गर्म लकड़ी की प्यार बुझाई

Instagram sex chat मेरा नाम निशांत यादव है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 25 साल है और मैं एक बड़ी कंपनी में सेल्स डिपार्टमेंट का हेड हूँ। रोज़ जिम जाता हूँ, बॉडी अच्छी-खासी बनाई है, चौड़े कंधे, सिक्स-पैक ऐब्स और चेहरा भी ठीक-ठाक है, जिसकी वजह से लड़कियाँ अक्सर मुझ पर फिदा हो जाती हैं। मेरी गर्लफ्रेंड शालिनी के साथ पिछले दो साल से रिलेशनशिप है और हमने कई बार चुदाई की है। मेरी लाइफ बिल्कुल स्मूथ चल रही थी, जॉब अच्छी थी, रातें रंगीन थीं, और सब कुछ परफेक्ट था। लेकिन फिर एक दिन इंस्टाग्राम पर एक मैसेज ने मेरी ज़िंदगी में तूफान ला दिया।

लड़की का नाम था नीति। उसने मुझे मैसेज किया कि उसे मेरी रील्स पसंद आईं और वो मुझसे बात करना चाहती है। उसने बताया कि वो 22 साल की है, जयपुर में रहती है और उसका एक बॉयफ्रेंड भी है। फिर भी, उसने मेरे साथ फ्लर्ट करना शुरू कर दिया। पहले तो मैंने उसे मना किया, कहा कि मेरी गर्लफ्रेंड है, लेकिन नीति की बातों में कुछ ऐसा जादू था कि मैं बहकने लगा। धीरे-धीरे हमारी बातें सेक्स की तरफ मुड़ने लगीं। एक रात उसने अपने न्यूड्स भेजे। यार, क्या बताऊँ, वो तस्वीरें देखकर मेरा दिमाग हिल गया। उसके बूब्स 36D के थे, बिल्कुल गोल, भारी और टाइट। उसकी गांड इतनी बड़ी और रसीली थी कि बस देखते ही लंड खड़ा हो गया। उसने अपनी चूत की फोटो भी भेजी, गुलाबी, पूरी तरह शेव्ड और इतनी टाइट कि बस मन किया कि अभी स्क्रीन में घुस जाऊँ।

मैंने भी हिम्मत करके अपने लंड की फोटो भेज दी। मेरा लंड 7 इंच का है, मोटा और सख्त। नीति को वो देखकर इतना मज़ा आया कि उसने तुरंत कॉल किया और बोली, “निशांत, ये तो बहुत मस्त है! मैं इसे अपने अंदर लेना चाहती हूँ।” उसकी आवाज़ में वो हवस थी, जो मेरे बदन में आग लगा गई। उसने बताया कि वो अपने दोस्तों के साथ दिल्ली घूमने आ रही है और मुझसे मिलना चाहती है। मैंने हाँ कर दी। हमने कई रातें फोन पर सेक्स की बातें कीं, एक-दूसरे को तड़पाया, और आखिरकार वो दिन आ गया जब नीति दिल्ली आई।

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मैं उसे लेने रेलवे स्टेशन गया। नीति को देखते ही मेरा दिल धक-धक करने लगा। वो गुलाबी टॉप और टाइट जीन्स में थी, जिससे उसका फिगर पूरी तरह उभर रहा था। उसके साथ उसकी दो दोस्तें थीं—पूजा और मुस्कान। पूजा सांवली थी, लेकिन उसका फिगर कमाल का था, और मुस्कान गोरी, थोड़ी भारी भरकम, लेकिन उसकी आँखों में कुछ शरारत थी। मैंने उनसे हल्की-फुल्की बात की, फिर नीति को अपनी कार में बिठाया और हम एक 4-स्टार होटल की ओर चल पड़े, जिसे मैंने पहले ही बुक कर लिया था। पूजा और मुस्कान अपने होटल चली गईं। रास्ते में मैंने नीति को शॉपिंग करवाई। चार टॉप, दो जीन्स और कुछ लॉन्जरी खरीदी। वो इतनी खुश थी कि उसने कार में ही मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली, “निशांत, आज रात तू मेरी आग बुझा देना।”

होटल पहुँचते ही हमने चेक-इन किया। कमरे में घुसते ही नीति मुझसे लिपट गई। मैंने उसे बाहों में भरा और उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया। उसके होंठ रसीले थे, जैसे कोई गुलाब की पंखुड़ियाँ। मैंने उसे दीवार से सटा दिया, उसके हाथ ऊपर उठाए और उसकी जीन्स के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा। वो सिसकियाँ लेने लगी, “आह… निशांत… और कर…” उसकी आवाज़ में वो मादकता थी कि मेरा लंड जीन्स में ही तन गया। मैंने उसका टॉप उतारा। वो रेड ब्रा में थी, जिसके नीचे उसके बूब्स ऐसे उभर रहे थे जैसे ज्वालामुखी फटने को तैयार हो। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाया, फिर चूमा। उसकी साँसें तेज़ हो रही थीं, “उफ्फ… निशांत… चूस ले इन्हें…”

मैंने उसकी ब्रा उतारी। उसके बूब्स बिल्कुल गोल, भारी और निप्पल्स गुलाबी। मैंने एक बूब को मुँह में लिया और दूसरे को हल्के-हल्के दबाने लगा। उसकी सिसकियाँ तेज़ हो गईं, “आह… ओह… निशांत… और जोर से…” मैंने दोनों बूब्स को बारी-बारी चूसा, उनके बीच अपनी जीभ फिराई। नीति का बदन कांप रहा था। फिर मैंने उसकी जीन्स उतारी। वो अब सिर्फ रेड पैंटी में थी। उसकी चूत पैंटी के ऊपर से ही गीली दिख रही थी। मैंने उसकी एक टांग अपने कंधे पर रखी और पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसका नमकीन स्वाद मेरे मुँह में घुल गया। “उफ्फ… निशांत… ये क्या कर रहा है… आह…” वो तड़प रही थी।

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मैंने उसकी पैंटी उतार दी। उसकी चूत गुलाबी, टाइट और पूरी तरह गीली थी। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाली और चाटना शुरू किया। वो मछली की तरह छटपटाने लगी, “आह… ओह… निशांत… बस कर… मैं मर जाऊँगी…” मैंने उसकी चूत को 15 मिनट तक चाटा, उसका पानी बार-बार निकल रहा था और मैं उसे पी रहा था। फिर मैंने उसे घुमाया, उसकी एक टांग खोली और उसकी गांड के छेद को चाटना शुरू किया। उसकी गांड गोल और टाइट थी, मैंने अपनी जीभ अंदर तक डाली। वो चिल्लाई, “उफ्फ… ये क्या… आह… बहुत मज़ा आ रहा है…”

फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया। उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा 7 इंच का लंड आसानी से अंदर चला गया। “आह… निशांत… तेरा लंड… कितना मोटा है…” वो चिल्ला रही थी। मैंने उसके बाल पकड़े और जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए। “चुद… नीति… तेरी चूत कितनी टाइट है… ले मेरा लंड…” मैं गंदी बातें करते हुए उसे चोद रहा था। “फक… फक… आह… निशांत… और जोर से…” उसकी सिसकियाँ कमरे में गूंज रही थीं। तीन राउंड चुदाई के बाद हम दोनों थक गए और बिस्तर पर लेट गए।

कुछ देर बाद मैं बालकनी में कुर्सी पर बैठकर सिगरेट पी रहा था और फोन चला रहा था। तभी नीति आई, उसने मेरा अंडरवियर उतारा और मेरे लंड को मुँह में ले लिया। वो उसे चूसने लगी, जैसे कोई लॉलीपॉप हो। “उम्म… निशांत… तेरा लंड… कितना टेस्टी है…” उसने मेरे दोनों आंड को मुँह में लिया और चूसने लगी। मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं बस सिसकियाँ ले रहा था, “आह… नीति… और चूस…” फिर उसने कहा, “निशांत, अपने पैर उठा और मेरे कंधों पर रख।” मैंने वैसा ही किया। उसने मेरे आंड छोड़े और मेरी गांड के छेद को चाटना शुरू किया। ये मेरा पहला अनुभव था, और यार, क्या मज़ा आ रहा था। वो कुत्ते की तरह मेरी गांड चाट रही थी, और मैं सातवें आसमान पर था।

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लगभग आधे घंटे तक उसने ऐसा किया, फिर बोली, “प्लीज, मेरी गांड भी चाटो।” मैंने उसे बालकनी में ही झुकाया, उसके पैर खोले और उसकी गांड को चाटना शुरू किया। मैंने अपनी जीभ उसकी गांड में डाल दी, और वो सिसक रही थी, “आह… निशांत… ये बहुत मज़ा दे रहा है…” फिर मैंने उसे वहीँ चोदना शुरू किया। आधे घंटे तक मैंने उसकी चूत और गांड को चोदा। फिर वो नीचे बैठ गई और मेरे लंड को अपने बूब्स के बीच में लिया। वो अपने बूब्स से मेरे लंड को मसाज करने लगी। जब मैंने कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है, उसने मेरा लंड मुँह में लिया और सारा पानी पी गई।

पूरा दिन हमने पांच बार चुदाई की। नीति इतनी थक गई थी कि वो चल भी नहीं पा रही थी। अगले दिन मैंने उसे अच्छा खाना खिलाया, दिल्ली घुमाया, और फिर वो जयपुर चली गई। लेकिन कुछ हफ्तों बाद वो फिर दिल्ली आई, इस बार अपनी दोस्त मुस्कान को भी लाई। वो क्या हुआ, वो अगली कहानी में बताऊँगा।

तब तक मुझे मेल करो कि ये कहानी कैसी लगी?

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