बहेन की चुदाई की तलब का शिकार भाई-5

Boobs massage sex story: हाय दोस्तों, मैं नील एक बार फिर अपनी हॉट सेक्स स्टोरी का पाँचवाँ हिस्सा लेकर हाज़िर हूँ। आप सबके पिछले हिस्सों के लिए ढेर सारे कमेंट्स और प्यार के लिए दिल से शुक्रिया। आपके मेल और कमेंट्स ही मुझे और लिखने की प्रेरणा देते हैं। पिछले हिस्से में आपने पढ़ा कि कैसे नेहा दीदी ने मुझे मसाज के बहाने सेड्यूस किया और हमारा रिश्ता एक नए लेवल पर पहुँच गया। लिप किस और आधे नंगे होने के बाद मैं भी दीदी को एक हॉट और सेक्सी लड़की की तरह देखने लगा। अब आगे की कहानी पढ़िए, कि कैसे दीदी ने अपने सेडक्शन को और बढ़ाया और मुझे पूरी तरह अपने जाल में फँसाया।

कहानी का पिछला भाग: बहेन की चुदाई की तलब का शिकार भाई-4

सुबह के 5 बजने वाले थे। मैं और नेहा दीदी एक-दूसरे से चिपककर सो रहे थे। मेरे हाथ उनकी कमर पर थे, और उनकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर महसूस हो रही थीं। तभी 5 बजे दीदी का अलार्म बजा। दीदी ने आँखें खोलीं और मुझे हल्के से हिलाकर उठाया। “नील, उठ जा। अपने रूम में चला जा। सुबह होने वाली है। मम्मी-पापा भी अब उठने वाले होंगे,” दीदी ने धीरे से कहा।

मैंने नींद भरी आवाज़ में कहा, “ठीक है, दी। लेकिन कल रात वाला प्रोमोशन अभी करना है?” मैंने शरारत से उनकी तरफ देखा।

दीदी ने हँसते हुए कहा, “क्या, सुबह-सुबह लिप किस चाहिए? अभी तो नींद से उठा है। अच्छा, ठीक है, इधर आ, तुझे तेरा किस देती हूँ।” वो बेड पर मेरे पास खिसकीं। उनकी काली ब्रा और पैंटी में उनकी गोरी बॉडी चमक रही थी। मैंने भी अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार दी थीं, और सिर्फ़ अंडरवियर में था। हमने एक-दूसरे को टाइट हग किया और 5 मिनट तक लिप किस किया। दीदी की जीभ मेरे मुँह में थी, और उनकी साँसों की गर्मी मुझे पागल कर रही थी। हम दोनों एक-दूसरे की पीठ सहलाते रहे। मेरे हाथ उनकी नंगी कमर पर घूम रहे थे, और दीदी मेरे कंधों को दबा रही थीं।

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किस खत्म होने के बाद मैंने कहा, “नेहा दी, आप बहुत अच्छी हो। इस प्रोमोशन के लिए थैंक यू। लव यू सो मच, दी।”

दीदी ने मुस्कुराते हुए कहा, “लव यू टू, नील। अब जा, मम्मी-पापा उठने वाले होंगे।” मैंने अपने कपड़े उठाए और अपने रूम में चला गया। दीदी ब्रा-पैंटी में ही बेड पर लेट गईं।

थोड़ी देर बाद, सुबह 6:30 बजे मम्मी दीदी को उठाने उनके रूम में आईं। उन्होंने दरवाज़ा खटखटाया, लेकिन वो पहले से खुला था। मम्मी ने देखा कि दीदी के कपड़े फर्श पर बिखरे पड़े थे, और दीदी सिर्फ़ ब्रा-पैंटी में सो रही थीं। मम्मी ने दीदी को हिलाकर उठाया और थोड़ा गुस्से में बोलीं, “नेहा, ये क्या है? तेरे कपड़े नीचे क्यों पड़े हैं? और तू बिना कपड़ों के क्यों सो रही है?”

दीदी ने नींद भरे लहजे में कहा, “मम्मी, वो रात में बहुत गर्मी लगती है। इसलिए कभी-कभी ऐसे ही सो जाती हूँ।”

मम्मी ने सख्ती से कहा, “नेहा, अब तू बड़ी हो गई है। घर में तेरे पापा हैं, तेरा भाई है। और तू ऐसे सो रही है, वो भी दरवाज़ा खुला रखकर?”

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दीदी ने मासूमियत भरे अंदाज़ में कहा, “मम्मी, वो आज गलती से दरवाज़ा खुला रह गया। और भाई तो देर से उठता है, पापा ऊपर नहीं आते। रात में गर्मी की वजह से ऐसे सो गई।”

मम्मी ने चेतावनी दी, “फिर भी ध्यान रख, नेहा। तेरा भाई तुझे ऐसे देखेगा तो उसके मन में गलत खयाल आएँगे। तू अब बड़ी हो गई है। तेरी बॉडी देखकर कोई भी कंट्रोल खो सकता है।”

दीदी ने शरारत से कहा, “मम्मी, वैसे आप भी तो अभी बहुत ब्यूटिफुल हो। आपको देखकर भी कोई कंट्रोल खो सकता है।”

मम्मी ने हँसते हुए बात टाल दी, “अच्छा, छोड़। तू पहले कपड़े पहन। और अब से ऐसा कुछ करना हो तो दरवाज़ा लॉक करना।” फिर मम्मी चली गईं। दीदी ने कपड़े पहने और तैयार होने लगीं।

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तैयार होने के बाद दीदी मेरे रूम में आईं। उन्हें मस्ती सूझी, और वो मेरे ऊपर कूदकर बैठ गईं। “नील, उठ जा!” वो चिल्लाईं। लेकिन उनके बैठने की वजह से मैं पहले ही जाग गया। मैंने हँसते हुए कहा, “अरे, दी, आपने मेरा मज़ा खराब कर दिया।”

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दीदी ने हँसकर कहा, “अच्छा, तू पहले ही जाग गया। मेरा डराने का प्लान फेल!”

मैंने मस्ती में कहा, “रुको, अब मैं मज़ा ठीक करता हूँ।” मैंने दीदी को अपनी तरफ खींच लिया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। हम 10 मिनट तक लिप किस करते रहे। दीदी की साँसें तेज़ थीं, और मेरे हाथ उनकी कमर पर घूम रहे थे। किस खत्म होने के बाद मैंने कहा, “गुड मॉर्निंग, दी। अब तो मज़ा ठीक हो गया ना?”

दीदी ने मुस्कुराते हुए कहा, “गुड मॉर्निंग, नील। तूने सचमुच मज़ा ठीक कर दिया। तू बेस्ट भाई है।” फिर वो मेरे ऊपर से हटीं और बोलीं, “अब उठ जा और तैयार हो। वरना कॉलेज के लिए लेट हो जाएगा। हमारे मज़े रात को कंटिन्यू करेंगे।”

मैं तैयार हुआ, और हम सबने साथ में नाश्ता किया। फिर मैं और दीदी कॉलेज चले गए। दिनभर कॉलेज की भागदौड़ में टाइम नहीं मिला, और हम रात को डिनर के वक्त मिले। डिनर के बाद, जैसा हमने तय किया था, मैं मम्मी-पापा के सोने के बाद दीदी के रूम में चला गया। दीदी पहले से ही काली ब्रा और पैंटी में तैयार थीं। उनकी गोरी बॉडी और गहरी क्लीवेज देखकर मेरा लंड तुरंत तन गया। मैंने भी जल्दी से अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार दीं और सिर्फ़ अंडरवियर में आ गया।

अगले कुछ दिन ऐसे ही चले। मैं हर रात दीदी के रूम में जाता। हम मसाज करते, टाइट हग करते, लिप किस करते, और एक-दूसरे की आधी नंगी बॉडी का मज़ा लेते। मैं अब दीदी को सिर्फ़ एक हॉट और सेक्सी लड़की की तरह देखने लगा था। दीदी को भी इससे कोई दिक्कत नहीं थी। वो अपनी हॉटनेस और बोल्डनेस को खुलकर दिखाती थीं। मुझे उनके बूब्स, उनकी मटकती गांड, और उनकी गीली पैंटी देखकर हर रात मुठ मारनी पड़ती थी। दीदी को भी ये सब पता था, और वो मन ही मन खुश थीं कि मैं अब उनके लिए पूरी तरह दीवाना हो गया हूँ।

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एक रात, डिनर के बाद मैं हर रोज़ की तरह दीदी के रूम में गया। मैंने मस्ती में कहा, “दी, तैयार हो ना हमारे मज़े कंटिन्यू करने के लिए? और मेरी मसाज लेने के लिए? और हाँ, मुझे अगला प्रोमोशन देने के लिए भी?”

दीदी ने शरारती मुस्कान के साथ कहा, “हाँ, मेरा नील। मैं तो कब से तैयार हूँ। तेरा ही इंतज़ार था कि कब आएगा, और हम फिर से मज़े करेंगे। तू मुझे अच्छे से मसाज कर, फिर तेरे काम के हिसाब से तुझे बड़ा वाला प्रोमोशन दूँगी।”

मैंने हँसते हुए कहा, “ठीक है, दी। आज मैं आपको इतना खुश कर दूँगा कि आप मुझे सबसे बड़ा प्रोमोशन दे देंगी।”

हम अब इतने फ्रैंक हो गए थे कि हर तरह की बात खुलकर करते थे। मैंने सोचा कि आज कुछ नया करना है। मुझे पता था कि दीदी को मेरा लंड अंडरवियर के अंदर टच करना अच्छा लगता है। तो मैंने तय किया कि आज इसे थोड़ा बाहर निकालकर मज़ा दूँगा। इससे दीदी को और मज़ा आएगा, और मुझे बड़ा प्रोमोशन मिलेगा। साथ ही मेरे लंड को भी दीदी की सेक्सी बॉडी को टच करने का मज़ा मिलेगा।

मैं दीदी की गांड के ऊपर बैठ गया और मसाज शुरू की। मैंने जानबूझकर अपने लंड को अंडरवियर से थोड़ा बाहर निकाला और उनकी पीठ पर रख दिया। जैसे ही मैं उनकी पीठ की मसाज करने लगा, मेरा लंड उनकी पीठ पर रगड़ने लगा। उनकी गोरी त्वचा की गर्मी और मेरे लंड का स्पर्श मुझे पागल कर रहा था। मैंने पूछा, “दी, मसाज कैसी लग रही है?”

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दीदी ने आँखें बंद करके कहा, “बहुत अच्छी लग रही है, नील। लेकिन आज पता नहीं क्यों ज़्यादा मज़ा आ रहा है। तूने कुछ अलग किया है क्या?”

मैंने शरारत से कहा, “हाँ, दी, लेकिन आप खुद गेस करो कि क्या अलग है। बिना देखे बताना।”

दीदी ने मसाज को ध्यान से फील किया और कुछ ही पलों में समझ गईं कि ये मज़ा मेरे लंड के टच और उसकी हलचल से आ रहा है। उनके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान और खुशी की चमक साफ दिख रही थी। वो सोच रही थीं, “हाय, नील का लंड मेरी पीठ पर… कितना मज़ा आ रहा है।” तभी दीदी को एक आइडिया आया। उन्होंने अपना हाथ पीछे ले जाकर मेरे लंड को पकड़ लिया और बोलीं, “नील, ये क्या है? तेरा लंड बाहर क्या कर रहा है? आज ये बाहर है, तभी मुझे कुछ अलग फील हो रहा था।”

मैंने थोड़ा शरमाते हुए कहा, “दी, वो आपको इसका टच अच्छा लगता है, तो सोचा बाहर से करूँगा तो ज़्यादा मज़ा आएगा। सॉरी, अगर आपको अच्छा नहीं लगा तो मैं वापस अंदर कर लेता हूँ।”

दीदी ने हँसते हुए कहा, “अरे, मेरे प्यारे भाई, मैं तो मस्ती कर रही थी। मुझे तो इसकी वजह से ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था। तू इसे अंदर करने की बात कर रहा है?”

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मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “ठीक है, दी, तो इसे ऐसे ही रहने दूँ?”

दीदी ने शरारत से कहा, “नहीं, एक काम कर। इसे पूरा बाहर निकाल ले। इससे और ज़्यादा मज़ा आएगा।”

मैंने हैरानी और खुशी से कहा, “ठीक है, दी, जैसा आप कहो। लेकिन इसके बाद आपको मुझे बड़ा वाला प्रोमोशन देना होगा।”

दीदी ने हँसते हुए कहा, “हाँ, नील। आज तुझे बड़ा वाला प्रोमोशन दूँगी। जो तू बोलेगा, वो। अब खुश? चल, अब तेरा लंड पूरा बाहर निकाल और मेरी पीठ की मसाज कर। फिर प्रोमोशन माँग लेना।”

मैंने अपना अंडरवियर नीचे खींचा और मेरा 7 इंच का मोटा, सख्त लंड पूरी तरह बाहर आ गया। मैं फिर से दीदी की गांड के ऊपर बैठ गया और उनकी पीठ की मसाज शुरू की। मेरा लंड उनकी पीठ पर रगड़ रहा था। दीदी की साँसें तेज़ हो रही थीं, और वो हल्की-हल्की सिसकारियाँ ले रही थीं, “उह… नील… कितना अच्छा लग रहा है…” उनकी चूत गीली हो रही थी, और उनकी पैंटी में गीलापन साफ दिख रहा था। मैं भी उनके मज़े को देखकर और उत्तेजित हो रहा था।

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पीठ की मसाज खत्म होने के बाद मैंने कहा, “दी, पीठ की मसाज हो गई। कैसी लगी?”

दीदी ने आँखें खोलकर कहा, “बहुत अच्छी, नील। मैं समझ गई कि तू प्रोमोशन की बात करना चाहता है। बता, क्या चाहिए?”

मैंने हल्का सा शरमाते हुए कहा, “दी, मैं आपकी बाकी जगह पर भी मसाज करना चाहता हूँ। मतलब, आपकी ब्रा और पैंटी वाली जगह पर।”

दीदी ने शरारती मुस्कान के साथ कहा, “अच्छा, सिर्फ़ मसाज करनी है ना? ठीक है, जब तू मसाज करेगा, मैं इन्हें उतार दूँगी।”

मैंने मस्ती में कहा, “दी, उतार ही रही हो तो हमेशा के लिए क्यों नहीं? अब से आप कपड़ों के साथ ब्रा-पैंटी भी उतार दिया करो।”

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ये सुनकर दीदी के चेहरे पर एक अलग ही चमक आ गई। वो सोच रही थीं, “हाय, नील को भी अब मज़ा आने लगा है। वो मेरे साथ और आगे बढ़ना चाहता है।” दीदी ने कहा, “ठीक है, नील। तूने मुझे इतना खुश किया, तो मैं तुझे तेरी पसंद का प्रोमोशन दूँगी। लेकिन फिर ये तो पहले की तरह असमान हो जाएगा।”

मैंने हँसते हुए कहा, “अरे, दी, उसकी टेंशन मत लो। मैं भी तो अपना अंडरवियर उतार दूँगा। वैसे भी आपने मेरा लंड देख लिया है। अब अंडरवियर उतारने में क्या दिक्कत है? चलो, दी, अब उतार दो, मैं वहाँ भी मसाज कर दूँ।”

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दीदी ने शरारत से कहा, “अच्छा, तेरा प्रोमोशन है ना? तो तू ही उतार दे। फिर अपना भी उतार दे और अपने लंड को पूरी तरह आज़ाद कर दे।”

मैंने दीदी की ब्रा का हुक खोला और उसे पीछे से निकाल दिया। दीदी ने झट से अपने बूब्स को अपने हाथों से ढक लिया। मैंने मस्ती में कहा, “नेहा दी, ये क्या? आपने तो कहा था दिखाओगी। फिर हाथों से क्यों ढक लिया?”

दीदी ने हँसते हुए कहा, “मेरे प्यारे भाई, मैंने इसलिए ढका ताकि तू अचानक देखकर फिर से खो ना जाए। एक काम कर, पहले अपनी आँखें बंद कर और मेरे बूब्स को टच करके फील कर। ताकि बाद में देखने पर खो ना जाए।”

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मैंने अपनी आँखें बंद कीं। दीदी ने अपने हाथ हटाए और मेरा हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिया। मैंने उनके नरम, गोल बूब्स को टच किया। उनके सख्त निप्पल्स मेरी उंगलियों के नीचे थे। मैं धीरे-धीरे उनके बूब्स और निप्पल्स को सहलाने लगा। उनकी त्वचा की गर्मी और नरमी मुझे पागल कर रही थी। फिर मैंने आँखें खोलीं। दीदी के गोरे, गोल बूब्स और गुलाबी निप्पल्स देखकर मैं फिर से खो गया। मेरे मुँह से बस “हाय…” निकला।

दीदी ने मुझे होश में लाने के लिए मेरा लंड पकड़ लिया। उनके हाथ का स्पर्श मेरे लंड पर पड़ते ही मैं वापस होश में आया। मैंने कहा, “नेहा दी, आप बहुत हॉट और सेक्सी हो। आपके ये बूब्स और गुलाबी निप्पल्स कितने प्यारे हैं। दी, क्या मैं इन बूब्स को किस कर सकता हूँ?”

दीदी ने शरारत से कहा, “अभी नहीं, नील। अभी सिर्फ़ देखने और मसाज का प्रोमोशन मिला है। अगर और कुछ चाहिए, तो मुझे और खुश करना होगा।”

मैंने दीदी के बूब्स की मसाज शुरू की। मैं उनके बूब्स को धीरे-धीरे दबाने लगा और उनके निप्पल्स को उंगलियों से सहलाने लगा। दीदी की साँसें तेज़ हो गईं। वो हल्की-हल्की सिसकारियाँ ले रही थीं, “आह… नील… बहुत अच्छा कर रहा है… और ज़ोर से… आह…” उनकी आवाज़ में हवस साफ झलक रही थी। मैं उनके बूब्स को दबाता और निप्पल्स को हल्के से मसलता। उनकी चूत से गीलापन उनकी पैंटी में साफ दिख रहा था।

मैं मसाज करता रहा। तभी दीदी का अलार्म बजा। हमने टाइम देखा तो सुबह के 6 बज गए थे। दीदी ने हड़बड़ाते हुए कहा, “नील, आज तो टाइम का पता ही नहीं चला। इतना मज़ा आ रहा था। लेकिन अब तुझे जाना होगा। मम्मी कभी भी आ सकती हैं।”

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हम दोनों बेमन से अलग हुए। मैंने अपने कपड़े उठाए और अपने रूम में चला गया। दीदी ने अपनी ब्रा पहनी और बेड पर लेट गईं। आज की मसाज और मज़े के बाद हम दोनों बहुत खुश थे। दीदी मेरे बूब्स के टच को याद करके मुस्कुरा रही थीं, और मैं दीदी के नंगे बूब्स और उनकी सिसकारियों को सोचकर बेचैन हो रहा था। सोते वक्त हम दोनों अगले प्रोमोशन के बारे में सोच रहे थे।

तो दोस्तों, ये था कहानी का पाँचवाँ हिस्सा। अगले हिस्से में पढ़िए कि कैसे दीदी ने मुझे और प्रोमोशन देकर अपने सेडक्शन का शिकार बनाया। और हमारा रिश्ता और कितना करीब आया। आपको दीदी का सेडक्शन और हमारी मसाज कैसी लगी? क्या आप भी ऐसी मसालेदार स्टोरीज़ पढ़ना पसंद करते हैं? कमेंट में ज़रूर बताएँ।

कहानी का अगला भाग: बहेन की चुदाई की तलब का शिकार भाई-6

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