बहन की चुची की चाय
शाम का समय था। सर्दियों की हल्की सिहरन महसूस हो रही थी। मैं और दीदी कुछ दिनों के लिए मायके आए हुए थे। भाई को बुखार था, और पूरे दिन से उसने कुछ नहीं खाया था। माँ-पापा रिश्तेदार के घर गए हुए थे, और घर में बस हम तीनों ही थे। रात होते-होते बुखार थोड़ा …