Badi behan ki chudai मेरा नाम अल है। मैं कराची में अपनी अम्मी, अब्बू और बड़ी बहन लैबा के साथ रहता हूँ। अभी मैं 18 साल का हूँ, लेकिन ये कहानी उस वक्त की है जब मैं 16 साल का था और मैट्रिक पूरा कर चुका था। मेरी बहन मुझसे 3 साल बड़ी है, यानी तब वो 19 की थी और माइक्रो बायोलॉजी में ऑनर्स कर रही थी। लैबा बिल्कुल मनीषा लांबा जैसी दिखती है—वही हाइट, वही रंग, वही फिगर, करीब-करीब परफेक्ट 34-28-36। मेरी हाइट उससे थोड़ी ज्यादा है, इसलिए लोग मुझे उसका बड़ा भाई समझते हैं। मैं 6 फीट का हूँ, गोरा रंग, और उस वक्त जिम जाने की वजह से बदन भी फिट था। लैबा की आँखें बड़ी-बड़ी, भूरी, और बाल लंबे, सिल्की, जो उसकी कमर तक लहराते थे। उसका चेहरा इतना खूबसूरत था कि जब वो मुस्कुराती, तो दिल में कुछ-कुछ होने लगता। sister brother chudai
मैंने अपनी बहन को कभी सेक्स की नजर से नहीं देखा था। मेरे दिमाग में उसके लिए कोई गंदी फंतासी भी नहीं थी। लेकिन एक रात ने सब बदल दिया। उन दिनों एक फिल्म आई थी, Girlfriend। उसमें इशा कोपिकर और अमृता अरोड़ा लेस्बियन रोल में थीं। हमारी फॅमिली में ऐसी फिल्में नहीं देखी जातीं। एक रात केबल वाले ने वो फिल्म लगा दी। मैंने टीवी बंद कर दिया, और हम सब अपने-अपने कमरे में चले गए। मेरा और लैबा का कमरा एक ही है, लेकिन बेड अलग-अलग। मैं गहरी नींद में था कि एक मच्छर ने काट लिया, और मेरी आँख खुल गई। रात के 2 बज रहे थे। मैंने देखा कि लैबा अपने बेड पर नहीं थी। मैं कमरे से बाहर निकला तो देखा वो टीवी लाउंज में बैठी Girlfriend देख रही थी। फिल्म का आखिरी हिस्सा चल रहा था। मैं हैरान रह गया। मेरी बहन, जो इतनी सीधी-सादी लगती थी, ऐसी फिल्म देख रही थी? मैं चुपके से अपने बेड पर लौट आया।
नींद नहीं आ रही थी। मैं सोचने लगा कि लैबा भी कितनी ख्वार है। इतने में वो कमरे में आई और अपने बेड पर लेट गई। मैं अभी इस हैरानी से बाहर नहीं निकला था कि एक और चौंकाने वाला मंजर सामने आया। लैबा अपने बेड पर उल्टा लेटकर हिल रही थी। पहले तो मैं समझा नहीं, लेकिन फिर गौर से देखा—वो अपनी चूत को सहला रही थी। उसने शलवार में हाथ डाला और हिप्स को आगे-पीछे करने लगी। मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। उसकी साँसें तेज थीं, और हल्की-हल्की “आह… उह…” की आवाजें निकल रही थीं। मैं थक चुका था, इसलिए पूरा मंजर नहीं देख सका। न जाने कब नींद आ गई।
उस रात के बाद मैंने लैबा को गौर से देखना शुरू कर दिया। उसका फिगर, उसकी चाल, सब कुछ अब मुझे अलग नजर आने लगा। जब वो झाड़ू लगाने के लिए झुकती, तो उसकी क्लीवेज इतनी प्यारी दिखती कि कोई हीरोइन भी फेल। उसकी टाइट कुरती में 34 साइज के बूब्स साफ उभरते थे, और शलवार में उसकी गोल-मटोल गांड का शेप देखकर मेरा मन डोलने लगा। मैंने उससे फ्री होना शुरू किया। पहले भी हम फ्रेंक थे, लेकिन अब मैं और करीब आने की कोशिश करने लगा। रात को हम अपने बेड पर लेटकर ढेर सारी बातें करते—हंसी-मजाक, ताली मारना, सिर पर चपट लगाना, गुदगुदी करना। कई बार गुदगुदी करते-करते मेरा हाथ उसके बूब्स से टच हो जाता। मैं बिना अंडरवियर के उसे गुदगुदी करता, और वो भी मुझे करती। उसका हाथ कई बार मेरे लंड से टकरा चुका था। मैं यही चाहता था कि उसे पता चले कि मैं सिर्फ उसका भाई नहीं, एक लड़का भी हूँ, जिसके पास वो “मैन टूल” है, जो लड़कियों को ख्वार करता है। मेरा लंड 7 इंच लंबा और मोटा था, और जब खड़ा होता, तो किसी को भी ललचा सकता था।
एक रात हम बातें करते-करते सो गए। अचानक बेड हिलने की आवाज से मेरी नींद खुली। लैबा फिर अपनी चूत सहला रही थी। उसकी शलवार नीचे थी, और वो उंगलियों से अपनी फुद्दी को रगड़ रही थी। “आह… उफ्फ…” की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं। मैंने दूसरी तरफ मुँह करके उल्टा लेट गया और जानबूझकर अपने बेड को जोर-जोर से हिलाने लगा, जैसे मैं भी मुठ मार रहा हूँ। मेरा लंड वैसे ही खड़ा था। मैंने उसे पकड़कर सहलाना शुरू किया, और बेड पर झटके देने लगा। लैबा की हिलने की आवाज रुक गई। शायद वो मेरी तरफ देख रही थी। मैंने उसे दिखाना चाहता था कि मैं भी उतना ही ख्वार हूँ जितनी वो।
अगले दिन मैं जानबूझकर उसके करीब-करीब रहने लगा। मौका मिले, तो उसकी क्लीवेज देखूँ, उसे टच करूँ। मैं उसे जताना चाहता था कि मैं उसमें इंट्रेस्टेड हूँ। पहले वो दुपट्टा गिरने पर ठीक करती थी, लेकिन फिर उसने दुपट्टा हटाना शुरू कर दिया। उसकी टाइट कुरती में बूब्स और साफ दिखते। मुझे लगने लगा कि वो भी मुझे अपनी बॉडी दिखाना चाहती है। एक बार वो किचन में थी, और मैंने पीछे से उसे गुदगुदी की। मेरे हाथ उसके बूब्स से टकराए, और वो हँसते हुए बोली, “अल, ये क्या कर रहा है?” मैंने मजाक में कहा, “बस, तुझे तंग कर रहा हूँ।” लेकिन मेरी आँखें उसकी क्लीवेज पर थीं।
उसी रात वो फिर फिंगरिंग कर रही थी। उसकी गांड मेरी तरफ थी। हमारे बेड्स के बीच ज्यादा फासला नहीं था। अगर मैं अपने बेड के किनारे पर आऊँ, तो उसे टच कर सकता था। उसकी “आह… उह…” की आवाजें मेरे लंड को और सख्त कर रही थीं। मैंने कंट्रोल नहीं किया और अपना पैर उसकी गांड से लगा दिया। वो तुरंत रुक गई। मैंने सोने की एक्टिंग शुरू कर दी। उसने थोड़ी देर बाद मेरा पैर हटा दिया, और हम सो गए। अगली सुबह वो मुझे अजीब नजरों से देख रही थी। मैं उसके पास गया और गुदगुदी करने लगा। वो भी हँसते हुए मुझे गुदगुदी करने लगी। मैंने उसका हाथ पकड़ा और जानबूझकर अपने खड़े लंड से टच करवाया, फिर हटाया, जैसे मैं उसे सिर्फ गुदगुदी से रोक रहा हूँ।
अगली रात मैं नींद में था कि अचानक लगा कि मेरे लंड पर कोई भारी चीज है। मैंने देखा तो लैबा का पैर था। मेरा लंड खड़ा हो चुका था। मैं हैरान था कि वो मेरे लंड में इतनी दिलचस्पी ले रही थी। मैंने उसके पैर को अपने लंड पर रगड़ना शुरू किया। लेकिन मुझे डर लगा कि अगर मनी निकल गई, तो उसका पैर गंदा हो जाएगा। मैं बाथरूम गया और मुठ मारकर वापस आ गया। अब मुझे यकीन हो गया था कि आग दोनों तरफ बराबर लगी थी। desi incest kahani
दोपहर को अब्बू ऑफिस में होते हैं, और अम्मी स्कूल में टीचर हैं। लैबा यूनिवर्सिटी से 2 बजे तक आ जाती थी, और मेरी मैट्रिक के बाद छुट्टियाँ थीं। उस दिन मैंने सोच लिया कि आज कुछ न कुछ करके रहना है। मैंने एक कॉन्डम का पैकेट खरीद लिया और लैबा के आने का इंतजार करने लगा। वो आई, नहाई, खाना खाया, और पढ़ने बैठ गई। मैंने उसे छेड़ना शुरू किया। वो हँसते हुए मेरे पीछे कमरे तक आई। मैंने पहले से खिड़की और पर्दे बंद कर रखे थे। मैंने उसे गुदगुदी करनी शुरू की, और वो हँसते-हँसते बेड पर गिर गई। मैं उसके ऊपर चढ़ गया, इस तरह कि मेरा खड़ा लंड उसकी चूत से टकराए। मैंने गुदगुदी करते हुए उसका एक बूब दबा दिया। उसकी साँसें तेज हो गईं।
मैंने उसके चेहरे को दोनों हाथों से पकड़ लिया। उसने कहा, “अल, ये क्या कर रहा है?” मैंने कहा, “बस, तफरीह कर रहा हूँ।” फिर मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया। उसने मुझे धक्का देकर हटाया। मैं डर गया कि कहीं वो नाराज न हो जाए। लेकिन उसके चेहरे पर स्माइल देखकर मैं समझ गया कि वो भी तैयार है। उसने कहा, “ये ठीक नहीं है, अल। हम भाई-बहन हैं।” मैंने कहा, “लैबा, तू एक लड़की है, और मैं एक लड़का। हमारी भी सेक्स की ख्वाहिशें हैं। क्या तूने कल मेरा लंड अपने पैर से नहीं दबाया था?” फिर मैंने उसके मुस्कुराते होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा। मेरे हाथ उसके बूब्स को दबाने लगे। उसकी साँसें और तेज हो गईं।
उसने कहा, “अल, अपना लंड पकड़वाओ।” मैंने फट से अपनी पैंट उतारी और 7 इंच का खड़ा लंड उसके हाथ में दे दिया। वो उसे सहलाने लगी। फिर उसने मुँह में लिया और चूसने लगी। “उफ्फ… आह…” मेरे मुँह से निकल रहा था। उसका गर्म मुँह मेरे लंड को जन्नत का मजा दे रहा था। वो जीभ से मेरे लंड के टोपे को चाट रही थी, और मैं उसके सिल्की बालों में उंगलियाँ फिरा रहा था। मैंने कहा, “लैबा, अपनी कमीज उतार।” उसने कमीज और ब्रा उतार दी। उसके 34 साइज के बूब्स बाहर आए, गोल, टाइट, और निप्पल्स हल्के भूरे। मैंने उन्हें दबाया, और वो “आह… अल…” कहकर सिसकारी। उसने फिर मेरा लंड चूसना शुरू किया। मैंने अपनी शर्ट उतारी और कहा, “शलवार भी उतार दे।” उसने शलवार और पैंटी उतार दी। मैं पहली बार किसी लड़की को लाइव न्यूड देख रहा था। उसकी चूत गीली थी, और छोटे-छोटे बाल उसे और सेक्सी बना रहे थे।
वो मेरे लंड को मुँह में अंदर-बाहर करने लगी। मैंने कहा, “लैबा, रुक, मनी निकल जाएगी।” मैंने उसका मुँह हटाया और अलमारी से कॉन्डम निकाला। मैंने लंड पर कॉन्डम चढ़ाया। वो समझ गई कि मैं क्या करने वाला हूँ। वो बेड पर लेटी थी, अपनी चूत में उंगली कर रही थी। “आह… उफ्फ… अल, जल्दी कर…” वो सिसक रही थी। मैं उसके ऊपर आया और पोजीशन ली। मैंने धीरे-धीरे लंड उसकी चूत में डाला। वो “आह… दर्द हो रहा है…” कहकर चीखी। उसकी चूत टाइट थी। मैंने धीरे-धीरे लंड पूरा अंदर किया। “उह… आह…” उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैंने बाहर निकाला, फिर अंदर किया, धीरे-धीरे झटके देने लगा। “फच… फच…” की आवाजें आने लगीं। मैंने उसके बूब्स दबाए और उसे किस करने लगा। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैं उसकी जीभ चूस रहा था।
मैंने पोजीशन बदली। उसे घोड़ी बनाया। उसकी गोल गांड मेरे सामने थी। मैंने लंड उसकी चूत में पीछे से डाला। “आह… अल, और जोर से…” वो चिल्लाई। मैंने स्पीड बढ़ाई। “फच… फच… फच…” की आवाजें तेज हो गईं। उसकी चूत गीली थी, और मेरा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। मैंने उसकी कमर पकड़ी और जोर-जोर से धक्के मारे। वो “उह… आह… हाय…” सिसक रही थी। मैंने उसकी गांड पर हल्का सा थप्पड़ मारा। वो बोली, “अल, तू कितना ख्वार है!” मैंने कहा, “लैबा, तेरी चूत तो जन्नत है।”
फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और मिशनरी पोजीशन में आया। मैंने उसके पैर फैलाए और लंड फिर से उसकी चूत में डाला। “आह… उफ्फ… अल, और गहरा…” वो चिल्ला रही थी। मैंने स्पीड बढ़ाई। मेरे हाथ उसके बूब्स को मसल रहे थे, और वो मेरे कंधों को नाखूनों से खुरच रही थी। “फच… फच…” की आवाजें और हमारी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। अचानक मुझे लगा कि उसकी चूत सिकुड़ रही है। वो “आह… अल, मैं झड़ रही हूँ…” कहकर चिल्लाई। मैंने भी स्पीड बढ़ाई, और मेरी मनी निकल गई। कॉन्डम में सब भर गया। हम दोनों हाँफ रहे थे, पसीने से तर।
इस तरह मेरा पहला सेक्स एक्सपीरियंस अपनी बड़ी बहन लैबा के साथ हुआ। ये सब मेरी उन ट्रिक्स की वजह से हुआ, जो मैंने धीरे-धीरे आजमाईं। जो लोग अपनी बहन के साथ सेक्स करना चाहते हैं, लेकिन डरते हैं, उन्हें मैं यही कहूँगा कि हमारी बहनें भी आखिर एक आम लड़की ही होती हैं। उनकी भी ख्वाहिशें होती हैं। बस सही मौका, किस्मत, और उनकी सहमति चाहिए।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी? क्या आपने भी कभी ऐसा कुछ फील किया? कमेंट में जरूर बताएँ।