में ज्यादा बात न करते हुए सीधे कहानी पर आता हु।
मैं पेशे से काउंसलर हूं , और लोगो के मन के तनाव को कम करने की कोशिश करता हु, मैं हमेशा से औरतों की जरूरत को अच्छी समझ पता हूं , खास कर 28 – 30 या उससे ज्यादा उमर की औरते , क्यों कि इस उमर तक एक औरत पूरी तरह जवानी के सुख को पा लेती है , जो नहीं पाती या उनके बराबर का साथ उनको नहीं मिल पाता तो उनके में काम आता हूं।
एक बार की बात है जब मैने अपना क्लीनिक नया खोला था, तब बहुत कम लोग ही मेरे काम को जान पाते थे में मुरादाबाद जिले का रहने वाला हूं और वहां ये पेशा इतना जाना पहचाना नहीं है, उन दिनों में ही एक लड़की मां के साथ आई उसका कहना था ,मेरी लड़की पढ़ाई में बहुत बुरी है और ये ध्यान नहीं देती पढ़ाई में, लड़की की उमर 13 साल थी , उसकी मां दिखने में घरेलू औरत थी जैसे 1 बच्चे की मां होती है उसी तरह वो थी उनका फिगर भरा पूरा लगभग 36 30 36 होगा , रंग हलका था चेहरा हलका गोल लेकिन होठों के पास से पतला था, होठ तेज लाल लिपस्टिक से चमकते हुए आंखे शांत थी, हल्कीसी खुशबू उनसे आ रही थी जिसने मेरे लण्ङ को झटका दिया था।
मैं उनसे उनकी बेटी के बारे में बात करने लगा जिसे हमारी बातों से कोई लेना देना नहीं था। थोड़ी देर में वो चली गई मैने उनको अपना नंबर दिया और कुछ प्रैक्टिस बता कर 1 हफ्ता बाद आने को कहा । उस 1 हफ्ता में इंतजार नहीं कर पाया, फिर वो आई इस बार उनकी बेटी साथ नहीं आई थी मेरा भी नसीब अच्छा रहा उनके आते ही बारिश आने लगी, उनसे मैने पहले तो नॉर्मल बात की फिर जब देखा के वो अभी जा नहीं पाएंगी तो इधर उधर की बाटे करने लगा।
उन्होंने बताया के वो बेटी उनकी पहली शादी से थी , बेटी तो अच्छी समझदार थी बस पड़ने में मन नहीं लगता था, उनके पति उमर में बड़े थे काफी, घर वाले ने बस पैसा देख कर शादी करदी के दोनों का जीवन सुखी होजाएगा। लेकिन औरत को पैसे के साथ साथ जवानी के सुख की भी जरूरत होती है। खास तौर पर वो औरत जो लण्ङ ले चुकी हो, फिर मैने बात आगे बढ़ाने की कोशिश की ताकी उनके बारे में ओर जान सकू । फिर बारिश हल्की हुई ओर वो चली गई, नंबर तो उनका मेरे पास था ही, में वॉट्सएप पर उनकी बेटी के हालचाल के बहने बात कर लेता था , फिर मैने धीरे धीरे उनको प्राइवेसी में लेकर रोमांटिक ओर इमोशनल स्टेटस लगाना शुरू करा , वो मेरे स्टेटस देखती थी लेकिन कुछ बोलती नहीं थी ।
मैने महसूस किया के जब वो अगली बार क्लीनिक पर आई , तो उनके बातों का अंदाज अलग था वो खुलकर मुझसे बात कर रही थी। उनके कपड़े उनको छुपाने की नाकाम कोशिश में थे, आज तो वो ऐसी लग रही थी जैसे पारी साड़ी में आई हो। गहरा गाला जिसमें मक्खन जैसे दूध जिनके ऊपर हाथ रखो तो फिसल कर कमर पर पहुंच जाय, में भी उनसे हसी मजाक करने लगा साथ साथ मेरी नज़रे मुझसे छुप कर उनके सीने पर चली जाती और उनकी नजरों की पकड़ में आजाती, मगर हमारी बस मुस्कान ही एक दूसरे को जवाब देती।
फिर थोड़ी देर में जब वो पारी उठी तो उनकी कमर ऐसी मुलायम लगी जैसी यहां से गिरे तो चूत पर ही जाकर रुकेंगे, वो मुड़कर जाने लगी तो उनकी गान्ड इतनी टाइट थी जैसे मेरे लण्ङ पर बैठी हो और उसको कुचलने वाली हो। मेरा 7 इंच का लण्ङ मुझसे नाराज था क्यों के मैने उसकी इच्छा अभी तक पूरी नहीं की जिसकी सज़ा उसने मुझे रात भर खड़े रहकर दी।मैने आज जानकर लन्ड नहीं हिलाया क्यों कि में भाभी को याद करते रहना चाहता था।
मैने सोच लिया अब तो कुछ करना ही है। में स्टेटस पर थोड़ा सेक्स का स्टेटस सेड सॉन्ग के साथ लगाया ।
उनका जवाब आया :ये ऐसे स्टेटस लगाते हो शर्म नहीं आती, मैने बोला :- बस किसी की याद आई तो लगा दिया आप क्यों देख रही हो , शर्म नहीं आती।
भाभी :- किस के लिए लगाया है।
में :- क्यों बताऊं ।
भाभी :- हम दोस्त है , तो कुछ नहीं छुपाने चाहिए बताओ किया बात है।
में :- कुछ नहीं बस कोई है जिसे में पसंद करता हु लेकिन वो मुझसे नफरत करती है। उसी को याद कर रहा था ख्यालों में ।
भाभी :- कौन है जी वो।
में :- वही जिससे में बात कर रहा हु।
भाभी :- अरे मैने कब कहा में आपसे नफरत करती हु ।
में :- अपने ये भी तो नहीं कहा के आप मुझे पसंद करती हो, ओर जब भी आती हो मेरे सामने तो ठीकसे बात भी नहीं करती दूर होके सामने की टेबल पर बैठती हो।
भाभी :- अरे इसी कोई बात नहीं है। अच्छा बाद में बात करती हु, अभी काम है।
अगले दिन वो हुस्न पारी क्लीनिक पर आई, आज तो उनका ब्लाउज न होने के बराबर था, हलका नीचे होता तो निप्पल दिख जाते मेरी नजर आज भाभी को नहीं देख रही थी। सच कहूं तो जैसे में नजरों से ब्लाउज नीचे करना चाह रहा था। तभी वो उठी और मेरे बराबर में आकर बैठ गई।
ओर बोली :- अब बोलिए किया कह रहे थे आप मैसेज पर ।
में :- जी मे तो कुछ भी नहीं कह रहा था ।
में उन से बात करते हुए शर्मा रहा था, बातों बातों में हमारी नज़रे मिलेगी वो बस मुझे देख रही थी, में बस उनको देख रहा था ।
मेरा हाथ बार बात मुझसे काबू चुराने की कोशिश कर रहे थे भाभी जिस तरह मुझे देख रही थी अगर में किसी ओर जगह होता तो अब तक उनकी गहराई नाप चुका होता भाभी के होठ पर आज लिपस्टिक नहीं थी आज उनके असली होठ मेरे सामने थे नर्म नर्म गुलाबी मोटे ओर मीठे, वो इतनी करीब नहीं थी के सांसे सुन सकू लेकिन इतनी दूर भी नहीं थी के सांसों की खुशबू न मिले ,
में बोला :- बताए आज कैसे आना हुआ आज कल बेटी को नहीं लाती आप ।
भाभी :- उसको यहां आना पसंद नहीं ।
में :- ओर आपको आना पसंद है ।
भाभी :- आपको किया लगता है , आपको ही शिकायत थी मुझसे मैने वो दूर करदी ।
में :- मुझे पता नहीं किया हुआ, आगे बढ़कर लिप्स पर चुम्मी करदी ।
भाभी :- अरे ये किया कर दिया।
में :- में शर्मा कर बोला कुछ भी नहीं किया ।
भाभी :- कितना डर रहे हो ।
भाभी हस्ती हुई वहां से चल्दी , में अपने आपको कोसने लगा और मुस्कुराने लगा के आज तो काम हो गया ।
भाभी ने घर जाते ही मुझे मैसेज करा किया हाल है, मैने भी कह दिया वो तो आप खरब कर के भाग गई , बाते करते हुए मैने उनसे वीडियो कॉल के लिए कहा उन्होंने थोड़ी देर रुकने का बोलकर वीडियो कॉल की।
वो उल्टी लेटी हुई कॉल कर रही थी, मुझे उनके दूध ओर निप्पल की झलक मिल रही थी, उन्होंने मेरी नजर पकड़ी और कहा मुझे भी तो देखलो । में हंसा ओर उनसे बाते करने लगा हम दोनों कॉल पर ही किस करने लगे मैने चूत दिखने को बोला उन्होंने माना कर दिया वो बोली अभी नहीं वो मुझे तरसा रही थी उनको तड़पाने में मज़ा आ रहा था। उन्होंने कहा के कल वो नाइट में आएंगी एडवाइस लेने तो में थोड़ा देर रात तक बैठूं।
उस रात में बिल्कुल नहीं सो पाया में दिमाग में बस भाभी जी के गहरे काले बाल, उनका साफ माथा, नर्म और सुंदर से गाल जिनको में हाथ से नहीं छू पाया, उनमें नर्म मीठे रस से भरे होठ, उनका गला जिसके सिरे उनकी दूध भरी दो घाटियों में जा रहे थे, उनके भरे भरे चूचे टाइट एक दम, उनके पतले ओर चिकने कंधे , उनके मुलायम से हाथ, प्यारी सी मुस्कान और मुस्कान के साथ चमकते दांत जो मुस्कान को हसीन बनाते , उनकी कमर जिसपर हाथ रखो तो शायद फिसल जय, उनकी गान्ड गोल मखमल ओर टाइट एक वक्त में एक बार में गोद में बैठाओ तो लण्ङ खुशी से आंसू बहादे, उनकी चाल जो चलते चलते गान्ड को गेंद की तरह उछाले ।
दिन भर मेरा मन किसी ओर काम में नहीं लगा मैने उनको मैसेज करा।
में:- किया हाल है ।
भाभी :- बस ठीक है ।
में :- आप तो काफी खूबसूरत हो पहली बार आपको मैने खुले में देखा ।
भाभी :- आपको शर्म नहीं आती रस्ते में चलते लेडीज को टक्कर मारते हो।
में :- मेरी किया गलती चुंबक से लोहा तो चिपकेगा ही।
भाभी :- अच्छा जी , चलिए देखते है आज आपका चिपकना ।
बस यही ख्याल सोचते सोचते सुबह हो गई जब में रस्ते में था, तो उनको सामने से आते देखा शायद वो अपनी बेटी को स्कूल छोड़कर आ रही थी । हमारी नज़रे मिली और मुस्कुराते हुए एक दूसरे से हल्के से टकराते हुए निकल गए । मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे । में अपनी कुर्सी पर बैठा उस पल का इंतजार करते हुए सोच रहा था, के आज किया किया होगा कैसे में उन होठों को चूमूंगा उन गहराइयों में उतरूंगा इतने में आवाज आई , कहा खोए हुए हो सर, मैने देखा तो भाभी अगई थी दिन का तो पता ही नहीं चला वो आते ही बोली ।
भाभी :- किया बात आज तो बड़ी देर तक आप ड्यूटी पर हो।
में :- जी में अपना काम मेहनत से करता हु।
आज भाभी कहर ढा रही थी, वो एक हल्की शर्ट जैसी स्वेटर पहने हुए थी मैने बोला आपको ठंड लग रही है किया मेरे बोलते ही उन्होंने उसे उतर दिया और हस दी में जल्दी से उठा ओर दरवाज़ा बंद करा, ये नज़ारा कोई देखता तो मेरा आज आखरी दिन था उस जगह , में वापस आकर बैठगया भाभी भी मेरे सामने आकर बैठी बोली अच्छा नहीं लगा किया भाभी ने सारी तो पहनी थी लेकिन ब्लाउज की जगह सिर्फ ब्रा में थी। आज ब्रा भी शायद साइज से छोटी थी उनको बूब्स में दर्द होरा होगा।
ब्रा जैसे फटने वाली हो, बूब्स ब्रा में इतने ज्यादा कसे हुए थे के मुझे उनका दबना महसूस हो रहा था। वो बोली मेरा दिल बहुत बेचैन है आज आप से इन दिनों बात कर के महसूस हुआ आप एक औरत की दिल की ओर जिस्म की जरूरत को अच्छी तरह से समझते हो। आपका फिक्र के साथ सुबह का मैसेज छोटी छोटी ज़िद जो एक नए प्रेमी जोड़े करते है और सही मायनों में एक औरत जिस अपने पन के लिए तरसती है वो आपसे मुझे मिला है, आपमें कभी भी जिस्म की भूख नहीं दिखी मुझे, अपने हमेशा ऐसे बात की जैसे एक इंसान को चाहिए दिल भी लगाया जिस्म को छेड़ा हंसाया ओर मेरे जवानी को भी वही इज्जत दी जो में चाहती थी बिना छुए मेरा पानी निकाला ओर मेरे परिवार के खिलाफ भी कुछ नहीं कहा वरना तो किसी मर्द से थोड़ी बात करली तो बस वो मेरे परिवार की बुराई कर के मुझसे अपना काम निकालना चाहता है। मैने भाभी का हाथ पकड़ा उनकी आंखों में देखा वो सुकून से देख रही थी। उन्होंने मेरी उंगली दबाई और मेरे करीब आकर मेरे गाल पर चूमा मेरे कर्म दबाते हुए उनको गोदी में बैठा लिया
मेरे दिमाग अब काबू में नहीं राहा मैने उनके बूब्स को छुआ उनकी दर्द से आह निकल गई। मैने पूछा इतना टाइट क्यों पहना है आज, तो बोली के में आपके हाथों से मिलने वाले आराम को अच्छी महसूस करना चाहती हु , मैने ब्रा का हुक खिलाडियों उनके बूब्स मुझसे ज्यादा बेताब थे उन्होंने ब्रा को धक्का देकर गिरा दिया, भाभी ने आंखे बंद करली ओर मेरे हाथों से अपने बूब्स सहलाती रही उनके निप्पलों कड़क थे, में उनके कंधे को चूमने लगा, मेरी गोद में एक पारी थी जिसका फिगर 36 30 36 था वो अध नंगी मुझे लेटी थी, उनकी महक आसपास का माहौल बना रही थी, उनका मक्खन जैसा बदन मुझे पिघला रहा था, वो खड़ी हुई ओर मेरे सामने अदाएं दिखाने लगी, खुले काले और हल्के सफेद बाल, चेहरा जो बहुत खूबसूरत तो नहीं लेकिन इस पल में वो किसी भी हीरोइन से ज्यादा हसीन थी जो औरते खुले में हुस्न नहीं दिखाती शायद बंद कमरे में वो दूसरे से ज्यादा दीवाना बनाने की काबिलियत रखती है। उस वक्त मैने जाना सिर्फ चेहरे से किसी की जवानी के जोश का अंदाज़ा नहीं लगा सकते खींचे हुए बूब्स चिकनी कमर ओर पेटी कोट में छुपा खज़ाना भाभी कुर्सी घुटने रखकर मेरे ऊपर बैठ गई और हमारे होठ मिल गए।
इसके आगे की कहानी अगले भाग में बताऊंगा बाकी यह तक आपको कैसा लगाना मुझे मेल कर के जरूर बताना मेरी सेवाएं आज भी जारी है ।