Mousi Ki Antarvasna Sex Story, मैंने अपनी मौसी के साथ गंदा सेक्स किया! मैंने मौसी को बुर्का और हिजाब लाकर दिया। मुझे मौसी ने पहना और अपने बुर्के में डाल दिया। मैंने मौसी की गांड चाटी और उनका पेशाब भी पीया।
मित्रो, आपने मुझे मौसी-मौसी के साथ थ्री-सम सेक्स का मजा दिया।
मैंने पढ़ा था कि मैंने अपनी मौसी के साथ तीन बार सेक्स किया था।
उस दिन मौसा काम पर गया था, और मैं और मौसा चुदाई में लगे हुए थे।
Mousi Ki Xxx Antarvasna Sex Kahani
सेक्स करने के बाद हम दोनों बहुत थक गए थे, इसलिए बेडरूम में आकर सो गए।
मौसी ने नीली ब्रा, लाल पैंटी और मेरी पिंक पैंटी पहनी हुई थी।
हम दोनों केवल इन कपड़ों में सो गए।

थकान की वजह से मुझे पता ही नहीं चला कि मुझे मौसा जी मिल गया था।
वे आए, स्वस्थ हुए, खाना खाकर हमारे पास आकर सो गए।
मेरे दोनों अगल बगल में मौसा मौसी सो रहे थे, और मैं बीच में था।
हम तीनों एक चड्डी में सो गए।
मेरी नींद खुलने पर मैंने देखा कि मौसा जी हॉल में सोफे पर चड्डी में बैठे हुए खाना बना रहे थे, और मौसा जी गाउन पहने हुए किचन में काम कर रहे थे।
ऊपर से उनकी पीजी की लड़कियां नीचे आकर मौसी से बात कर रही थीं।
मैं उठकर बाथरूम से साफ होकर किचन में गया और पानी पीने लगा।
मैं वापस आ गया जब मौसी ने मुझे देखा और स्माइल दी।
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लड़कियां फिर अपने कमरे में चली गईं।
हम तीनों एक सोफे पर बैठ गए।
मैं अपने पति से कहा कि मेरी गांड दर्द हो रहा है।
“मुझे तो बहुत मज़ा आया,” मौसी ने कहा, हंसते हुए।
हम फिर से सेक्स विषय पर चर्चा करने लगे।
मैं अब मौसी मौसी से खुलकर बोलने लगा।
मैंने पूछा कि आपकी पहली सुहागरात कैसी रही?
“इन्होंने मुझे इतना चोदा था कि मेरी सील तोड़ दी और खून बह गया,” मौसी ने कहा।
मैंने पूछा, मौसी जी, क्या इसका अर्थ है कि शादी से पहले आपको कोई दूसरा नहीं चोदा था?
हाँ, मैंने किसी से चुदवाया नहीं था।
मैंने पूछा कि मैं चुदवाया नहीं था और कोई नहीं मिला था।
उन्हें हंसते हुए कहा कि मन बहुत था, लेकिन कोई सही आदमी नहीं मिला। मैं कोई ऐसा दोस्त चाहता था जिसके साथ मैं स्वतंत्र रूप से सेक्स कर सकता था।
मैंने पूछा, “ओके मौसी, आपका मन तो था लेकिन लंड नहीं था, इसलिए आप मौसा को पैक माल की तरह मिल गया।”
मौसी: हाँ।
अब मैंने मौसा जी से पूछा: और आपका सीन क्या था? शादी से पहले आपने किसी की शादी की थी?
हां, मोसा ने कहा। एक की क्या..। मैंने कई लोगों को बाहर निकाला था।
मेरे मौसा का व्यक्तित्व बहुत दिलचस्प था; पीजी में रहने वाली लड़कियां उनके साथ सैट हो गईं।
फिर मौसी ने उन लड़कियों को किचन में बुला लिया और कहा, “जाओ, मैं काम करती हूँ।” तुम अपने अंकल के पैर दबाते रहो। उन्हें बहुत परेशानी हो रही है।
लड़कियां ही कमरे में जाकर मौसा जी के पैर दबाते थे।
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उस समय मौसा जी चड्डी में सो गए।
धीरे-धीरे मौसा जी ने लड़कियों को पकड़कर उनके ऊपर भी तेल लगाने को कहा।
जब वे तेल डालने लगीं, मौसा जी धीरे-धीरे लड़कियों को पकड़कर उनके साथ सेक्स करने लगे।
फिर मैंने पूछा, मौसी, उस समय आप कहां रहते थे?
मैं अपनी सहेली के घर चली जाती थी, वह कहती थी। तुम्हारे मौसम के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ।
हमारे बीच चुदाई की बातें इसी तरह होती रहीं।
शाम होते-होते महफ़िल जम गया।
जैसे ही मौसा जी ने शराब की बोतल खोल दी, हम तीनों दारू पीने लगे।
हम धीरे-धीरे पैग करते रहे और दो घंटे में चार चार पैग हो गए।
अब हम तीनों भोजन खाकर भूखे हुए। हम सब एक दूसरे को चिपककर सो गए जब हमें बहुत नशा हो गया था।
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मौसी की चूत में उंगली डालकर मैं उसके दूध को मुँह में दबाकर सो गया।
सुबह मौसा जी अपने काम पर चले गए।
मैं ट्रैनिंग किया।
घर के काम में मौसी बिजी हो गईं।
फिर मैं वापस आया और फ्रेश होकर सो गया।
मौसी लेट गई।
मैं मौसी के ऊपर चढ़ गया और उनके बाजू में लेट गया।
मैंने अपना फोन निकाला और मौसी और मैं एक दूसरे से पॉर्न देखने लगे।
पॉर्न देखने में बहुत मजा आया।
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मुझे मौसी ने किस किया।
मैंने पूछा कि क्या तुम पॉर्न देखती हो, मौसी?
हां, तुम्हारे मौसा मुझे दिखाते हैं, जब हम दोनों बेड पर न्यूड लेटे हुए हैं, मैंने कहा।
मैंने मौसी से पूछा कि वह किस श्रेणी के पॉर्न वीडियो को पसंद करती है?
“मुझे थ्रीसम और बाथरूम सेक्स बहुत पसंद है,” मोसी ने कहा।
मैंने पूछा कि क्या आपने कभी थ्रीसम संबंध बनाए हैं?
मौसी ने हां कह दिया।

अब मौसी ने पूछा कि तुम्हें किस तरह की चुदाई की फिल्म देखना अच्छा लगता है?
मैंने कहा, “मौसी, मुझे तो दो ही केटेगरी अच्छे लगते हैं।” एक फिल्म में एक बंगाली महिला को व्हाइट रेड साड़ी में चुदाई करते देखा जाता है, जबकि दूसरी फिल्म में एक बुरका और हिजाबी लड़की की चुदाई होती है। मैं इन दो सेक्स वीडियो को बहुत पसंद करता हूँ।
तब मेरी प्यारी मौसी ने कहा कि मैं आज तुम्हारी दोनों ख्वाहिशें पूरी करूँगी। मुझे पहले हिजाब पहनना सिखाओ।
मैंने कहा कि बाजार से हिजाब लाना होगा।
मैं बाजार चला गया जब मौसी ने ओके कहा।
मौसी के लिए मैंने हिजाब और बुरका खरीदा।
मैंने मौसी के लिए भी एक सेक्सी ब्रा पैंटी खरीद ली।
हॉट सी नाइटी के साथ फेसक्रीम, आइ-लाइनर और काजल भी ले गया।
मैंने कुछ मोगरा के गजरा भी ले लिया।
मौसा भी घर आ गया।
मैंने आज रात की योजना भी बताई और बाजार से खरीदा सब कुछ दिखाया।
“आज मैं बहुत थक गया हूँ,” मोसा ने कहा। तुम दोनों मनोरंजन करो।
हमने एक साथ कहा कि कोई बात नहीं।
मैंने मौसी की तरफ देखा और उनकी हल्की मुस्कान ने बताया कि वह मेरे साथ ये सब करने में कितनी उत्सुक थीं जब हमारे मुख से ये बात निकली।
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रात में हम सभी को डिनर और अन्य व्यस्तताओं से छुट्टी मिली।
वीडियो में मैंने मौसी को सारा हिजाब और बुरका पहनकर तैयार होने के लिए कहा था।
मैंने मौसी से कहा कि मैं कमरे में जाकर इंतजार करूँगा। आधे घंटे में मैं तैयार होकर आ जाऊँगा।
मैं रूम में गया, खुद को तैयार करके लेट गया और मौसी के आने का इंतजार करने लगा।
तब तक मैं हिजाब वाली पॉर्न देखता रहा और अपने लौड़े से खेलने लगा।
रूम में, मौसी ने पूरा मेकअप कर लिया और नई चड्डी ब्रा पहन ली।
तब उन्होंने काला बुरका पहना और मेरे कमरे में प्रवेश किया।
जब मैंने मौसी को देखा, तो मैं चौंक गया और खड़ा हो गया कि ये कौन सी मोहतरमा आई है।
जब मौसी मेरे पास आईं, तो मैंने उनकी चाल से पता चला कि ये मौसी हैं।
मैंने मौसी को अपनी बांहों में पकड़ा और उनसे कहा, “आओ मेरी बेगम..।” मैं बहुत देर इंतजार कर रहा था।
मैं उनकी गर्दन को चुंबन देने लगा।
मुझे भी मौसी चूमने लगी।
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हम कुछ मिनट तक किस करते रहे, फिर मौसी ने मुझे अपने बुरके के नीचे ले लिया. फिर मैंने मौसी की चूत चाटना शुरू किया।
सेक्सी आवाज में मौसी ने मुझसे कहा, “आह चाट ले..।” आह, आज पूरी हिजाबी मौसी खाओ!
थोड़ी देर चूत चाटने के बाद मैं बाहर निकला और मौसी को खड़ी करके बुर्क़े के ऊपर से ही उनकी गांड और बूब्स दबाने लगा।
मैंने मौसी को कुछ मिनट चाटने, चूमने और दूध मसलने के बाद काम को आगे बढ़ाने की सोची।
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बुर्क़े में मौसी खड़ी थीं।
नकाब उनके होंठों से नीचे सरक गया।
मैं अपने सारे कपड़े निकालकर मौसी के सामने नंगा हो गया।
मेरे सामने मौसी हाथ बांधकर खड़ी थीं।
मौसी के पीछे आकर मैंने उनकी फूली हुई गांड को दांतों से चबाना और दबाना शुरू कर दिया।
मौसी लगातार रोई और रोई।
मैं अपना काम आगे बढ़ाता हुआ उनके दूध तक आ गया, फिर पीछे से हाथ आगे लाकर उनके मम्मों का मलींदा बनाने लगा।
धीरे-धीरे मौसी की चूत को भी एक हाथ से दबाना शुरू कर दिया।

कुछ देर बाद मैं मौसी का बुरका उठाने लगा।
मैं चड्डी के ऊपर से ही उनकी गांड को चाटने लगा।
मौसी अपने पैर आगे पीछे करते हुए लगातार हटा रही थीं।
तब मैंने मौसी की गांड के छेद के पास से चड्डी निकालकर अपनी जीभ उसके गांड में डाल दी।
मैंने मौसी की गांड को चाटना शुरू किया जैसे ही उनकी मादक आह निकल गई।
“आह आह…” वे खड़े होकर बोलने लगे।
मैं मौसी की गांड और चूत चाटने लगा।
मौसी ने मुझे हटने को कहा जब मैंने उसकी चूत चाटना शुरू किया।
तब मैंने कहा: “अब मज़ा आना शुरू हुआ है।” मौसी, तुम मुझे क्यों निकाल रहे हो?
मुझे सुसू आ रही है, मौसी ने कहा। जरा हटो, मुझे पहले शांत होने देना।
जब मैं मौसी की चूत से मुँह नहीं हटाया, तो उनकी चूत से पेशाब की कुछ बूंदें निकल आईं।
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मैंने मूत चाटकर गन्दा सेक्स किया।
उनकी सुसू का स्वाद बहुत अच्छा था।
मैंने अपनी पूरी जीभ मौसी की चूत में डाल दी और उसके मुँह से लगभग पूरी तरह ढक दी, जैसे मैं उनकी चूत से निकलने वाली हर एक बूंद को खराब नहीं करने दूंगा।
“पेशाब आ रहा है, हट जाओ…” मौसी लगातार कहती थीं कि मुझे हटाना चाहती थीं।
मैंने उन्हें हाथ से संकेत दिया कि वे मेरे मुँह में ही मूत दें।
और मैं मौसी की चूत चाटने लगा।
मौसी को पेशाब नहीं रोक पाया, तो उन्होंने अपनी चूत का नल खोला।
मुझे मूत टपकना शुरू हुआ।
मैंने मौसी की चूत से पूरा पानी पी लिया।
पेशाब पीने के बाद मैं मौसी की चूत चाट रहा था, तो कभी उनकी जांघों पर जीभ से चूत का पानी लगा रहा था।
मेरी एक उंगली मौसी की गांड में भी अंदर बाहर हो रही थी।
फिर मैंने मौसी से कहा, “आज भी तुम्हारी गांड मारनी है।”
मौसी ने अपनी गीली चड्डी को मेरे मुँह में डाल दी और अपनी पेशाब से गीले बुर्क़ा को फर्श पर फेंक दिया।
तब मौसी केवल नकाब और ब्रा में थीं, और उनकी पेशाब फर्श पर फैली हुई थी।
मैंने मौसी को फर्श पर लेटने को कहा।
मौसी पेशाब करते हुए लेट गई।
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मैं आज उनके साथ पूरी तरह से खुश होने के मूड में था, इसलिए मैं किचन में गया और केक पर क्रीम लेकर आया।
मैंने मौसी की चूत और चूचियों पर क्रीम लगाया।
फिर मैंने कुछ क्रीम अपने लंड में लगाया।
अब मैंने मौसी को चाटना शुरू कर दिया और उनकी पेशाब को हाथ से समेट लिया।
मेरे लंड को मौसी ने चूसना शुरू किया और सारी क्रीम खा ली।
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मैंने कहा कि आपकी क्रीम में शायद स्वाद नहीं है।
मौसी नहीं जान सकीं कि क्या कमी है।
मैंने पेशाब टपका और मौसी के मुँह में लंड डाला।
उनका लंड हट गया और वे कुछ पेशाब पी गए।
अब हम दोनों गीले हो गए और फर्श पर पेशाब कर रहे थे।
फिर मैंने मौसी को चुदाई की मुद्रा में लेकर उनकी चूत में अपना लंड डालकर धकाधक चोदना शुरू किया।
हम दोनों गीले थे, इसलिए फछ फछ की आवाज आई।
वासना का सैलाब कुछ ही देर में बढ़ने लगा और मैंने मौसी को घोड़ी बनाकर चोदना शुरू कर दिया।
मेरा लंड बहुत देर तक चुदाई करने के बाद सूख गया।

मैंने मौसी की चूत से लंड निकालकर उनके मुँह में डाला।
लंड अपनी चरम सीमा पर था, इसलिए बहुत देर नहीं टिक सका और सिर्फ मौसी के मुँह में फट पड़ा।
मैंने मौसी के मुँह में लंड का सारा माल निकाल दिया।
मौसी ने भी लंड को चूसकर चाटकर खाया।
तब हम नहाने गए और फव्वारे के नीचे खड़े होकर नहाने लगे।
फिर कमरे में वापस आकर बेड पर लेट गए।
हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए और कुछ ही देर में नींद आ गई।
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दोस्तो, मौसी के साथ समय बिताना जारी रहेगा।
आपको सेक्स कहानी कैसी लगती है मुझे मेल करके जरूर बताना |
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