मेरा नाम सनी है, उम्र 20 साल। मेरे बारे में तो आपने मेरी पिछली कहानी(शादीशुदा बहन की ठुकाई) में पढ़ ही लिया होगा—कैसे मैंने अपनी शादीशुदा बहन शिवानी को अपने पड़ोसी फैज की गोद में चुदते देखा। शिवानी, 24 साल की, गोरी, भरे हुए जिस्म वाली, जिसकी चुचियाँ अब ब्लाउज में मुश्किल से समाती थीं। पहले वो दुबली-पतली, सादी-सी लड़की थी, लेकिन फैज ने उसे चोद-चोदकर एकदम गदराई माल बना दिया था। फैज, 48 साल का, गठीला, पहलवान जैसा मर्द, जिसका काला, मोटा लंड शिवानी की चूत का दीवाना था। उसने मुझसे दोस्ती कर ली थी, और बदले में उसने मुझे शिवानी की चुदाई का तमाशा दिखाने का वादा किया था। उसने तो मुझे शिवानी के नंगे जिस्म को छूने का मौका भी दे दिया, यहाँ तक कि उसे चोदने का प्लान भी बनाया, पर मैंने बस देखने में ही मजा लिया। शायद मुझे उसकी चुदाई का नजारा देखना ज्यादा भा रहा था। खैर, शिवानी को फैज के लंड की ऐसी लत लग चुकी थी, जैसे कोई नशे का आदी हो। मैंने उसे फैज के सामने गिड़गिड़ाते देखा था, उसका लंड पाने के लिए वो कुछ भी करने को तैयार थी।
शिवानी की शादी को अब एक साल होने वाला था। इस एक साल में फैज ने मेरे परिवार की चार औरतों को पेल डाला था, और हैरानी की बात ये कि शिवानी ने उसकी मदद की थी। उन कहानियों का जिक्र मैं बाद में करूँगा। अभी बात करवाचौथ की है। एक दिन फैज का फोन आया। उसने कहा, “सनी, अगर कुछ तूफानी देखना है, तो इस करवाचौथ अपनी दीदी के घर चला आ।” मैं समझ गया कि फैज कुछ बड़ा प्लान कर रहा है। करवाचौथ शिवानी का पहला था, और जीजाजी विदेश में थे, यानी घर पर सिर्फ शिवानी और उसकी सास थीं। मैं करवाचौथ के दिन सुबह-सुबह शिवानी के घर पहुँच गया।
शिवानी ने उस दिन मस्टर्ड येलो रंग की साड़ी पहनी थी, जो उसके गोरे जिस्म पर बिजली-सी चमक रही थी। उसने पूरा सोलह सिंगार किया था—लंबा मंगलसूत्र, कमरबंद, नाक में नथ, माथे पर लाल बिंदी, और भारी-भारी गहने। उसकी चुचियाँ ब्लाउज में इतनी टाइट थीं कि लगता था, बटन अब टूटकर बाहर उछल जाएँगे। उसकी चिकनी कमर और गहरी नाभी साड़ी के पारदर्शी पल्लू से साफ दिख रही थी। पहले शिवानी का सीना सपाट-सा था, लेकिन अब उसकी चुचियाँ इतनी भारी और मलाईदार थीं कि कोई भी मर्द देखकर पागल हो जाए। उसे देखते ही मेरा लंड पैंट में तन गया। मैं सोच रहा था, अगर फैज ने उसे इस रूप में देखा, तो उसका क्या हाल होगा।
शिवानी ने मुझे देखा तो जल्दी से अपने पल्लू को ठीक किया, ताकि उसकी चुचियाँ ढक जाएँ। वो क्या जानती थी कि मैं उसका पूरा नंगा नाच देख चुका हूँ, उसकी उन चुचियों को अपने मुँह में भर चुका हूँ। शाम होते-होते शिवानी की सहेली ममता भी आ गई। ममता, 25 साल की, शादीशुदा, गोरी, और शिवानी जितनी ही हॉट। उसने लाल रंग की साड़ी पहनी थी, जिसमें उसका फिगर कातिलाना लग रहा था। ममता ने भी पूरा सोलह सिंगार किया था—नथ, बिंदी, मंगलसूत्र, और कमरबंद। उसकी चुचियाँ भी शिवानी से कम नहीं थीं, और उसकी कमर इतनी चिकनी थी कि साड़ी उस पर फिसल रही थी। ममता का पति भी बाहर था, इसलिए वो आज शिवानी के साथ रुकने आई थी।
ये सब देखकर मेरा मूड खराब हो गया। मैंने सोचा, ममता अगर यहाँ रहेगी, तो फैज का प्रोग्राम कैसे होगा? मैंने तुरंत फैज को फोन किया और कहा, “आज तेरा प्रोग्राम कैंसिल करना पड़ेगा। ममता यहाँ रुक रही है।” फैज ने हँसते हुए जवाब दिया, “अरे, टेंशन मत ले। ममता को मैंने ही बुलवाया है। आज तुझे दोनों रंडियों की संस्कारी सुहागरात का मजा दिखाऊँगा। बस रात का इंतजार कर।” ये सुनकर मेरी उत्सुकता दोगुनी हो गई। मैंने ममता को फैज के साथ चुदते हुए वीडियो में देखा था, लेकिन लाइव देखने का मजा कुछ और होता।
रात को चाँद का इंतजार शुरू हुआ। शिवानी और ममता, दोनों भूखी-प्यासी, पूरे दिन के व्रत के बाद चाँद देखने की बेताबी में थीं। चाँद देर से निकला, करीब 10 बजे। दोनों छत पर गईं, चाँद की पूजा की, और वीडियो कॉल पर अपने-अपने पतियों की पूजा करके व्रत तोड़ा। दोनों ने वही साड़ियाँ पहनी थीं—शिवानी की मस्टर्ड येलो और ममता की लाल। पूजा के बाद दोनों नीचे आईं, खाना खाया, और फिर बेडरूम में चली गईं। मैं ग्राउंड फ्लोर पर, सास के कमरे के पास सोने चला गया, और फैज के फोन का इंतजार करने लगा।
रात के 12 बज गए, लेकिन फैज का फोन नहीं आया। मुझसे रहा नहीं गया। तभी 12:15 पर उसका फोन आया। उसने कहा, “खिड़की आधी खुली छोड़ी है। चुपके से आ जा, और बिल्कुल आवाज मत करना।” मैं तुरंत तीसरी मंजिल पर शिवानी के बेडरूम की ओर भागा। कमरे की लाइट जल रही थी, और अंदर से बातों की आवाजें आ रही थीं। मैं चुपके से खिड़की के पास खड़ा हो गया और अंदर झाँकने लगा।
कमरे में ममता सोफे पर बैठी थी, और शिवानी बेड पर। फैज ने शिवानी का चेहरा अपने दोनों हाथों में पकड़ रखा था। “क्या कयामत लग रही हो, साली,” उसने कहा। “तुम दोनों का ये संस्कारी रूप देखकर मन करता है, तुम्हें कच्चा चबा जाऊँ।” शिवानी ने उसकी बात सुनकर हल्का-सा मुस्कुराया। फैज ने शिवानी के सीने से साड़ी का पल्लू सरकाया। उसकी मलाईदार चुचियाँ ब्लाउज में कैद थीं, जो बाहर निकलने को तड़प रही थीं। फैज ने ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चुचियों को हल्के-हल्के सहलाना शुरू किया। “उह्ह…” शिवानी की सिसकी निकली, और उसका चेहरा गुलाबी हो गया।
फैज ने अपना मोबाइल निकाला और शिवानी के साथ कुछ तस्वीरें खींची। फिर वो ममता के पास गया, उसे उठाकर शिवानी के बगल में बेड पर बिठाया। उसने ममता का पल्लू भी सरका दिया। ममता की चुचियाँ भी उतनी ही भारी थीं। “सालियाँ, तुम दोनों एकदम आग हो,” फैज ने कहा। “जल्दी बोलो, पहले कौन मुँह में लेगी? तुम्हारा ये रूप देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा।” शिवानी ने ना में सिर हिलाया। फैज ने गुस्से में उसके गाल पर एक हल्का-सा तमाचा मारा। “बहन की लोड़ी, फिर नखरे? चुपचाप कर जो बोल रहा हूँ।”
शिवानी ने डरते-डरते फैज का पायजामा खोला। जैसे ही नाड़ा ढीला हुआ, उसका मोटा, काला लंड लपककर बाहर आ गया। कसम से, उस उम्र में भी फैज का लंड गजब का था—लंबा, मोटा, और सुपाड़ा मशरूम जैसा बड़ा। शिवानी ने उसे अपने गोरे हाथों में लिया और सहलाने लगी। उसका काला लंड शिवानी के गोरे हाथों में चमक रहा था। दूसरी तरफ, फैज ने ममता को खड़ा किया और उसके होंठ चूसने लगा। “उम्म… फैज… धीरे…” ममता सिसक रही थी। फैज ने ममता की नथ निकालने की कोशिश की, तो उसने रोका। “नहीं, मेरी कुत्तिया, ये सब निकालेगी तो संस्कारी कैसे लगेगी?” उसने कहा, और ममता के बूब्स ब्लाउज के ऊपर से मसलने लगा।
नीचे शिवानी ने फैज के लंड को चूमना शुरू किया। “साली, बस हाथ से ही करेगी या मुँह में लेगी?” फैज ने डाँटा। शिवानी ने उसका लंड मुँह में ले लिया, लेकिन उसकी नथ उसे परेशान कर रही थी। “फैज, इसे निकाल दूँ?” उसने पूछा। “नहीं, साली, वही मजा है,” फैज ने कहा। शिवानी ने किसी तरह नथ को सँभाला और उसके लंड को चूसने लगी। “चप… चप… चप…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। फैज का लंड अब और सख्त हो गया था, उसका सुपाड़ा चमक रहा था।
फैज ने ममता को भी नीचे बुलाया। अब दोनों, शिवानी और ममता, उसके लंड को बारी-बारी चूस रही थीं। “आह्ह… साली रंडियाँ… चूसो… और जोर से…” फैज सिसक रहा था। उसने मोबाइल निकाला और उनका वीडियो बनाने लगा। दोनों अपने मंगलसूत्र और नथ के साथ, साड़ी का पल्लू गिरा हुआ, रंडियों की तरह उसका लंड चूस रही थीं। लाइट की चमक में उनका गोरा बदन और चमक रहा था।
फैज ने शिवानी को खड़ा किया और उसे बेतहाशा चूमने लगा। उसने शिवानी की साड़ी पूरी तरह उतार दी। अब वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी। उसकी गहरी नाभी और चिकनी कमर देखकर मेरा लंड पैंट में तड़पने लगा। फैज ने ममता की साड़ी भी उतार दी। दोनों अब ब्लाउज और पेटीकोट में थीं, उनके मंगलसूत्र उनकी चुचियों पर लटक रहे थे। “थप… थप…” फैज ने दोनों के बम पर हल्के-हल्के थप्पड़ मारे। “आह्ह… फैज… धीरे…” ममता ने सिसकी भरी।
तभी फैज ने फोन निकाला और किसी को कॉल किया। “कितना टाइम लगेगा, यार? जल्दी आ, इन रंडियों का बदन देखकर रहा नहीं जा रहा।” शायद उसका कोई दोस्त था। फैज ने अपना कुर्ता भी उतार दिया। उसका गठीला जिस्म चमक रहा था। ममता उसके लंड को जोर-जोर से चूस रही थी, और शिवानी उसके सीने को चूम रही थी। “उह्ह… फैज… तेरा लंड… कितना बड़ा है…” शिवानी ने सिसकते हुए कहा।
तभी दरवाजे पर खटखट हुई। फैज ने दोनों को हटाया और दरवाजा खोला। एक 40-45 साल का मर्द अंदर आया, जिसके हाथ में बीयर की चार-पाँच बोतलें थीं। उसने बोतलें टेबल पर रखीं और शिवानी-ममता को घूरते हुए बोला, “फैज भाई, रूम का टेंपरेचर तो तुमने गर्म कर रखा है। ये साली संस्कारी रंडियाँ… लगता है मंडप से उठाकर लाए हो।” दोनों ने जल्दी से अपने पल्लू ठीक किए, लेकिन उनकी चुचियाँ और कमर अब भी दिख रही थीं। फैज ने हँसते हुए कहा, “यही तो मजा है, भाई…”
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1 thought on “करवा चौथ पर अपनी दीदी की चुदाई देखी”