गर्लफ्रेंड की मम्मी और दूधवाला

हाय, मेरा नाम सम है, और मैं भरूच, गुजरात से हूँ। ये कहानी मेरी गर्लफ्रेंड प्रियंका की मम्मी की है, जिसे प्रियंका ने मुझसे शेयर किया था। प्रियंका ने अपनी जुबानी अपनी मम्मी मोनिका की एक सच्ची कहानी बताई, जो एक दूधवाले नौकर के साथ हुई। ये कहानी इतनी हॉट है कि दिल धड़कने लगता है, और मैं इसे आपसे हिंदी में शेयर करने जा रहा हूँ, ताकि आप भी इसका मजा ले सकें।

प्रियंका की मम्मी, मोनिका, की उम्र 46 साल है, लेकिन वो अभी भी एकदम जवान और हॉट लगती हैं। उनका फिगर 38-32-34 है, और हाइट 5 फीट। मोनिका जी ने अपने आपको इतना मेंटेन किया है कि कोई भी उन्हें देखे तो पागल हो जाए। वो एक कंपनी में डिजिटल मार्केटिंग की जॉब करती हैं, और हमेशा साड़ी पहनती हैं। साड़ी में उनका जिस्म एकदम मस्त लगता है—उनका लंबा मंगलसूत्र जो पेट तक जाता है, उनकी नाभि जो साड़ी के 2 इंच नीचे दिखाई देती है, और उनकी कमर और पेट जो किसी का भी दिल चुरा लेते हैं। उनके बूब्स और गांड इतने उभरे हुए हैं कि हर कोई उन्हें घूरता रह जाता है। मोनिका जी का ब्लाउज भी वैसा ही टाइट और सेक्सी होता है, जिससे उनकी बैक और क्लीवेज साफ दिखाई देते हैं। जब वो चलती हैं, तो उनका पल्लू थोड़ा सा हिलता है, और उनकी कमर की लचक किसी को भी दीवाना बना देती है। उनकी नाभि में मंगलसूत्र का लॉकेट अटकता है, जो उनकी साड़ी को और भी सेक्सी बना देता है।

मोनिका जी बंगाल से थीं, और मेरे डैड गुजरात से। उनकी शादी अरेंज मैरिज थी, जिसे हमारे एक दूर के रिश्तेदार ने करवाया था। मोनिका जी बहुत हॉर्नी टाइप की औरत हैं, वो सेक्स के लिए हमेशा तैयार रहने वाली औरत हैं। लेकिन वो एक पतिव्रता भारतीय नारी थीं, जब तक कि मेरे डैड मुंबई के बिजनेस में बिजी नहीं हो गए। डैड का इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का बिजनेस है, और वो ज्यादातर मुंबई में ही रहने लगे। इसके बाद मोनिका जी अकेली हो गईं। हमारा 2 BHK फ्लैट था, जिसमें अब मैं और मोनिका जी अकेले रहते थे। मैं तब ** साल की थी, और मोनिका जी 36 साल की थीं। पिछले एक साल से मोनिका जी डिल्डो से काम चला रही थीं। मैंने कई बार उन्हें अपनी चूत में डिल्डो डालते हुए देखा था।

हमारे यहाँ एक दूधवाला आता था, जो रोज शाम 4 बजे दूध देने आता था। उसका नाम रामलाल था, और उसकी उम्र करीब 45-50 साल होगी। वो दिखने में हट्टा-कट्टा था, और उसकी हाइट मोनिका जी जितनी ही थी। उसका चेहरा थोड़ा रूखा था, लेकिन उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी, जैसे वो हर बार कुछ नाप रहा हो। उसका शरीर मजबूत था, और उसकी मूँछें उसे और मर्दाना लुक देती थीं। वो हमेशा एक ढीली-ढाली पैंट और कुर्ता पहनता था, जिससे उसका मर्दाना जिस्म और भी उभर कर सामने आता था।

एक शाम की बात है, मोनिका जी बहुत हॉर्नी फील कर रही थीं। वैसे तो वो हमेशा हॉर्नी ही रहती थीं, लेकिन उस शाम उनकी हालत कुछ ज्यादा ही खराब थी। उनका चेहरा लाल हो रहा था, और उनकी साँसें तेज चल रही थीं। मैं अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थी, और मोनिका जी हॉल में थीं। मैं उनके पास जाने वाली थी कि तभी मुझे उनकी सिसकारियों की आवाज सुनाई दी। मैं वहीँ रुक गई और चुपके से देखने लगी। मोनिका जी ने अपनी साड़ी कमर तक उठा रखी थी, और उनके पैर फैले हुए थे। वो अपनी चूत में प्लास्टिक का डिल्डो डाल रही थीं, और उनकी आँखें बंद थीं। उनकी सिसकारियाँ “आह्ह्ह… उम्ह्ह…” की आवाज में हॉल में गूँज रही थीं। उनका एक हाथ उनके बूब्स पर था, और वो उन्हें जोर-जोर से दबा रही थीं। उनकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा हुआ था, और उनका मंगलसूत्र उनके नंगे पेट पर लटक रहा था।

तभी दूधवाले ने आवाज दी। वो हमेशा डोरबेल नहीं बजाता था, बल्कि “मेडम जी, दूध!” चिल्लाता था। लेकिन उस दिन मोनिका जी दरवाजा लॉक करना भूल गई थीं। शायद उन्होंने दूधवाले की आवाज नहीं सुनी, क्योंकि वो अपनी चूत में डिल्डो डालने में इतनी मस्त थीं कि सब कुछ भूल चुकी थीं। रामलाल ने 3-4 बार आवाज दी, और जब कोई जवाब नहीं मिला, तो उसने खुद ही दरवाजा खोल लिया और अंदर आ गया। जैसे ही उसने हॉल में कदम रखा, उसकी नजर मोनिका जी पर पड़ी। उसकी आँखें फट गईं, और वो वहीँ खड़ा होकर सब देखने लगा। मोनिका जी की आँखें बंद थीं, और वो उसे देख नहीं पाई थीं।

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रामलाल करीब दो मिनट तक चुपचाप खड़ा रहा, और उसकी आँखें मोनिका जी के नंगे जिस्म पर टिकी थीं। उसने धीरे से अपनी पैंट के ऊपर से अपने लंड पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। उसका लंड पैंट में साफ तन गया था, और उसकी साँമोबाइल में गीला हो गया। फिर उसने बाहर जाकर जोर से दरवाजा खटखटाया। मोनिका जी की आँखें खुल गईं, और वो जल्दी से उठीं। उन्होंने अपनी साड़ी ठीक की, किचन से बर्तन लिया, और दरवाजा खोलकर दूध लेने चली गईं। मैं चुपके से हॉल में आकर सोफे पर बैठ गई और सब देखने लगी।

जैसे ही मोनिका जी ने दूध लेने के लिए बर्तन नीचे किया, रामलाल ने गलती से बर्तन की जगह उनके हाथ पर दूध डाल दिया, और सारा दूध फर्श पर गिर गया। वो मोनिका जी को “सॉरी मेडम जी” कहने लगा, उसे लगा कि मोनिका जी डाँटेंगी। लेकिन मोनिका जी ने कहा, “इट्स ओके।” फिर वो अंदर गईं, एक वेस्ट कपड़ा लिया, और बाहर फर्श साफ करने चली गईं। रामलाल अभी भी वहीँ खड़ा था। उसने कहा, “मेडम जी, मैं फर्श साफ करने में मदद कर दूँ?” मोनिका जी ने उसे कपड़ा दे दिया, और वो साफ करने लगा। साफ करते वक्त मोनिका जी ने देखा कि उसका लंड पूरा तना हुआ था। उसकी पैंट में साफ उभर रहा था, और मोनिका जी की नजर बार-बार उसी पर जा रही थी। लेकिन मोनिका जी ने खुद को कंट्रोल किया, क्योंकि वो एक पतिव्रता नारी थीं। रामलाल साफ करते वक्त उन्हें घूर रहा था, और उसकी नजर उनके बूब्स और कमर पर टिकी थी।

फर्श साफ करने के बाद रामलाल ने कपड़ा मोनिका जी को वापस दिया। जब मोनिका जी कपड़ा लेने के लिए झुकीं, तो उनका पल्लू गिर गया। रामलाल उनके बूब्स की गहरी क्लीवेज देखकर पागल हो रहा था। मोनिका जी ने देखा कि वो उन्हें घूर रहा है, तो उन्होंने जल्दी से पल्लू ठीक किया और कपड़ा लेकर अंदर चली आईं। जब वो दरवाजा बंद करने गईं, तो रामलाल अभी भी वहीँ खड़ा था, और उसका तना हुआ लंड साफ दिख रहा था। उसने मोनिका जी को देखते हुए अपने लंड पर हाथ रखा और कहा, “मेडम जी, हमें भी आपकी सेवा करने का मौका दीजिए।” फिर उसने आगे कहा, “आप प्यासी हैं, साहब भी यहाँ नहीं रहते, और मेरी बीवी भी गाँव में है। मेडम जी, मैं आपको निराश नहीं करूँगा, आपकी प्यास बुझा दूँगा, और किसी को पता भी नहीं चलेगा।”

मोनिका जी ने उसकी बात सुनकर उसे डाँटकर भगा दिया। लेकिन उसकी इस हरकत से वो परेशान हो गई थीं। पूरी रात वो उसके बारे में सोचती रहीं। उनकी प्यासी चूत उन्हें बार-बार उस तने हुए लंड की याद दिला रही थी। अगले दिन जब रामलाल फिर आया, तो वो बस उन्हें घूरता रहा और अपने लंड पर हाथ फेरता रहा। मोनिका जी भी अब हर रोज उसके बारे में सोचने लगी थीं। उनकी चूत में हर वक्त एक अजीब सी गुदगुदी होने लगी थी, और वो रात को डिल्डो का इस्तेमाल और जोर-शोर से करने लगी थीं।

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ऐसा 5-6 दिन तक चला। फिर एक रविवार को मैं अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थी। रामलाल आया, लेकिन उसने आज आवाज नहीं दी। वो सीधा दरवाजा खोलकर घर में घुस आया। उसने मोनिका जी के कमरे का दरवाजा खोला और अंदर देखने लगा। मोनिका जी ने अपनी लेंगिंग निकालकर बगल में रखी थी, और वो बिस्तर पर पैर फैलाकर बैठी थीं। वो प्लास्टिक का डिल्डो अपनी चूत में डाल रही थीं, उनकी आँखें बंद थीं, और वो “आह्ह्ह… उम्ह्ह… हाय… चोदो मुझे…” की सिसकारियाँ ले रही थीं। उनका एक हाथ उनके बूब्स को जोर-जोर से दबा रहा था, और उनका मंगलसूत्र उनके नंगे पेट पर लटक रहा था।

ये सब देखकर रामलाल ने अपना मोबाइल निकाला और चुपके से वीडियो बनाने लगा। फिर वो सीधा मोनिका जी के पास चला गया। मैं भी चुपके से उनके कमरे के दरवाजे पर आ गई और देखने लगी। मोनिका जी की आँखें अभी भी बंद थीं। वो मजे से डिल्डो अपनी चूत में डालकर “आह्ह्ह… उम्ह्ह… और जोर से…” कर रही थीं। रामलाल ने उनके मुँह के पास जाकर अपना लंड बाहर निकाला। उसका लंड काला, मोटा और लंबा था, करीब 8 इंच का। उसने अपने लंड की स्किन ऊपर की, तो लाल टोपा चमक रहा था। उसने उसे मोनिका जी के होंठों पर लगा दिया।

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अचानक मोनिका जी ने आँखें खोलीं और तकिए से अपनी चूत छुपाने लगीं। वो गुस्से में बोलीं, “ये क्या कर रहे हो? तुम अंदर कैसे आए?” रामलाल ने पलटकर कहा, “मेडम जी, आप क्या कर रही थीं?” उसने अपना मोबाइल निकाला और वीडियो दिखाने लगा। बोला, “क्यों खुद को तड़पा रही हैं?” मोनिका जी ने गुस्से में कहा, “ये डिलीट करो!” लेकिन वो बोला, “नहीं मेडम जी, अब तो मैं ये सबको दिखाऊँगा।” ये सुनकर मोनिका जी रोने लगीं, “मैं बर्बाद हो जाऊँगी, प्लीज इसे डिलीट कर दो।”

लेकिन रामलाल नहीं माना। उसने कहा, “मेडम जी, मेरा लंड मुँह में लो।” मोनिका जी ने साफ मना कर दिया। उसने वीडियो फिर से चलाया और बोला, “ये अब दुनिया देखेगी।” मोनिका जी घबरा गईं और गिड़गिड़ाने लगीं। रामलाल बोला, “मेडम जी, ये सब हमारे बीच ही रहेगा। अब मान भी जाओ, आप भी तो प्यासी हैं।” मोनिका जी कुछ देर चुप रहीं, फिर रामलाल ने फिर से अपना लंड उनके होंठों पर रख दिया। इस बार मोनिका जी ने अपना मुँह खोल दिया और उसके लंड का टोपा मुँह में ले लिया। रामलाल ने उनके सिर को पकड़ लिया और जोर-जोर से अपने लंड को उनके मुँह में दबाने लगा।

मोनिका जी के मुँह से थूक टपक रहा था। रामलाल 15 मिनट तक उनके मुँह में लंड डालता रहा और जोर-जोर से हाँफने लगा। फिर उसने उनके मुँह में ही अपना वीर्य डाल दिया। जैसे ही उसने लंड बाहर निकाला, मोनिका जी भागकर बाथरूम चली गईं। 5 मिनट बाद वो वापस आईं, तो रामलाल बोला, “मेडम जी, आज रात को आऊँगा और आपकी प्यास बुझाऊँगा।” ये कहकर वो बाहर जाने लगा। मैं भी अपने कमरे में चली गई।

रात को रामलाल आने वाला था। मैंने भी पूरी तैयारी कर ली थी। मैं 11 बजे सोने का नाटक करने लगी। तभी मोनिका जी के मोबाइल पर मैसेज आया। वो जल्दी से उठकर बाहर चली गईं। मैंने 10 मिनट बाद उनके कमरे का दरवाजा थोड़ा खोला और देखने लगी। मोनिका जी घुटनों के बल नीचे बैठी थीं, और रामलाल सोफे पर बैठा था। मोनिका जी उसका लंड पकड़कर हिला रही थीं। फिर रामलाल ने उन्हें उठाया और उनकी नाइटी उतार दी। मोनिका जी ने नीचे कुछ नहीं पहना था। वो उसके सामने पूरी नंगी थीं। रामलाल उनके बूब्स पर टूट पड़ा। वो दोनों हाथों से उनके बूब्स दबा रहा था और चूस रहा था। उनकी पूरी छाती, गालों और होंठों को अपनी जीभ से चाट रहा था। ये चुम्मा-चाटी करीब 15 मिनट तक चली।

रामलाल ने उनके निप्पल्स को इतनी जोर से चूसा कि मोनिका जी की सिसकारियाँ और तेज हो गईं। वो “आह्ह्ह… रामलाल… और जोर से…” कह रही थीं। उनकी चूत गीली हो चुकी थी, और वो अपनी कमर हिला-हिलाकर रामलाल को और उकसा रही थीं। फिर रामलाल ने उन्हें सोफे पर बिठाया और उनके होंठों पर अपना लंड रख दिया। मोनिका जी ने मुँह खोलकर लंड अंदर ले लिया और मस्ती से चूसने लगीं। रामलाल “आह्ह्ह… मेडम जी… कितना मजा आ रहा है…” कहकर सिसकारियाँ ले रहा था।

5 मिनट तक लंड चूसने के बाद रामलाल ने अपना लंड निकाला और एक कंडोम निकालकर लंड पर चढ़ाया। फिर उसने मोनिका जी को सोफे पर लिटाया। उनका एक पैर सोफे पर था, और दूसरा जमीन पर। रामलाल ने उनकी चूत में अपनी जीभ डाली और चाटने लगा। मोनिका जी पागल हो रही थीं, वो “आह्ह्ह… उम्ह्ह… रामलाल… और चाटो…” कह रही थीं। उनकी चूत पूरी गीली थी, और उनकी सिसकारियाँ पूरे हॉल में गूँज रही थीं। रामलाल ने उनकी चूत पर थूक दिया और अपने लंड को उनकी चूत पर सेट किया। उसने एक जोरदार धक्का मारा, तो आधा लंड अंदर चला गया। मोनिका जी की चीख निकल गई, “आह्ह्ह… मर गई!”

रामलाल धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। वो उनके बूब्स को चूस रहा था और धक्कों की स्पीड बढ़ा रहा था। मोनिका जी भी हर धक्के का जवाब “आह्ह्ह… उम्ह्ह…” से दे रही थीं। फिर रामलाल ने एक जोरदार धक्का मारा, और उसका पूरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया। मोनिका जी चिल्लाईं, “आह्ह्ह… मर गई… धीरे करो!” लेकिन रामलाल नहीं रुका। वो धीरे-धीरे धक्के मारता रहा, और मोनिका जी भी थोड़ी देर में नॉर्मल हो गईं। वो अब मजे से “आह्ह्ह… और जोर से…” कह रही थीं।

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10 मिनट की चुदाई के बाद रामलाल ने अपना लंड निकाला और मोनिका जी को घोड़ी बनाया। उसने पीछे से उनकी चूत में लंड डाल दिया और मजे से चोदने लगा। मोनिका जी की चूत अब ढीली हो चुकी थी, और लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। वो “आह्ह्ह… रामलाल… चोदो मुझे… और जोर से…” कह रही थीं। रामलाल उनकी कमर पकड़कर लगातार धक्के पेल रहा था। मोनिका जी भी अपनी गांड हिलाकर मजे से चूत मरवा रही थीं। उनकी सिसकारियाँ और रामलाल की हाँफने की आवाजें पूरे कमरे में गूँज रही थीं।

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15 मिनट की चुदाई के बाद रामलाल झड़ने वाला था। उसने मोनिका जी की कमर को और टाइट पकड़ लिया और धड़ा-धड़ धक्के मारने लगा। मोनिका जी भी जोर-जोर से “आह्ह्ह… उम्ह्ह… हाय… चोदो… और जोर से…” कर रही थीं। रामलाल भी “आह्ह्ह… मेडम जी…” कहकर हाँफ रहा था। फिर उसने एक जोरदार धक्का मारा, और मोनिका जी का पूरा जिस्म आगे की ओर लुढ़क गया। वो सोफे पर गिर गईं, और रामलाल ने कंडोम में ही झड़ गया। उसने अपना लंड उनकी चूत से बाहर नहीं निकाला और वैसे ही उनके ऊपर लेट गया। मोनिका जी भी आधे घंटे तक वैसे ही पड़ी रहीं, उनकी साँसें तेज थीं, और उनका जिस्म पसीने से तर था।

फिर रामलाल उठा। उसका लंड मुरझा गया था। उसने कंडोम निकाला और नीचे फेंक दिया। कंडोम में ढेर सारा वीर्य जमा था। उसने मोनिका जी की कमर पकड़कर उन्हें सीधा किया और उनकी टाँगें फैलाकर उनकी चूत को फिर से चाटने लगा। मोनिका जी “हम्म्म… आह्ह्ह…” कर रही थीं। 10 मिनट तक चूत चाटने के बाद रामलाल ने उनकी चूत पर थूक दिया और अपने लंड को उनकी चूत पर पटकने लगा। उसका लंड अभी पूरी तरह खड़ा नहीं हुआ था, लेकिन वो उसे उनकी चूत पर थपथपाकर खड़ा करने की कोशिश कर रहा था।

थोड़ा सा लंड खड़ा हुआ, तो उसने लंड पर थूक लगाया और बिना कंडोम के उनकी चूत में डाल दिया। इस बार लंड एक ही धक्के में अंदर चला गया। मोनिका जी ने “आह्ह्ह…” किया, और रामलाल ने “हम्म्म…” की आवाज निकाली। वो उनके ऊपर लेटकर अपनी कमर हिलाकर धक्के मार रहा था। मोनिका जी भी “आह्ह्ह… हम्म्म…” कर रही थीं। 15 मिनट की चुदाई के बाद रामलाल ने हाँफते हुए अपना लंड बाहर निकाला और मोनिका जी के पेट पर सारा वीर्य निकाल दिया। थोड़ा वीर्य उनकी नाभि में भी चला गया।

फिर वो 15 मिनट तक उनके ऊपर लेटा रहा। उसके बाद वो उठा, उसका वीर्य उनके पेट पर लगा था। उसने अपनी शर्ट से उसे साफ किया और कपड़े पहन लिए। फिर उसने अपना मोबाइल निकाला और मोनिका जी की फोटो खींचने लगा। उसने वो कंडोम जो नीचे गिरा था, उसे उठाकर उनके पेट पर रखा और फोटो खींची। मोनिका जी को कुछ पता नहीं था, वो तो निढाल पड़ी थीं। फिर रामलाल चला गया।

मैं बाहर आई और दरवाजा लॉक किया। घड़ी में देखा तो रात के 2 बज रहे थे। मैं अपने कमरे में गई और सो गई। इसके बाद मोनिका जी पूरी चुदक्कड़ हो गईं। मैंने कई बार उन्हें चुदवाते हुए देखा। उनकी और कहानियाँ मैं आपको आगे बताऊँगी।

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