मेरा नाम देवदत्त है। मैं कानपुर के तिलक नगर में रहता हूँ। मेरा कद 6 फीट 7 इंच का है, और बचपन से ही मैं थोड़ा सा कमीना टाइप का रहा हूँ। आज भी मेरी वो कमीनेपन वाली आदत वैसी की वैसी है। मेरी उम्र 34 साल है, लेकिन मेरी फिटनेस और स्टाइल की वजह से लोग मुझे 25-26 साल से ज्यादा का नहीं समझते। जिम में रोज पसीना बहाता हूँ, जिससे मेरा शरीर एकदम सुडौल और आकर्षक है। मेरा लंड, दोस्तों, वो तो 11.5 इंच का है—रॉड की तरह कड़ा, एक बार खड़ा हुआ तो नीचे आने का नाम ही नहीं लेता। जब से मुझे पता चला कि लंड सिर्फ मूतने के लिए नहीं, बल्कि चुदाई के लिए भी है, तब से मेरी जिंदगी में एक ही शौक है—नई नई चूत चोदना।
मेरे मोहल्ले की लड़कियाँ मुझे लाइन देती हैं, और मैं भी चुन-चुनकर माल टाइप की लड़कियों को बिस्तर पर ले जाता हूँ। लेकिन अब तो भाभियाँ भी मेरे पीछे पड़ी रहती हैं, अपनी चूत की आग बुझाने के लिए। मेरी शादी को सात साल हो चुके हैं, 2015 में पूजा से शादी हुई थी। पूजा ठीक-ठाक है, लेकिन चेहरा चाहे जैसा हो, चूत चोदने का मजा तो वही होता है। मैं उसे रात में कई बार चोदता हूँ, और वो भी मजे से चुदवाती है। तीन साल पहले, एक रात की जबरदस्त चुदाई के बाद वो प्रेग्नेंट हो गई। टेस्ट करवाया तो पता चला, और फिर उसने हमारे बेटे कृष्णा को जन्म दिया।
अब कृष्णा चार साल का हो चुका है। हमने उसे तिलक नगर के पास ही एक अच्छे स्कूल में दाखिल करवाया। मेरे पास मेडिसिन की एजेंसी है, जिससे मैं अच्छा खासा कमा लेता हूँ। एक दिन की बात है, हमारा नौकर नहीं आया था, और पूजा की तबीयत भी खराब थी। उस दिन कृष्णा को स्कूल से लाने की जिम्मेदारी मेरी थी। मैं स्कूल के गेट पर पहुंचा और अंदर गया। तभी मेरी नजर एक मैडम पर पड़ी, जो कृष्णा को लेकर आ रही थी। उसका नाम प्रिया था, जैसा कि बाद में मुझे पता चला।
प्रिया को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। उसके बाल बिखरे हुए थे, और वो उन्हें संभालने की कोशिश कर रही थी। उसकी चाल, दुपट्टे को ठीक करने का अंदाज, और उछलते हुए बूब्स—सब कुछ मेरे दिल को भा गया। कृष्णा मुझे देखकर “डैडी! डैडी!” चिल्लाते हुए दौड़ा, और प्रिया उसके पीछे तेजी से आई, उसे संभालते हुए। प्रिया की उछलती चूचियाँ देखकर मेरा लंड और टाइट हो गया। वो मेरे पास आई और बोली, “आपका बच्चा बहुत शरारती है। स्कूल में बस कुछ न कुछ करता रहता है।” मैंने मन ही मन सोचा, “बिल्कुल अपने बाप पर गया है।”
कृष्णा ने प्रिया को बाय बोला, और वो झुककर उसे किस करने लगी। झुकते ही उसकी चूचियाँ साफ दिखने लगीं, और मेरे लंड पर प्रेशर बढ़ गया। मैंने घर पहुंचते ही पूजा को पकड़ा और प्रिया को याद करके उसकी जबरदस्त चुदाई कर दी। बाद में कृष्णा से पूछा तो पता चला कि मैडम का नाम प्रिया है। बस, फिर क्या था—मैं हर रोज स्कूल जाने लगा, सिर्फ प्रिया से मिलने के लिए। जिस दिन वो गेट पर नहीं होती, मैं अंदर जाकर उससे मिल लेता। धीरे-धीरे मैंने उससे बात शुरू की, और उसका नंबर भी ले लिया। पहले तो वो हिचकिचाई, लेकिन फिर मान गई।
अब मैं स्कूल कम जाता, लेकिन प्रिया से फोन पर बातें होने लगीं। पहले तो बच्चे की पढ़ाई के बहाने बात होती, लेकिन धीरे-धीरे हमारी बातें पर्सनल हो गईं। हम अपनी जिंदगी, अच्छी-बुरी बातें शेयर करने लगे। मैंने उसे कई बार होटल भी ले गया, कॉफी और डिनर के बहाने। प्रिया अभी कुंवारी थी, शादी नहीं हुई थी उसकी। उसकी बातों से लगता था कि वो भी चुदाई के लिए तड़प रही थी। एक दिन पूजा अपने मायके चली गई, और कृष्णा को भी साथ ले गई। मैंने मौका देखकर प्रिया को फोन किया और अपने घर बुला लिया।
प्रिया पूरी सज-धज कर आई। उसने ब्लू कलर का सलवार-सूट पहना था, आँखों में गहरा काजल, होंठों पर गुलाबी लिपस्टिक, और लंबे नाखूनों पर लाल नेल पॉलिश। उसकी कमर मटकाते हुए चाल और ऊँची हील की सैंडल ने मुझे पागल कर दिया। वो एकदम मस्त माल लग रही थी। मैंने नौकर को बाहर भेज दिया और प्रिया को अपने बेडरूम में ले गया। वो थोड़ा शरमाई, लेकिन उसकी आँखों में चुदवाने की चमक साफ दिख रही थी।
वो बोली, “कृष्णा तो बहुत शरारती है। कभी-कभी तो मेरे बूब्स दबा देता है और पूछता है, ‘मैडम, ये इतने बड़े क्यों हैं?’ एक बार तो दूध पीने की जिद करने लगा।” मैंने हंसते हुए कहा, “तो पिला देना चाहिए था!” वो हंस पड़ी। मैं उसके पास चिपककर बैठ गया और उसकी कमर को अपनी बाहों में जकड़ लिया। मैंने कहा, “कृष्णा को नहीं, तो उसके पापा को तो दूध पिलाओ!” वो शरमाते हुए बोली, “धत्त, तुम इतने बड़े हो गए हो, तुम्हें दूध की क्या जरूरत?”
मैंने उसका शरमाता चेहरा ऊपर उठाया और उसके होंठों पर kiss कर दी। प्रिया ने भी तुरंत जवाब दिया, और हम दोनों एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे। उसकी गुलाबी लिपस्टिक की खुशबू मेरे सिर चढ़ रही थी। वो आँखें बंद करके मेरा साथ दे रही थी, और उसका चूसने का अंदाज बता रहा था कि वो चुदाई के लिए कितनी प्यासी थी। मैंने उसकी जीभ को चूसना शुरू किया, और वो भी अपनी जीभ मेरे मुँह में डालकर चुसवाने लगी। मेरा एक हाथ उसकी चूचियों पर चला गया। वो चौंककर मेरी तरफ देखने लगी। मैंने कहा, “बेटे को नहीं, तो बाप को तो दूध पिलाओ!” वो मुस्कुराई, लेकिन कुछ बोली नहीं।
मैंने उसकी दोनों चूचियों को अपने हाथों में लिया। बाप रे, क्या मुलायम और भारी चूचियाँ थीं! मैं उन्हें उछाल-उछालकर खेलने लगा। प्रिया को अपनी टाँगों के बीच बिठाकर मैं उसकी चूचियों को मसलने लगा, और साथ ही उसके होंठ चूसता रहा। उसकी चूचियाँ इतनी सॉफ्ट थीं कि दबाने में रुई की गेंद जैसा मजा आ रहा था। मैंने उसका कुर्ता उतार दिया। उसने लाल रंग की ब्रा पहनी थी, जिसमें उसकी चूचियाँ एकदम टाइट और उभरी हुई लग रही थीं। मैंने उसे उठाया और ब्रा की हुक खोल दी। उसकी गोरी-गोरी चूचियाँ आजाद हो गईं, और उनके काले निप्पल देखकर मेरा लंड पैंट में तड़पने लगा।
मैंने बिना वक्त गँवाए उसकी एक चूची को मुँह में लिया और निप्पल को चूसने लगा। प्रिया सिसकारियाँ लेने लगी, “सी… सी… इस्स्स… उफ्फ!” वो मेरे सिर को अपनी चूचियों में दबाने लगी। मैंने उसके निप्पल को हल्के से काटा, तो वो चीख पड़ी, “आह… सी… सी… धीरे!” मैं दोनों चूचियों को बारी-बारी काटता और चूसता रहा। प्रिया की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। वो पूरी गर्म हो चुकी थी, और मैं जानता था कि अब वो मेरे लंड के लिए तड़प रही थी।
मैंने उसे खड़ा किया और उसका सलवार का नाड़ा खोल दिया। सलवार नीचे सरक गया, और वो लाल पैंटी में मेरे सामने खड़ी थी। उसकी गोरी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे, जो उसे और सेक्सी बना रहे थे। मैंने उसकी पैंटी उतारी और उसकी चूत को देखकर पागल हो गया। मैं नीचे बैठा और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। प्रिया मेरे सिर को अपनी चूत में दबाने लगी, “उफ्फ… सी… इस्स्स… और चाटो!” मैंने उसकी चूत की पंखुड़ियों को चूसना शुरू किया, और उसकी गीली चूत का रस मेरी जीभ पर लगने लगा। मैं अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर-बाहर घुमाने लगा। प्रिया चिल्ला रही थी, “आह… उफ्फ… सी… ऐसे ही… और!” उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी, और मैंने उसका सारा रस चाट लिया।
अब मैंने अपनी पैंट और कच्छा उतार दिया। मेरा 11.5 इंच का लंड देखकर प्रिया की आँखें फट गईं। वो बोली, “ये क्या है? इतना बड़ा लंड? इससे तो चुदाई नहीं, खुदाई होगी!” मैंने हंसते हुए कहा, “अभी देखो, मजा आएगा।” वो डरते हुए बोली, “नहीं, इतने बड़े लंड से मेरी चूत फट जाएगी!” मैंने कहा, “पहले इसे चूसो तो!” प्रिया ने मेरे लंड को धीरे-धीरे सहलाना शुरू किया। उसका हाथ मेरे लंड पर घूम रहा था, और मेरा लंड और टाइट हो गया। मैंने उसकी मुँह में लंड डाल दिया। पहले तो वो हिचकिचाई, लेकिन फिर धीरे-धीरे चूसने लगी। उसका मुँह मेरे लंड पर ऊपर-नीचे हो रहा था, और वो लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी।
मैंने पास में रखा तेल लिया और प्रिया को दे दिया। उसने मेरे लंड पर तेल लगाकर मालिश शुरू कर दी। मेरा लंड चमक रहा था। मैंने प्रिया को बिस्तर पर लिटाया और उसकी टाँगें चौड़ी कर दीं। वो डर रही थी, लेकिन उसकी चूत गीली थी और चुदने को तैयार थी। मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा। प्रिया सिसकारियाँ ले रही थी, “उफ्फ… सी… डाल दो ना!” मैंने धीरे से अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत में डाला। मेरा 4 इंच लंड अंदर गया, और प्रिया चीख पड़ी, “आआह्ह… मर गई… निकालो… बहुत दर्द हो रहा है!”
मैंने उसे चुप कराया और धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। वो दर्द से छटपटा रही थी, लेकिन मैंने उसे kiss करके शांत किया। धीरे-धीरे उसे मजा आने लगा। वो बोली, “आह… अब अच्छा लग रहा है… और जोर से!” मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया। प्रिया चिल्ला रही थी, “उंह… उंह… आह… सी… और जोर से… फाड़ दो मेरी चूत!” मैं उसकी चूत को तेजी से चोद रहा था, और वो अपनी कमर उछाल-उछालकर मेरा साथ दे रही थी। उसकी चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं, और मैं उन्हें मसलते हुए चोद रहा था।
मैंने उसकी टाँगें उठाईं और और जोर से धक्के मारने लगा। प्रिया की चीखें कमरे में गूँज रही थीं, “आह… सी… उफ्फ… हा… हा… और जोर से!” उसकी चूत पूरी गीली थी, और मेरा लंड उसमें आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। मैंने उसे बिस्तर से उतारा और खुद लेट गया। प्रिया मेरे लंड पर बैठ गई और अपनी चूत में मेरा लंड ले लिया। वो ऊपर-नीचे होकर चुदवाने लगी, और मैं उसकी गाँड पर थप्पड़ मार-मारकर उसे और उत्तेजित कर रहा था। वो चिल्ला रही थी, “हाँ… मारो… और जोर से चोदो!”
मैंने उसे फिर से झुकाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया। मैं जोर-जोर से धक्के मार रहा था, और प्रिया की चीखें अब और तेज हो गई थीं, “आह… मम्मी… सी… मेरी चूत फट गई… और जोर से!” मैंने उसकी गाँड में लंड डालने की कोशिश की, लेकिन वो चिल्लाकर बोली, “नहीं… गाँड नहीं… मेरी चूत ही चोदो!” मैंने उसकी बात मान ली, लेकिन उसकी चूत को और जोर से पेलने लगा। मैं उसकी चूत को जड़ तक चोद रहा था, और वो चीख रही थी, “उंह… उंह… सी… हा… मम्मी… और!”
आखिरकार मैं झड़ने वाला था। मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और उसके मुँह के सामने मुठ मारने लगा। मेरा सारा माल उसके मुँह में और चेहरे पर गिरा। प्रिया ने मेरे लंड का रस चाट लिया और मुस्कुराने लगी। हम दोनों थककर लेट गए। कुछ देर बाद हम बाथरूम गए, एक साथ नहाए, और वहाँ भी खूब मस्ती की। प्रिया को मैंने अभी तक सिर्फ एक बार चोदा है, लेकिन अगली बार जब उसकी गाँड मारूँगा, वो कहानी भी जरूर लिखूँगा।