मेरी माँ और चाची को चोदा – 1

Mom Sex Story : यह कहानी अंकित के परिवार की है। यह घटना तीन वर्ष पहले की है, जब अंकित अपनी माँ के साथ एक शादी में गांव गया था। अंकित ने अपनी सेक्स कहानियों में पहले ही अपनी बहन, भाभी, और माँ की चुदाई के किस्से लिखे थे।

इस बार जब वह गांव गया, तो उसकी नज़र अपनी छोटी चाची सरिता की जवानी पर टिक गई। उसकी हसीन अदाओं और फिगर ने अंकित के मन में वासना जगा दी, और वह उन्हें चोदने के ख्यालों में खोने लगा।

अगले दिन, उसकी बड़ी चाची हेमा का आगमन हुआ। हेमा की उम्र 40 वर्ष थी, लेकिन वह 30 साल की लगती थीं। उनकी कसी हुई, जवान काया अंकित के लंड को और भी खड़ा कर रही थी।

हेमा चाची के दो बच्चे थे, एक बेटा और एक बेटी। उनकी बेटी अनुजा अब जवानी की दहलीज पार कर चुकी थी और पतली कमर और छोटे, गोल मम्मों के कारण गांव के कई लड़कों का ध्यान अपनी ओर खींचती थी।

अंकित, जो पहले से ही अपनी बहन और भाभी को चोदकर चूत का दीवाना हो चुका था, अब बस चाची और उनकी बेटी अनुजा को चोदने की सोच रहा था। उसका लंड उनके उठे हुए चूतड़ों और कसी हुई गांड की कल्पना में थरथरा रहा था।

गांव में शादी के दौरान, अंकित ने देखा कि घर के सामने एक गधा खड़ा था, जिसका लंड बाहर निकला हुआ था। यह दृश्य देखकर हेमा चाची ने अपनी बड़ी बहन और अंकित की माँ, शालिनी, से मजाक में कहा,
“दीदी, देखो! इतना बड़ा लंड ले सकती हो?”

शालिनी ने हंसकर जवाब दिया,
“इतना मोटा और लंबा लंड तो कोई गधी ही ले सकती है।”

हेमा चाची आह भरते हुए बोलीं,
“आह … मेरा छेद इतना बड़ा होता तो मैं जरूर इसे चुदवा लेती।”

इस पर शालिनी ने मुस्कुराते हुए कहा,
“क्यों, अभी लंड से मन नहीं भरा क्या?”

हेमा चाची ने शिकायत करते हुए कहा,
“नहीं दीदी, अभी भी आग लगी रहती है। आपके देवर का सामान अब ढीला हो गया है।”

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यह कहते हुए उन्होंने शालिनी की मोटी चूची को जोर से दबा दिया।
शालिनी चौंककर बोलीं,
“आउच! ये क्या कर रही हो?”

हेमा ने हँसते हुए जवाब दिया,
“लगता है आपकी चूचियों को बहुत दुहा गया है।”

शालिनी ने अपनी हंसी दबाते हुए कहा,
“हां यार, मेरी चूचियों को बहुत लोगों ने दुहा और दबाया है। लेकिन अब यह दूध नहीं देती हैं। अगर तुम्हें दूध चाहिए, तो सरिता की चूचियों को दुह कर देख … वो अभी भी दूध देती है।”

सरिता चाची, जो सबसे छोटी थीं, गांव में ही रहती थीं। उनका नाम सुनते ही हेमा ने मस्ती में कहा,
“चलो, आज सरिता को ही दुहते हैं।”

हेमा चाची और शालिनी (अंकित की माँ) सरिता चाची को ढूंढने लगीं। उन्हें पता चला कि सरिता चाची जानवरों के लिए बने करकट वाले कमरे में हैं। वे वहाँ पहुँचीं और आवाज दी,
“सरिता! कहाँ हो?”

अंदर से सरिता चाची की आवाज आई,
“मैं यहीं हूँ, अंदर आ जाओ।”

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हेमा चाची और शालिनी कमरे के अंदर गईं। सरिता चाची एक छोटी सी चटाई पर बैठी हुई थीं। वे दोनों भी चटाई पर बैठ गईं।

शालिनी ने मुस्कुराते हुए कहा,
“आज हम लोग दूध दुहने आए हैं।”

सरिता चाची ने हँसते हुए जवाब दिया,
“हां, ठीक है। शाम को दुह लेना। कौन मना कर रहा है?”

हेमा चाची ने शरारती लहजे में कहा,
“हम तुम्हारी चूचियों के दूध की बात कर रहे हैं।”

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इतना सुनते ही शालिनी ने सरिता चाची की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया। सरिता चाची ने उन्हें झटकते हुए कहा,
“तुम दोनों एक नंबर की चुदक्कड़ औरतें हो। तुम्हें तो बस नए-नए लंड चाहिए, चाहे वह जानवर का ही क्यों न हो।”

हेमा चाची ने सरिता चाची का ब्लाउज खोल दिया और उनकी दोनों चूचियों को मस्ती से दबाने लगीं। शालिनी ने भी इस मजाक में साथ दिया।

शालिनी ने सरिता चाची को गधे के लंड वाली घटना के बारे में बताया। हेमा चाची मस्ती में चूची चूसते हुए बोलीं,
“हां यार, उस गधे का लंड मैं अपनी चूत से टच करवाना चाहती हूँ। कोई उपाय करो।”

सरिता चाची ने उन्हें समझाते हुए कहा,
“उसका थोड़ा सा भी लंड तुम्हारी चूत में घुस गया, तो पता चल जाएगा कि गधे का लंड क्या होता है। तुम्हारे छेद की जगह गड्ढा हो जाएगा। फिर तुम्हें कोई चोदने वाला भी नहीं मिलेगा।”

हेमा चाची बोलीं,
“क्या करूं यार, आज तो बड़े लंड से चुदने का मन कर रहा है।”

सरिता चाची अपनी चूची के निप्पल को दबाते हुए बोलीं,
“तो ठीक है, आज उस औरत से बात करनी पड़ेगी जिसके पास गधा है।”

यह सब बातें करते हुए तीनों औरतें कमरे से बाहर निकल आईं। अंकित, जो दूर से सब देख और सुन रहा था, मन ही मन सोचने लगा कि हेमा चाची कितनी चुदक्कड़ औरत है। उसने तय कर लिया कि वह हेमा चाची की चूत को फाड़कर रहेगा।

कुछ देर बाद, जब शालिनी (अंकित की माँ) अपने कमरे में लौटीं, तो अंकित ने उनसे कहा,
“और शालिनी डार्लिंग, क्या हाल है? चल, दरवाजा बंद कर दे। आज तुझे चोदना है।”

शालिनी ने हँसते हुए जवाब दिया,
“हां रे… मुझे भी बड़ी आग लगी है।”

अंकित ने उनकी चूचियों को जोर से मसलते हुए कहा,
“तुम तीनों एक नंबर की रंडी हो। तुम मुझे अपनी उस देवरानी, हेमा मालिनी की चूत दिला दो।”

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शालिनी ने समझते हुए जवाब दिया,
“ठीक है, उसका भी इंतजाम करती हूँ। लेकिन पहले मेरी खुजली तो मिटा।”

अंकित ने शालिनी को तुरंत बेड पर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ गया। वह उनके होंठ चूसने लगा।

अचानक, दरवाजे पर खटखटाने की आवाज आई। अंकित ने शालिनी से कहा,
“कह दो, अभी मैं चुद रही हूँ। मैं जानता हूँ कि तुम तीनों रंडी हो, अब शरमाओ मत। साफ बोल दो।”

शालिनी ने दरवाजे की ओर देखते हुए पूछा,
“कौन है?”

बाहर से सरिता चाची की आवाज आई,
“मैं हूँ, सरिता। दरवाजा खोलो।”

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शालिनी ने धीरे से जवाब दिया,
“अभी मैं चुद रही हूँ। बाद में आना।”

सरिता चाची ने जिद करते हुए कहा,
“दरवाजा खोलिए… मुझे भी आना है।”

अंकित ने दरवाजा खोलने का इशारा किया, तो शालिनी बोलीं,
“हाँ, आ जाने दे। सरिता सब जानती है।”

अंकित ने दरवाजा खोला और सरिता चाची को अंदर खींच लिया। उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया और चाची को उठा कर बेड पर पटक दिया। अंकित चाची के ऊपर चढ़ गया और उनके होंठों को चूसने लगा।

सरिता चाची घबराते हुए बोलीं,
“ये क्या कर रहे हो?”

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अंकित ने जवाब दिया,
“साली रंडी चाची, आज मैं तुम्हारी जवानी से खेलूंगा।”

शालिनी ने भी हँसते हुए कहा,
“हां, जल्दी से नंगी हो जा।”

अंकित ने सरिता चाची की साड़ी खींच दी, जिससे वह केवल ब्लाउज और पेटीकोट में रह गईं। शालिनी ने कहा,
“ये अभी तक किसी दूसरे मर्द से चुदी नहीं है। इसलिए इतना फड़फड़ा रही है।”

सरिता चाची बोलीं,
“तुम अपनी माँ को ही चोदो… मुझे छोड़ दो।”

अंकित ने मस्ती में कहा,
“सरिता डार्लिंग, अपनी इस जवानी का मजा मुझे लेने दो। मैं कौन सा बेगाना हूँ, अपनी चाची को ही चोद रहा हूँ।”

कुछ देर के बाद, सरिता चाची ने विरोध करना बंद कर दिया। अंकित ने प्यार से उन्हें नंगा कर दिया और उनकी दूध से भरी चूचियों को चूसने लगा।

शालिनी ने अंकित से कहा,
“सरिता की चूत चूसने का मजा लो।”

अंकित ने चूचियों को मसलते हुए कहा,
“चाची, तुम्हारी चूचियाँ गज़ब की हैं। इनसे दूध निकालकर पीने का मजा ही अलग है।”

उधर, शालिनी सरिता चाची की चूत चूसने लगीं। सरिता चाची की हालत खराब हो रही थी। वह “आह… आह…” की आवाजें निकालने लगीं।

कुछ समय बाद, अंकित ने अपना लंड सरिता चाची को पकड़ाते हुए कहा,
“लो, अब इसे चूसो।”

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सरिता चाची ने लंड चूसने से इनकार कर दिया। अंकित ने उनकी चूची को जोर से दबाया, जिससे उनकी चीख निकल गई,
“उम्म्ह… अहह… हाय… याह…”

अंकित ने मस्ती में कहा,
“डार्लिंग, मैं मर्द का लंड चूसने को कह रहा हूँ। यह कोई जलती हुई लकड़ी नहीं है। एक बार अपने रसीले होंठों से इसे चूसकर देखो। मजा आ जाएगा।”

यह कहते हुए अंकित ने अपना लंड सरिता चाची के मुँह में डाल दिया। सरिता चाची ने आखिरकार लंड चूसना शुरू कर दिया। उन्होंने इसे इतनी मादकता से चूसा कि अंकित को बेहद आनंद आने लगा।

लगभग दस मिनट तक लंड चूसने के बाद, अंकित का वीर्य सरिता चाची के मुँह में निकल गया। सरिता चाची इसे थूकने वाली थीं, लेकिन अंकित ने उनके गाल पकड़ लिए और उन्हें वीर्य निगलने पर मजबूर कर दिया।

जब सरिता चाची ने वीर्य का स्वाद चखा, तो उन्होंने इसे मजे से निगल लिया। फिर उन्होंने अंकित का लंड साफ करने के लिए उसे चूसना जारी रखा।

इसके बाद, अंकित ने अपना लंड सरिता चाची के मुँह से निकालकर शालिनी (अपनी माँ) को दे दिया। उन्होंने कहा,
“माँ, जल्दी से मेरे लंड को फिर से खड़ा करो। मुझे सरिता चाची की चूत में इसे घुसाना है। उनकी चूत जबरदस्त है।”

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यह सुनकर सरिता चाची बोलीं,
“नहीं! मैंने अभी तक तुम्हारे चाचा के अलावा किसी के साथ चुदाई नहीं की है।”

अंकित ने मजाक में कहा,
“आज से तुम भी रंडी बन जाओ। औरत की चूत तो मर्द के लंड से चुदने के लिए ही होती है। जिधर लंड मिले, तुरंत अंदर करवा लेना चाहिए। जिंदगी एक लंड के सहारे काटना चूतियाई है।”

शालिनी ने यह सुनते ही इशारा किया, और सरिता चाची को चित लेटने के लिए कहा। सरिता चाची ने हिचकिचाते हुए उनका आदेश मान लिया।

अंकित ने तुरंत अपना लंड शालिनी के मुँह से निकाला और सरिता चाची की चूत में डाल दिया। उसने बहुत जोर से धक्का मारा, जिससे सरिता चाची के मुँह से चीख निकल गई,
“आह… अरे आराम से!”

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शालिनी ने मुस्कुराते हुए कहा,
“आराम से, बेटा। अपनी चाची को धीरे-धीरे चोदो। आज तुम इसे बहुत समय तक चोद सकोगे।”

अंकित ने धीरे-धीरे अपनी चाची की चुदाई शुरू की। सरिता चाची भी अब चुदाई का आनंद लेने लगीं और अपने मुँह से कामुक आवाजें निकालने लगीं,
“आह… आह… ओह…”

सरिता चाची की कामुक आवाजें सुनकर अंकित और उत्तेजित हो गया। वह अब जोर-जोर से लंड पेलने लगा। लगभग बीस मिनट तक ताबड़तोड़ चुदाई के बाद, उसने सरिता चाची की चूत में अपना सारा पानी छोड़ दिया।

सरिता चाची ने चुदाई के बाद अंकित को किस करते हुए कहा,
“तुमने अपनी चाची को बहुत मस्त चोदा। इतना मजा मुझे पहले कभी नहीं आया। अब से मैं तुम्हारी चाची नहीं हूँ… मैं तुम्हारी रखैल हूँ।”

अंकित ने हँसते हुए उनकी चूचियों को मसलते हुए कहा,
“तुम मेरी रखैल नहीं, मेरी पत्नी हो। अपने चाचा के बाद मुझे अपना दूसरा पति बना लो।”

सरिता चाची ने मुस्कुराते हुए कहा,
“ठीक है, मेरे सेकंड पतिदेव।”

इसके बाद, सरिता चाची कपड़े पहनने लगीं। फिर उन्होंने शालिनी से कहा,
“और तुम्हारे साथ क्या होगा?”

अंकित ने मजाक में कहा,
“अब मैं इस रंडी माँ की चौड़ी गांड मारूँगा।”

सरिता चाची हँसते हुए बाहर चली गईं।

अंकित ने वादा किया कि अगली कहानी में वह अपनी चाची की चुदाई के नए रंग दिखाएगा। वह पाठकों से इस कहानी पर कमेंट के जरिए अपनी प्रतिक्रियाएं देने की अपील करता है।

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आगे की कहानी: मेरी माँ और चाची को चोदा – 2

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