बहन की चुदाई कार में

Bhai Behan car sex story: मेरी बहन रूपाली, उम्र 19 साल, वो लड़की थी जिसे देखकर किसी का भी लंड तन जाए। उसका गोरा रंग, भरा हुआ बदन, और कातिलाना अदाएं किसी को भी पागल कर सकती थीं। अभी-अभी उसने जवानी की दहलीज पर कदम रखा था, और उसकी हर अदा में एक आग सी थी। मैं, हेमंत, 22 साल का, कॉलेज में पढ़ता हूं, और रूपाली से 3 साल बड़ा हूं। लेकिन उसकी हॉटनेस ने मुझे ऐसा दीवाना बना दिया कि मैंने अपनी गाड़ी को हाईवे के एक सुनसान कोने में रोका और उसकी चूत की गर्मी को अपने लंड से ठंडा कर दिया। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा मोटा लंड अंदर जाने में अटक रहा था, लेकिन मैंने धीरे-धीरे उसे चोदकर उसकी सील तोड़ दी। वो दर्द से कराह रही थी, लेकिन उसकी सिसकियों में एक अजीब सी मस्ती थी, जैसे वो भी यही चाहती थी। उस दिन का माहौल ही ऐसा था कि कोई भी उसे पकड़कर चोद दे। मैंने भी मौके का फायदा उठाया। आज मैं आपको अपनी ये सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूं, जो मेरे और रूपाली के बीच की है। उम्मीद है आपको इस चुदाई की कहानी में उतना ही मजा आएगा, जितना मुझे उस दिन आया था।

सबसे पहले मैं आपको अपने और रूपाली के बारे में बता देता हूं। मैं हेमंत, 22 साल का, कॉलेज में पढ़ता हूं। मेरा रंग सांवला है, कद 5 फीट 10 इंच, और जिम जाता हूं, तो बदन थोड़ा कसा हुआ है। मेरा लंड 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है, जो किसी भी लड़की की चूत को फाड़ सकता है। रूपाली, मेरी छोटी बहन, 19 साल की, कॉलेज में नई-नई दाखिल हुई है। उसका गोरा रंग, 5 फीट 5 इंच का कद, और 34-28-36 का फिगर उसे किसी मॉडल से कम नहीं बनाता। उसकी गोल-गोल चूचियां, पतली कमर, और भारी-भरकम गांड देखकर कोई भी पागल हो जाए। वो टिक-टॉक और इंस्टाग्राम की स्टार है, लाखों फॉलोअर्स हैं। उसकी हर पोस्ट पर लोग लाइक्स और कमेंट्स की बौछार करते हैं। वो वेस्टर्न ड्रेस की शौकीन है—छोटी-छोटी स्कर्ट, टाइट टॉप, और हील्स उसकी पहचान हैं। जब वो चलती है, तो उसकी गांड के उभार और चूचियों का हल्का-हल्का उछलना किसी का भी ध्यान खींच लेता है। उसकी नाभि, जो हमेशा टॉप और स्कर्ट के बीच दिखती है, और उसकी गहरी क्लीवेज देखकर तो कोई भी मुट्ठ मारने को मजबूर हो जाए।

रूपाली की इन हरकतों ने मुझे कई बार बेचैन किया। वो रात-रात भर फोन पर चैट करती, नॉनवेज स्टोरीज पढ़ती, और भाई-बहन की चुदाई वाली कहानियां उसकी फेवरेट थीं। मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता था। मुझे लगता था कि मेरे घर की माल को कोई बाहरवाला यूज करेगा, ये बर्दाश्त नहीं होता था। मेरा एक दोस्त, मुकेश, 22 साल का, रूपाली के पीछे पड़ा था। वो मेरे सामने ही उसकी तारीफ करता, उसकी फोटोज पर कमेंट करता, और मुझे जलन होती। मैं सोचता, अगर रूपाली को चुदाई की जरूरत है, तो वो घर में ही पूरी होनी चाहिए। मैं नहीं चाहता था कि कोई बाहरवाला उसकी सील तोड़े। इसलिए मैंने उससे दोस्ती बढ़ानी शुरू की, उससे ज्यादा बातें करने लगा, ताकि वो बाहर की तरफ कम ध्यान दे।

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एक दिन की बात है, रूपाली के स्कूल का आखिरी दिन था। स्कूल में लास्ट डे पर सब सज-धजकर जाते हैं, और रूपाली ने तो हद ही कर दी। उसने ब्लैक क्रॉप टॉप पहना, जो इतना टाइट था कि उसकी चूचियां बाहर उभर रही थीं। टॉप इतना छोटा था कि उसकी नाभि और पतली कमर साफ दिख रही थी। नीचे उसने एक छोटी सी ब्लैक स्कर्ट पहनी, जो बस उसकी जांघों को ढक रही थी। अंदर लाल रंग की पैंटी और ब्रा थी, जिसकी स्ट्रैप्स उसके कंधों पर साफ दिख रही थीं। उसकी चूचियां टॉप से आधी बाहर झांक रही थीं, और स्कर्ट इतनी छोटी थी कि जब वो चलती, तो उसकी गांड के उभार हिलते-डुलते साफ दिखते। उसने लाल लिपस्टिक लगाई थी, और उसके खुले बाल हवा में लहरा रहे थे। उसे देखकर मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया।

मम्मी-पापा ने मुझे कहा था कि उसे स्कूल ड्रॉप करने और लेने जाना है, क्योंकि ऐसी ड्रेस में वो अकेली नहीं जा सकती। मैंने अपनी ब्लैक SUV तैयार की, जिसके शीशे पूरी तरह काले हैं, बाहर से कुछ दिखता नहीं। सुबह मैं उसे स्कूल छोड़ने गया और दिन के 1 बजे उसे लेने पहुंचा। जब वो बाहर आई, तो दोस्तों, क्या बताऊं! उसके बाल बिखरे हुए थे, लिपस्टिक हल्की सी फैली थी, और उसकी स्कर्ट थोड़ी ऊपर खिसक गई थी, जिससे उसकी गोरी जांघें और लाल पैंटी का किनारा झांक रहा था। उसकी नाभि और पेट का वो हिस्सा, जो टॉप और स्कर्ट के बीच दिख रहा था, देखकर मेरा दिमाग खराब हो गया। वो गाड़ी में बैठी, तो उसकी स्कर्ट और ऊपर चढ़ गई, और उसकी जांघें पूरी तरह नजर आने लगीं।

मैंने गाड़ी स्टार्ट की और हाईवे की तरफ बढ़ गया। उसने पूछा, “भैया, इधर से क्यों जा रहे हो? ये रास्ता तो लंबा है।” मैंने हंसकर कहा, “रूपाली, आज तू इतनी हॉट लग रही है कि मैं तुझे थोड़ा सैर कराना चाहता हूं।” वो हल्का सा मुस्कुराई और खिड़की से बाहर देखने लगी। मैंने AC चालू किया, हल्का म्यूजिक लगाया, और गाड़ी को एक सुनसान जगह पर, एक बड़े पेड़ के नीचे रोक दिया। वहां कोई गाड़ी रुकने वाली नहीं थी, क्योंकि हाईवे पर सब तेजी से निकल रहे थे।

मैंने उसकी तरफ देखा और कहा, “रूपाली, तू आज बहुत सेक्सी लग रही है। तेरी ये ड्रेस, तेरी ये जांघें, तेरी चूचियां… कोई भी तुझे देखे, तो बस चोदने का मन करे।” वो थोड़ा शरमाई, लेकिन उसकी आंखों में एक चमक थी। मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी गोरी जांघ पर रखा। उसकी त्वचा इतनी मुलायम थी कि मेरा लंड तुरंत टाइट हो गया। मैंने कहा, “मैंने तेरा फोन चेक किया था। तू रोज भाई-बहन की चुदाई वाली स्टोरीज पढ़ती है। तुझे भी तो मजा चाहिए, ना? तो क्यों ना घर का माल घर में ही रहे?” वो चुप रही, लेकिन उसने मेरे हाथ को हटाया नहीं। मैंने हल्के से उसकी जांघ को सहलाना शुरू किया।

वो धीरे से बोली, “भैया, ये गलत है…” लेकिन उसकी आवाज में वो दृढ़ता नहीं थी। मैंने कहा, “रूपाली, इसमें गलत क्या है? तू भी तो यही चाहती है। मैं तुझे फोर्स नहीं कर रहा, लेकिन तू मना करेगी, तो मैं रुक जाऊंगा।” उसने कुछ नहीं कहा, बस मेरी तरफ देखने लगी। मैंने उसकी जांघों को और सहलाया, और धीरे-धीरे मेरा हाथ उसकी स्कर्ट के अंदर चला गया। उसकी पैंटी गीली थी, और उसकी गर्मी मेरे हाथ में महसूस हो रही थी। मैंने उसकी आंखों में देखा और कहा, “रूपाली, तू तो पहले से तैयार है।” वो शरमाकर मुस्कुराई और मेरे करीब आ गई।

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मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में लिया और उसके गुलाबी होंठों को चूम लिया। उसके होंठ इतने नरम थे कि मैं पागल हो गया। “उम्म… भैया…” वो सिसकारी और मेरे बालों में उंगलियां फिराने लगी। मैंने उसकी जीभ को अपनी जीभ से चाटा, और हम दोनों 2-3 मिनट तक एक-दूसरे के होंठ चूसते रहे। मेरा लंड अब जींस में तंबू बना रहा था। मैंने अपनी सीट को पीछे किया और उसे अपनी गोद में खींच लिया। वो मेरे ऊपर बैठ गई, उसकी स्कर्ट पूरी तरह ऊपर चढ़ गई थी, और उसकी लाल पैंटी मेरे लंड के ऊपर रगड़ रही थी। “आह्ह… भैया, ये क्या कर रहे हो?” उसने सिसकारी, लेकिन उसकी गांड मेरे लंड पर हल्के-हल्के हिल रही थी।

मैंने उसका ब्लैक क्रॉप टॉप ऊपर उठाया। उसकी लाल ब्रा में कैद चूचियां बाहर निकलने को बेताब थीं। मैंने एक झटके में उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, और उसकी 34 साइज की गोल-गोल चूचियां मेरे सामने थीं। उसके निप्पल गुलाबी थे, और वो इतने टाइट थे कि मैंने तुरंत एक को मुंह में ले लिया। “उम्म… आह्ह… भैया, धीरे…” वो सिसकारी, और उसने मेरे सिर को अपनी चूचियों में दबा लिया। मैं एक निप्पल को चूस रहा था, और दूसरे को उंगलियों से मसल रहा था। उसकी चूचियां इतनी मुलायम थीं कि मैं रुक ही नहीं पा रहा था। मैंने उसकी बगल को चाटा, जहां से हल्की सी पसीने की खुशबू आ रही थी। उसने आज ही बगल के बाल साफ किए थे, और वो जगह चिकनी थी।

मैंने उसे गाड़ी की पिछली सीट पर ले गया। वहां जगह ज्यादा थी। मैंने उसे लिटाया और उसकी स्कर्ट को कमर तक उठा दिया। उसकी लाल पैंटी अब पूरी तरह गीली थी। मैंने पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सूंघा। उसकी चूत से हल्की पेशाब और मस्ती की खुशबू आ रही थी, जो मुझे और पागल कर रही थी। “रूपाली, तेरी चूत की खुशबू तो जन्नत है,” मैंने कहा और उसकी पैंटी को धीरे-धीरे नीचे सरकाया। उसकी चूत गुलाबी थी, बिल्कुल साफ, और एक छोटा सा छेद दिख रहा था। मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू किया। “आह्ह… भैया… उफ्फ… ये क्या कर रहे हो… आह्ह…” वो सिसक रही थी, और उसकी टांगें फैल गईं। मैंने उसकी क्लिट को जीभ से चाटा, और उसका गर्म-गर्म पानी मेरे मुंह में आने लगा।

मैंने अपनी जींस उतारी और मेरा 7 इंच का लंड बाहर निकाला। उसका सुपारा गुलाबी था, और वो पूरी तरह टाइट था। रूपाली ने उसे देखा और बोली, “भैया, ये तो बहुत बड़ा है…” मैंने हंसकर कहा, “चिंता मत कर, मैं धीरे डालूंगा।” उसने मेरा लंड पकड़ा और हल्के-हल्के हिलाने लगी। फिर वो नीचे झुकी और मेरे लंड को मुंह में ले लिया। “उम्म… आह्ह…” मैं सिसकारी। उसने मेरे सुपारे को जीभ से चाटा, और मेरे लंड को गहराई तक चूसने लगी। उसके गुलाबी होंठ मेरे लंड पर ऊपर-नीचे हो रहे थे, और उसके बिखरे बाल मेरी जांघों पर गिर रहे थे।

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मैंने उसे फिर से लिटाया और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ा। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि सुपारा अंदर नहीं जा रहा था। मैंने थूक लगाया और धीरे-धीरे दबाव डाला। “आह्ह… भैया… दर्द हो रहा है…” वो चिल्लाई। मैंने उसकी चूचियों को सहलाया और कहा, “बस थोड़ा सा, रूपाली… मजा आएगा।” मैंने फिर से धक्का दिया, और मेरा सुपारा उसकी चूत में घुस गया। “उफ्फ… आह्ह…” वो सिसकारी, और उसकी आंखों में आंसू थे। मैंने धीरे-धीरे पूरा लंड अंदर डाला। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड फंस सा गया था। मैंने हल्के-हल्के धक्के मारने शुरू किए। “पच… पच…” चुदाई की आवाजें गाड़ी में गूंज रही थीं।

मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। उसकी गांड के गोल-गोल उभार मेरे सामने थे, और मैं उन्हें सहलाते हुए धक्के मार रहा था। “आह्ह… भैया… और जोर से… उफ्फ…” वो चिल्ला रही थी। मैंने उसकी कमर पकड़ी और तेज-तेज धक्के मारे। उसकी चूत से गर्म पानी निकल रहा था, और मेरे लंड पर उसकी क्रीम चमक रही थी। मैंने उसे फिर से लिटाया और मिशनरी स्टाइल में चोदना शुरू किया। उसकी चूचियां उछल रही थीं, और मैं उन्हें चूसते हुए धक्के मार रहा था। “उम्म… आह्ह… भैया… और तेज…” वो सिसक रही थी।

15-20 मिनट की चुदाई में वो 3 बार झड़ चुकी थी। उसकी चूत अब लाल हो गई थी, और वो बोली, “भैया, अब दर्द हो रहा है… बस करो।” मैंने कहा, “बस, एक बार और…” और तेज-तेज धक्के मारने लगा। “पच… पच…” की आवाजें तेज हो गईं, और मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में डाल दिया। हम दोनों पसीने से तरबतर थे। उसकी चूचियां लाल थीं, निप्पल टाइट, और उसके बाल बिखरे हुए थे। मैंने उसे चूमा और कहा, “रूपाली, तू कमाल है।” उसने शरमाकर मुस्कुराया और कहा, “भैया, ये हमारा सीक्रेट है।”

हमने कपड़े पहने, गाड़ी स्टार्ट की, और घर की तरफ चल पड़े। उस दिन के बाद हमारा रिश्ता बदल गया। अब वो बाहर ज्यादा ध्यान नहीं देती, और मैं उसका पूरा ख्याल रखता हूं। वो भी खुश है, क्योंकि जो चाहिए, वो उसे घर में ही मिल रहा है।

आपको ये कहानी कैसी लगी? क्या आपने कभी ऐसा अनुभव किया? नीचे कमेंट में बताएं!

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