मेरा नाम शोभना है। मैं भुवनेश्वर में रहती हूँ। अब मैं 21 साल की हूँ, लेकिन ये कहानी उस वक्त की है जब मैं 18 साल की थी, बिल्कुल जवान। मेरी दोनों चूचियाँ उस वक्त इतनी बड़ी नहीं थीं, पर हाँ, उनका उभार साफ दिखता था। एक हाथ में आसानी से समा सकती थीं। मेरा पेट सपाट था, और मेरी गांड का उभार भी कसा हुआ और आकर्षक था। मेरा बुर इतना टाइट था कि मैं उसमें उंगली तक नहीं डाल पाती थी। मेरी चूत और गांड का छेद इतना छोटा था कि दोनों बराबर ही लगते थे। मेरे गाल गुलाबी थे, और मेरे होंठ पिंक, जो हर किसी का ध्यान खींचते थे।
मेरी माँ का देहांत हो चुका था, और मेरे पिताजी ने दूसरी शादी कर ली थी। मेरी सौतेली माँ के साथ उनके दो बेटे भी हमारे घर आए—पिंकू और रतन। दोनों मुझसे दो-तीन साल बड़े थे। पिंकू की नजरें हमेशा मेरी चूचियों और गांड पर टिकी रहती थीं। उसकी वहशी निगाहें मुझे जैसे कपड़ों के आर-पार देखती थीं। मैं इन सबको इग्नोर करती थी, उसे कभी जताने नहीं देती थी कि मैं उसकी गंदी नजरों को भांप रही हूँ। मैं नहीं चाहती थी कि उसे लगे कि मैं उसकी हरकतों पर ध्यान दे रही हूँ।
एक दिन की बात है, मेरी सौतेली माँ के पिता का देहांत हो गया। मम्मी, पापा और मेरा छोटा सौतेला भाई रतन तीनों उनके घर चले गए। घर में सिर्फ मैं और पिंकू रह गए। उस रात पिंकू मेरे लिए समोसा और कोल्ड ड्रिंक ले आया। मैं खुश हो गई। मुझे लगा, शायद आज मेरा भाई मुझ पर तरस खा रहा है। वरना इस घर में मुझे हमेशा ताने और दुत्कार ही मिले थे।
पिंकू ने बड़े प्यार से कहा, “खा ले, मेरी प्यारी बहन। ये मैं तेरे लिए लाया हूँ।” मैंने समोसा खाया और कोल्ड ड्रिंक पी ली। लेकिन कोल्ड ड्रिंक का स्वाद कुछ अजीब था। मैंने पिंकू से पूछा, “भैया, इसका स्वाद कुछ अलग क्यों है?” इतना कहते-कहते मेरी आँखें भारी होने लगीं। मेरे शरीर में जैसे जान ही नहीं बची थी। मैं बिस्तर पर लेट गई और बोली, “भैया, मुझे ठीक नहीं लग रहा।”
पिंकू ने ठंडी साँस लेते हुए कहा, “शोभना, अब तू अगले आठ घंटे तक ना उठ पाएगी, ना हिल-डुल पाएगी, ना चिल्ला पाएगी। मैंने तेरी कोल्ड ड्रिंक में दवा मिला दी है।” मेरे दिल में डर का एक ठंडा सा झटका लगा। मैंने कांपते स्वर में पूछा, “भैया, तूने ऐसा क्यों किया?”
वो हँसा और बोला, “मैं तुझे चोदना चाहता हूँ, शोभना। बहुत दिनों से तेरे जिस्म को देखकर मैं मुठ मार रहा हूँ। आज मैं अपनी ख्वाहिश पूरी करूँगा।” इतना कहते ही उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए। मैंने कमजोर आवाज में कहा, “भैया, भगवान के लिए ऐसा मत कर। प्लीज!”
लेकिन वो कहाँ मानने वाला था। वो बोला, “साली, कुतिया, तू आज कुछ नहीं बोलेगी। आज मैं अपना लंड तेरी चूत में घुसाऊँगा।” उसने मेरी कमीज़, सलवार, और फिर ब्रा-पैंटी तक सब उतार दी। मैं कुछ कर नहीं पा रही थी। मेरा शरीर जैसे सुन्न पड़ गया था। वो मेरी चूचियों को मुँह में लेकर चूसने लगा। उसका एक हाथ मेरी चूचियों को जोर-जोर से दबा रहा था। फिर वो मेरे गुलाबी होंठों को चूमने लगा। उसकी साँसें गरम थीं, और उसकी जीभ मेरे होंठों पर रेंग रही थी।
वो बार-बार कह रहा था, “क्या चीज है तू, शोभना। आज तेरी चूत को फाड़ दूँगा।” उसने मेरी पैंटी खींचकर उतार दी। अब मैं पूरी तरह नंगी थी। वो मेरी दोनों टाँगों के बीच बैठ गया और मेरी चूत को जीभ से चाटने लगा। उसकी जीभ मेरी चूत के छोटे से छेद पर रगड़ रही थी। वो अपनी उंगली से मेरी चूत में घुसने की कोशिश करने लगा। मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मैं ना चिल्ला पा रही थी, ना कुछ कर पा रही थी। “आह्ह… उह्ह…” मेरे मुँह से सिर्फ हल्की सी सिसकियाँ निकल रही थीं।
फिर उसने मेरी गांड में अपनी उंगली घुसा दी। “ओह्ह… ना…!” मैं मन ही मन चिल्ला रही थी, लेकिन मेरी आवाज बाहर नहीं आ रही थी। वो जोर-जोर से उंगली अंदर-बाहर करने लगा। उसका चेहरा लाल हो गया था, और उसकी आँखों में एक जंगलीपन सा था। फिर उसने अपने कपड़े उतारे और अपना लंड निकाला। मैं उसकी तरफ देखकर डर गई। उसका लंड मोटा, काला और लंबा था—करीब सात इंच का, और इतना मोटा कि मेरी छोटी सी चूत में जाने की कल्पना भी डरावनी थी।
उसने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी चूत के छेद पर रखा। उसने एक जोरदार धक्का मारा। “आआह्ह…!” मेरे मुँह से सिसकारी निकली, लेकिन वो लंड अंदर नहीं गया। मेरी चूत इतनी टाइट थी कि उसका मोटा लंड फंस गया। वो गुस्से में बड़बड़ाया, “साली, इतनी टाइट चूत!” फिर वो रसोई में गया और सरसों का तेल ले आया। उसने अपने लंड पर तेल लगाया और मेरे कंधों को जोर से पकड़ लिया। उसने फिर से मेरी चूत के छेद पर लंड रखा और इस बार पूरा जोर लगाकर धक्का मारा। “चटाक!” एक तेज आवाज के साथ उसका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया।
“आआआह्ह… उह्ह…!” मेरे आँसुओं ने मेरे गाल भीगे दिए। दर्द इतना था कि लगा मेरी चूत दो टुकड़ों में बँट गई। वो रुका नहीं। वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा। “फच… फच… फच…” उसका लंड मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था, और हर धक्के के साथ मेरी सिसकियाँ तेज हो रही थीं। “आह्ह… ओह्ह… भैया, रुक जाओ…!” मैं मन ही मन चिल्ला रही थी, लेकिन मेरी आवाज बाहर नहीं आ रही थी। वो बोला, “साली, क्या मस्त चूत है तेरी! आज इसका भोसड़ा बना दूँगा।” उसने मेरी चूचियों को मसलते हुए धक्के मारने जारी रखे।
वो करीब 20 मिनट तक मुझे चोदता रहा। हर धक्के के साथ मेरी चूत से खून टपक रहा था। “आह्ह… उह्ह…” मेरी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं। आखिरकार उसने एक तेज धक्का मारा और उसके लंड से गर्म वीर्य मेरी चूत में छूट गया। वो हाँफते हुए मेरे ऊपर ढेर हो गया। मेरी चूत जल रही थी, और मेरा बिस्तर मेरे खून और उसके वीर्य से सन गया था।
रात के 10 बजे तक उसने मुझे दो बार चोदा। मैं नंगी बिस्तर पर पड़ी थी, मेरे शरीर में कोई ताकत नहीं बची थी। तभी दरवाजे पर खटखट की आवाज आई। पिंकू ने दरवाजा खोला तो रतन खड़ा था। वो जल्दी से अंदर आया और मुझे नंगी देखकर चिल्लाया, “भैया, ये क्या किया तुमने? शोभना नंगी क्यों है? वो बोल भी क्यों नहीं पा रही?”
पिंकू ने हँसते हुए कहा, “रतन, आज मेरा सपना पूरा हो गया। मैंने इसकी चूत फाड़ दी।” रतन गुस्से में बोला, “भैया, तुमने ऐसा क्यों किया? मैं तो इसकी चूत पहले चोदना चाहता था। मैंने तो बहाना बनाकर इसलिए जल्दी वापस आया।” पिंकू ने ठहाका लगाया और बोला, “चल, कोई बात नहीं। तू इसकी गांड मार ले। चूत का तो मैंने भोसड़ा बना दिया।” रतन ने मुस्कुराते हुए कहा, “ठीक है, मैं इसकी गांड की सील तोड़ता हूँ।”
रतन ने अपने कपड़े उतारे। उसका लंड भी पिंकू से कम नहीं था—लंबा और मोटा। उसने मेरी गांड पर सरसों का तेल लगाया और अपनी उंगली पहले अंदर-बाहर की। “आह्ह… ना…!” मैं फिर सिसक रही थी। फिर उसने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रखा और धीरे-धीरे दबाव डाला। “चट… चट…” उसका लंड मेरी गांड में घुस गया। “आआआह्ह… उह्ह…” मैं दर्द से तड़प रही थी। वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा। “फच… फच…” उसकी जाँघें मेरी गांड से टकरा रही थीं। वो बोला, “क्या टाइट गांड है, साली! मजा आ गया।” उसने मेरी चूचियाँ मसलीं और मेरे होंठों को चूमा।
रात भर दोनों भाई बारी-बारी से मुझे चोदते रहे। कभी पिंकू मेरी चूत में, तो कभी रतन मेरी गांड में। “आह्ह… ओह्ह… उह्ह…” मेरी सिसकियाँ कमरे में गूँजती रहीं। सुबह जब मैं उठी, मेरा शरीर दर्द से टूट रहा था। मैंने गुस्से में कहा, “मैं ये सब पापा को बता दूँगी।”
रतन और पिंकू ने हँसते हुए अपना मोबाइल निकाला और एक वीडियो दिखाया। उन्होंने मेरी चुदाई की पूरी ब्लू फिल्म बना ली थी। पिंकू बोला, “अगर तूने मुँह खोला, तो ये वीडियो सबको दिखा देंगे।” मैं डर गई। फिर क्या था, वो दोनों मुझे आज तक चोद रहे हैं। अब तो मुझे लगता है कि मैं उनकी रखैल बन गई हूँ।
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