मामी को सेक्स वाली मूवी पसंद है

मेरा नाम उमेश है। मैं 20 साल का हूँ, 6 फुट लंबा, और दिखने में काफी आकर्षक। मेरी बॉडी फिट है, क्योंकि मैं रोज़ जिम जाता हूँ। मेरा चेहरा साफ और आँखें गहरी हैं, जो लड़कियों को अक्सर पसंद आती हैं। मेरा लंड 6 इंच लंबा और इतना मोटा है कि किसी की भी साँसें रुक जाएँ। मैं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले का रहने वाला हूँ। मेरी मामी, जिनका नाम रीता है, 33 साल की हैं। उनका रंग एकदम गोरा, फिगर 36-28-38, और चूचियाँ इतनी बड़ी कि हाथ में समाना मुश्किल। उनकी गांड गोल और रसीली है, और जब वो चलती हैं तो उनकी कमर का लचक देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए। मेरे मामा, संजय, 40 साल के हैं और दुबई में जॉब करते हैं, इसलिए साल में सिर्फ एक-दो बार घर आते हैं। वो थोड़े गंभीर स्वभाव के हैं, लेकिन मामी के साथ उनकी बनती है। ये कहानी मेरे और मेरी मामी के बीच की एक सच्ची और मसालेदार घटना है, जो मेरे कॉलेज के दिनों में हुई।

बात उस वक्त की है जब मैं कॉलेज के पहले साल में था। मैं अपनी पढ़ाई के लिए मामा के घर गोरखपुर में रहता था। उनका घर बड़ा और आरामदायक था, दो मंजिला, जिसमें ऊपर मेरा कमरा था। मेरे हार्मोन्स उस उम्र में उफान पर थे। किसी भी हॉट लड़की को देखते ही मेरा लंड टनटनाने लगता था। लेकिन मेरी सारी फीलिंग्स मेरी मामी पर केंद्रित थीं। उनकी एक मुस्कान ही काफी थी मुझे बेकरार करने के लिए। मैं अक्सर सोचता कि काश उन्हें चोदने का मौका मिले, लेकिन डर लगता था कि कहीं वो मामा को बता दें। फिर भी, उनके साथ रहते हुए मेरे मन में हर वक्त खयाल आता कि उनकी चूचियों को दबाऊँ, उनकी चूत को चाटूँ, और उन्हें बेड पर पटककर चोदूँ।

एक दोपहर की बात है। मैं अपने कमरे में बेड पर बैठकर किताब खोले पढ़ने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मेरा ध्यान बार-बार भटक रहा था। मेरी मामी मेरे बगल में फर्श पर बैठकर चावल साफ कर रही थीं। वो एक पतली सी साड़ी पहने थीं, जिसमें से उनकी गहरी नाभि और चूचियों की उभार साफ दिख रही थी। मैं बार-बार उनकी तरफ देख रहा था। मेरे लंड ने पैंट में हलचल शुरू कर दी थी। तभी मामी ने अचानक पूछा, “उमेश, तुम्हें मूवी देखना पसंद है?” उनकी आवाज़ में एक अजीब सी शरारत थी। मैंने हड़बड़ाते हुए कहा, “हाँ, मामी, पसंद तो है, लेकिन टाइम कहाँ मिलता है?” वो मुस्कुराईं और बोलीं, “तुम्हें कैसी मूवीज़ पसंद हैं?” मैंने थोड़ा हँसते हुए कहा, “कोई भी चलेगी, सब पसंद हैं। आपको कैसी मूवीज़ पसंद हैं?”

उन्होंने आँखों में हल्की सी चमक के साथ कहा, “मुझे रोमांटिक और सेक्सी मूवीज़ पसंद हैं, जिनमें खूब सारा सेक्स हो।” उनकी बात सुनकर मेरे होश उड़ गए। मेरा लंड तो पैंट में तंबू बन गया। लगा जैसे वो मुझे ललकार रही हों। मैंने अनजान बनते हुए पूछा, “मामी, ये सेक्स मूवी क्या होती है? मुझे तो कुछ पता नहीं।” वो हँस पड़ीं और बोलीं, “अरे, झूठ मत बोल, उमेश! तुझे सब पता है।” मैंने मासूमियत का नाटक करते हुए कहा, “सच में, मामी, मुझे नहीं पता। आप ही बताओ ना।” वो चटखारे लेते हुए बोलीं, “अच्छा, पहले पढ़ाई पूरी कर, फिर बताऊँगी।”

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मैं मन ही मन सोचने लगा कि ये मौका है। अगर अब नहीं चोदा तो शायद कभी नहीं चोद पाऊँगा। लेकिन डर भी लग रहा था। अगर मामी ने मना कर दिया या मामा को बता दिया तो मेरी इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी। फिर भी, मैंने ठान लिया कि मौका देखकर बात आगे बढ़ाऊँगा।

दो दिन बाद किस्मत ने मेरा साथ दिया। मेरे रिश्तेदारों में एक बूढ़ी नानी थीं, जो गाँव में रहती थीं और अचानक बीमार पड़ गईं। मामा और बाकी घरवाले उन्हें देखने गाँव चले गए। घर पर सिर्फ मैं और मामी रह गए। उस दिन मैं कोचिंग से शाम 6 बजे लौटा। मन में उथल-पुथल मची थी। मैं सोच रहा था कि कैसे मामी से सेक्स की बात शुरू करूँ। क्या वो सच में चुदवाना चाहती हैं, या बस मज़ाक कर रही थीं? मेरे दिमाग में सवालों का तूफान चल रहा था।

शाम के सात बजे मामी ने आवाज़ दी, “उमेश, खाना तैयार है, आ जाओ!” मैं खाने की टेबल पर पहुँचा। मामी ने हल्की सी नाइटी पहनी थी, जो उनके जिस्म से चिपकी हुई थी। उनकी चूचियाँ और गांड का उभार साफ दिख रहा था। हम दोनों साथ में खाना खा रहे थे। खाने के बीच में मैंने हिम्मत जुटाकर कहा, “मामी, अब तो घर पर कोई नहीं है। अब बताओ ना, ये सेक्स मूवी क्या होती है?” वो हँसते हुए बोलीं, “अरे, इतनी जल्दी क्या है? पहले खाना तो खत्म कर, फिर कमरे में जा। मैं आती हूँ।”

मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैंने जल्दी-जल्दी खाना खाया, हाथ धोया, और अपने कमरे में चला गया। मैं बेड पर लेट गया और सोने का नाटक करने लगा। मन में तूफान चल रहा था। क्या मामी सच में आएँगी? क्या वो मुझे चोदने देंगी? करीब 30 मिनट बाद मामी कमरे में आईं। वो एक पतली, पारदर्शी नाइटी में थीं, जिसमें से उनकी ब्रा और पैंटी साफ दिख रही थी। वो मेरे पास आकर बेड पर लेट गईं। उनकी खुशबू से मेरा लंड और सख्त हो गया।

मैं चुप रहा, लेकिन मेरे शरीर में गर्मी बढ़ रही थी। हिम्मत करके मैंने अपना एक पैर उनकी जाँघ पर रख दिया। वो कुछ नहीं बोलीं। मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने धीरे से अपना हाथ उनकी चूचियों पर रखा। उनकी चूचियाँ इतनी मुलायम थीं कि मेरा लंड पैंट में उछलने लगा। तभी मामी बोलीं, “क्या बात है, उमेश? नींद नहीं आ रही?” उनकी आवाज़ में एक अजीब सी नरमी थी। मैं हकलाते हुए बोला, “न-नहीं, मामी।”

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वो हँसते हुए बोलीं, “आ, मेरे दूध पी। शायद तुझे नींद आ जाए।” उनकी बात सुनकर मैं एकदम सन्न रह गया। फिर मैंने बिना वक्त गँवाए उनकी नाइटी ऊपर की और उनकी ब्रा खोल दी। उनकी गोरी, भरी-भरी चूचियाँ मेरे सामने थीं। उनके निप्पल गुलाबी और सख्त थे। मैं पागलों की तरह उनकी चूचियों को चूसने लगा। “आह्ह… उमेश, धीरे… ओह्ह… कितना मज़ा आ रहा है,” वो सिसकियाँ ले रही थीं। मैं कभी उनकी चूचियों को चूसता, कभी उन्हें कसकर दबाता।

वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थीं। उनकी साँसें तेज़ थीं, और उनकी चूत से गर्माहट मेरे हाथ तक पहुँच रही थी। उन्होंने कहा, “तुझे तो सेक्स के बारे में कुछ पता ही नहीं था ना? चल, आज मैं तुझे सब सिखाती हूँ।” मैंने कहा, “हाँ, रानी जी। आज तुम मेरी पत्नी हो।” वो हँस पड़ीं और बोलीं, “हाँ, आज मैं तेरी रानी हूँ। अब मुझे चोद दे, उमेश।”

उन्होंने अपनी नाइटी पूरी उतार दी। वो एकदम नंगी मेरे सामने थीं। उनकी चूत गुलाबी, रसीली, और हल्की सी गीली थी। मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया। “आह्ह… ओह्ह… उमेश, और ज़ोर से चाट… मेरी चूत को चूस ले!” वो सिसकियाँ ले रही थीं। मैं कभी उनकी चूत को चाटता, कभी उनके निप्पल्स को काटता। उनकी चूत से गर्म पानी निकलने लगा। मैंने उनकी चूत को चाट-चाटकर साफ कर दिया। उनका पानी नमकीन, लेकिन मज़ेदार था।

फिर उन्होंने कहा, “अब अपनी अंडरवियर उतार।” मैंने झट से अपनी पैंट और अंडरवियर उतार दी। मेरा लंड अब 8 इंच का हो चुका था, एकदम लोहे की तरह सख्त। उन्होंने मेरा लंड देखा और बोलीं, “हाय दईया, इतना मोटा लंड! ये तो मेरी चूत को चीर देगा!” वो मेरा लंड पकड़कर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। “उम्म… तेरा लंड तो बहुत टेस्टी है, उमेश… और चूसूँ?” वो गंदी बातें करते हुए मेरा लंड चूस रही थीं। मैं सातवें आसमान पर था। करीब 15 मिनट तक उन्होंने मेरा लंड चूसा, और मैं बार-बार झड़ने की कगार पर पहुँच रहा था।

फिर उन्होंने कहा, “अब मेरी चूत में अपना लंड डाल दे।” मैंने बिना देर किए अपना मोटा लंड उनकी चूत में एक झटके में पेल दिया। “आआह्ह… उमेश, धीरे… मार डाला!” उनकी चीख निकल गई। मामा ने दो साल से उनकी चुदाई नहीं की थी, इसलिए उनकी चूत टाइट थी। मैंने धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई। “घपाघप… घपाघप…” मेरे लंड की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। उनकी चूचियाँ उछल रही थीं। “आह्ह… ओह्ह… उमेश, चोद मुझे… मेरी चूत फाड़ दे… और ज़ोर से!” वो चिल्ला रही थीं। मैं उनकी चूचियों को कसकर दबा रहा था, कभी उनके निप्पल्स को चूसता।

करीब 20 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मेरा पानी निकलने वाला था। मैंने पूछा, “रानी जी, मेरा निकलने वाला है। कहाँ गिराऊँ?” उन्होंने कहा, “अंदर ही डाल दे, मैंने ऑपरेशन करवा लिया है।” मैंने अपना सारा माल उनकी चूत में डाल दिया और झड़ गया। मेरी साँसें तेज़ थीं, लेकिन मेरा मन अभी भरा नहीं था।

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मैंने कहा, “रानी जी, अब मैं तुम्हारी गांड मारूँगा।” वो घबरा गईं और बोलीं, “नहीं, उमेश, गांड में बहुत दर्द होगा। मैंने पहले कभी नहीं किया।” मैंने ज़िद की, “प्लीज़, रानी जी, बस एक बार। मैं धीरे करूँगा।” थोड़ी देर ना-नुकुर के बाद वो मान गईं। मैंने उन्हें घोड़ी बनाया, अपनी थूक से उनकी गांड का छेद गीला किया, और एक ज़ोरदार झटका मारा। मेरा आधा लंड उनकी गांड में घुस गया। “आआह्ह… उमेश, निकाल… बहुत दर्द हो रहा है!” वो चिल्लाईं।

मैंने उनकी चीखों को अनसुना करके पूरा लंड उनकी गांड में पेल दिया। “घपाघप… घपाघप…” मैं उनकी गांड मारता रहा। “आह्ह… ओह्ह… उमेश, तूने मेरी गांड फाड़ दी… धीरे कर, बदमाश!” वो कराह रही थीं। मैंने उनका मुँह दबा लिया और ताबड़तोड़ चुदाई करता रहा। कुछ देर बाद मैं फिर झड़ गया और सारा माल उनकी गांड में डाल दिया।

वो दर्द से कराह रही थीं। मैं उनके बगल में लेट गया। थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम हुआ। मैंने पूछा, “रानी जी, मज़ा आया?” उन्होंने हँसते हुए कहा, “मज़ा तो बहुत आया, लेकिन तूने मेरी गांड फाड़ दी, कमीने!” उस रात हमने कम से कम बारह बार चुदाई की। हर बार नया जोश, नया मज़ा। सुबह तक हम थककर चूर हो गए और सो गए।

अगले दिन सुबह जब मैं उठा, तो मामी किचन में चाय बना रही थीं। वो मुझे देखकर मुस्कुराईं और बोलीं, “क्या बात है, उमेश? रात को तो तूने कमाल कर दिया।” मैं शरमाते हुए बोला, “आप भी तो कमाल की थीं, रानी जी।” वो हँस पड़ीं। उस दिन के बाद हमारा रिश्ता और गहरा हो गया। जब भी मौका मिलता, हम चुदाई का मज़ा लेते। लेकिन हम दोनों सावधान रहते कि किसी को पता ना चले।

तो दोस्तों, कैसी लगी मेरी कहानी? क्या आपने भी कभी ऐसा हॉट अनुभव जिया है? नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर बताएँ। आपकी कहानियाँ भी सुनना चाहूँगा। अगली बार फिर मिलते हैं एक नई मसालेदार कहानी के साथ। नमस्ते!

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