Devar bhabhi ki chudai sex story: यह कहानी मेरे और मेरी भाभी के साथ हुए पहले चुदाई अनुभव की है, जिसमें स्नेह लता भाभी की उम्र 27 साल है और वो थोड़ी श्यामल रंगत वाली मचलती देह रखती हैं, जिसके उतार चढ़ाव 32-30-34 हैं, साथ ही वो घर से दूर ऑफिस में नौकरी करती हैं। मुझे पहले भाभी में कोई खास रुचि नहीं थी, लेकिन एक दिन जो हुआ उसने मेरी जिन्दगी हमेशा के लिए बदल दी, क्योंकि शादी के सिर्फ दो महीने बाद भैया ऑस्ट्रेलिया चले गए और तब से हमारे बीच की कहानी शुरू हो गई।
उस दिन कॉलेज से लौटते ही मैंने देखा कि घर को बहुत अच्छी तरह सजाया गया था, और पता चला कि आज भाभी का जन्मदिन है, इसलिए मैंने सोचा कि उन्हें बधाई दे दूँ और उनके कमरे में चला गया, जहाँ सिर्फ वो अकेली थीं और बिजली भी गुल थी, जिसकी वजह से मैं उन्हें ढूँढने की कोशिश करने लगा। फिर अचानक मेरी आँखें चमक उठीं और मैं मुँह बाए उन्हें निहारने लगा, क्योंकि अंदर करेंट सा दौड़ गया और मेरा लंड एकदम सख्त हो गया, दरअसल भाभी उस वक्त पंजाबी ड्रेस में थीं जिसमें कपड़े पूरी तरह टाइट थे, जो उनके मम्मों तक चुस्त चिपके हुए थे और वो बेहद खूबसूरत लग रही थीं।
मैंने मन ही मन ठान लिया कि यही मेरी ब्लू फिल्म की हीरोइन बनेगी, क्योंकि सच में उनका बदन इतना कामुक था, चूचे इतने उभरे हुए थे, गाण्ड इतनी उभरी हुई थी कि वो साली आग का गोला बनी हुई थी, और अब मुझे सिर्फ उन्हें चुदाई के लिए राजी करना बाकी था। मैं ललचाई नजरों से उनके मम्मों को घूरने लगा, फिर होश में आकर बोला कि भाभी हैप्पी बर्थडे, लेकिन मन में कह रहा था हैप्पी बूब्स डे। उस दिन से हम दोनों बहुत क्लोज हो गए, कॉलेज की बातें और मूवीज पर खूब चर्चा करने लगे, और मैं मौका तलाश रहा था कि कब उनकी चूत देखूँ, कब उन्हें पा लूँ, और वो मौका आखिरकार एक दिन मिल ही गया।
वो रविवार का दिन था, सुबह दस बजे सब घर से बाहर जाने लगे, मैंने भी कहा कि मुझे काम से जाना है, और सबकी नजरों में घर से निकल गया, लेकिन मुझे पता था कि शाम तक कोई नहीं आएगा, इसलिए दो घंटे बाद ही चुपके से वापस लौट आया। घर पहुँचते ही देखा कि भाभी पीले रंग की नाईटी में टीवी देख रही थीं, और घड़ी में बारह बज रहे थे, मैं उनके पास बैठ गया और टीवी देखने लगा, फिर अपना हाथ उनकी कमर में डाल दिया। लता भाभी ने हैरत से मेरी तरफ देखा लेकिन कुछ नहीं बोलीं, फिर उठकर रसोई में काम करने चली गईं, और मैं थोड़ी देर बाद उनके पीछे रसोई में पहुँच गया।
रसोई में भाभी ने अपनी नाईटी घुटनों तक चढ़ा रखी थी, उनका गरम कामुक बदन देखकर मैं बस निहारता रह गया, मन में ठरक चढ़ी हुई थी, उनकी उठी हुई गाण्ड देखकर लंड कड़क हो गया, और मैं खुद को रोक नहीं सका, पीछे से आकर खड़ा हो गया। मेरे हाथों ने भाभी को कसकर दबोच लिया, मैं उनके मम्मों को मसलने लगा, और मेरा खड़ा लंड कपड़ों के ऊपर से ही उनकी गाण्ड में घुसने की कोशिश करने लगा। इस कदम से वो शॉक हो गईं और जोर से चीखीं कि छोड़ो मुझे, मैंने छोड़ दिया, फिर वो हल्के गुस्से से बोलीं कि कभी नहीं सोचा था तू ऐसा होगा, लेकिन उनकी नजरों में बगावत वाला गुस्सा नहीं था, और वो अपने कमरे में जाकर बिस्तर पर लेट गईं।
मैंने घर के सारे दरवाजे बंद कर दिए और उनके बेडरूम में चला गया, सीधे कह दिया कि भाभी मुझे आपको चोदना है, इस मौके का इंतजार कब से कर रहा हूँ, प्लीज, फिर भाभी ने मेरी तरफ देखा, शायद मेरी सच्चाई समझ गईं क्योंकि वो खुद भी चुदासी थीं, बोलीं कि अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा, मैंने कहा कुछ नहीं होगा, और पलंग पर चढ़ गया। वो मुस्कुराने लगीं और चित्त लेट गईं, बिजली भी नहीं थी, ये मेरे लंड का पहला इम्तहान था, मैंने धीरे धीरे उनकी नाईटी के हुक्स खोले, पूरी नाईटी सामने से खुलने वाली थी सो उतार दी। वो आँखें बंद करके बैठ गईं, मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए, गर्मी का मौसम था और हम दोनों पसीने से तर थे। लता भाभी बोलीं कि तुमको कुछ करना आता है, मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया और कहा हाँ सब आता है अब सब मुझ पर छोड़ दो।
भाभी का सांवला बदन गर्म था और सफेद ब्रा में चमक रहा था, मैंने ब्रा के हुक्स खोलकर उसे उतारकर दूर फेंक दिया, वो शर्मा रही थीं, फिर मैंने उनकी काली पैंटी उतारनी शुरू की, वो मुझे देख रही थीं, उनकी चूत बालों से ढकी हुई थी। वो सवालिया निगाहों से देखने लगीं जैसे पूछ रही हों कि चूत ढूँढने में दिक्कत तो नहीं, मैंने हौले से उनका दूध दबाते हुए कहा कि मेरा लंड ढूँढ लेगा, वो कामुक नजरों से देख रही थीं, मैं पूरी हवस में आ गया और मन में आक्रमण कहकर उनके होंठ चूमने लगा, वो भी मुझसे चिपक गईं। फिर मैं थोड़ा नीचे सरका और भाभी की सेब जैसे चूचियों को दबाने लगा, वो मचलने लगीं और आआआह आहह करने लगीं, मैंने होंठ उनके निप्पलों पर रख दिए और पाँच मिनट तक चूसता रहा, हल्के से निप्पल को दाँतों से काटता और जीभ घुमाता, पसीने की नमकीन खुशबू नाक में भर रही थी।
फिर कामुकता में भरकर बोला साली रंडी आह्ह इतने मस्त चूचे कितनों से चुदवा चुकी हो, वो कुछ नहीं बोलीं और थनों को चुसवाती रहीं, सीत्कार करती रहीं, मैंने उनके पूरे बदन का ऊपर से नीचे तक नमकीन पसीना चाटा, वो कामुकता से देखती रहीं और बदन मस्ती से चटवाती रहीं, उनकी त्वचा पर मेरी जीभ फिसलती जा रही थी। फिर मैंने चूत पर हाथ डाला, हाथ डालते ही उनके मुँह से आआआह आह निकलने लगा, मैं मुँह उनकी चूत में लगाकर बुर चाटने लगा, जीभ अंदर घुसेड़कर रस चाटता, चूत की मीठी-नमकीन खुशबू से दिमाग सुन्न हो रहा था, वो मेरे बाल खींचतीं और कमर उछालतीं। फिर मैंने अपना आठ इंच लंड उनके मुँह पर रख दिया, भाभी ने लौड़ा पकड़कर चूसना शुरू किया, दस मिनट तक चूसा, जीभ लंड के टोपे पर घुमातीं और गले तक लेतीं, लार टपकती हुई।
फिर मैंने कहा भाभी मेरा लंड रुक नहीं रहा आपकी रसीली चूत में घुसना चाहता है, उन्होंने कहा देवर जी तो किसी मुहूर्त का इंतजार कर रहे हो, लण्ड बेकरार है तो मेरी चूत को मजा दीजिए। फिर रंडियों की तरह टाँगे फैलाईं, मैंने बुर के बाल हाथ से हटाए और लंड उनकी काली लटों से ढकी सांवली सलोनी चूत में स्लोली स्लोली डालने लगा, आहों का मजा लेते हुए आह आआई आआआहह, चूत की गर्माहट और टाइटनेस लंड को निचोड़ रही थी। लौड़े की मूवमेंट शुरू की, स्लोली बाहर लाता और फास्टली घुसेड़ देता, चप चप की आवाजें गूंजतीं, पसीना टपकता, चूत का रस लंड पर लिपटता, वो बोलीं देवर जी आआहह क्या बात है बड़ा रस लेकर चोद रहे हो ऐसे ही हाआआं ऐसे ही आआ हह। मैंने कहा भाभी आज तेरी चूत फाड़ दूँगा मेरी साली रंडी और अब गाण्ड की बारी, लौड़ा निकालकर गाण्ड में पूरा घुसाया, हचक हचक थप थप की आवाजें, वो उछलतीं और चीखतीं आआआहह उउफ्फ, गाण्ड की टाइटनेस से लंड दब रहा था।
फिर वापस चूत में लौड़ा लिया, मिशनरी में ही तेज धक्के मारे, चूत का रस बहता, गीला गीला, टाइट बुर फटती सी, वो झड़ गईं और निढाल हो गईं, मैंने भी चूत में बाजा बजाया और उनकी चूत में ही झड़ गया, पैनी बाहर बहता। चुदाई के बाद हम चिपककर लेटे रहे, फिर मैंने कपड़े पहने और कहा भाभी आप ब्लू फिल्म के रोल में अच्छी लगेंगी क्या रोल करेंगी, वो मुस्कुरा दीं। मुझे पता है वो ब्लू फिल्म में काम करने को राजी हो जाएगी, तब मैं सबको उसका मजा दिला सकूँगा।