दया बबिता और जेठा की थ्रीसम चुदाई

TMKOC Threesome Chudai गोकुलधाम सोसाइटी की एक रात, जब चांद आसमान में चमक रहा था, जेठालाल, दया, और बबीता एक साथ जेठालाल के घर में थे। जेठालाल, 45 साल का, मध्यम कद, हल्की तोंद वाला, लेकिन चेहरे पर वो शरारती मुस्कान जो हर औरत को पसंद आती थी। दया, 38 साल की, लंबे, घने, काले बालों वाली, जिनकी चोटी कमर से नीचे तक लहराती थी, और उसकी साड़ी में छुपा हुआ बदन हर मर्द की नजर को खींच लेता था। बबीता, 35 साल की, गोरी, फिट, और मॉडर्न, जिसके टाइट कपड़ों में उसका फिगर ऐसा लगता था मानो किसी मॉडल का। तीनों के बीच एक गुप्त रिश्ता था, जो आज रात और गहरा होने वाला था।

बेडरूम में मंद रोशनी थी, और हवा में एक अजीब सी गर्मी थी। दया ने अपनी साड़ी का पल्लू थोड़ा सा सरकाया, और बबीता को अपनी तरफ खींचा। दोनों के होंठ मिले, और एक गहरी, गर्म चुम्बन में खो गए। दया की सांसें तेज थीं, और बबीता की आंखों में शरारत चमक रही थी। जेठालाल बेड के किनारे खड़ा, ये नजारा देखकर अपने लंड को पैंट के ऊपर से सहला रहा था। दया ने बबीता को धीरे से बेड पर लिटाया, और उसकी ब्लाउज के बटन खोलने लगी। बबीता की गोरी त्वचा और कसे हुए स्तन अब सामने थे, और दया ने अपने होंठों से उसके निप्पल को चूमा। बबीता की सिसकारी निकली, “आह्ह… दया भाभी…”

जेठालाल अब और बर्दाश्त नहीं कर पाया। उसने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी, और सिर्फ अंडरवियर में बेड की तरफ बढ़ा। उसका लंड, औसत साइज का लेकिन मोटा और सख्त, अंडरवियर में तंबू बना रहा था। उसने बबीता की स्कर्ट को ऊपर सरकाया, और उसकी पैंटी को धीरे से नीचे खींचा। बबीता की चूत, पूरी तरह शेव्ड, गुलाबी और गीली, जेठालाल के सामने थी। वो उसकी चूत को देखकर बोला, “बबीता जी, ये तो जन्नत का दरवाजा है!” बबीता हंसते हुए बोली, “तो फिर खोलिए ना, जेठाजी!”

जेठालाल ने अपना लंड बबीता की चूत के मुहाने पर रखा, लेकिन तभी दया ने उसका हाथ पकड़ लिया। “रुकिए, टपू-के-पापा!” दया की आवाज में शरारत थी। वो बेड से नीचे बैठी, और अपने लंबे, घने बालों को बबीता की चूत पर रगड़ने लगी। बबीता को गुदगुदी हुई, और वो हंसते हुए सिसकने लगी, “उफ्फ… दया भाभी, ये क्या कर रही हो… आह्ह…” दया ने अपने बालों को बबीता की चूत पर फैलाया, और जेठालाल को इशारा किया, “अब डालिए, टपू-के-पापा!”

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जेठालाल ने अपने लंड को दया के बालों के बीच से बबीता की चूत में धीरे-धीरे घुसाया। “फच… फच…” की आवाज गूंजी, और बबीता की सिसकारी तेज हो गई, “आह्ह… जेठाजी… कितना सख्त है… उफ्फ…” दया के बालों की सॉफ्टनेस और बबीता की गीली चूत का कॉम्बिनेशन जेठालाल को पागल कर रहा था। वो धीरे-धीरे धक्के मारने लगा, और हर धक्के के साथ बबीता की चूत से रस टपकने लगा। दया, बबीता के बगल में लेटी, उसके स्तनों को चूस रही थी, और बबीता का एक हाथ दया की साड़ी के नीचे उसकी चूत को सहला रहा था।

जेठालाल ने स्पीड बढ़ाई, और अब कमरे में “थप-थप-थप” की आवाजें गूंज रही थीं। बबीता की सिसकारियां अब चीखों में बदल गई थीं, “आह्ह… जेठाजी… और जोर से… चोदो मुझे… उफ्फ…” जेठालाल ने बबीता के पैरों को अपने कंधों पर रखा, और गहरे धक्के मारने लगा। दया ने जेठालाल के गले में अपनी बाहें डालीं, और उसे स्मूच करने लगी। बबीता का बदन अकड़ने लगा, और वो चीखी, “आह्ह… मैं झड़ रही हूँ… उफ्फ…” उसका रस दया के बालों पर और बेडशीट पर फैल गया।

जेठालाल का लंड अब भी सख्त था, और वो अब दया की बारी चाहता था। दया ने अपनी साड़ी पूरी तरह उतार दी, और सिर्फ पेटीकोट में घोड़ी बन गई। उसकी गांड, गोल और भरी हुई, जेठालाल के सामने थी। दया ने फिर से अपने बालों को अपनी चूत पर फैलाया, और बोली, “आओ, टपू-के-पापा, अब मेरी बारी है!” जेठालाल ने अपना लंड दया के बालों के बीच से उसकी चूत में घुसाया, और “फचाक” की आवाज के साथ धक्के मारने लगा। दया की चूत, गर्म और टाइट, जेठालाल को जन्नत का मजा दे रही थी। वो सिसक रही थी, “आह्ह… टपू-के-पापा… कितना गहरा जा रहा है… उफ्फ… चोदो मुझे…”

बबीता, जो अभी-अभी झड़ी थी, अब दया के सामने लेट गई, और अपनी चूत को दया के मुंह के पास ले आई। दया ने बबीता की चूत को चाटना शुरू किया, और बबीता की सिसकारियां फिर से शुरू हो गईं, “आह्ह… दया भाभी… तुम्हारी जीभ… उफ्फ…” जेठालाल ने दया की गांड को थप्पड़ मारा, और बोला, “दया, तेरी चूत तो लंड को निचोड़ रही है!” दया ने सिसकते हुए जवाब दिया, “तो निचोड़ लो, टपू-के-पापा… आह्ह…”

कुछ मिनटों की जोरदार चुदाई के बाद, जेठालाल का लंड फूलने लगा। वो बोला, “दया, मैं झड़ने वाला हूँ!” दया ने अपनी चूत को और पीछे धकेला, और चीखी, “अंदर ही झड़ो, टपू-के-पापा… आह्ह…” जेठालाल ने एक जोरदार धक्का मारा, और उसका गर्म माल दया की चूत में और उसके बालों पर छूट गया। दया भी उसी वक्त झड़ गई, और उसकी चूत से रस टपकने लगा। बबीता, जो दया की जीभ से फिर से गर्म हो चुकी थी, भी झड़ गई, और उसकी सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं।

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तीनों हांफते हुए बेड पर गिर पड़े। बबीता, जो अभी भी नंगी थी, दया के बगल में लेटी, और उसे चूमते हुए बोली, “दया भाभी, धन्यवाद… आज तक मैंने ऐसा थ्रीसम नहीं किया… मैं तो चार बार झड़ चुकी हूँ!” दया ने हंसते हुए जवाब दिया, “बबीताजी, तुम्हारे साथ मजा ही दोगुना हो गया… और टपू-के-पापा तो आज फुल स्पीड में थे!” जेठालाल, जो अभी भी हांफ रहा था, बोला, “जब बबीता जी और तेरे बाल हों, तो जिंदगी ही सेट हो जाए, दया!”

दया ने शरारती मुस्कान के साथ कहा, “अब से आदत डाल लो, टपू-के-पापा… अब तो पूरा हफ्ता हम तीनों साथ हैं!” बबीता ने हंसते हुए सहमति दी, “बिल्कुल, दया भाभी!” जेठालाल ने मजाक में कहा, “बस करो, अब फिर से खड़ा करोगी क्या?” तीनों हंसने लगे, और नंगे ही बेड पर लेट गए।

जेठालाल बीच में था, एक तरफ दया, और दूसरी तरफ बबीता। दया ने अपनी चोटी बनाई, और जेठालाल ने उसकी चोटी को अपने लंड के चारों तरफ लपेट लिया। बबीता ने ये देखा, और शरारत से जेठालाल के लंड को सहलाने लगी। “फच… फच…” की हल्की आवाज गूंजी, और जेठालाल की सिसकारी निकली, “उफ्फ… बबीता जी…” कुछ ही मिनटों में जेठालाल फिर से झड़ गया, और उसका माल दया की चोटी और पीठ पर फैल गया। दया ने मुस्कुराते हुए कहा, “क्या बबीता जी, आप भी ना!” बबीता ने सेक्सी आवाज में जवाब दिया, “शुभ रात्रि, प्रिये…” और तीनों सो गए।

सुबह 7 बजे दया और बबीता की आंख खुली। जेठालाल अभी भी सो रहा था, और उसका लंड दया की चोटी में लिपटा हुआ था। दया ने धीरे से अपने बाल हटाए, और बबीता ने उसका हाथ पकड़ लिया। बबीता ने दया के कान में फुसफुसाया, “तुम्हारे बाल खुले ही अच्छे लगते हैं…” और दोनों फिर से चूमने लगे। जेठालाल एक कोने में सोया था, और दया-बबीता ने लेस्बियन मोड ऑन कर दिया।

दोनों कैंची पोजीशन में आईं, और अपनी चूत को एक-दूसरे से रगड़ने लगीं। “फच… फच…” की आवाज के साथ बबीता सिसक रही थी, “आह्ह… दया भाभी… डालो…” दया ने पूछा, “क्या?” बबीता ने सिसकते हुए कहा, “बाल… आह्ह…” दया ने अपने बालों को दोनों की चूत के बीच में डाला, और दोनों ने रगड़ना शुरू किया। कमरा “आह्ह… उफ्फ…” की सिसकारियों से भर गया। तभी जेठालाल की आंख खुली, और वो बोला, “वाह! सुबह-सुबह ये नजारा… तुम दोनों जारी रखो, मैं नहाकर दुकान जाता हूँ!”

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जेठालाल नहाने चला गया, और दया-बबीता ने अपनी चुदाई जारी रखी। दोनों झड़ गईं, और एक-दूसरे को चूमने लगीं। नहाने के बाद दया और बबीता ने नाश्ता बनाया, और तीनों टेबल पर बैठे। जेठालाल ने कहा, “तो दया, बबीता जी, शाम को मिलते हैं… और जमकर चुदाई करते हैं!” बबीता ने हंसते हुए कहा, “ठीक है, जेठजी… मैं भी काम निपटाकर आती हूँ… और दया भाभी, महिला मंडल की मीटिंग की तैयारी रखना!” तीनों ने एक-दूसरे को चूमा, और जेठालाल-बबीता अपने-अपने काम पर निकल गए।

शाम को जेठालाल के घर पर महिला मंडल की मीटिंग थी। दया ने साड़ी पहनी, और अपनी चोटी बनाई। जेठालाल ने उसे देखकर कहा, “दया, आज चोटी ही रख… जूड़ा मत बनाना!” दया ने हंसते हुए चोटी बनाई, और जेठालाल उसकी चोटी को चूमने लगा। तभी महिला मंडल (बबीता, माधवी, अंजलि, रोशन, कोमल) घर में दाखिल हुई, और जेठालाल को दया की चोटी चूमते देख लिया। सब शरमा गईं, और जेठालाल-दया बेडरूम में भाग गए।

मीटिंग के बाद, बबीता रुक गई। उसने दया से कहा, “दया भाभी, माधवी भाभी के बाल देखे? एकदम लंबे और घने!” दया ने हंसते हुए जवाब दिया, “हां, बबीताजी… टपू-के-पापा का लंड तो खड़ा ही हो गया था!” दोनों हंसने लगीं, और दया ने कहा, “मुझे लगता है, टपू-के-पापा को माधवी भाभी के साथ भी चुदाई करने की इच्छा है… क्या हम उन्हें अपने साथ जोड़ें?” बबीता ने सहमति दी, “हां, दया भाभी… ट्राई करते हैं!”

क्या आपको लगता है माधवी भाभी दया और बबीता के साथ थ्रीसम में शामिल होंगी? अपनी राय कमेंट में बताएं!

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