Cleavage seduction sex story – Didi ne chuchi dikhaya: हाय दोस्तों, मैं नील एक बार फिर से अपनी कहानी का तीसरा हिस्सा लेकर हाज़िर हूँ। आप सबके पिछले हिस्सों के लिए ढेर सारे कमेंट्स और प्यार के लिए दिल से शुक्रिया। आपका उत्साह ही मुझे और लिखने की हिम्मत देता है। पिछले हिस्से में आपने पढ़ा कि कैसे दीदी नेहा ने मुझे सेड्यूस करने की शुरुआत की। पहले ही दिन उन्हें मेरे लंड की झलक मिली, और उसे याद करके उन्होंने अपनी चूत में उंगलियाँ डालकर मज़े लिए। अब आगे की कहानी पढ़िए, कि कैसे दीदी ने अपने सेडक्शन को और तेज़ किया।
कहानी का पिछला भाग: बहेन की चुदाई की तलब का शिकार भाई-2
अगली सुबह दीदी जल्दी उठीं। उनके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी। वो शीशे के सामने खड़ी होकर अपने आपको निहार रही थीं। उन्होंने आज फिर से एक ढीली, पुरानी टी-शर्ट चुनी, जो उनके बूब्स को हल्का-हल्का उभार रही थी। नीचे छोटी सी शॉर्ट्स थी, जो उनकी गोरी जाँघों और मटकती गांड को और सेक्सी बना रही थी। दीदी ने जानबूझकर ब्रा नहीं पहनी, ताकि उनकी टी-शर्ट में उनके निप्पल्स के निशान साफ दिखें। वो सोच रही थीं, “नील, आज तू मेरे जाल में फँसेगा। तेरे लंड को आज मेरी चूत की आग का अहसास होगा।”
वो मेरे रूम में आईं। मैं अभी बेड पर सो रहा था। दीदी मेरे पास खड़ी हो गईं और मेरे सिर पर प्यार से हाथ फेरने लगीं। उनकी उंगलियाँ मेरे बालों में धीरे-धीरे घूम रही थीं, और उनकी साँसों की गर्मी मेरे चेहरे पर महसूस हो रही थी। उनकी नज़रें मेरे पजामे पर थीं, जहाँ मेरा लंड सुबह की सख्ती में हल्का-हल्का उभर रहा था। मैं आँखें मलते हुए उठा और दीदी को देखकर मुस्कुराया। “गुड मॉर्निंग, दी,” मैंने नींद भरी आवाज़ में कहा।
दीदी ने नाटकीय अंदाज़ में मुँह बनाते हुए कहा, “नील, तू अब पहले जैसा नहीं रहा। मुझसे अब प्यार ही नहीं करता।”
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
मैं हैरान होकर बोला, “क्यों, दी? क्या हुआ?”
दीदी ने मासूमियत भरे लहजे में कहा, “पहले तू सुबह उठते ही मुझे टाइट हग देता था। ‘गुड मॉर्निंग, दी’ बोलकर मेरे गाल पर पप्पी करता था। मेरे साथ टाइम स्पेंड करता था, मस्ती करता था। और अब? अब तू बस सोता रहता है।”
मैंने हँसते हुए कहा, “अरे, दी, सॉरी! कान पकड़कर माफी माँगता हूँ।” मैं बेड से उठा और दीदी के पास जाकर उन्हें टाइट हग किया। उनके बूब्स मेरी छाती से दबे, और उनकी टी-शर्ट में उनके निप्पल्स का हल्का सा अहसास मुझे हुआ। मैंने कहा, “सॉरी, दी। अब से ऐसा नहीं होगा।”
दीदी ने शरारती अंदाज़ में कहा, “ठीक है, माफ करूँगी। लेकिन एक शर्त पर। तू मुझसे पहले जैसा प्यार करेगा। रोज़ मुझे टाइट हग देगा, और मेरे साथ टाइम स्पेंड करेगा।”
मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “प्रॉमिस, दी।” फिर दीदी ने मुझे और ज़ोर से हग किया। उनकी बॉडी की गर्मी और उनकी खुशबू मेरे होश उड़ा रही थी। मैंने हल्का सा पीछे हटते हुए कहा, “चलो, दी, मैं नहाकर तैयार होता हूँ।”
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
हम दोनों नाश्ता करके कॉलेज चले गए। दिनभर की भागदौड़ के बाद शाम को हम घर लौटे। मैं अपने रूम में कपड़े बदल रहा था, जब दीदी मेरे रूम में आईं। वो बेड पर लेटी थीं, और उनकी शॉर्ट्स उनकी जाँघों तक चढ़ गई थी। वो बोलीं, “नील, चल, हमारे पुराने फोटोज़ देखते हैं।”
मैं उनके पास बेड पर लेट गया, और हमने फोन में पुरानी तस्वीरें देखनी शुरू कीं। एक फोटो में मैं छोटा था और दीदी के गाल पर पप्पी दे रहा था। दीदी ने वो फोटो दिखाते हुए कहा, “देख, नील, जब तू छोटा था, कितना प्यार करता था मुझसे। और अब?”
मैंने मस्ती में कहा, “अच्छा, रुको, दी। मैं अभी वो सीन दोबारा करता हूँ।” मैं थोड़ा ऊपर उठा और दीदी के गाल पर पप्पी दे दी। दीदी की आँखें चमक उठीं। वो बोलीं, “वाह, मेरा भाई तो पहले वाला हो गया। अब मेरी बारी।”
दीदी ने मेरे दोनों गालों पर ज़ोर-ज़ोर से पप्पी दी। उनकी साँसें मेरे चेहरे पर गर्म थीं, और उनकी पप्पी में एक अजीब सी शरारत थी। फिर हम दोनों ने एक-दूसरे को टाइट हग किया। दीदी की बॉडी मेरे बदन से चिपकी थी, और उनके बूब्स मेरी छाती पर दब रहे थे। मैं थोड़ा शरमाया, लेकिन दीदी की मुस्कान देखकर मैंने कुछ नहीं कहा। फिर मैं पढ़ाई करने अपने रूम में चला गया।
दीदी अपने रूम में गईं और दरवाज़ा लॉक किया। वो बेड पर लेट गईं और आज के दिन को याद करने लगीं। मेरे हग और पप्पी की गर्मी उनके बदन में आग लगा रही थी। उन्होंने अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार दीं। अब वो सिर्फ़ पैंटी में थीं। उनकी गोरी चूत हल्की-हल्की गीली थी। दीदी ने अपने बूब्स को सहलाना शुरू किया। उनके निप्पल्स सख्त हो गए थे। वो कल्पना करने लगीं कि मैं उनके बूब्स को दबा रहा हूँ। “आह… नील… और ज़ोर से दबा…” वो धीरे-धीरे सिसकारियाँ ले रही थीं। उनकी उंगलियाँ उनकी चूत पर गईं, और वो अपनी चूत के दाने को रगड़ने लगीं। “उह… नील… तेरी पप्पी ने मुझे पागल कर दिया…” वो बुदबुदा रही थीं। उनकी उंगलियाँ उनकी चूत में अंदर-बाहर हो रही थीं, और ‘पच-पच’ की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। थोड़ी देर में उनका पानी निकल गया, और वो “आह… नील…” कहते हुए झड़ गईं। फिर उन्होंने सब साफ किया और कपड़े पहनकर पढ़ाई शुरू की।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
अगले कुछ दिन ऐसे ही चले। मैं और दीदी अब रोज़ हग करते, गाल पर पप्पी देते, और पहले जैसा प्यार करने लगे। दीदी को लग रहा था कि अब मुझे और उकसाने का टाइम आ गया है। एक दोपहर दीदी मेरे रूम में आईं। मैं बेड पर लेटकर फोन देख रहा था। दीदी मेरे पास बैठीं और बोलीं, “नील, मेरा एक काम करेगा?”
मैंने कहा, “हाँ, दी, बोलो ना।”
दीदी ने कहा, “मेरी कुछ फोटोज़ एडिट कर देगा?”
मैंने हँसते हुए कहा, “हाँ, दी, बिल्कुल। दिखाओ।”
दीदी ने जानबूझकर कुछ खराब फोटोज़ दिखाईं और बोलीं, “ये देख, ये फोटोज़ ठीक कर दे।”
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
मैंने फोटोज़ देखे और कहा, “दी, ये तो क्लिक ही अच्छी नहीं हुईं। कितनी भी एडिटिंग करूँ, अच्छी नहीं लगेंगी।”
दीदी ने उदास चेहरा बनाते हुए कहा, “क्या करूँ, मेरी कोई अच्छी फोटोज़ लेता ही नहीं। मुझे तो बस ऐसे ही फोटोज़ मिलते हैं।”
मैंने कहा, “अरे, दी, टेंशन मत लो। जब भी फोटोज़ चाहिए, मुझे बोल देना। मैं क्लिक कर दूँगा।”
दीदी ने खुशी से कहा, “थैंक यू, मेरा प्यारा नील!” और मुझे टाइट हग करके मेरे गाल पर पप्पी दे दी। उनकी बॉडी की गर्मी मेरे बदन में सिहरन पैदा कर रही थी। फिर वो बोलीं, “अभी करेगा क्या?”
मैंने कहा, “हाँ, दी, चलो। तुम चेंज करके आओ।”
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
दीदी अपने रूम में गईं और एक टाइट, लो-कट टॉप और मिनी स्कर्ट पहनकर आईं। उनकी स्कर्ट इतनी छोटी थी कि उनकी जाँघें पूरी दिख रही थीं। टॉप में उनके बूब्स का उभार साफ था, और क्लीवेज गहरी झलक रही थी। मैंने कहा, “दी, तुम इस ड्रेस में कमाल लग रही हो। लेकिन फोटोज़ के लिए थोड़ा छोटा है।”
दीदी ने शरारती अंदाज़ में कहा, “अरे, आजकल सब ऐसे ही फोटोज़ लेते हैं। फोटो में तो पता चलना चाहिए ना कि तेरी दी कितनी हॉट और ब्यूटिफुल है।”
मैंने हँसते हुए कहा, “हाँ, दी, हॉट तो तुम सचमुच लग रही हो।”
मैंने फोन उठाया और दीदी की फोटोज़ लेना शुरू किया। दीदी एक से एक सेक्सी पोज़ दे रही थीं। कभी वो झुक रही थीं, ताकि उनकी क्लीवेज साफ दिखे। कभी अपनी स्कर्ट थोड़ा ऊपर उठा रही थीं, ताकि उनकी जाँघें और हल्की सी पैंटी की झलक दिखे। मैं फोटोज़ लेते-लेते थोड़ा शरमाया, लेकिन दीदी की हॉटनेस देखकर मेरा लंड पजामे में तनने लगा।
फोटोज़ लेने के बाद दीदी मेरे पास बैठ गईं और बोलीं, “अब इन्हें एडिट कर दे।” मैंने एडिटिंग शुरू की। तभी दीदी बोलीं, “नील, मेरी चेस्ट के पास एक पिंपल है। उसे हटा दे।”
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
मैंने फोटो ज़ूम की, लेकिन पिंपल नहीं दिखा। मैंने कहा, “दी, कहाँ है? मुझे तो नहीं दिख रहा।”
दीदी ने शरारत से कहा, “अरे, मेरी क्लीवेज के पास देख ना।” मैंने फोटो को और ज़ूम किया, और उनकी गहरी क्लीवेज देखकर मेरे होश उड़ गए। मैंने किसी तरह पिंपल हटाया और बाकी फोटोज़ एडिट कीं। दीदी ने फोटोज़ देखकर कहा, “वाह, नील! तूने तो बिल्कुल वैसी कर दीं, जैसी मुझे चाहिए थीं। लव यू, मेरा भाई!” और मुझे टाइट हग करके मेरे गाल पर तीन-चार पप्पी दे दीं। उनकी साँसें मेरे चेहरे पर गर्म थीं, और मैं थोड़ा बेचैन हो गया।
मैंने कहा, “लव यू टू, दी।”
फिर दीदी फोटोज़ पोस्ट करने लगीं। तभी वो बोलीं, “नील, इस पिंपल पर कुछ लगाना चाहिए। लेकिन मुझे नहीं लगता।”
मैंने कहा, “ठीक है, दी, मैं लगा दूँगा। क्रीम लाओ।”
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
दीदी क्रीम लेकर आईं और दरवाज़ा लॉक करके मेरे पास बैठ गईं। फिर वो बोलीं, “रुक, मैं टॉप उतार देती हूँ, वरना गंदा हो जाएगा।” उन्होंने अपना टॉप उतार दिया। अब वो सिर्फ़ काली ब्रा में थीं। उनकी ब्रा में उनके 34 इंच के बूब्स आधे बाहर झाँक रहे थे। उनकी गोरी त्वचा और गहरी क्लीवेज देखकर मैं खो सा गया। मेरा लंड मेरे अंडरवियर में तन गया, और पजामे में उसका उभार साफ दिख रहा था।
दीदी ने मेरे लंड की तरफ देखा और मन में सोचा, “हाय, नील का लंड मेरे लिए खड़ा हो गया।” वो मुस्कुराईं और बोलीं, “क्या हुआ, नील? कहाँ खो गया?”
मैंने शरमाते हुए कहा, “वो… दी, आपको ऐसे कभी नहीं देखा ना।”
दीदी ने मस्ती भरे अंदाज़ में कहा, “अरे, उस दिन मैंने भी तो तुझे बिना तौलिया के देखा था। मैं तो खो गई थी।”
मैंने हँसते हुए कहा, “हाँ, दी, अब समझ आया कि आप क्यों खो गई थीं।”
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
दीदी ने शरारत से कहा, “चल, अब हमें इसकी आदत डाल लेनी चाहिए। ताकि फिर ना खोएँ।”
मैंने कहा, “ठीक है, दी। लेकिन मैं उस दिन जैसा नहीं रहूँगा।”
दीदी ने हँसते हुए कहा, “अरे, मैं तो ब्रा में हूँ ना। तू भी अंडरवियर में रह सकता है। अगर मैं बिना ब्रा के होती, तो तुझे भी बिना अंडरवियर के रहना पड़ता।”
मैं शरमाते हुए बोला, “हाँ, दी, अंडरवियर में तो ट्राई कर सकता हूँ।”
दीदी ने तुरंत कहा, “हाँ, तो अभी से शुरू कर। मैंने टॉप उतार दिया, अब तू भी पजामा उतार दे।”
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
मैं थोड़ा हिचकिचाया, लेकिन दीदी ने मेरे पास आकर मेरा पजामा नीचे खींच दिया। अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था, और मेरा लंड उसमें साफ उभर रहा था। दीदी की नज़रें मेरे लंड पर टिकी थीं, और वो मन में सोच रही थीं, “हाय, कितना मोटा और सख्त है। इसे अपनी चूत में लेने का मज़ा ही कुछ और होगा।”
दीदी ने कहा, “चल, नील, अब क्रीम लगा दे।” मैंने क्रीम ली और दीदी की चेस्ट पर लगाने लगा। मेरी उंगलियाँ उनकी क्लीवेज के पास जा रही थीं, और उनकी गोरी त्वचा की गर्मी मुझे पागल कर रही थी। दीदी ने कहा, “नील, थोड़ा मसाज भी कर दे।”
मैंने मसाज शुरू की। मेरे हाथ उनकी क्लीवेज के आसपास घूम रहे थे, और गलती से मेरा अँगूठा उनकी ब्रा के ऊपर से उनके बूब्स को छू गया। दीदी ने हल्की सी सिसकारी ली, “उह…” और मेरी तरफ देखकर मुस्कुराईं। मेरा लंड अब और सख्त हो गया था, और मैंने उसे छुपाने के लिए थोड़ा पीछे हटने की कोशिश की। लेकिन दीदी की नज़रें मेरे अंडरवियर पर थीं। वो मन में सोच रही थीं, “हाँ, नील, तेरा लंड मेरे लिए तन रहा है। बस थोड़ा और, और तू मेरा हो जाएगा।”
मैंने मसाज खत्म की और कहा, “दी, हो गया। अब मैं जाऊँ?”
दीदी ने मेरे लंड की तरफ देखते हुए कहा, “ठीक है, नील।” उनकी आँखों में एक शरारती चमक थी। हमने अपने-अपने कपड़े पहने और अपने रूम में चले गए।
आप यह Family Sex Stories - Incest Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।
तो दोस्तों, ये था कहानी का तीसरा हिस्सा। अगले हिस्से में पढ़िए कि कैसे दीदी ने मेरी शरम को दूर किया और मुझे अपने सेडक्शन का शिकार बनाया। आपको दीदी का सेडक्शन कैसा लगा? क्या आप भी ऐसी हॉट और मसालेदार स्टोरीज़ पढ़ना पसंद करते हैं? कमेंट में ज़रूर बताएँ।
कहानी का अगला भाग: बहेन की चुदाई की तलब का शिकार भाई-4
2 thoughts on “बहेन की चुदाई की तलब का शिकार भाई-3”