मेरी बीवी को किराने वाले ने रगड़कर चोदा

नमस्कार दोस्तों, ये मेरी पहली कहानी है—सौ टका सच्ची और इतनी गर्म कि आपके लंड से पानी छूट जाए और चूतें तरस जाएँ। मेरा नाम आदित्य है, 35 साल का हूँ—जवान, ठरकी, और चुदाई का शौकीन। मेरी बीवी रजनी, 28 साल की माल, एकदम कड़क और रसीली—ऐसी कि मोहल्ले के कुत्ते भी उसकी गांड देखकर हाँफते हैं। हम बिलासपुर के रहने वाले हैं, 7 साल पहले लव मैरिज की थी। हमारी ज़िंदगी चुदाई की मस्ती से भरी है। इस कहानी का तीसरा ठरकी है अनिल—39 साल का किराने वाला, गंदी नज़रों वाला लौंडा, जो मेरी बीवी की चूत का भूखा निकला।

रजनी का जलवा देखो तो—36-34-38 का फिगर, चूचे इतने बड़े कि हाथ में न समाएँ, गांड ऐसी कि एक झटके में लंड खड़ा कर दे। गोरी चमड़ी, कसी हुई बॉडी—योगा करती है, साली एकदम फिट माल। जब चलती है तो चूतड़ लचकते हैं, मोहल्ले के मर्दों के लंड में आग लग जाती है। मैं भी उसकी गांड का दीवाना हूँ, पर उस दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरी ठरक ने नया रास्ता खोज लिया।

बात एक हफ्ते पुरानी है। रजनी रोज़ की तरह किराने की दुकान पर गई थी। वो टाइट जींस और टॉप में थी—चूचे उभरे हुए, गांड बाहर निकली हुई, हल्का मेकअप, खुले बाल—उफ्फ, किसी रांड से कम नहीं लग रही थी। दुकान का मालिक अनिल, 39 का गंदा ठरकी, उसे हमेशा हवस भरी नज़रों से घूरता था। रजनी ने मुझे कई बार बताया था कि वो साला उसकी चूचियों को खा जाने वाली नज़रों से देखता है और अपने लंड को सहलाता है। उस दिन उसने हद पार कर दी। बोला, “भाभी, आप तो बहुत सुंदर और सेक्सी हो।” रजनी शर्मा गई, कुछ बोली नहीं। घर आकर मुझे बताया तो मैंने हँसते हुए कहा, “अरे, तारीफ़ है, मज़े लो। कोई बात नहीं, वो तेरे चूचों और गांड पर मरता है तो क्या हुआ?”

हमारी चुदाई का खेल भी गज़ब का है। जब मैं रजनी को पेलता हूँ, हम गंदी-गंदी गालियाँ देते हैं। मैं पूछता हूँ, “रंडी, किससे चुदवाएगी?” वो बोलती है, “जो चाहे चुदवा दो, मैं तैयार हूँ।” उस दिन उसने अनिल की बात बताई तो मेरे दिमाग़ में शैतानी चिंगारी जली। सोचा, क्यों न इस ठरकी से अपनी बीवी को अपने सामने चुदवाऊँ? उसकी मोटी गांड और रसीली चूत को अनिल का लंड चखवाऊँ और मज़े लूँ।

रजनी से कहा, “जान, अनिल से चुदवाने का मन है?” पहले तो वो डर गई, बोली, “किसी को पता चल गया तो?” मैंने कहा, “फिक्र मत कर, उसे घर बुला चाय के बहाने। और हाँ, अगली बार और सेक्सी कपड़े पहनकर जा।” वो हँसते हुए बोली, “ठीक है, जैसी तुम्हारी मर्ज़ी।”

अगले दिन रजनी तैयार हुई—छोटा टॉप, टाइट शॉर्ट्स, खुले बाल। उफ्फ, क्या क़ातिल माल लग रही थी! चूचे बाहर को उभरे हुए, नाभि चमक रही थी, गांड ऐसी कि लंड फट जाए। मैंने उसे देखकर कहा, “साली, आज तो तू किसी की जान ले लेगी।” वो हँसी और दुकान चली गई।

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अब रजनी की ज़ुबानी:
दुकान पर पहुँची तो अनिल मुझे देखते ही उठ खड़ा हुआ। उसकी आँखों में हवस चमक रही थी। बोला, “भाभी, आज तो आप मेरी जान ले लोगी।” मैंने शर्माते हुए कहा, “अरे भैया, ऐसा क्या खास है आज?” वो बोला, “आप किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही हो। सच कहूँ, ये ड्रेस देखकर मैं पागल हो गया हूँ।” मैंने कहा, “अच्छा, थैंक यू भैया।” वो बोला, “भाभी, कहीं बाहर जा रही हो क्या?” मैंने कहा, “नहीं, बस मन हुआ तो ये पहन लिया।” उसकी ठरक बढ़ गई, बोला, “क़सम से भाभी, आप इतनी हॉट और सेक्सी हो कि बता नहीं सकता।” मैंने हँसकर कहा, “बस करो, सामान दो और पैसे बताओ।” उसने सामान दिया और पैसे लेने से मना कर दिया। मैंने ज़िद की तो बोला, “आपसे पैसे कैसे लूँ?” मैंने छेड़ते हुए कहा, “तो क्या लेने का इरादा है?” वो बोला, “बुरा न मानो तो एक हग और किस चाहिए।” मैंने कहा, “ठीक है, तो शाम को घर आ जाओ।” ये सुनते ही वो पागल हो गया, “सच में भाभी?” मैंने कहा, “हाँ, सच में। 7 बजे आना। भैया को मैं बाहर भेज दूँगी।” वो खुशी से उछल पड़ा, “वाह भाभी, कमाल है!”

शाम को मैंने आदित्य को सब बताया। वो बोले, “मैं दूसरे कमरे में छुपकर देखूँगा। तू अनिल के साथ शुरू कर, फिर मैं थ्रीसम में शामिल हो जाऊँगा।” मैंने डरते हुए कहा, “जान, ये ठीक है न?” वो बोले, “हाँ मेरी रंडी, ज़िंदगी के मज़े ले।” मैंने कहा, “ठीक है।”

शाम 7 बजे अनिल आया। मैंने वही टॉप और शॉर्ट्स पहने थे। दरवाज़ा खोला तो बोला, “नमस्ते भाभी जी।” मैंने कहा, “आइए अनिल, नमस्ते।” वो अंदर आया और सोफे पर बैठ गया। बोला, “भाभी, मुझे भैया मत कहो।” मैंने कहा, “तो क्या कहूँ?” वो बोला, “बस अनिल कहो, मज़ा आएगा।” मैंने कहा, “ठीक है अनिल, क्या पियोगे—चाय या कोल्ड ड्रिंक?” उसकी नज़र मेरे चूचों पर थी, बोला, “बुरा न मानो तो दूध पीना चाहता हूँ।” मैंने शर्माते हुए कहा, “अरे, तुम तो किस और हग की बात कर रहे थे, दूध कहाँ से आ गया?” वो मेरे पास आया और बोला, “इतने बड़े दूध सामने हों तो कौन बिना पिए छोड़ सकता है?” इतना कहते ही उसने मुझे अपनी बाहों में कस लिया और मेरे होंठ चूसने लगा। मैं भी उसका पूरा साथ देने लगी। उसकी जीभ मेरे मुँह में घूम रही थी, गर्म साँसें मेरे चेहरे पर पड़ रही थीं। फिर वो मेरे टॉप के ऊपर से चूचे मसलने लगा।

मैंने कहा, “अरे, थोड़ा आराम से। मैं कहीं भाग नहीं रही।” उसने मेरा टॉप फाड़कर फेंक दिया। मैं ब्लैक ब्रा में थी। उसने ब्रा का हुक खोला और मेरे बड़े-बड़े चूचे उछलकर बाहर आ गए। उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। बोला, “रजनी, आज तो मैं इन्हें खा जाऊँगा।” मैंने कहा, “खा जा, चूस ले। आज पराए मर्द का मज़ा दे।” वो भूखे शेर की तरह मेरे चूचों पर टूट पड़ा। मेरे निप्पल, जो कड़क हो चुके थे, वो जीभ से चाटने लगा। चूस-चूसकर लाल कर दिया। फिर बोला, “भाभी, आज तुम्हें चोदे बिना नहीं जाऊँगा।” मैंने कहा, “जो मन करे कर, बस तड़पाओ मत।” उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और बोला, “बेडरूम चलो।” मैंने कहा, “गोद में उठाकर ले चल।” उसने मुझे गोद में उठाया। उसका तना हुआ लंड मुझे शॉर्ट्स के ऊपर से चुभ रहा था।

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बेडरूम में उसने मुझे बेड पर पटक दिया और अपने कपड़े उतारने लगा। शर्ट, पैंट उतारी, अंडरवियर में आ गया। मैंने कहा, “इसे भी उतारो।” वो बोला, “तुम उतारो रजनी।” मैंने एक झटके में उसका अंडरवियर खींच दिया। उसका 7 इंच का मोटा लंड मेरे सामने तनकर सलामी दे रहा था। मेरी चूत गीली हो गई। मैंने कहा, “वाह अनिल, क्या मस्त लंड है!” वो बोला, “तेरे लिए ही है, चूस इसे।” मैंने उसका लंड मुँह में ले लिया और रांड की तरह चूसने लगी। वो सिसकारियाँ लेने लगा, “आह… भाभी… मेरी जान… मेरी रंडी… और चूस साली कुतिया… मादरचोद, कब से तुझे चोदने की ठानी थी। आज तेरी चूत फाड़ दूँगा।”

ये सुनकर मेरी चूत में आग लग गई। तभी आदित्य कमरे में आ गए। अनिल उन्हें देखकर डर गया, उसका लंड मुरझा गया। बोला, “अरे भैया, आप यहाँ?” आदित्य ने कहा, “डर मत अनिल, ये सब मैंने प्लान किया था। मुझे पता था तू रजनी को चोदना चाहता है। अब मज़े करते हैं।” अनिल की जान में जान आई। आदित्य नंगे हो गए और मोबाइल से वीडियो बनाने लगे। बोले, “चल अनिल, अब रजनी को चोद जैसे मन करे।” अनिल का जोश लौट आया। उसने फिर से लंड मेरे मुँह में ठूंस दिया। बोला, “चूस रंडी, डर से सो गया था। अब ज़ोर-ज़ोर से चूस।” मैंने पूरा गले तक लिया। उसका लंड कड़क हो गया। वो मेरे मुँह में धक्के देने लगा। इधर आदित्य अपना लंड हिलाते हुए देख रहे थे।

कुछ देर चूसने के बाद अनिल ने लंड निकाला। मैंने कहा, “अब मेरी चूत और गांड चाट।” वो बोला, “इतनी प्यारी चूत और सेक्सी गांड को कौन बिना चाटे छोड़ सकता है?” उसने मेरी चूत में जीभ डाल दी। मैं पागल हो गई। उसके सिर को चूत में दबाने लगी। “आह… और चाट अनिल… खा जा मेरी चूत को!” वो मेरी गांड में उंगली डालकर चूत चूसने लगा। बोला, “साली रांड, क्या मज़ेदार चूत है। इसका रस पीकर मज़ा आ गया। तेरी गांड का तो दीवाना हो गया हूँ। आज तेरे दोनों छेद फाड़ दूँगा तेरे पति के सामने।” फिर वो मेरी गांड का छेद चाटने लगा, उंगली डालकर चूसने लगा। मुझे जन्नत का मज़ा आ रहा था।

आदित्य ने मोबाइल सेट किया और पास आए। बोले, “कैसा लग रहा है मेरी रंडी? दो-दो लंड मिल रहे हैं।” मैंने कहा, “आह… बहुत मज़ा आ रहा है जान। ऐसा सुख पहले कभी नहीं मिला।” आदित्य ने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया। मैं चूसने लगी। अनिल मेरी गांड चाट रहा था और चूत में उंगली पेल रहा था। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “आह… और चाटो मेरी गांड… बहुत मज़ा आ रहा है!”

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अनिल ने मुझे कुतिया बनाया। पीछे से उसने अपना मोटा लंड एक झटके में मेरी चूत में पेल दिया। मैं चीख पड़ी। थोड़ा दर्द हुआ, पर मज़ा गज़ब का था। मैं आदित्य का लंड हिलाने लगी। अनिल मेरी चूत में गपागप पेल रहा था, गांड में उंगली डाल रहा था। मैं चिल्लाई, “आह… और ज़ोर से चोद अनिल… फाड़ दे मेरी चूत!” उसने स्पीड बढ़ा दी। मैं गांड उछाल-उछालकर उसका लंड अंदर ले रही थी। 15 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद अनिल बोला, “झड़ने वाला हूँ। कहाँ निकालूँ?” मैंने कहा, “मुँह में गिरा, मुझे अच्छा लगता है।” उसने लंड निकाला और मेरे चेहरे पर पिचकारी मार दी। गर्म माल मेरे चूचों, होंठों पर गिरा। मैंने चाट लिया। मैं दो बार झड़ चुकी थी।

अनिल बेड पर लेट गया। अब आदित्य मेरी गांड चोदने को तैयार थे। मैंने कहा, “जान, मुँह धोकर आती हूँ।” बाथरूम से चेहरा साफ करके आई और आदित्य का लंड चूसने लगी। पाँच मिनट में वो कड़क हो गया। मैं झुकी। आदित्य ने तेल लगाया और एक झटके में लंड मेरी गांड में पेल दिया। वो कमर पकड़कर धक्के मारने लगे, बीच-बीच में गांड पर थप्पड़ मारते हुए बोले, “साली रांड, आज तूने मेरी ठरक पूरी की। पराए मर्द से चुदवाकर मज़ा दे दिया।” मैं चिल्लाई, “आह… आदित्य, आज तूने मुझे सच की रंडी बनाया… और ज़ोर से चोद!” 10 मिनट की गांड चुदाई के बाद वो मेरी गांड में झड़ गए। माल बाहर बह रहा था। मैंने थोड़ा हाथ में लेकर चाट लिया। बोली, “टेस्टी है जान, हमेशा की तरह।”

अनिल का लंड फिर तन गया। मैं थक गई थी। बोली, “चलो, शावर लेते हैं। फिर खाकर अगला राउंड खेलते हैं।” अनिल बोला, “साली रांड, तेरे जैसा माल हो तो दिन-रात चोदूँ।” हम हँसे। बाथरूम में तीनों ने शावर लिया। वहाँ अनिल और आदित्य ने मेरी चूत चाटी, मैंने दोनों के लंड चूसकर पानी निकाला। फिर पिज़्ज़ा और बियर मँगाकर नंगे ही हॉल में बैठे। आदित्य बोले, “अनिल, तेरी बीवी अंजलि भी हॉट है। उसे चोदना चाहता हूँ। चारों मिलकर ग्रुप चुदाई करें?” अनिल बोला, “हाँ, तू मेरी अंजलि को रंडी बना, मैं रजनी को।” मैंने कहा, “मैं तो बन गई, अब अंजलि की बारी।” फिर मैंने दोनों को सोफे पर बिठाया, फर्श पर बैठकर उनके लंड चूसकर खड़े किए। अनिल ने मेरी गांड में, आदित्य ने चूत में लंड पेल दिया। एक घंटे की चुदाई के बाद दोनों ने मेरा जिस्म माल से नहला दिया। थककर लेट गए। बाद में नहाकर अनिल चला गया।

दोस्तों, ये थी मेरी बीवी की चुदाई की गंदी कहानी। जल्द ही अंजलि के साथ अगली कहानी लाऊँगा। मुझे मेल करें—aaditya03agr@gmail.com। आपकी राय का इंतज़ार है। कहानी पढ़कर कमेंट्स में बताएँ, ताकि और मस्त कहानियाँ ला सकूँ!

कहानी का अगला भाग: मेरे बड़े उम्र के दोस्त ने मेरी बीवी को चोदा

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