मैं एक लड़की से औरत बन गई

Virgin Padosi girl sex story: मेरा नाम अमृता है और मैं देहरादून में रहती हूँ। आज मैं तुम्हें अपने जीवन की एक ऐसी घटना बताने जा रही हूँ, जो मेरे साथ हुई और जिसने मुझे हमेशा के लिए बदल दिया। मैंने सुना है कि लोग ऐसी कहानियाँ बहुत पढ़ते हैं, और शायद मेरी ये कहानी भी तुम्हें पसंद आए। अगर मुझसे कोई गलती हो जाए, तो मुझे माफ करना। सबसे पहले मैं अपने बारे में थोड़ा बता देती हूँ। मेरा रंग गोरा है, मेरी कमर पतली, गांड बड़ी और मेरा बदन गदराया हुआ है। मेरा साइज़ 34-26-36 है, और लोग कहते हैं कि मैं बहुत सेक्सी और हॉट दिखती हूँ। मेरी स्माइल को तो लोग कातिलाना कहते हैं। अब मैं तुम्हें शैलेश के बारे में भी बताती हूँ, जिसने मुझे अपने घर में जमकर चोदा और मुझे चुदाई का ऐसा मज़ा दिया, जो मैं कभी नहीं भूल सकती।

शैलेश मेरा पड़ोसी है। उसकी हाइट 5.6 है और उम्र 21 साल। वो कहता है कि उसका लंड 6.8 इंच का है, और उसकी बॉडी सचमुच बहुत अच्छी है। दोस्तों, ये कहानी तीन साल पहले की है, जब मैं सिर्फ 18 साल की थी। उस वक्त मेरी चूत में खुजली शुरू ही हुई थी, और मैं अभी तक किसी के साथ ऐसी हरकत नहीं कर पाई थी।

तो दोस्तों, एक दिन की बात है। उस दिन शैलेश के मम्मी-पापा घर पर नहीं थे। हमारे घर के बाहर कुछ पड़ोस की आंटियाँ बैठी थीं। मैं अपनी मम्मी के साथ बाहर थी, तभी मैंने देखा कि शैलेश मैगी का पैकेट लेकर अपने घर की ओर जा रहा था। एक आंटी ने उससे पूछा, “बेटा, दिन के समय खाना खाने की जगह मैगी क्यों बना रहे हो?”

शैलेश ने जवाब दिया, “आंटी, आज मेरे घर पर कोई नहीं है। मम्मी-पापा अचानक किसी काम से बाहर गए हैं। मैं सब्जी तो बना लेता हूँ, पर रोटी नहीं बना पाता।” ये सुनकर मेरी मम्मी ने कहा, “बेटा, रुक, मैं अमृता को रोटी बनाने के लिए तुम्हारे घर भेज देती हूँ।”

शैलेश ने कहा, “कोई बात नहीं आंटी, मैं मैगी से काम चला लूँगा।” लेकिन मम्मी ने ज़िद की, “नहीं, रुको, मैं अभी भेजती हूँ।” शैलेश ने हामी भर दी और कहा, “ठीक है, आप जैसा अच्छा समझें। मैं अंदर हूँ, आप भेज दीजिएगा।” फिर वो चला गया।

करीब 10 मिनट बाद मम्मी ने मुझे कहा, “अमृता, जा, शैलेश के घर रोटी बना दे। बेचारा अकेला है।” मैंने लाल टॉप और नीली जीन्स पहनी थी, और तैयार होकर उसके घर चली गई। जब मैंने दरवाज़ा खटखटाया, तो शैलेश ने दरवाज़ा खोला। वो मुझे ऊपर से नीचे तक आँखें फाड़कर देखने लगा। मुझे लगा कि मेरी ड्रेस में मैं सचमुच कयामत ढा रही थी।

फिर मैं अंदर गई और उससे कहा, “मैं पहले आपके लिए आटा लगा देती हूँ।” ये कहकर मैं मटकती हुई किचन में चली गई। वहाँ पहुँचकर मैंने उसे बुलाया, “शैलेश, मुझे आटा और बाकी सामान कहाँ रखा है, वो तो बता दो।” उसने आटा निकाला और मैंने उसे टेबल पर रखा। वो टेबल थोड़ा नीचा था, और जब मैं आटा लगाने लगी, तो मुझे नहीं पता था कि मेरे बूब्स की गहराई उसे दिख रही थी। वो मुझे घूर रहा था, और उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। मुझे बाद में पता चला कि उसने मन में ठान लिया था कि आज वो मुझे चोदे बिना नहीं जाने देगा।

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जब मेरी जुल्फें मेरे होंठों तक आईं, तो शायद उसे मैं और भी सेक्सी लगी। मैंने सुना था कि लड़कियाँ कपड़ों में ज़्यादा खूबसूरत लगती हैं, जब उनकी छाती और गांड अधूरी सी दिखती हैं। खैर, मैं किचन में रोटी बनाने लगी। वो टीवी देखने का बहाना करके बैठ गया, लेकिन मुझे पता था कि वो मुझे तिरछी नज़रों से देख रहा था।

मैं किचन में रोटी बना रही थी, और शैलेश टीवी देखने का बहाना कर रहा था। लेकिन मुझे पता था कि उसकी नजरें मुझ पर थीं। वो मुझे तिरछी नजरों से घूर रहा था, और शायद उसे अब खुद पर काबू नहीं हो रहा था। अचानक, उसने मेरे पीछे आकर मुझे पीछे से पकड़ लिया। उसका गर्म जिस्म मेरे बदन से टकराया, और मैं एकदम डर गई। मैंने उससे कहा, “शैलेश, ये क्या बदतमीजी है? दूर हटो, वरना कोई आ जाएगा और हमें देख लेगा।”

मेरे दिल में डर था कि कहीं कोई हमें देख न ले, लेकिन सच कहूँ तो मुझे उसका ऐसा करना बुरा नहीं लगा। जब मैंने ये कहा, तो शायद उसे समझ आ गया कि मुझे चुदाई से कोई परेशानी नहीं थी, बस पकड़े जाने का डर था। उसने तुरंत कहा, “कोई नहीं आएगा। सबको पता है कि तुम मेरे साथ अपने घरवालों की मर्जी से हो। कोई शक भी नहीं करेगा। तुम चिंता मत करो, मैं हूँ ना। तुम इतनी सेक्सी हो कि मुझसे अब कंट्रोल नहीं हो रहा। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।”

उसके मुँह से ये सुनकर मेरा दिल पिघल गया। मैंने भी हिम्मत करके कहा, “हाँ, मैं भी तुम्हें बहुत पसंद करती हूँ।” लेकिन फिर मुझे अपनी जिंदगी की हकीकत याद आई, और मैंने कहा, “लेकिन हमारी शादी होना बहुत मुश्किल है।” दोस्तों, हम लड़कियाँ अपनी जिंदगी में कुछ भी होने से पहले शादी की बात सोचने लगती हैं। उसने जवाब दिया, “वो तो जब टाइम आएगा, तब देखेंगे। तुम बस इतना बताओ कि तुम मुझसे प्यार करती हो या नहीं?”

मैंने कहा, “हाँ, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।” बस इतना सुनते ही उसने मुझे अपनी बाँहों में खींच लिया और 5 मिनट तक मुझे किस करने लगा। उसके हाथ मेरे पूरे जिस्म पर घूमने लगे। उसकी हर छुअन से मेरा बदन सिहर उठा, और मैं जोश में आ गई। फिर उसने मेरी टी-शर्ट उतारनी शुरू की। मैंने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी थी, और जब उसने मेरे बूब्स को देखा, तो उसकी आँखों में चमक आ गई। वो मुझे घूरने लगा, जैसे उसे कुछ और दिखाई ही न दे। Desi Virgin Girl Sex

फिर उसने मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे बूब्स को हल्के से सहलाया और धीरे से दबाया। मेरे बूब्स टाइट हो गए, और मेरे निप्पल तनकर खड़े हो गए। मुझे अंदर से गर्मी सी महसूस होने लगी, और मैं भी जोश में आने लगी। उसने मौका देखकर मेरी जीन्स उतार दी। मैंने सफेद रंग की पैंटी पहनी थी, और जब उसने मुझे उस हाल में देखा, तो उसका लंड तनकर खड़ा हो गया। उसने मेरी पैंटी को ज़ोर से खींचा, और वो फट गई। फिर उसने मेरी ब्रा भी उतार दी।

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दोस्तों, अब मैं उसके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। मेरा मनमोहक जिस्म उसके सामने था, और वो मुझे देखकर पागल सा हो रहा था। मैंने उससे कहा, “तुमने मुझे तो एकदम नंगा कर दिया, अब तुम अपना सामान भी तो दिखाओ।” ये सुनकर उसने हँसते हुए अपने कपड़े उतार दिए। जब मैंने उसका लंड देखा, तो मैं डर गई। मैंने कहा, “शैलेश, मैं इतने बड़े लंड से नहीं चुद सकती। ये तो एक बार में ही मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा।”

मेरे मुँह से ये शब्द सुनकर उसे बहुत मज़ा आया। उसने कहा, “अमृता, मैं बड़े आराम से करूँगा, ताकि तुम्हें ज़्यादा दर्द न हो।” फिर उसने मुझे अपने बेड पर लिटा दिया। मेरी चूत की दोनों गुलाबी पंखुड़ियों को उसने अपने हाथों से हटाया। मेरी कामुक, गुलाबी, उभरी हुई चूत को देखकर वो पागल हो गया। उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर रखी और हल्के से चाटा। दोस्तों, उसकी जीभ के पहले ही टच से मेरी चूत से सफेद पानी का फुहारा निकल गया। उसने उसे भी अपनी जीभ से चाट लिया। मैं सिसकियाँ लेने लगी और उसके सर को अपनी चूत पर दबाने लगी।

मैं एकदम पागल हो गई थी। मैंने सुना था कि लड़कियों को मर्दों से भी ज़्यादा सेक्स का जोश चढ़ता है, और उस दिन मुझे ये सच लगा। करीब 10 मिनट तक वो मेरी चूत चाटता रहा, और मैं उसकी जीभ पर ही झड़ गई। उसने मेरी चूत का रस पी लिया। फिर उसने मेरी चूत को चाटकर साफ किया और मुझे अपना लंड चूसने को कहा। पहले तो मैंने मना किया, लेकिन फिर मान गई। जब मैंने जोश में आकर उसका लंड चूसना शुरू किया, तो मुझे इतना मज़ा आया कि मैं रुकना ही नहीं चाहती थी। वो तो मेरे लंड पर टूट पड़ी थी, जैसे कोई रंडी हो। आखिरकार उसे मुझे हटाना पड़ा।

जब मैं शैलेश का लंड चूस रही थी, तो मुझे इतना जोश चढ़ा कि मैं रुकना ही नहीं चाहती थी। लेकिन उसने मुझे हटाया, वरना शायद मैं उसके लंड को चूसते-चूसते ही झड़ जाती। फिर उसने मुझे नीचे लिटा दिया। उसने मेरी चूत पर अपना लंड सेट किया और धीरे से एक धक्का मारा। उसका लंड थोड़ा सा अंदर गया, और मैं इतनी ज़ोर से चीखी कि उसने फट से मेरे मुँह पर हाथ रख दिया। मेरी चीखें वहीं दबकर रह गईं, लेकिन मेरी आँखों से मोटे-मोटे आँसू बहने लगे। मैं रोते हुए कहने लगी, “शैलेश, प्लीज इसे बाहर निकालो… अह्ह्ह… प्लीज निकालो… उह्ह्ह…”

लेकिन वो कहाँ मानने वाला था। उसने कहा, “थोड़ा सहन करो, अब ज़्यादा दर्द नहीं होगा।” मैं दर्द से तड़प रही थी, लेकिन उसकी बातों से थोड़ा ढांढस बंधा। फिर उसने सही मौका देखकर एक और ज़ोर का धक्का मारा। मैं फिर से ज़ोर से चीखी, लेकिन इस बार चीखने के बाद मैं एकदम शांत हो गई। वो भी मेरे ऊपर रुक गया और मेरे जिस्म को चूमने, सहलाने लगा। उसका लंड मेरी चूत में था, और धीरे-धीरे मुझे दर्द कम होने लगा। जब उसे लगा कि मैं थोड़ी ठीक हो गई हूँ, तो उसने अपना लंड धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया।

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लेकिन तभी मुझे कुछ गीला-गीला सा महसूस हुआ। उसने अपना लंड बाहर निकाला, और जब मैंने देखा तो हैरान रह गई—मेरी चूत से खून की बारिश हो रही थी। उसने उसे कपड़े से साफ किया और मुझसे कहा, “लो, आज तुम एक लड़की से औरत बन गई।” ये सुनकर मुझे अजीब सा लगा, लेकिन फिर मैंने कहा, “प्लीज अब और मत तड़पाओ, मेरी चूत में लंड डालो।”

उसने दोबारा मेरी चूत पर लंड सेट किया। इस बार उसे धक्का देने की ज़रूरत नहीं पड़ी—लंड खुद-ब-खुद मेरी चूत की गहराइयों में चला गया। वो धक्के मारकर मुझे चोदने लगा। मेरी चूत बहुत टाइट थी, और मुझे दर्द के साथ-साथ मज़ा भी आने लगा था। शायद उसे भी मेरी टाइट चूत में बहुत मज़ा आ रहा था। मैं भी उसका साथ देने लगी। कुछ देर बाद उसने कहा कि वो झड़ने वाला है। उसने अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी और मुझे जमकर चोदने लगा। मैं भी जोश में आ गई और कहने लगी, “हाँ, और ज़ोर से… और ज़ोर से चोदो मुझे… फाड़ दो मेरी चूत को… मुझे आज तुम्हारे लंड के पूरे मज़े दो।”

उसके धक्के और ज़ोरदार हो गए। मैं अपनी गांड उठाकर नीचे से भी धक्के देने लगी। फिर कुछ देर बाद वो झड़ गया, लेकिन वो रुका नहीं और मुझे चोदता रहा। मैं भी उसके लंड को पूरा महसूस करना चाहती थी। थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ गई। हम दोनों थक गए थे। उसने मुझे बाथरूम भेज दिया ताकि मैं साफ हो सकूँ।

दोस्तों, ये थी मेरे साथ शैलेश की पहली चुदाई की कहानी। उस दिन के बाद मैं एक लड़की से औरत बन गई। मुझे उस पल का हर लम्हा याद है—दर्द भी, मज़ा भी। अगर ये कहानी आपको पसंद आई, तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और व्हाट्सऐप पर शेयर करना मत भूलना।

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