मेरी जबरदस्त डबल चुदाई

Double chudai मेरा नाम प्रीति है, और मैं रीवा की रहने वाली हूँ। उम्र मेरी 19 साल की है, और मेरा फिगर 32-24-33 का है, जो मुझे एकदम मस्त और सेक्सी लुक देता है। मेरा रंग हल्का गेहुआँ है, और मेरी लंबी काली ज़ुल्फें मेरी कमर तक लहराती हैं। मैं कॉलेज में पढ़ती हूँ, और मेरी ज़िंदगी में चुदाई का चस्का कुछ ज़्यादा ही है। मुझे कम बोलने और ज़्यादा चोदने वाले लड़के पसंद हैं, जो बिना वक़्त बर्बाद किए सीधे काम पर आ जाएँ।

बात उस वक़्त की है जब मुझे इंटरनेट का गज़ब का चस्का था, और अभी भी है। मैं रात-रात भर नेट पर चैट करती थी। अकेले में अपनी चूत को शांत करने के लिए मैं रोज़ उंगलियाँ डाला करती थी। मेरी चूत इतनी गर्म रहती थी कि बस उंगलियों से खेलते ही पानी छोड़ देती थी। मैं हर रात अपनी ब्रा और पैंटी उतारकर, बिस्तर पर लेटकर अपनी चूत में उंगलियाँ डालती और मज़े लेती। कभी-कभी तो मैं इतना मस्त हो जाती कि पूरी चादर गीली हो जाती थी।

एक दिन इंटरनेट पर मुझे एक लड़के का मैसेज आया। उसका नाम रमन था, और वो भी रीवा का ही रहने वाला था। उसने अपनी फोटो भेजी थी—लंबा, गोरा, चौड़े कंधों वाला, और चेहरे पर एक शरारती सी मुस्कान। उसकी तस्वीर देखकर ही मेरी चूत में हलचल मच गई। उसकी बातें इतनी प्यार भरी थीं कि मैं चैट करते-करते ही गीली हो गई। उस रात मैंने अपनी चूत में दो उंगलियाँ डालकर इतना ज़ोर से मसला कि मेरी सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं—आआह्ह… ओह्ह…।

हमारी बातें रोज़ होने लगीं। धीरे-धीरे हम खुल गए। मैंने उसे अपनी फोटो भेजी—लाल टॉप और टाइट जींस में, जिसमें मेरे बूब्स और गोल गाण्ड एकदम उभर कर सामने आ रहे थे। उसने तारीफों के पुल बाँध दिए। कुछ दिनों बाद उसने मुझसे मिलने की बात की। मैं थोड़ा हिचक रही थी, लेकिन मेरी चूत की गर्मी ने मुझे हाँ कहने पर मजबूर कर दिया।

हमने एक रेस्टोरेंट में मिलने का प्लान बनाया। मैंने उस दिन एक टाइट काला टॉप और मिनी स्कर्ट पहनी थी, जिसमें मेरी जाँघें पूरी चमक रही थीं। रमन को देखते ही मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई। वो काले शर्ट और जींस में एकदम जच रहा था। हमने कॉफी पी, हँसी-मज़ाक किया, और फिर धीरे-धीरे बातें प्यार भरी होने लगीं। उसने मेरे हाथ को सहलाया, और मैंने भी उसकी जाँघ पर हल्के से हाथ फेरा। उसी दिन हमने पहली बार हल्की-सी किस की। उसकी गर्म साँसें मेरे होंठों पर महसूस हुईं, और मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया।

हमारी मुलाकातें बढ़ने लगीं। कभी पार्क में, कभी रेस्टोरेंट में, और कभी-कभी सड़क किनारे गाड़ी में बैठकर हम एक-दूसरे को चूम लेते थे। उसकी हर छुअन मुझे और गर्म कर देती थी। एक दिन उसने मुझे अपने घर बुलाया। उसने बताया कि उसके घर पर कोई नहीं होगा। मैं थोड़ा डर रही थी, लेकिन मेरी चूत की प्यास ने मुझे जाने के लिए मजबूर कर दिया।

मैंने उस दिन लाल रंग का सेक्सी सलवार-सूट पहना था, जो मेरे जिस्म को पूरी तरह से उभार रहा था। मेरे बूब्स उस टाइट कुर्ती में एकदम कसे हुए थे, और मेरी गाण्ड सलवार में मस्त हिल रही थी। मैं रमन के घर पहुँची और बेल बजाई। वो बाहर आया—काले टी-शर्ट और ग्रे ट्रैक पैंट में, जिसमें उसका लौड़ा हल्का-सा उभर रहा था। मुझे देखते ही उसकी आँखों में चमक आ गई। उसने मुझे अंदर बुलाया।

इसे भी पढ़ें   दो सहेलियों की चूत की सिंचाई

घर में घुसते ही मैंने देखा कि सब कुछ सजा हुआ था। लिविंग रूम में एक बड़ा सा सोफा, और हल्की-सी रौशनी। वो मुझे सोफे पर बिठाकर चाय बनाने किचन में चला गया। तभी मुझे कुछ आवाज़ें सुनाई दीं। मैंने ध्यान दिया तो देखा कि रमन का दोस्त आदित्य भी वहाँ था। आदित्य साँवला, लंबा, और तगड़ा था। उसने नीली जींस और सफेद टी-शर्ट पहन रखी थी, जिसमें उसकी मस्कुलर बॉडी साफ दिख रही थी।

मैं थोड़ा चौंक गई, क्योंकि रमन ने आदित्य के बारे में पहले नहीं बताया था। दोनों मेरे पास सोफे पर आकर बैठ गए। रमन ने आदित्य का परिचय करवाया, और मैंने हल्के से मुस्कुराकर हाय कहा। आदित्य की नज़रें मेरे बूब्स पर टिक गई थीं, और मैंने जानबूझकर अपनी कुर्ती को थोड़ा और नीचे खींचा ताकि मेरी क्लीवेज और साफ दिखे। रमन ने मुझे इशारा किया कि वो मुझे कुछ बताने के लिए वाशरूम की तरफ चल रहा है। मैं उसके पीछे चली गई।

वाशरूम के पास पहुँचते ही रमन ने मुझे दीवार से सटा लिया। उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और ज़ोर-ज़ोर से चूमने लगा। उसकी जीभ मेरे मुँह में अंदर तक जा रही थी, और मैं भी उसे उतने ही जोश से चूम रही थी। मेरे हाथ उसकी पीठ पर फिर रहे थे, और उसका लौड़ा उसकी पैंट में तनकर एकदम सख्त हो गया था। मैंने उसकी पैंट के ऊपर से ही उसके लौड़े को सहलाया, और वो सिसकारी लेने लगा—आह्ह… प्रीति… तू कितनी गर्म है।

मैंने उसकी पैंट की ज़िप खोली और उसका लौड़ा बाहर निकाला। वो करीब 6 इंच का था, मोटा और सख्त, जैसे लोहे की रॉड। मैंने उसे मुँह में लिया और चूसने लगी। उसका स्वाद नमकीन था, और मैं अपनी जीभ को उसके लौड़े के टोपे पर फेर रही थी। वो मेरे बाल पकड़कर सिसकारियाँ ले रहा था—आह्ह… चूस… और ज़ोर से…। तभी उसने मेरे कान में फुसफुसाया, “प्रीति, आदित्य की कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। वो भी तुझसे मिलना चाहता है… और मैं चाहता हूँ कि हम तीनों मज़े करें।”

मैं एक पल के लिए रुक गई। मेरे दिमाग में हज़ार ख्याल आए, लेकिन मेरी चूत इतनी गीली थी कि मैंने हाँ कह दिया। मैंने सोचा, एक लौड़ा तो मज़ा दे ही रहा है, अगर दो मिल जाएँ तो क्या बिगड़ेगा? मैंने रमन की आँखों में देखकर कहा, “ठीक है, लेकिन मुझे पूरा मज़ा चाहिए।”

हम बाहर लिविंग रूम में आए। रमन ने कहा, “चलो, मेरे कमरे में चलते हैं।” हम तीनों उसके बेडरूम में गए। कमरा छोटा लेकिन मस्त था, एक बड़ा सा बेड, और हल्की नीली रौशनी। मैं बेड पर बैठ गई। रमन मेरे पास आया और फिर से मुझे चूमने लगा। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैं उसका लौड़ा पैंट के ऊपर से सहला रही थी। आदित्य अभी भी थोड़ा शरमा रहा था, लेकिन वो भी मेरे पास आकर बैठ गया।

मैंने रमन की पैंट उतार दी। उसका लौड़ा फिर से मेरे सामने था, एकदम तना हुआ। मैंने उसे मुँह में लिया और चूसने लगी। मेरी जीभ उसके लौड़े के हर इंच पर फिर रही थी, और वो सिसकारियाँ ले रहा था—आह्ह… प्रीति… तू क्या चूसती है…। तभी मुझे लगा कि कोई मेरे बूब्स को दबा रहा है। मैंने देखा, आदित्य ने मेरी कुर्ती के ऊपर से मेरे बूब्स पकड़ लिए थे। उसने मेरी कुर्ती उतार दी, और मेरी काली ब्रा में मेरे 32 साइज़ के बूब्स एकदम उभर कर सामने आ रहे थे।

इसे भी पढ़ें   बहकती बहू-21

आदित्य ने मेरी ब्रा भी खोल दी। मेरे बूब्स आज़ाद हो गए, और मेरे गुलाबी निप्पल्स सख्त हो चुके थे। उसने मेरे एक बूब को मुँह में लिया और चूसने लगा, जैसे कोई बच्चा दूध पी रहा हो। मैं सिसकारी लेने लगी—आआह्ह… और चूस…। रमन ने मेरी सलवार का नाड़ा खोला और उसे नीचे खींच दिया। मेरी काली पैंटी पूरी गीली थी। उसने मेरी पैंटी को सूँघा और बोला, “प्रीति, तेरी चूत की खुशबू तो जन्नत है।”

उसने मेरी पैंटी उतार दी, और मेरी चिकनी, गीली चूत उसके सामने थी। वो मेरी चूत को देखकर पागल हो गया। उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर रखी और चाटने लगा। उसकी गर्म जीभ मेरी चूत के दाने को सहला रही थी, और मैं मज़े से पागल हो रही थी—आआह्ह… रमन… और चाट… मेरी चूत को खा जा…। आदित्य अब मेरे बूब्स को मसल रहा था, और उसने अपनी जींस उतार दी। उसका लौड़ा बाहर आया—करीब 7 इंच का, मोटा और सख्त, जैसे कोई हथियार। मैंने उसे देखकर डरते हुए कहा, “ये तो बहुत बड़ा है…।”

रमन मेरी चूत चाट रहा था, और आदित्य का लौड़ा मेरे मुँह के पास था। मैंने उसे मुँह में लिया और चूसने लगी। उसका लौड़ा इतना मोटा था कि मेरा मुँह पूरा भर गया। मैं अपनी जीभ को उसके लौड़े के टोपे पर फेर रही थी, और वो सिसकारियाँ ले रहा था—आह्ह… प्रीति… तू तो जादू करती है…। रमन ने मेरी चूत में अपनी दो उंगलियाँ डाल दीं और ज़ोर-ज़ोर से अंदर-बाहर करने लगा। मेरी चूत से पानी टपक रहा था, और मैं मज़े से चिल्ला रही थी—आआह्ह… रमन… और ज़ोर से…।

कुछ देर बाद रमन ने कहा, “प्रीति, अब तुझे चोदने का टाइम है।” उसने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी टाँगें चौड़ी कर दीं। उसका लौड़ा मेरी चूत के मुँह पर था। उसने हल्का-सा धक्का मारा, और उसका लौड़ा मेरी चूत में आधा घुस गया। मुझे थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन मज़ा ज़्यादा था। मैंने कहा, “और अंदर डाल… पूरी ताकत से…।” उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उसका पूरा लौड़ा मेरी चूत में समा गया। मैं चिल्लाई—आआह्ह… मर गई… रमन… चोद मुझे…।

वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। उसका लौड़ा मेरी चूत की दीवारों को रगड़ रहा था, और हर धक्के के साथ मेरी चूत से फच-फच की आवाज़ें आ रही थीं। मैं मज़े से सिसकार रही थी—आआह्ह… और ज़ोर से… मेरी चूत फाड़ दे…। आदित्य मेरे बूब्स चूस रहा था और अपना लौड़ा हिला रहा था। मैंने उसे बुलाया और उसका लौड़ा फिर से मुँह में लिया। मैं एक साथ रमन का लौड़ा अपनी चूत में और आदित्य का लौड़ा अपने मुँह में ले रही थी।

कुछ देर बाद रमन ने मुझे घोड़ी बनने को कहा। मैं बेड पर घुटनों के बल झुक गई, मेरी गोल गाण्ड हवा में थी। आदित्य ने मेरी चूत पर थूक लगाया और अपना मोटा लौड़ा मेरी चूत पर रखा। उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उसका लौड़ा मेरी चूत में पूरा घुस गया। मैं चीख पड़ी—आआह्ह… मर गई… इतना बड़ा…। मेरी चूत से हल्का-सा खून निकला, लेकिन मज़ा इतना था कि मैंने उसे रुकने को नहीं कहा।

आदित्य ने मेरे बूब्स पकड़ लिए और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। उसका लौड़ा मेरी चूत की गहराइयों को छू रहा था, और मैं मज़े से अपनी गाण्ड हिला रही थी—आआह्ह… आदित्य… चोद मुझे… और ज़ोर से…। रमन मेरे सामने आया और अपना लौड़ा मेरे मुँह में डाल दिया। मैं उसका लौड़ा चूस रही थी, और आदित्य मेरी चूत मार रहा था। मेरी चूत से पानी टपक रहा था, और कमरा मेरी सिसकारियों और धक्कों की फच-फच की आवाज़ों से गूँज रहा था।

इसे भी पढ़ें   मेरी रंडी बनने की कहानी

कुछ देर बाद आदित्य ने मुझे अपने ऊपर बिठाया। मैं उसके लौड़े पर बैठ गई, और वो मेरी चूत में फिर से अंदर-बाहर होने लगा। तभी रमन मेरे पीछे आया। उसने मेरी गाण्ड पर थूक लगाया और अपना लौड़ा मेरी गाण्ड के छेद पर रखा। मैंने डरते हुए कहा, “रमन, धीरे… मैंने पहले कभी गाण्ड नहीं मरवाई।” उसने हल्का-सा धक्का मारा, और उसका लौड़ा मेरी गाण्ड में आधा घुस गया। मैं चिल्लाई—आआह्ह… मर गई… रमन… धीरे…।

उसने धीरे-धीरे अपने धक्कों को बढ़ाया, और उसका पूरा लौड़ा मेरी गाण्ड में समा गया। मैं दर्द और मज़े के मिक्सचर में थी। आदित्य मेरी चूत मार रहा था, और रमन मेरी गाण्ड। दोनों के लौड़े मेरे दोनों छेदों को रगड़ रहे थे, और मैं चिल्ला रही थी—आआह्ह… मर गई… चोदो मुझे… दोनों मिलकर फाड़ दो…। मेरी चूत और गाण्ड से फच-फच की आवाज़ें आ रही थीं, और मैं मज़े से पागल हो रही थी।

कुछ देर बाद दोनों ने मुझे बेड के किनारे पर डोगी स्टाइल में किया। आदित्य ने मेरी चूत मारी, और फिर रमन ने। दोनों बारी-बारी से मेरी चूत और गाण्ड को चोद रहे थे। मैं इतने मज़े में थी कि मेरी चूत बार-बार झड़ रही थी। आखिरकार आदित्य का लौड़ा एकदम कस गया, और उसने मेरी चूत में ही झड़ दिया। उसका गर्म माल मेरी चूत में भर गया, और मैं सिसकारी ले रही थी—आआह्ह… कितना गर्म है…।

रमन ने मुझे फिर से अपनी टाँगों पर बिठाया और मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल दिया। वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था, और मैं उसकी गोद में उछल रही थी—आआह्ह… रमन… और ज़ोर से…। वो भी सिसकार रहा था—आह्ह… प्रीति… तेरी चूत तो स्वर्ग है…। आखिरकार वो भी मेरी चूत में झड़ गया। उसका माल मेरी चूत से बाहर टपक रहा था, और मैं पूरी थक चुकी थी।

मैं बेड पर लेट गई। दोनों मेरे बूब्स चूसने लगे, और फिर दोनों ने मेरे मुँह में अपनी पिचकारी मारी। मैंने उनके लौड़ों का रस मज़े से पिया, और हम तीनों नंगे ही बेड पर लेट गए। मेरी चूत और गाण्ड में हल्का-हल्का दर्द था, लेकिन मज़ा इतना था कि मैं उसे भूल गई।

उसके बाद भी मैं कई बार रमन और आदित्य से चुदी। हर बार वो मुझे नए तरीके से चोदते, और मैं हर बार मज़े से पागल हो जाती। लेकिन अब मुझे कुछ नया चाहिए। मैं अब एक लेस्बियन लड़की और नए लड़कों की तलाश में हूँ। अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई, तो अपनी राय ज़रूर बताएँ। आपकी चुदाई की कहानियाँ सुनने का भी मन है—क्या आप अपनी कहानी शेयर करेंगे?

Related Posts

Report this post

Leave a Comment