में उनके बूब्स ऐसे लग रहे थे जैसे कोई परफेक्ट स्कल्पचर।

मैंने उनकी ब्रा के ऊपर से उनके बूब्स दबाए। उनके निप्पल्स सख्त हो चुके थे, और ब्रा के ऊपर से ही दिख रहे थे। मैंने उनकी गर्दन को चूमते हुए उनकी ब्रा का हुक खोला। उनके दूध जैसे गोरे बूब्स बाहर आ गए। उनके निप्पल्स गुलाबी थे, और सख्त होकर उभरे हुए थे। मैंने एक निप्पल को मुँह में लिया और उसे चूसने लगा। “आह… उह… रोहन… और ज़ोर से…” भाभी सिसकारियाँ ले रही थीं। मैंने उनके निप्पल को हल्का सा काटा, जिससे वो और ज़ोर से सिसकीं।

मैं धीरे-धीरे नीचे गया और उनकी लाल शॉर्ट्स के बटन खोल दिए। उनकी काली लेस वाली पैंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी। मैंने उनकी जाँघों पर किस करना शुरू किया। उनकी गोरी जाँघें इतनी मुलायम थीं कि मैं बस उन्हें चूमता रहा। मैंने उनकी पैंटी को धीरे से नीचे खींचा। उनकी चूत पूरी तरह साफ थी, और इतनी टाइट कि लग रहा था जैसे कभी इस्तेमाल ही ना हुई हो। उनकी चूत के होंठ गुलाबी थे, और हल्का सा रस टपक रहा था।

मैंने उनकी चूत के होंठों को उंगलियों से फैलाया और अपनी जीभ से चाटना शुरू किया। “आह… ओह… रोहन… उफ़…” भाभी की सिसकारियाँ तेज़ हो गईं। मैंने उनकी क्लिट को चूसना शुरू किया, जो छोटी सी गुलाबी मोती जैसी थी। वो मेरे बाल पकड़कर अपनी चूत में दबाने लगीं। “हाय… और… और करो…” वो चिल्ला रही थीं। मैंने अपनी जीभ को और तेज़ी से चलाया, और उनकी चूत से रस टपकने लगा। मैंने उनकी चूत को चूसते हुए एक उंगली अंदर डाली। उनकी चूत इतनी टाइट थी कि उंगली को अंदर-बाहर करने में भी मज़ा आ रहा था।

“रोहन… आह… तुम तो मेरी चूत को पागल कर रहे हो…” भाभी ने सिसकारी भरी। मैंने कहा, “भाभी, आपकी चूत का रस तो अमृत जैसा है।” वो हँस पड़ीं और बोलीं, “बस करो, शरारती। अब और मत तड़पाओ।”

थोड़ी देर बाद मैंने अपने कपड़े उतारे। मेरा 7 इंच का लंड पूरा तन चुका था, और उसका गुलाबी सुपारा चमक रहा था। भाभी ने उसे देखा और बोलीं, “रोहन, ये तो बहुत बड़ा है। मेरी चूत को फाड़ देगा।” मैंने हँसते हुए कहा, “भाभी, फाड़ने के लिए ही तो है।” मैंने उनके पैरों को फैलाया और अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ना शुरू किया। उनकी चूत इतनी गीली थी कि लंड आसानी से स्लिप कर रहा था।

मैंने धीरे से लंड को उनकी चूत में डाला। “आह… उफ़… धीरे…” भाभी ने सिसकारी भरी। उनकी चूत इतनी टाइट थी कि मुझे धीरे-धीरे धक्के मारने पड़े। जब मेरा लंड पूरा अंदर गया, मैंने उन्हें कसकर पकड़ा और धीरे-धीरे चोदना शुरू किया। “उम्म… आह… रोहन… और तेज़…” भाभी की आवाज़ में मस्ती थी।

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मैंने स्पीड बढ़ाई। “फच… फच…” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। भाभी की सिसकारियाँ और तेज़ हो गईं, “आह… हाय… चोदो मुझे… और ज़ोर से…” मैंने उनके पैरों को अपने कंधों पर रखा और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। उनकी चूत का रस मेरे लंड को और गीला कर रहा था। मैंने कहा, “भाभी, आपकी चूत तो मेरे लंड को निचोड़ रही है।” वो बोलीं, “हाँ… 6 महीने से कुछ नहीं हुआ… अब तू ही मेरी चूत की प्यास बुझा।”

करीब 20 मिनट तक मैंने उन्हें उसी पोज़ में चोदा। फिर मैंने उन्हें घोड़ी बनने को कहा। भाभी ने अपनी गांड मेरी तरफ़ की, और मैंने पीछे से उनका कमर पकड़कर लंड उनकी चूत में डाला। उनकी गोरी गांड मेरे सामने हिल रही थी। “आह… ओह… रोहन… कितना मज़ा आ रहा है…” वो चिल्ला रही थीं। मैंने उनकी गांड पर हल्का सा थप्पड़ मारा, जिससे वो और उत्तेजित हो गईं। “हाय… और मारो…” वो बोलीं।

मैंने उनकी चूत को पीछे से चोदते हुए उनकी गांड को सहलाया। उनकी चूत का रस मेरे लंड पर चिपचिपा हो रहा था। “फच… फच…” की आवाज़ के साथ उनकी सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं। थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गया। मैंने उनके बूब्स को चूसते हुए फिर से चोदना शुरू किया। उनके गुलाबी निप्पल्स को मैंने हल्का सा काटा, और वो “आह… उह…” सिसकारियाँ ले रही थीं।

“रोहन… मैं झड़ने वाली हूँ…” भाभी ने कहा। मैंने और तेज़ी से धक्के मारे, और वो “आह… ओह…” करते हुए झड़ गईं। उनकी चूत का रस मेरे लंड को और गीला कर रहा था। मैं भी अब झड़ने वाला था। मैंने लंड बाहर निकाला और उनके पेट पर झड़ गया। उनका पेट मेरे गर्म रस से चिपचिपा हो गया।

हम दोनों थककर बेड पर लेट गए। भाभी मेरे सीने पर सर रखकर बोलीं, “रोहन, इतना मज़ा तो मुझे कभी नहीं आया।” मैंने कहा, “भाभी, ये तो बस शुरुआत है।” थोड़ी देर बाद हम फिर तैयार हो गए। इस बार भाभी मेरे ऊपर आ गईं। उन्होंने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर सेट किया। “आह…” वो धीरे-धीरे मेरे लंड पर बैठ गईं।

वो ऊपर-नीचे होने लगीं, और उनके बूब्स मेरे सामने उछल रहे थे। मैंने उनके गुलाबी निप्पल्स को पकड़कर मसला, और वो “उम्म… आह…” सिसकारियाँ ले रही थीं। भाभी ने कहा, “रोहन, तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है।” मैंने कहा, “भाभी, आपकी चूत तो मेरे लंड को निचोड़ रही है।”

करीब 25 मिनट तक वो मेरे ऊपर उछलती रहीं। फिर मैंने उन्हें फिर से नीचे लिटाया और उनकी टाँगें हवा में उठाकर चोदना शुरू किया। “फच… फच…” की आवाज़ के साथ उनकी सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं। इस बार मैंने और लंबा चोदा, और आखिर में फिर से उनके पेट पर झड़ गया।

दो राउंड के बाद भाभी अपने फ्लैट में चली गईं। लेकिन जब तक शालिनी वापस नहीं आई, हमारा यही रूटीन रहा। हर रात हम टेरेस पर स्मोक करते, फिर मेरे फ्लैट में आकर चुदाई करते। भाभी की चूत की गर्मी और उनकी सिसकारियाँ मुझे पागल कर देती थीं।

शालिनी के आने के बाद हमें मौके कम मिलने लगे, लेकिन जब भी मिलता, हम चुदाई का पूरा मज़ा लेते। भाभी सिर्फ़ मेरी लवर ही नहीं, मेरी अच्छी दोस्त भी बन गईं। उनकी सेक्सी स्माइल और खुला स्वभाव मुझे हमेशा उनकी तरफ़ खींचता था। आज भी हमारा अफेयर चल रहा है, और हम अपनी ज़िंदगी में खुश हैं।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी? क्या आपने भी कभी पड़ोसन भाभी के साथ ऐसा कुछ अनुभव किया? कमेंट में ज़रूर बताएँ।

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