बिना शादी के हनीमून

Padosan Ki Virginity Todi: मेरा नाम सोनू है, और ये कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाली सोनिया की है, जिसकी मैंने वर्जिनिटी तोड़ी। मेरी उम्र 24 साल है, मैं एक औसत दिखने वाला लड़का हूँ, लेकिन मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच और बॉडी फिट है क्योंकि मैं रोज जिम जाता हूँ। सोनिया 20 साल की है, उसका फिगर 30-24-30 है, गोरी चमड़ी, लंबे काले बाल, और आँखें ऐसी कि किसी को भी घायल कर दें। उसकी स्माइल में एक अजीब सी मासूमियत थी, लेकिन उसकी हरकतें बताती थीं कि वो मासूम उतनी थी नहीं। मेरे कॉलोनी के सारे लड़के उसपे लाइन मारते थे, लेकिन मुझे उसमें कोई खास इंटरेस्ट नहीं था। वो मुझसे प्यार करती थी, और उसी प्यार ने हमें उस रात तक पहुँचाया, जहाँ सब कुछ बदल गया।

बात तब की है जब मैं अपने घर में अकेला था। मेरे मम्मी-पापा किसी रिश्तेदार की शादी में गए थे, और मैंने बहाना मारकर घर पर रहना पसंद किया। सोनिया रोज मुझे कॉल और मैसेज करती थी। शुरू-शुरू में मैं उसकी बातों से बोर हो जाता था। वो हर बार कुछ न कुछ फ्लर्टी बातें करती, लेकिन अपनी फीलिंग्स का इजहार कभी नहीं करती थी। मैं उसे कभी-कभी उल्टा-सीधा बोल देता, लेकिन वो चुप रहती, बस हल्की सी हँसी के साथ मेरी बातों को टाल देती। मुझे लगने लगा कि ये लड़की कुछ छुपा रही है, और मैंने सोच लिया कि इसे टेस्ट करना पड़ेगा।

कुछ दिन बाद मैंने उससे मजाक में सेक्सी बातें शुरू कीं। मैंने पूछा, “सोनिया, तू क्या पहनती है अंदर? ब्रा का साइज क्या है तेरा?” वो हँसते हुए बोली, “क्यूँ, तुझे क्या करना है? 30B है, अब खुश?” उसका जवाब सुनकर मैं थोड़ा चौंका, लेकिन मजा भी आया। फिर मैंने पूछा, “तेरी चूत और अंडरआर्म्स में बाल हैं क्या?” उसने बिना झिझके कहा, “हाँ, हैं। मुझे तो अपने अंडरआर्म्स के बाल बहुत पसंद हैं, मैं निकालती नहीं।” मैंने कहा, “सच में? मुझे तो देखने हैं।” वो बोली, “अरे, मैं कैसे दिखाऊँ?” मैंने तपाक से जवाब दिया, “वो तुझे सोचना है, मुझे तो बस देखना है।”

बस, यहीं से खेल शुरू हुआ। कुछ दिन बाद उसका कॉल आया। उसकी आवाज में एक अजीब सी जल्दबाजी थी। बोली, “सोनू, जल्दी घर आ, कुछ जरूरी काम है।” मैं बिना ज्यादा सोचे उसके घर चला गया। दरवाजा खटखटाया, तो उसने खोला। मैंने देखा, घर में कोई नहीं था। मैंने पूछा, “क्या काम है? सब कहाँ हैं?” वो हँसते हुए बोली, “काम तो बस तुझे अंडरआर्म्स के बाल दिखाने का था।” उसने अपनी टी-शर्ट की बाँह ऊपर की और बाल दिखाने की कोशिश की। घने, काले बाल थे, लेकिन टी-शर्ट की वजह से ठीक से दिख नहीं रहे थे। मैंने कहा, “अरे, ऐसे थोड़े न दिखता है। टी-शर्ट उतार, तब दिखा।” वो थोड़ा शरमाई, बोली, “नहीं, ऐसे ही देख ले।” मैंने जिद की, “नहीं, मुझे ठीक से देखना है, वरना मैं जा रहा हूँ।” ये कहकर मैं बाहर ड्राइंग रूम में आकर टीवी ऑन कर लिया।

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दो मिनट बाद उसकी आवाज आई, “सोनू, अंदर आ।” मैं गया, तो देखा उसने टी-शर्ट उतार दी थी। वो अपनी ब्रा के ऊपर हाथ रखे खड़ी थी, नीचे सलवार पहने हुए। उसकी गोरी स्किन चमक रही थी, और वो शरम से लाल हो रही थी। मैंने कहा, “हाथ तो हटा, दिखाने का क्या फायदा?” उसने धीरे से हाथ ऊपर किए। ओह माय गॉड, इतने घने बाल थे कि पसीने से चिपके हुए थे। उनकी स्मेल ने मुझे पागल कर दिया। मैंने पास जाकर स्मेल की, और मेरा दिमाग गर्म हो गया। मैंने सोच लिया, आज तो इसे चोद के ही छोड़ूँगा।

मैंने धीरे से उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया। उसकी साँसें तेज हो गईं। फिर मैंने उसके होंठों को चूमा। वो भी अब रिस्पॉन्स देने लगी थी। उसका मुँह गर्म था, और उसकी जीभ मेरे साथ खेल रही थी। मैंने मौका देखकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया। वो चौंकी, लेकिन कुछ बोली नहीं। उसने मुझे जोर से गले लगाया, जैसे छुपाना चाहती हो। मैंने उसे धीरे से पीछे किया और उसके बूब्स देखे। छोटे, लेकिन टाइट और गोल, निप्पल्स गुलाबी और सख्त। मैंने एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा। वो सिसकियाँ लेने लगी, “आह… सोनू… क्या कर रहा है…” मैंने 10 मिनट तक उसके बूब्स चूसे, कभी हल्के से काटता, कभी जीभ से सहलाता। उसका बदन काँप रहा था।

फिर मैंने कहा, “सोनिया, अब अपनी चूत के बाल भी तो दिखा।” वो थोड़ा हिचकिचाई, बोली, “नहीं, बस इतना ही।” मैंने जिद की, “अरे, दिखा न, वरना मजा अधूरा रह जाएगा।” आखिरकार उसने अपनी सलवार की नाड़ी खोली, और सलवार नीचे सरक गई। वो अब सिर्फ पिंक पैंटी में थी। उसने पैंटी में हाथ डालकर थोड़ा सा खींचा और बोली, “देख ले।” मैंने कहा, “अरे, ये क्या तरीका है? मुझे तो पूरी चूत देखनी है।” वो शरमाते हुए बोली, “दिखा दूँगी, लेकिन कुछ करेगा नहीं ना?” मैंने कहा, “ठीक है, बस दिखा।” लेकिन मैंने मौका देखकर उसकी पैंटी खींच दी। वो अब पूरी नंगी थी, और शरम से मरी जा रही थी।

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मैंने उसकी चूत देखी। इतने घने बाल थे कि कुछ दिख ही नहीं रहा था। मैंने कहा, “बेड पर लेट जा।” वो बेड पर लेट गई। मैंने उसकी टाँगें फैलाईं। उसकी चूत पूरी गीली थी, और बाल पसीने और गीलापन से चिपके हुए थे। मैंने पहली बार रियल में चूत देखी थी, और मेरा दिमाग हिल गया। मैंने धीरे से हाथ लगाया, तो वो सिहर उठी। उसकी चूत से पानी टपक रहा था। मैंने कहा, “सोनिया, मुझे तेरी चूत बिना बालों की देखनी है। रेजर है क्या?” उसने ड्रेसिंग टेबल की तरफ इशारा किया। मैंने रेजर और शेविंग क्रीम ली, और उसकी चूत के बाल साफ करने लगा। हर स्ट्रोक के साथ वो काँप रही थी। 10 मिनट बाद उसकी चूत चिकनी और साफ थी, गुलाबी और गीली। वो शरम से लाल थी। मैंने पूछा, “कैसी लग रही है अब तेरी चूत?” वो बोली, “बहुत अच्छी, जैसे कभी बाल थे ही नहीं।”

मैंने झट से उसकी चूत पर मुँह रख दिया और चूसने लगा। वो चिल्लाई, “आह्ह… सोनू… ये क्या… ओह्ह…” उसकी चूत का स्वाद नमकीन और गर्म था। मैंने जीभ से उसकी क्लिट को सहलाया, और वो बेड पर तड़पने लगी। “आह्ह… उह्ह… सोनू… प्लीज…” वो सिसकियाँ ले रही थी। मैंने 15 मिनट तक उसकी चूत चूसी, कभी जीभ अंदर डाली, कभी क्लिट को हल्के से काटा। वो झड़ने वाली थी, उसका बदन अकड़ गया। तभी मैं रुक गया। वो बोली, “क्यों रुक गया? प्लीज, मत रुक…” मैंने कहा, “पहले मेरा लंड चूस।” वो हिचकिचाई, बोली, “नहीं, मैंने कभी नहीं किया।” मैंने कहा, “अगर तुझे चूत चुसवानी है, तो मेरा चूसना पड़ेगा।”

वो मान गई। मैंने अपनी जींस खोली, और मेरा 7 इंच का लंड बाहर आया। उसकी आँखें फटी रह गईं। वो बोली, “इतना बड़ा?” मैंने कहा, “हाँ, अब ले मुँह में।” वो धीरे-धीरे लंड को सहलाने लगी, फिर मुँह में लिया। पहले तो सिर्फ टिप चूसी, लेकिन मैंने धीरे से उसका सिर पकड़ा और एक झटका मारा। आधा लंड उसके मुँह में चला गया। वो खाँसने लगी, लेकिन मैंने कहा, “चूसती रह।” 5 मिनट तक उसने मेरा लंड चूसा, और अब वो भी मजा ले रही थी।

फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत फिर से चूसने लगा। वो तड़प रही थी, “आह्ह… ओह्ह… सोनू… मैं… मैं झड़ने वाली हूँ…” तभी मैं खड़ा हुआ और अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो सिहर उठी, बोली, “सोनू, ये क्या कर रहा है?” मैंने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रखा और धीरे-धीरे रगड़ा। उसे मजा आ रहा था, लेकिन वो डर भी रही थी। मैंने एक हल्का सा धक्का मारा, लेकिन लंड अंदर नहीं गया। वो चिल्लाई, “आह्ह… दर्द हो रहा है…” मैंने कहा, “रिलैक्स कर, मजा आएगा।” मैंने दो मिनट तक उसकी चूत को लंड से सहलाया, फिर एक जोरदार धक्का मारा। मेरा आधा लंड अंदर चला गया। वो चीख पड़ी, “निकाल… दर्द हो रहा है…” उसकी आँखों में आँसू थे।

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मैं रुक गया और उसके बूब्स चूसने लगा। उसका दर्द कम हुआ, तो मैंने एक और झटका मारा। मेरा पूरा 7 इंच का लंड उसकी चूत में समा गया। उसकी चूत से खून निकल रहा था, और वो दर्द से कराह रही थी। मैं दो मिनट रुका, फिर धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। अब उसे भी मजा आने लगा था। वो सिसकियाँ ले रही थी, “आह्ह… ओह्ह… सोनू… और… और जोर से…” मैंने स्पीड बढ़ाई। हर धक्के के साथ उसकी चूत से “पच… पच…” की आवाज आ रही थी। वो मेरी पीठ पर नाखून गड़ा रही थी। 20 मिनट की चुदाई के बाद वो तीन बार झड़ चुकी थी। मैं भी झड़ने वाला था। मैंने कहा, “सोनिया, मैं झड़ने वाला हूँ।” वो बोली, “अंदर ही छोड़ दे… आह्ह…” दो मिनट बाद मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया।

मैं उसके ऊपर लेट गया, और हम दोनों की साँसें तेज चल रही थीं। मैंने उसे किस किया और पूछा, “कैसा लगा तेरा बिना शादी वाला हनीमून?” वो हँसते हुए बोली, “बहुत अच्छा। मैं अब लड़की नहीं, औरत बन गई।” उसने मुझे गले लगाया और कहा, “अब जब भी मौका मिलेगा, हम ऐसे ही हनीमून मनाएँगे।” उसके बाद मैंने उसे कई बार चोदा।

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