Desi family sex story: हाय दोस्तों, मैं नील एक बार फिर अपनी हॉट भाई-बहन सेक्स कहानी का छठा हिस्सा लेकर हाज़िर हूँ। आप सबके पिछले हिस्सों के लिए ढेर सारे कमेंट्स और प्यार के लिए दिल से शुक्रिया। आपके मेल और कमेंट्स ही मुझे और लिखने की हिम्मत देते हैं। पिछले हिस्से में आपने पढ़ा कि कैसे नेहा दीदी ने मुझे अपने बूब्स की मसाज करने का प्रोमोशन दिया, और मैं उनकी नंगी बॉडी को टच करके दीवाना हो गया। हमारा रिश्ता अब और करीब आ गया था। अब आगे की कहानी पढ़िए, कि कैसे दीदी ने अपने सेडक्शन को और गहरा किया और मुझे पूरी तरह अपने जाल में फँसाया।
कहानी का पिछला भाग: बहेन की चुदाई की तलब का शिकार भाई-5
अगली सुबह मम्मी दीदी को उठाने उनके रूम में आईं। उन्होंने देखा कि फिर से दरवाज़ा खुला था, और दीदी के कपड़े फर्श पर बिखरे पड़े थे। दीदी सिर्फ़ काली ब्रा और पैंटी में सो रही थीं। मम्मी ने उन्हें हिलाकर उठाया और थोड़ा गुस्से में बोलीं, “नेहा, ये क्या है? तू फिर से बिना कपड़ों के सिर्फ़ ब्रा-पैंटी में सो रही है? और दरवाज़ा भी लॉक नहीं किया?”
दीदी ने नींद भरे लहजे में कहा, “मम्मी, सुबह तो सिर्फ़ आप ही आती हो। कोई और तो नहीं आता। और अगर कोई देख भी ले, तो क्या हो जाएगा?”
मम्मी ने सख्ती से कहा, “क्या मतलब कुछ नहीं होगा? अगर तेरा भाई तुझे ऐसे देख लेगा, तो उसके मन में तेरे लिए गलत खयाल आएँगे। वो तुझे गलत नजरों से देखेगा।”
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दीदी ने शरारत से पूछा, “मम्मी, आपके साथ ऐसा हुआ है क्या?”
मम्मी ने उदास लहजे में कहा, “नहीं, मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ। लेकिन मुझे सब पता है।”
दीदी ने बात को आगे बढ़ाया, “अच्छा, तो पापा को देखकर बोल रही हो? वो आपके साथ क्या-क्या करते हैं?”
मम्मी ने दुखी होकर कहा, “नहीं, नेहा। अब वो तो कुछ करते ही नहीं। उनके बारे में क्या सोचूँ? तू ये सब छोड़। बस इतना ध्यान रख कि ऐसा मत किया कर। दरवाज़ा लॉक कर लिया कर।”
दीदी ने गौर किया कि मम्मी फिर से बात टाल रही थीं। उन्होंने कहा, “मम्मी, कोई बात है क्या? कल भी जब आपकी बात आई थी, आपने टॉपिक बदल दिया था। और आज भी।”
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मम्मी ने टालते हुए कहा, “नहीं, वो कुछ नहीं। तेरे मतलब की बात नहीं है।”
दीदी ने ज़िद की, “क्यों मेरे मतलब की बात नहीं? मेरी मम्मी सैड होंगी, तो मुझे बहुत फर्क पड़ता है। बताओ ना, मम्मी, क्या बात है? मैं आपकी प्रॉब्लम सॉल्व करने की कोशिश करूँगी।”
मम्मी ने उदास होकर कहा, “नहीं, नेहा। ये तुझसे नहीं होगा। जो प्रॉब्लम है, मैं उसके साथ जी लूँगी। तू नहीं समझ सकती। अब प्लीज़ इस बारे में मुझसे मत पूछ। उठ जा और तैयार हो जा।”
दीदी ने मम्मी को टाइट हग किया और बोलीं, “मम्मी, आपको कोई भी हेल्प चाहिए हो, तो बताना। मैं और नील हमेशा आपकी मदद करेंगे। आप हमसे सब कुछ शेयर कर सकती हो। हम आपके लिए कुछ भी कर सकते हैं।”
मम्मी ने प्यार से कहा, “हाँ, बेटा, मैं जानती हूँ कि तुम दोनों मुझसे बहुत प्यार करते हो और मेरे लिए कुछ भी कर सकते हो। थैंक यू, मेरे प्यारे बच्चों।” फिर मम्मी चली गईं।
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दीदी मम्मी की बातों के बारे में सोचने लगीं। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मम्मी इतनी उदास क्यों थीं। तभी उन्होंने टाइम देखा और पाया कि वो लेट हो रही थीं। वो जल्दी से तैयार हुईं और मुझे उठाने मेरे रूम में आईं। “नील, उठ जा! देख, तेरी प्यारी नेहा दी आई है,” उन्होंने मस्ती भरे अंदाज़ में कहा।
मैं बेड पर बैठ गया और बोला, “गुड मॉर्निंग, नेहा दी।”
लेकिन दीदी ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। 5 मिनट की गहरी लिप किस के बाद वो बोलीं, “ऐसे बोलते हैं गुड मॉर्निंग, समझा? रोज़ की तरह लिप किस के साथ।”
मैंने हँसते हुए कहा, “ठीक है, दी।” फिर मैंने उन्हें अपनी तरफ खींच लिया और फिर से लिप किस शुरू कर दी। इस बार मैंने उनके बूब्स भी हल्के से दबाए। दीदी ने कुछ नहीं कहा। वो भी मज़ा ले रही थीं। उनकी साँसें तेज़ थीं, और वो मेरी पीठ सहला रही थीं। 10 मिनट की लंबी किस के बाद मैंने कहा, “नेहा दी, इसे कहते हैं प्रोमोशन स्टाइल में गुड मॉर्निंग। अब जब कल प्रोमोशन मिला है, तो इसका भी प्रोमोशन करें ना?”
दीदी ने शरारती मुस्कान के साथ कहा, “हाँ, सही कहा। तेरा ये प्रोमोशन वाला गुड मॉर्निंग बहुत अच्छा लगा। तेरे साथ ये सब करने में बहुत मज़ा आता है। लव यू, नील।”
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मैंने कहा, “लव यू टू, नेहा दी। मुझे भी आपके साथ बहुत मज़ा आता है।” फिर मैं तैयार होने चला गया। हम दोनों नाश्ता करके कॉलेज चले गए। दिनभर कॉलेज की भागदौड़ में टाइम नहीं मिला, और हम रात को डिनर पर मिले। डिनर के बाद, हमेशा की तरह मम्मी-पापा के सोने का इंतज़ार किया। जैसे ही वो सो गए, मैं दीदी के रूम में चला गया।
वहाँ पहुँचते ही हमने एक-दूसरे को देखा और फटाफट अपने कपड़े उतार दिए। कल के प्रोमोशन के हिसाब से मैं पूरी तरह नंगा था, और दीदी सिर्फ़ पैंटी में थीं। उनके गोरे बूब्स और गुलाबी निप्पल्स देखकर मेरा लंड तुरंत तन गया। दीदी ने शरारत से कहा, “नील, आज तेरे लिए स्पेशल ऑफर। अगर तूने आज मुझे फिर से खुश किया, तो तुझे और प्रोमोशन मिलेगा। लेकिन आज कुछ सबसे अलग और मज़ेदार होना चाहिए।”
मैंने उत्साह से कहा, “ठीक है, दी। आज मैं आपको इतना मज़ा दूँगा और कुछ नया करके दिखाऊँगा।”
दीदी ने कहा, “ठीक है, लेकिन पहले कल वाला मज़ा दे। फिर नई चीज़।”
मैंने दीदी को बेड पर लिटाया और उनकी गांड के ऊपर बैठ गया। फिर उनके ऊपर लेटकर एक गहरी लिप किस शुरू की। दीदी ने मेरा पूरा साथ दिया। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और उनकी साँसों की गर्मी मुझे पागल कर रही थी। मैंने अपना लंड उनकी पीठ पर रगड़ना शुरू किया, जिससे दीदी और उत्तेजित हो गईं। वो मेरी पीठ को सहलाने लगीं और हल्की-हल्की सिसकारियाँ लेने लगीं, “उह… नील… कितना अच्छा लग रहा है…”
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फिर मैं उठा और उनके बूब्स की मसाज शुरू की। लेकिन मसाज से ज़्यादा मैं उनके बूब्स को दबाने और निप्पल्स के साथ खेलने में डूब गया। हर बार जब मैं उनके निप्पल्स को छूता, दीदी की “आह…” निकलती, जो मुझे और उत्तेजित कर रही थी। उनकी चूत की पैंटी गीली हो रही थी, और गीलापन साफ दिख रहा था। मैंने कहा, “दी, अब नई चीज़ करके दिखाऊँ? आपको मज़ा आएगा।”
दीदी ने उत्सुकता से कहा, “ठीक है, कर। लेकिन कुछ अलग और मज़ेदार होना चाहिए।”
मैंने दीदी की पीठ पर बैठे-बैठे कहा, “दी, अपनी आँखें बंद करो और सिर्फ़ फील करो।” दीदी ने हँसते हुए आँखें बंद कर लीं। मैंने उनके दोनों बूब्स को पास में लाकर दबाया और उनके बीच में अपनी उंगली डालकर हिलाने लगा, जैसे फिंगरिंग कर रहा हूँ। दीदी आँखें बंद किए हुए मज़ा ले रही थीं और “आह… आह…” की सिसकारियाँ ले रही थीं। उनकी साँसें तेज़ थीं, और उनकी चूत से गीलापन उनकी पैंटी के बाहर तक आ रहा था।
थोड़ी देर बाद दीदी ने आँखें खोलीं और बोलीं, “नील, ये सचमुच अलग और मज़ेदार था। मैं तुझसे बहुत खुश हूँ।”
मैंने उत्साह से कहा, “दी, आपको मज़ा आया ना? अब मैं कुछ ऐसा करूँगा, जिससे आपको डबल मज़ा आएगा। इसके लिए फिर से आँखें बंद करो और फील करो।”
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दीदी ने खुशी से कहा, “थैंक यू, नील। मुझे इसमें ही इतना मज़ा आया। और तू डबल मज़ा देगा? इसके बाद तू मुझसे कुछ भी माँग सकता है। मैं तुझे कभी मना नहीं करूँगी।”
मैंने कहा, “ठीक है, दी। अब देखो मेरा कमाल।” दीदी ने फिर से आँखें बंद कीं। मैं थोड़ा ऊपर खिसका और उनके बूब्स को फिर से पास में लाया। लेकिन इस बार मैंने उनके बीच में अपनी उंगली की जगह मेरा लंड डाल दिया और धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा। दीदी ने इसे फील किया और सिसकारते हुए बोलीं, “नील, ये तो सचमुच डबल मज़ा है… आह…” उनकी साँसें तेज़ थीं, और वो मेरे लंड को अपने बूब्स के बीच फील करके मज़ा ले रही थीं। उनकी “आह… आह…” की आवाज़ें पूरे कमरे में गूँज रही थीं।
मैंने कहा, “दी, मज़ा आ रहा है ना? आपको मज़े में देखकर मुझे भी खुशी हो रही है। आपकी सिसकारियाँ मुझे और एक्साइट कर रही हैं। अब बताओ, मैं क्या कर रहा हूँ?”
दीदी ने फील करते हुए शरारत से कहा, “मुझे तो ये तेरा वो लग रहा है…” वो हँसने लगीं, और उनकी आँखों में शरारत और हवस की चमक साफ दिख रही थी।
तो दोस्तों, ये था कहानी का छठा हिस्सा। अगले हिस्से में पढ़िए कि कैसे दीदी ने मुझे और प्रोमोशन देकर अपने सेडक्शन का शिकार बनाया, और हमारा रिश्ता और कितना करीब आया। आपको दीदी का सेडक्शन और हमारी मसाज कैसी लगी? क्या आप भी ऐसी मसालेदार स्टोरीज़ पढ़ना पसंद करते हैं? कमेंट में ज़रूर बताएँ।
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कहानी का अगला भाग: बहेन की चुदाई की तलब का शिकार भाई-7
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