भाभी के साथ अफेयर-2

Devar cunnilingus sex story: किचन काउंटर पर भाभी को चूमते-चूमते हम दोनों पसीने से तर हो चुके थे, साँसें तेज़ चल रही थीं, बदन गर्मागर्म। भाभी ने मेरी आँखों में देखकर धीमी शरारती आवाज़ में कहा, “फिर से सोफे पर जाकर जारी रखें?” मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “सोफा क्यों भाभी, तुम्हारे बेड पर चलते हैं ना।” वो हँस पड़ीं और बोलीं, “चलो ठीक है बदमाश।”

कहानी का पिछला भाग: भाभी के साथ अफेयर-1

ये सुनते ही मेरी धड़कनें दोगुनी हो गईं। मैंने भाभी को गोद में उठा लिया, उनके होंठ चूसते हुए, जीभ अंदर डालते हुए बेडरूम तक ले गया। बेड पर बिठाया, फिर हल्का सा धक्का देकर लिटा दिया और खुद उनके ऊपर चढ़ गया। भाभी मेरे गले पर, छाती पर किस करने लगीं, गर्म जीभ से चाटने लगीं, अचानक मेरे निप्पल पर हल्का सा काटा और शैतानी हँसी छोड़ी। मैंने भी बदला लिया, उनके काले निप्पल्स को दाँतों से पकड़ा, हल्का खींचा तो भाभी की कमर अपने आप ऊपर उठ गई, आह्ह्ह… निखिल्ल्ल…

हम लेटे-लेटे दस मिनट तक ऐसे ही किस करते रहे, जीभ एक-दूसरे के मुँह में, लार मिल रही थी। फिर भाभी ने मुझे नीचे लिटाया, खुद मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरे बदन चूमते हुए नीचे आने लगीं। मेरी पैंट के ऊपर से ही लंड पर किस किया, मेरी तरफ देखा, मेरा पागल होता चेहरा देख मुस्कुराईं और फिर दो-तीन बार गर्म होंठों से चूूूम्म्म… चूम्म्म… किया।

फिर पैंट की बटन खोली, ज़िप नीचे की और पैंट उतार फेंकी। अंडरवियर के ऊपर से मेरा खड़ा लंड पकड़ा और धीरे-धीरे हिलाने लगीं। प्रीकम का गीला दाग देखकर उंगली से रगड़ा और गंदी नज़रों से बोलीं, “कोई तो बहुत गर्म हो रहा है।” मैं तड़प रहा था, बोला, “भाभी प्लीज़ अब और मत सताओ, निकालो ना इसे बाहर, चूसो ना प्लीज़।”

इसे भी पढ़ें  ट्रेन में मिली चूत को होटल में चोदा

वो शैतानी हँसी हँसीं, उस गीले दाग पर किस किया और अंडरवियर भी नीचे सरका दिया। अब मैं बिल्कुल नंगा उनके सामने था, लंड सीधा खड़ा तना हुआ। भाभी ने अपने नरम-नरम हाथों से लंड पकड़ा, झुककर सुपारे पर चूम्म… किया, गर्म साँसें मेरे लंड पर फेंक रही थीं, जीभ से हल्का चाटा, पर पूरा मुँह में नहीं ले रही थीं। मैं पागल हो रहा था, “भाभी प्लीज़… अब तो चूसो ना पूरा…”

वो मुझे वैसे ही देखती रहीं जैसे शिकारी शिकार को, फिर अचानक मुँह खोला और लंड अंदर ले लिया, ग्ग्ग्ग्ग… ग्ग्ग्ग्ग… गी… गी… गों… गों… गोग… उनकी गर्म-गीली जीभ लंड के नीचे फिर रही थी, मुँह ऊपर-नीचे, हाथ से जड़ हिला रही थीं।

इतना तड़पाने के बाद जब चूसा तो मैं दो मिनट भी नहीं टिक पाया, कमर ऊपर उठी और सारा माल उनके मुँह में छोड़ दिया। भाभी हँस पड़ीं, “अरे वाह, कोई तो बहुत जल्दी में था।” मैं शरमा गया, सॉरी बोला। वो बोलीं, “कोई बात नहीं मेरी जान, पहली बार जो ठहरो। मैं मुँह धोकर आती हूँ।”

मैं उनके पीछे-पीछे बाथरूम पहुँचा, वो जैसे ही फ्रेश हुईं मैंने हाथ पकड़कर फिर बेडरूम खींच लाया। उन्हें लिटाया और पजामा नीचे सरका दिया। अब सिर्फ पैंटी में थीं, शरमाकर तांगे जोड़ लीं। मैंने तांगे अलग करने की कोशिश की तो बोलीं, “कंडोम नहीं है निखिल, आज बस यहीं तक, प्लीज़।” मैं हँसा, उनके निप्पल्स चूसते हुए बोला, “सेक्स नहीं करेंगे आज, पर एक सवाल, भैया ने कभी तुम्हारी चूत कभी चाटी है?” वो चौंकीं, “नहीं… वो तो बस ऊपर-नीचे कर लेते हैं।”

इसे भी पढ़ें  माँ की चुदाई: बेटा बड़ा हो गया है

मैंने उन्हें चुप कराने को लंबा स्मूच किया और बोला, “आज मैं तुम्हें असली मज़ा दूँगा, बस लेट जाओ।” पैंटी के ऊपर से ही किस करने लगा, पैंटी पूरी गीली थी। फिर धीरे से पैंटी नीचे की, उफ्फ्फ… क्या नज़ारा था, साँवली जाँघें, काली झांटें, चूत से रस टपक रहा था, पैंटी पर चिपका हुआ। भाभी ने तांगे बंद कर लीं, शरमाते हुए बोलीं, “बहुत गीली हूँ, पहले धो लूँ?” मैंने कहा, “नहीं भाभी, गीली चूत चाटने में ही मज़ा है।”

तांगे अलग कीं, भाभी ने आँखें बंद कर लीं। मैंने नाक उनके चूत के पास ले जाकर गहरी साँस ली, उनकी मादक महक ने दिमाग घुमा दिया। गर्म साँसें उनकी चूत पर पड़ते ही वो काँप उठीं, आह्ह्ह्ह… निखिल्ल्ल… मैंने जीभ निकालकर क्लिटोरिस पर फिराई, ऊऊईई… आह्ह्ह्ह… भाभी की कमर उछल गई। फिर पूरा मुँह लगा दिया, जैसे फ्रेंच किस कर रहा हूँ उनकी चूत को, जीभ अंदर-बाहर, रस चूस-चूसकर पी रहा था, ऊऊ… ओह्ह्ह्ह… निखिल… आह्ह्ह्ह्ह… ह्ह्ह्ह… उनके हाथ मेरे बालों में कस गए, कमर ऊपर उठाकर मेरे मुँह में चूत दबा रही थीं।

पाँच-सात मिनट में ही भाभी झड़ गईं, पूरा रस मेरे मुँह पर, गालों पर, ठुड्डी पर। मैं ऊपर चढ़ा उन्हें किस करने गया तो वो मुँह फेर लिया, “ची गंदे, अभी तो नीचे चाटके आए हो।” मैं हँसा, उनके हाथ दबोचे और जबरदस्ती गीले-गीले होंठ उनके होंठों पर रख दिए, अपना ही रस चटाया। पहले तो मिनट वो विरोध करती रहीं, फिर खुद जीभ निकालकर चूसने लगीं।

फिर हम नंगे लेटकर एक-दूसरे से लिपट गए, उनके भारी बूब्स मेरी छाती से दबे हुए, पसीना-पसीना। थोड़ी देर बाद बाहर घंटी बजी, हम हड़बड़ा कर कपड़े ढूंढने लगे।

इसे भी पढ़ें  भाभी को मिली दो लण्ड की सेवा एक साथ

अगला पार्ट बहुत जल्द, जिसमें हमने पहली बार पूरी चुदाई की और भाभी ने घोड़ी बनकर लंड लिया।

कहानी का अगला भाग: भाभी के साथ अफेयर-3

Leave a Comment