हैलो दोस्तों, मेरा नाम कृष्णा है, मैं हल्द्वानी का रहने वाला हूँ, उम्र 27 साल, लंबा-चौड़ा बदन, अच्छी प्राइवेट जॉब। मैं लंबे समय से सेक्स कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और आज अपनी पहली सच्ची घटना आपसे शेयर कर रहा हूँ।
ये बात आज से करीब तीन महीने पहले की है। मैं अपने सबसे पक्के दोस्त की दुकान पर बैठा उससे गप्पे मार रहा था, तभी एक 25 साल की गजब की माल आई, नाम था आरती भाभी। फिगर करीब 34-28-36, पतली कमर, भरे हुए बूब्स, गजब की सेक्सी थी। वो कपड़े देखने आई थी, दोस्त उसे पुरानी कस्टमर होने की वजह से खूब छेड़ रहा था, वो भी हँस-हँसकर जवाब दे रही थी।
मैं मोबाइल पर मैसेज पढ़कर हँस रहा था, तभी उसने मुस्कुराते हुए पूछा, “क्या बात है, हमारी बातें सुनकर हँस रहे हो?” मैंने उसकी तरफ देखा, उसकी नजरें सीधी मेरी आँखों में थीं, होंठों पर शरारत भरी स्माइल। मैं उसके उभरे हुए बूब्स को घूरता रह गया। फिर अपना फोन दिखाकर बोला, “नहीं भाभी, ये मैसेज दो मतलब का था।” वो हँसी और मेरी तरफ ऐसे देखने लगी कि मेरा लंड तुरंत खड़ा गया।
उसने पूछा, “तुम क्या करते हो?” मैंने सब बता दिया। फिर बोली, “मुझे भी अपनी कंपनी में नौकरी लगवा दो ना।” मैंने अपना नंबर दे दिया। वो चली गई। दोस्त ने बताया, “ये बहुत चालू माल है, हर किसी को अपने जाल में फँसाती है।” मैंने हँसकर कहा, “हमें क्या, बस एक बार चूत मिल जाए, फिर अपने-अपने रास्ते।”
ठीक दो दिन बाद उसका फोन आया, “नौकरी का क्या हुआ?” मैंने कहा, “वक्त आने पर लगा दूँगा, लेकिन बदले में?” वो हँसकर बोली, “जो माँगोगे वो दूँगी।” मैंने कहा, “पक्का सोच लो?” वो बोली, “सब सोच लिया है।” मैं समझ गया कि ग्रीन सिग्नल मिल गया। मैंने कहा, “तुम बहुत सेक्सी हो भाभी।” वो शरमाते हुए बोली, “पटाने की कोशिश कर रहे हो?” मैंने कहा, “हाँ।” वो हँस पड़ी, “मैं तो पहले से ही पट चुकी हूँ।” फिर मैंने मस्ती में कहा, “अगर मैं तुम्हें माँग लूँ तो?” वो बोली, “चल हट झूठे” और फोन काट दिया।
पाँच मिनट बाद फिर फोन आया, “बैटरी खत्म हो गई थी।” अब हम खुलकर बात करने लगे। उसने अगले दिन दोपहर में अपने घर बुलाया। अगले दिन मैं बाइक लेकर दो बजे उसके घर पहुँचा। उसने जल्दी से दरवाजा बंद किया, मुझे सोफे पर बिठाया। पूछा, “पति कहाँ हैं?” वो मुस्कुराई, “ड्यूटी पर गए हैं, पूरा घर खाली है।” फिर शरारत से बोली, “बताओ क्या पियोगे?” मैंने कहा, “जो तुम पिलाओ।” वो बोली, “जहर?” मैंने उसका हाथ पकड़कर खींचा, वो मेरी गोद में आ गिरी, मैंने तुरंत उसके रसीले होंठ अपने होंठों से दबा लिए।
वो बिल्कुल नहीं मनी, बल्कि मेरा पूरा साथ देने लगी। मैं उसके होंठ चूसने लगा, जीभ अंदर डालकर चूमने लगा, उसकी साँसें तेज हो गईं। मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे, जोर-जोर से मसल रहा था। वो आह्ह्ह्ह इह्ह्ह्ह करने लगी। मैं उसके गले पर किस करने लगा, फिर ब्लाउज के ऊपर से ही बूब्स चूसने लगा। वो बेकाबू हो गई, उसने खुद ब्लाउज और ब्रा उतार दी, मेरी शर्ट भी फाड़ते हुए निकाल दी।
उसके गुलाबी निप्पल्स तने हुए थे, मैं एक बूब को मुँह में लेकर चूसने लगा, दूसरे को उँगलियों से मसलने लगा। वो आह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह ऊऊऊईईईई करने लगी, कमर उचकाने लगी। मेरा एक हाथ उसकी सलवार के अंदर चला गया, पेंटी के ऊपर से ही चूत सहलाने लगा। वो गीली हो चुकी थी। मैंने पेंटी साइड की, उँगली चूत के अंदर डाली तो वो चीख पड़ी, “आआअह्ह्ह कृष्णाााा मार गईीी उईईई माँँँ” और मेरे सिर को अपने बूब्स पर जोर से दबा दिया।
मैंने उसकी सलवार-पेंटी दोनों उतार दी, अब वो पूरी नंगी थी। मैंने उसकी चूत चाटनी शुरू की, जीभ अंदर तक डालकर चूसने लगा। वो पागलों की तरह चिल्ला रही थी, “हाययय आह्ह्ह्ह चाटोोो मेरी चूत कोोो ऊईईईई मर जाऊँगीीी”। उसका रस मेरे मुँह में भर गया। फिर उसने मेरी पैंट खोली, मेरा 7 इंच का मोटा लंड देखकर बोली, “वाह कितना बड़ा है” और मुँह में ले लिया। ग्ग्ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग्ग गीगीगी गोंगोंगों चूसने लगी, गला तक ले जा रही थी, मेरी आँखें बंद हो गईं।
फिर मैंने उसे लिटाया, टाँगें चौड़ी कीं, लंड को चूत पर रगड़ा, एक जोर का झटका मारा। आधा गया, दूसरा उसने मुझे कसकर जकड़ लिया, आह्ह्ह्ह्ह दर्द हो रहााा। मैं रुक गया, उसके होंठ चूसने लगा, फिर धीरे-धीरे पूरा लंड अंदर किया। अब दर्द कम हुआ तो वो खुद कमर उचकाने लगी। मैंने स्पीड बढ़ा दी, पच-पच-पच की आवाजें आने लगी। वो चिल्ला रही थी, “हाँ कृष्णा और जोर सेेे पेलोोो आह्ह्ह्ह्ह चोदो मुझेेे ऊईईईईई फाड़ दो मेरी चूत उफ्फ्फ्फ्फ”।
मैंने उसे घोड़ी बनाया, पीछे से लंड पेलना शुरू किया, उसके बूब्स लहरा रहे थे। वो बार-बार झड़ रही थी, चूत से रस की बौछारें छूट रही थीं। करीब 35 मिनट तक चुदाई चली, मैंने भी उसकी चूत में ही सारा माल छोड़ दिया। हम दोनों पसीने से तर, एक-दूसरे से लिपटकर लेटे रहे। उसने कहा, “कभी सोचा नहीं था इतना मजा आएगा।” मैं उसके बूब्स दबाता रहा, फिर उठा, किस करके घर आ गया।
धन्यवाद।