Maid sex story मैं पहली बार अपनी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मेरा नाम राहुल है, उम्र 32 साल, शादीशुदा हूँ, और दिल्ली में रहता हूँ। मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूँ, अच्छी-खासी नौकरी करता हूँ, और चुदाई का इतना शौकीन हूँ कि दिन में कम से कम दो बार तो अपनी बीवी को चोदता ही था। मेरी बीवी, प्रिया, 28 साल की है, गोरी, मस्त फिगर वाली, और उसकी चूचियाँ ऐसी कि देखकर कोई भी लंड खड़ा कर ले। वो भी चुदाई में मुझसे कम नहीं, हर वक्त चुदने को तैयार रहती थी। लेकिन कुछ दिन पहले की बात है, प्रिया अपने मायके चली गई, और मेरे लिए मुश्किलें शुरू हो गईं। बिना चुदाई के मेरा लंड तड़प रहा था, और रातें काटना मुश्किल हो गया था।
हमारे घर में एक नौकरानी काम करती है, उसका नाम रानी है। रानी 21 साल की है, साँवली, लेकिन उसका जिस्म ऐसा कि क्या बताऊँ! उसकी चूचियाँ मस्त गोल, 34 के साइज़ की, और गांड इतनी उभरी कि जब वो झुककर काम करती, तो मेरा लंड पैंट में तंबू बना लेता। देखने में वो कोई खास खूबसूरत नहीं थी, लेकिन उसका जिस्म ऐसा था कि अच्छे-अच्छों का लंड उसे देखकर मुठ मारने को मजबूर हो जाए। मैं चूत की तलाश में था, और सोचने लगा कि क्यों न रानी को ही चोद लिया जाए।
जब भी रानी घर में साफ-सफाई करती, मेरा सारा ध्यान उसकी चूचियों और गांड पर चला जाता। वो जब झाड़ू लगाती, तो उसकी चूचियाँ हिलतीं, और मैं बस देखता रहता। मेरा हाथ अपने आप लंड पर चला जाता, और मैं उसे सहलाने लगता। लेकिन रानी ने कभी मेरी तरफ ध्यान नहीं दिया। शायद वो समझती थी कि मैं बस यूँ ही देख रहा हूँ। मैंने मन में ठान लिया कि इसे चोदने का जुगाड़ करना ही पड़ेगा।
रानी की एक आदत थी कि वो जितना काम बोला जाता, उतना ही करती। अगर उससे कुछ ज्यादा करने को कहो, तो बोलती, “पैसे बढ़ाओ, तभी करूँगी।” यही उसका कमजोर पॉइंट था, और मैंने सोचा कि इसी का फायदा उठाकर इसे पटाया जाए। एक दिन मैंने प्लान बनाया। रानी किचन में बर्तन धो रही थी। मैंने फोन पर जोर-जोर से बात शुरू की, जैसे कोई दोस्त दूसरी तरफ हो। मैं बोल रहा था, “अरे यार, तुम्हारी नौकरानी कितने पैसे लेती है? क्या? 2500 रुपये महीना? अरे, ये तो बहुत ज्यादा है!” रानी सब सुन रही थी, और उसे लग रहा था कि मैं सचमुच किसी से बात कर रहा हूँ।
मैंने फोन पर और जोड़ा, “क्या बात कर रहे हो, तुम अपनी नौकरानी को 2500 रुपये इसलिए देते हो क्योंकि उसने तुमसे दोस्ती की है? अरे, वो तो फिर ठीक है!” ये कहकर मैंने फोन बंद कर दिया। जैसा मैंने सोचा था, थोड़ी देर बाद रानी मेरे पास आई और बोली, “साहब, आपका दोस्त अपनी नौकरानी को 2500 रुपये देता है? वो कोई बड़े शहर में काम करती है क्या?” मैंने मौका देखकर कहा, “नहीं रानी, तुम नहीं समझोगी। मेरे दोस्त ने अपनी नौकरानी से दोस्ती की है, इसलिए उसे ज्यादा पैसे देता है।” फिर मैंने मौके का फायदा उठाया और बोला, “तुम भी मेरे साथ दोस्ती कर लो, मैं तुम्हें महीने के 3000 रुपये दूँगा।”
रानी थोड़ी देर चुप रही, फिर बोली, “अगर किसी को पता चल गया तो?” मैंने तुरंत उसकी कमर में हाथ डाला और कहा, “रानी, इस वक्त घर में सिर्फ़ हम दोनों हैं, दरवाजा बंद है। अगर हम किसी को नहीं बताएँगे, तो किसी को क्या पता चलेगा?” ये कहकर मैंने उसे बेडरूम में ले जाकर बेड पर बिठा लिया। वो शरमा रही थी, लेकिन मैं उसकी कमर पर हाथ फेरते हुए बातें करता रहा। मेरा लंड पैंट में खड़ा हो गया था, और मैं उसे छूने के लिए बेताब था। रानी मेरे पास सटकर बैठी थी, मेरा एक हाथ उसकी जाँघ पर था, दूसरा उसकी कमर पर।
रानी ने मेरा हाथ पीछे कर दिया और बोली, “साहब, अगर किसी को पता चल गया तो?” मैंने मौका देखकर जेब से 500 रुपये का नोट निकाला, उसे पकड़ाया और कहा, “रानी, तुम 5 घरों में काम करोगी, तब भी महीने के 3000 रुपये नहीं कमा पाओगी।” वो चुप हो गई। मैंने धीरे से उसकी चूचियों पर हाथ फेरना शुरू किया। वो चुपचाप आँखें बंद करके बैठी थी। मैं उसकी गर्दन पर चूमने लगा और पूछा, “बताओ, चूचियाँ दबवाकर कैसा लग रहा है?” वो शरमाते हुए बोली, “अच्छा लग रहा है, पर साहब, जaldi करो, मुझे घर जाना है।” लेकिन मुझ पर चुदाई का भूत सवार था। मैंने सोचा, आज तो इसकी चूत फाड़कर ही रहूँगा।
मैंने उसकी टी-शर्ट ऊपर उठाई और उसकी चूचियाँ देखकर दंग रह गया। इतनी गोरी, गोल, और नरम चूचियाँ थीं कि मेरी बीवी की चूचियाँ भी उनके सामने फीकी पड़ जाएँ। मैं भूखे भेड़िए की तरह उसकी चूचियों पर टूट पड़ा, एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा, और दूसरी को जोर-जोर से दबाने लगा। रानी सिसकारियाँ ले रही थी, “उह्ह… साहब… आह्ह…” और मेरे सिर पर हाथ फेर रही थी। मैंने अपनी पैंट से लंड निकाला और उसके हाथ में पकड़ा दिया। वो चौंककर खड़ी हो गई और बोली, “ये मैं नहीं करूँगी!”
मुझे गुस्सा तो बहुत आया, मन हुआ कि दो थप्पड़ मारकर इसे चोद दूँ, लेकिन मैंने खुद को संभाला। मैंने कहा, “रानी, कुछ नहीं होगा। मेरा लंड पकड़ लो, इससे तुम चुद तो नहीं जाओगी। दोस्ती में मज़े तो ले सकते हैं। अगर तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा, तो पैसे वापस कर दो, हम दोस्ती नहीं करेंगे।” वो मान गई। मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी टी-शर्ट उतार दी। उसने नीचे पिंक ब्रा पहनी थी, जिसे मैंने फट से उतार दिया। उसकी चूचियाँ अब पूरी तरह नंगी थीं, और मैं उन्हें रगड़ने लगा। रानी धीरे-धीरे गरम हो रही थी।
मैंने उसकी एक चूची का निप्पल मुँह में लिया और चूसने लगा, दूसरी चूची को जोर-जोर से मसल रहा था। “आह्ह… साहब… उह्ह…” रानी की सिसकारियाँ तेज हो रही थीं। फिर मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी स्कर्ट के अंदर डाला और उसकी जाँघों को सहलाने लगा। उसकी स्कर्ट को मैंने उसकी कमर तक उठा दिया। थोड़ी देर में मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए, और अब वो सिर्फ़ पैंटी में थी। मैंने पैंटी के ऊपर से उसकी चूत मसलनी शुरू की। रानी पूरी तरह गरम हो चुकी थी, लेकिन होश में थी।
जैसे ही मैंने उसकी पैंटी उतारी, वो बोली, “भैया, प्लीज़, ये काम मत करो।” मैंने उसकी चूत देखी, तो मज़ा आ गया। 21 साल की कुँवारी चूत, मुलायम-मुलायम बालों से सजी, एकदम सील बंद। मैंने कहा, “रानी, फिकर मत कर।” मैं उसके साथ लिपट गया और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया। वो उसे ऊपर-नीचे हिलाने लगी। फिर मैंने उसकी टाँगें चौड़ी कीं और उसकी चूत को देखकर पागल हो गया। एकदम गुलाबी, तंग चूत थी। मैंने तुरंत अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया और उसका रस चाटने लगा। “आह्ह… उह्ह… साहब… ओह्ह…” रानी मछली की तरह तड़प रही थी और मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा रही थी। उसकी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी।
मैंने मौका देखकर उस पर लेट गया और अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो मुझसे कह रही थी, “भैया, प्लीज़, चूत में लंड मत डालना, ऐसे ही मज़े लेते रहो। नहीं तो मैं किसी को मुँह दिखाने लायक नहीं रहूँगी।” लेकिन मैंने तो उसकी चूत फाड़ने का मन बना लिया था। मैंने कहा, “रानी, एक बार मेरा लंड अपनी चूत में ले ले, फिर तू रोज़ इसे माँगेगी।” उसने मना किया, लेकिन मैंने एक ज़ोरदार झटके में अपना 7 इंच का लंड उसकी चूत में पेल दिया। “आआह्ह… भैया… निकाल दो… दर्द हो रहा है…” रानी की चीख निकल गई, और वो रोने लगी। उसकी चूत से खून निकल रहा था, क्योंकि वो कुँवारी थी।
मैंने धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया। थोड़ी देर बाद रानी को भी मज़ा आने लगा। वो अपनी गांड उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगी। “उह्ह… आह्ह… भैया… और ज़ोर से…” वो मस्त हो चुकी थी। मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया। “चटाक… चटाक…” लंड और चूत के टकराने की आवाज़ पूरे कमरे में गूँज रही थी। रानी की सिसकारियाँ तेज हो रही थीं, “आह्ह… भैया… मेरी चूत फाड़ दो… ओह्ह… और ज़ोर से चोदो…” मैंने उसकी चूचियाँ पकड़ लीं और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा।
फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं। इस बार मैंने उसकी चूत में लंड धीरे-धीरे डाला, ताकि उसे हर धक्के का मज़ा मिले। “उह्ह… साहब… कितना मज़ा आ रहा है… आह्ह…” रानी की चूत अब पूरी तरह खुल चुकी थी, और वो मज़े से चुदवा रही थी। मैंने उसकी चूचियाँ चूसते हुए धक्के मारने जारी रखे। करीब 40 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था। मैंने पूछा, “रानी, कहाँ निकालूँ?” वो बोली, “बाहर निकाल दो, भैया।” मैंने लंड बाहर निकाला और उसकी चूचियों पर अपना माल गिरा दिया। रानी भी झड़ चुकी थी, उसकी चूत पूरी तरह गीली थी।
वो उठकर बाथरूम गई, अपनी चूत साफ की, और वापस आकर मेरे लंड को सहलाने लगी। उसने मेरे लंड को चूमा और बोली, “मेरे लंड राजा, कल फिर आकर चुदवाऊँगी।” फिर ये सिलसिला रोज़ चलता रहा, जब तक मेरी बीवी वापस नहीं आई। प्रिया के आने के बाद तो उसकी चुदाई में ही मज़ा आने लगा, क्योंकि वो खुद इतनी बड़ी चुदक्कड़ है कि दिन में 3-4 बार चुदवाती है।
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