Tution Teacher हाय! मेरा नाम विजय है। मैं 22 साल का हूँ, 5 फीट 8 इंच का, गोरा, और जिम में वर्कआउट की वजह से ठीक-ठाक बॉडी वाला लड़का हूँ। मेरा लंड 7 इंच का है, और साला, जब वो तन जाता है तो किसी की भी चूत में आग लगा देता है। मैं कंप्यूटर साइंस का स्टूडेंट हूँ और पार्ट-टाइम ट्यूशन पढ़ाता हूँ। आज मैं तुम्हें अपनी एक स्टूडेंट, प्रिया, की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ। प्रिया, यार, क्या माल थी! 18 साल की, फर्स्ट ईयर कॉलेज स्टूडेंट, लेकिन फिगर ऐसा कि बड़ी-बड़ी मॉडल्स को भी फेल कर दे। 34D के बूब्स, 26 की पतली कमर, और 36 की गोल-मटोल गांड, जो टाइट जींस में मटकते वक्त ऐसा लगता था मानो सारी दुनिया को चैलेंज दे रही हो। मेरे दोस्त तो उसकी तारीफ में पागल थे। कहते, “विजय, ये तो चलता-फिरता सेक्स बम है!” मैंने पहले उसे कभी गलत नजर से नहीं देखा था, लेकिन साली की हरकतें थीं कि लंड को खड़ा करने के लिए काफी थीं।
ये बात दो साल पहले की है। मैं प्रिया को मैथ्स और साइंस पढ़ाता था। वो पढ़ाई में एवरेज थी, लेकिन उसकी अदाएं थीं कि क्लास में सबका ध्यान खींच लेती थी। एक दिन उसे मैथ्स का एक टफ प्रॉब्लम समझ नहीं आया। रात भर उसने सिर खपाया, लेकिन कुछ नहीं बना। अगले दिन ट्यूशन में वो मेरे पास आई, उसकी आँखों में हल्की-सी मायूसी थी। “सर, ये प्रॉब्लम तो मेरी समझ में ही नहीं आ रहा,” उसने नोटबुक मेरे सामने रखते हुए कहा। उसकी आवाज में थोड़ी सी शरारत थी, और उसने अपनी टी-शर्ट को थोड़ा नीचे खींचा, जिससे उसकी क्लीवेज साफ दिख रही थी। मैंने सवाल देखा और पांच मिनट में उसे सॉल्व करके समझा दिया। प्रिया की आँखें चमक उठीं। “सर, आप तो कमाल हो! इतना आसान कैसे कर दिया?” उसने तारीफ की, और उसका लहजा ऐसा था कि मेरा दिल थोड़ा डोल गया। उस दिन से वो मुझसे कुछ ज्यादा ही खुलने लगी। मैं अपने स्टूडेंट्स से दोस्ताना रहता था, लेकिन प्रिया की नजदीकियां कुछ और ही कहानी बता रही थीं।
एक दिन ट्यूशन के बाद वो मेरे पास रुकी। “सर, मुझे आपसे कुछ पर्सनल बात करनी है,” उसने धीमी आवाज में कहा, और उसकी उंगलियाँ अपनी नोटबुक के किनारे से खेल रही थीं। मैंने उसकी आँखों में देखा, उसमें शरम और चाहत का मिक्स था। “ठीक है, प्रिया। बोल, क्या बात है?” मैंने कहा, और थोड़ा करीब झुका। उसने इधर-उधर देखा और बोली, “सर, अकेले में बात करनी है।” मेरे दिमाग में सायरन बजा, लेकिन मैंने कूल रहते हुए कहा, “ठीक है, क्लास खत्म होने के बाद रुक जा।” उसने स्माइल की, और उसकी स्माइल में वो शरारत थी जो मेरे लंड को जगा रही थी।
ट्यूशन खत्म हुआ, बाकी स्टूडेंट्स चले गए। प्रिया टेबल के पास खड़ी थी, उसकी टाइट व्हाइट टी-शर्ट में उसके बूब्स का शेप साफ दिख रहा था। उसने अपने बालों को कान के पीछे किया और बोली, “सर, अगर मैं कुछ कहूँ तो आप बुरा तो नहीं मानेंगे?” मैंने हँसते हुए कहा, “अरे, पहले बोल तो, फिर देखता हूँ।” वो थोड़ा हिचकिचाई, फिर शरमाते हुए बोली, “सर, आप… आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो।” उसकी आवाज में वो शरम थी, लेकिन आँखों में आग थी।
मैं एकदम चौंक गया। साला, इतना मस्त माल खुद चलकर आ रहा है, इसे छोड़ना तो पागलपन होगा। मैंने मौके का फायदा उठाया और कहा, “प्रिया, सच कहूँ, तू भी मुझे बहुत पसंद है।” उसकी स्माइल और बड़ी हो गई, और वो मेरे और करीब आ गई। बस, यहीं से हमारी तथाकथित ‘लव स्टोरी’ शुरू हुई। वो इसे प्यार समझ रही थी, लेकिन मेरे दिमाग में तो बस उसकी चूत की आग बुझाने का प्लान था।
कुछ हफ्ते ऐसे ही चले। वो मुझे व्हाट्सएप पर मैसेज करती, कभी लेट नाइट कॉल करती। बातें धीरे-धीरे गर्म होने लगीं। एक दिन मौका मिला। मेरे घरवाले किसी रिश्तेदार की शादी में गए थे, और घर खाली था। मैंने प्रिया को मैसेज किया, “आज शाम 6 बजे घर आ जा, कुछ खास बात करनी है।” उसने तुरंत रिप्लाई किया, “ठीक है, सर। मैं आऊँगी।” मैं समझ गया कि आज रात चुदाई का जश्न होने वाला है।
शाम को डोरबेल बजी। मैंने दरवाजा खोला तो प्रिया खड़ी थी। टाइट ब्लू जींस और काले क्रॉप टॉप में, जो उसके पेट और बूब्स को हाइलाइट कर रहा था। बाल खुले हुए, होंठों पर गुलाबी लिपस्टिक, और आँखों में वो शरारत जो मेरे लंड को तुरंत खड़ा कर दे। “सर, मैं आ गई,” उसने शरमाते हुए कहा। मैंने उसे अंदर बुलाया और दरवाजा लॉक किया। “प्रिया, तू आज तो बिल्कुल आग लगा रही है,” मैंने कहा और उसे अपनी बाहों में भर लिया। उसने मेरी छाती पर हाथ रखा और बोली, “सर, आप भी तो बहुत हॉट लग रहे हो।”
मैंने उसे सोफे पर बिठाया और धीरे से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। पहले वो थोड़ा हिचकिचाई, फिर उसने मेरे होंठ चूसना शुरू कर दिया। मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाली, और उसकी जीभ से खेलने लगा। उसका मुँह गर्म था, और उसकी साँसें तेज। “उह्ह… सर…” उसने सिसकारी भरी। मैंने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया, और वो तड़पने लगी। “सर… ये क्या… इतना अच्छा लग रहा है…” उसकी आवाज में मस्ती थी। मैंने उसके कानों को हल्के से काटा, और वो “आह्ह…” करके मेरे और करीब आ गई।
मैंने धीरे से उसका क्रॉप टॉप ऊपर उठाया। उसने काली लेस वाली ब्रा पहनी थी, जो उसके गोरे बूब्स को और सेक्सी बना रही थी। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके एक बूब को पकड़ा और हल्के से दबाया। “आह्ह… सर… धीरे…” उसने सिसकारी भरी। मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला, और उसके 34D के बूब्स मेरे सामने थे। यार, क्या मस्त गोरे-गोरे टमाटर जैसे बूब्स! निप्पल्स गुलाबी और टाइट। मैंने एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा, दूसरा बूब मेरे हाथ में था। “आह्ह… उह्ह… सर… ये तो बहुत मजा दे रहा है…” प्रिया की सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैंने उसके बूब्स को बारी-बारी चूसा, और वो मेरे बालों में उंगलियाँ फेरने लगी।
मैंने उसकी जींस का बटन खोला और धीरे-धीरे नीचे सरकाया। उसकी काली पैंटी में उसकी चूत का उभार साफ दिख रहा था। मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर उंगलियाँ फेरी। वो उछल पड़ी, “हाय… सर… ये क्या कर रहे हो…” उसकी आवाज में शरम थी, लेकिन वो मेरे हाथ को और दबाने लगी। मैंने उसकी पैंटी नीचे खींची, और उसकी चिकनी, गीली चूत मेरे सामने थी। “प्रिया, तू तो पहले से ही गीली हो गई,” मैंने कहा और उसकी चूत पर एक उंगली फेरी। वो चिल्ला उठी, “आह्ह… सर… प्लीज…” मैंने धीरे से एक उंगली उसकी चूत में डाली, और वो “हाय… मैं मर गई…” कहकर तड़पने लगी। मैंने उंगली अंदर-बाहर की, और उसकी चूत से पानी टपकने लगा। “सर… और करो… प्लीज…” वो मिन्नतें करने लगी।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी टांगें फैलाईं। उसकी गुलाबी चूत गीली और चमक रही थी। मैंने अपनी जीभ उसकी क्लिट पर रखी और चाटना शुरू किया। “आह्ह… उह्ह… सर… ये क्या… मैं पागल हो जाऊँगी…” वो चिल्ला रही थी। मैंने उसकी क्लिट को चूसा, और वो बिस्तर पर उछलने लगी। उसका शरीर काँप रहा था, और उसकी साँसें तेज। “सर… आपकी जीभ… हाय… ये तो जादू है…” मैंने उसकी चूत को और गहराई से चाटा, और वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी।
करीब 10 मिनट तक मैंने उसकी चूत को चाटा, और वो दो बार झड़ गई। “सर… अब बर्दाश्त नहीं हो रहा…” उसने कहा। मैंने अपनी जींस और अंडरवियर उतारा। मेरा 7 इंच का लंड एकदम तना हुआ था। प्रिया ने उसे देखा और बोली, “सर… ये तो बहुत बड़ा है… डर लग रहा है…” मैंने हँसते हुए कहा, “डर मत, प्रिया। ये तेरी चूत के लिए ही बना है।” मैंने उसे घुटनों पर बिठाया और अपना लंड उसके मुँह के पास ले गया। वो थोड़ा हिचकिचाई, लेकिन फिर उसने मेरे लंड को मुँह में लिया और चूसने लगी। “हाँ, प्रिया… ऐसे ही… चूस मेरे लंड को…” मैंने कहा। उसकी गर्म जीभ मेरे लंड पर फिसल रही थी, और वो मेरे बॉल्स को सहला रही थी। “सर… इसका टेस्ट तो गजब है…” उसने कहा और और जोश में चूसने लगी।
कुछ देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया। मैंने उसकी टांगें फैलाईं और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा। “सर… प्लीज… अब डाल दो…” वो तड़प रही थी। मैंने धीरे से एक धक्का मारा, और मेरा आधा लंड उसकी टाइट चूत में चला गया। “आह्ह… उह्ह… सर… धीरे… दर्द हो रहा है…” वो चिल्लाई। मैंने रुककर उसे सहलाया और धीरे-धीरे पूरा लंड अंदर पेल दिया। “फच… फच…” की आवाजें कमरे में गूँजने लगीं। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। “आह्ह… सर… कितना मजा आ रहा है…” प्रिया की सिसकियाँ तेज हो गईं।
मैंने स्पीड बढ़ाई, और “फचाक… फचाक…” की आवाजें और तेज हो गईं। “प्रिया, तेरी चूत तो बहुत टाइट है… साला, मजा आ रहा है…” मैंने कहा। वो चिल्लाई, “सर… चोदो मुझे… और जोर से…” मैंने उसे कसकर पकड़ा और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। मैंने उसे पलटा और डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। उसकी गोल गांड मेरे सामने थी, और मैंने हल्के से उसकी गांड पर थप्पड़ मारा। “आह्ह… सर… तुम तो पागल कर दोगे…” वो चिल्लाई।
करीब 30 मिनट तक मैंने उसे अलग-अलग पोजीशन में चोदा। कभी वो मेरे ऊपर थी, मेरे लंड पर उछल रही थी, कभी मैं उसे मिशनरी में चोद रहा था। जब मैं झड़ने वाला था, मैंने उसे गोद में उठाया और दीवार के सहारे चोदने लगा। “आह्ह… उह्ह… सर… मैं झड़ रही हूँ…” प्रिया चिल्लाई, और उसका शरीर काँपने लगा। मैं भी झड़ गया, और हम दोनों पसीने से तर-बतर बिस्तर पर लेट गए।
उसके बाद जब भी मौका मिलता, हम चुदाई का मजा लेते। मेरे पढ़ाने की वजह से प्रिया को अपने एग्जाम में 90% मार्क्स मिले, और अब वो मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही है। जब भी वो छुट्टियों में आती है, हम जमकर चुदाई का मजा लेते हैं।
आपको मेरी और प्रिया की चुदाई की कहानी कैसी लगी? क्या आपने भी कभी ऐसी गर्म चुदाई का मजा लिया है? नीचे कमेंट करके जरूर बताएं!