बस में चुदाई, आंटी के साथ सेक्स: मेरा नाम रोहन है, 24 साल का हूँ, और बेंगलुरु में रहता हूँ। मैं दिखने में अच्छा-खासा हूँ—5 फुट 8 इंच की हाइट, गोरा रंग, जिम में वर्कआउट की वजह से फिट बॉडी, और मेरी स्माइल को लोग कातिलाना कहते हैं। मेरे बाल काले, हल्के घुंघराले हैं, और मैं हमेशा क्लीन शेव रखता हूँ। ये कहानी तब की है जब मैं भुवनेश्वर में बी.टेक के तीसरे साल में था। हमारा कॉलेज शहर से काफी दूर था, और रेलवे स्टेशन से कॉलेज तक बस में दो घंटे का सफर करना पड़ता था।
तनु आंटी, जिनसे मेरी मुलाकात हुई, 35 साल की थीं। वो बेहद खूबसूरत थीं, गोरा रंग, भरा हुआ बदन, और फिगर 36-30-38। उनके बूब्स बड़े और गोल थे, जो हर ड्रेस में उभरकर दिखते थे। उनकी कमर पतली थी, और हिप्स भारी-भरकम, जो चलते वक्त हल्का-हल्का हिलते थे। उनके लंबे, काले, चमकदार बाल कमर तक लहराते थे। उनकी आँखें भूरी थीं, और होंठ गुलाबी, जिन पर वो हल्की लिपस्टिक लगाती थीं। उनकी स्माइल में एक अजीब सा जादू था, जो किसी को भी दीवाना बना दे।
बात गर्मी की छुट्टियों के बाद की है। मैं ट्रेन से भुवनेश्वर स्टेशन दोपहर 2 बजे के आसपास पहुँचा। मेरे पास दो बड़े बैग और एक बैकपैक था, जिसमें मेरे कपड़े, किताबें, और लैपटॉप थे। गर्मी की वजह से मैं थोड़ा थका हुआ था। मैंने जल्दी-जल्दी कॉलेज जाने वाली बस पकड़ी और खिड़की वाली सीट पर बैठ गया। मेरा एक बैग सीट पर और दूसरा नीचे रखा था। बस में हल्की भीड़ थी, लेकिन अगले स्टॉप पर इतने लोग चढ़े कि गलियारा भर गया।
इसी बीच मेरी नजर तनु आंटी पर पड़ी, जो मेरी सीट के पास खड़ी थीं। वो नीली साड़ी में थीं, जिसका पल्लू उनके कर्व्स को और उभार रहा था। उनका ब्लाउज टाइट था, और उनके बूब्स उसमें कसकर फिट थे। उनकी साड़ी का रंग उनकी गोरी स्किन पर गजब ढा रहा था। मैंने उनसे नजरें मिलाईं और मुस्कुराते हुए अपनी सीट ऑफर की, “आंटी, आप बैठ जाइए।” मेरे पास सामान ज्यादा था, और मैं थोड़ा थक भी गया था। तनु आंटी ने प्यारी सी स्माइल दी और बोलीं, “नहीं बेटा, तुम बैठो। इतना सामान है तुम्हारे पास, मैं ठीक हूँ।” उनकी आवाज में मिठास थी, और उनकी स्माइल ने मेरे दिल को छू लिया। मैंने थैंक्स बोला और खिड़की की तरफ देखने लगा।
करीब आधा घंटा गुजर गया। बस में भीड़ बढ़ती जा रही थी। तनु आंटी अब मेरे और करीब आ गई थीं। उनका चेहरा मेरी तरफ नहीं था, वो दूसरी तरफ मुँह करके खड़ी थीं। उनकी साड़ी का पल्लू हल्का सा सरक गया था, और उनका भारी पिछवाड़ा मेरे हाथ के पास था। बस में एक झटका लगा, और उनका हिप मेरे हाथ से टच हो गया। उनकी साड़ी के नीचे की नरमी और गर्मी मुझे साफ महसूस हुई। मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा। मैंने कोई रिएक्शन नहीं दिया, लेकिन मेरा दिमाग अब कंट्रोल से बाहर जा रहा था।
मैंने हिम्मत जुटाई और अपना हाथ हल्का सा सीधा किया। मेरी उंगलियाँ उनकी कमर को हल्के से छू रही थीं। उनकी साड़ी मुलायम थी, और उनके बदन की गर्मी मुझे दीवाना कर रही थी। तनु आंटी ने कोई रिएक्शन नहीं दिया, ना ही पीछे मुड़ीं। मेरी हिम्मत बढ़ी। मैंने धीरे-धीरे अपनी उंगलियों से उनके चूतड़ों को सहलाना शुरू किया। उनके हिप्स गोल और भारी थे, और साड़ी के ऊपर से उनकी नरमी मुझे पागल कर रही थी। मैंने देखा कि वो हल्का सा हिलीं, लेकिन कुछ नहीं बोलीं।
मैं डर गया और तुरंत हाथ हटा लिया। क्या वो गुस्सा हो जाएँगी? क्या चिल्लाएँगी? मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। दस मिनट तक मैं चुपचाप बैठा रहा। मेरा लंड अब पैंट में तन चुका था, और पैंट में साफ दिख रहा था। मैंने फिर से हिम्मत की और अपनी उंगलियाँ उनके चूतड़ों पर रख दीं। इस बार मैंने हल्के से उनके हिप्स को दबाया। तनु आंटी ने फिर से हल्का सा हिलकर अपना बदन एडजस्ट किया, लेकिन कुछ नहीं बोलीं। मैं समझ गया कि वो भी मजे ले रही हैं।
अब मैं खुलकर उनके चूतड़ों को सहलाने लगा। मेरी उंगलियाँ उनके हिप्स के कर्व्स को फॉलो कर रही थीं। मैं एक हाथ से उनके चूतड़ों को दबा रहा था, और दूसरे हाथ से अपनी पैंट के ऊपर से अपने लंड को सहला रहा था। मेरा 6 इंच का लंड पूरी तरह तन चुका था, और उसका सुपारा पैंट में उभर रहा था। तनु आंटी का बदन गर्म था, और वो हल्का-हल्का कांप रही थीं। मैंने महसूस किया कि उनकी साँसें तेज हो रही थीं। करीब 25 मिनट तक मैं उनके चूतड़ों को सहलाता रहा, और वो चुपचाप मजे लेती रहीं।
लेकिन तभी मेरा स्टॉप आ गया। मैंने तनु आंटी की तरफ देखा और एक हल्की सी स्माइल दी। वो भी मुस्कुराईं, और उनकी आँखों में एक नशीला अंदाज था। मैं सामान उठाकर बस से उतर गया। लेकिन जैसे ही मैंने पीछे देखा, तनु आंटी भी उतर चुकी थीं और मेरे पीछे खड़ी थीं। मेरे दिल की धड़कन और तेज हो गई। मैंने रिक्शा बुलाया, क्योंकि मेरा हॉस्टल 500 मीटर दूर था। तनु आंटी मेरे पास आईं और धीरे से बोलीं, “कहाँ जा रहे हो, बेटा?” उनकी आवाज में अब मिठास के साथ एक छेड़छाड़ थी।
मैंने हिम्मत करके एक कागज पर अपना नंबर लिखा और उनकी हथेली में रख दिया। वो हल्का सा मुस्कुराईं और नंबर को अपनी साड़ी के पल्लू में छुपा लिया। मैं रिक्शे में बैठ गया, और जब पीछे मुड़ा, तो वो मुझे देखकर स्माइल कर रही थीं। उनकी स्माइल में कुछ ऐसा था कि मेरा दिल और तेज धड़कने लगा।
हॉस्टल पहुँचते ही मेरा फोन वाइब्रेट हुआ। तनु आंटी का मैसेज था: “हाय, मैं तनु। आज का सफर तो बड़ा मजेदार था, ना?” मैंने तुरंत जवाब नहीं दिया। फ्रेश होने के बाद मैंने हिम्मत जुटाई और उन्हें कॉल किया। पहले वो थोड़ा शरमाईं, लेकिन फिर खुलकर बात करने लगीं। उन्होंने बताया कि वो अपने गाँव से आई हैं, और उनका पति और 12 साल का बेटा दो दिन बाद आएँगे। वो घर पर अकेली थीं और मुझे अपने घर बुलाया। “आ जाओ, आराम से बात करेंगे,” उन्होंने कहा। उनकी आवाज में वो नशीला अंदाज था, जो मुझे पागल कर रहा था।
मैं तुरंत तैयार हुआ। नीली जींस और सफेद टी-शर्ट पहनी, हल्का सा परफ्यूम लगाया, और उनके बताए पते पर पहुँच गया। तनु आंटी ने दरवाजा खोला। ओह माय गॉड! वो नहाकर आई थीं और लाल रंग की ट्रांसपेरेंट चूड़ीदार में थीं। उनका ब्लाउज टाइट था, और उनके बूब्स उसमें कसकर फिट थे। उनकी गहरी नाभि साफ दिख रही थी। उनके गीले बाल खुले थे, और वो हल्का सा मेकअप करके और भी हॉट लग रही थीं। उनकी लिपस्टिक गहरे लाल रंग की थी, और उनकी भूरी आँखें मुझे जैसे निगल रही थीं।
वो मुझे सोफे पर बैठने को बोलीं और चाय बनाने किचन में चली गईं। मैं दो मिनट तक सोफे पर बैठा रहा, लेकिन मुझसे रहा नहीं गया। मैं किचन में चला गया और पीछे से उन्हें हल्के से पकड़ लिया। मेरे हाथ उनकी कमर पर थे, और मैं उनकी गर्दन को चूमने लगा। उनकी गर्म साँसें मुझे महसूस हो रही थीं। तनु आंटी हल्का सा हँसीं और बोलीं, “अरे बेशर्म, थोड़ा तो सब्र करो!” लेकिन उनकी आवाज में मना करने की जगह एक छेड़छाड़ थी। वो मेरा हाथ छुड़ाकर हँसते हुए बेडरूम की तरफ भाग गईं।
मैं उनके पीछे बेडरूम में पहुँच गया। वो बेड पर लेटी थीं, आँखें बंद करके, जैसे मुझे बुला रही हों। मैं उनके पास गया और उनके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उनकी लिपस्टिक की हल्की खुशबू मुझे और उत्तेजित कर रही थी। पहले वो शांत रहीं, लेकिन फिर वो भी मेरे होंठों को चूमने लगीं। हमारी जीभ एक-दूसरे से टकराने लगी। मैंने उनके गालों, उनकी भूरी आँखों, उनकी गर्दन को चूमा। मेरे हाथ उनके बूब्स पर चले गए। मैंने उनके ब्लाउज के ऊपर से ही उनके 36D बूब्स को दबाना शुरू किया। वो मुलायम और गर्म थे।
“आह्ह… रोहन… धीरे कर ना…” वो हल्के से बोलीं, लेकिन उनकी सिसकारियों से साफ था कि वो मजा ले रही थीं। मैंने उनके ब्लाउज के बटन खोले। उनका लाल ब्लाउज धीरे-धीरे खुल गया, और उनकी व्हाइट ब्रा मेरे सामने थी। उनकी क्लीवेज गहरी थी, और उनके बूब्स ब्रा में कसकर फिट थे। मैंने उनकी ब्रा के ऊपर से उनके बूब्स को चूमा। मेरे होंठ उनके निप्पल्स को ब्रा के ऊपर से ही चूस रहे थे। “उम्म… आह्ह… और जोर से…” वो सिसकारियाँ ले रही थीं।
मैंने उनकी ब्रा का हुक खोला। उनके बड़े-बड़े बूब्स मेरे सामने थे। उनके निप्पल्स गहरे गुलाबी रंग के थे, और पूरी तरह तने हुए थे। मैंने अपने होंठ उनके एक निप्पल पर रखे और जोर-जोर से चूसने लगा। मेरे एक हाथ से मैं उनके दूसरे बूब को मसल रहा था। “आह्ह… उफ्फ… रोहन… तू तो… बहुत मस्त है…” वो मेरे सिर को अपने बूब्स में दबा रही थीं। मैंने उनके निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा, हल्के से काटा, और फिर पूरा मुँह में लेकर चूसा। वो हर बार सिहर उठती थीं।
करीब 20 मिनट तक मैं उनके बूब्स के साथ खेलता रहा। फिर मैंने उनके पेट को चूमना शुरू किया। उनकी नाभि गहरी और सेक्सी थी। मैंने अपनी जीभ उनकी नाभि में डाली, और वो जोर से सिसकारी। “उफ्फ… रोहन… ये क्या कर रहा है… आह्ह…” मैंने उनके पेट को चूमा, उनकी कमर को सहलाया, और फिर उनकी जाँघों की तरफ बढ़ गया। उनकी लाल सलवार मैंने धीरे-धीरे नीचे सरकाई। अब वो सिर्फ ब्लैक लेस वाली पैंटी में थीं। उनकी जाँघें गोरी और मुलायम थीं। मैंने उनकी जाँघों को चूमा, सहलाया, और हल्के से काटा।
मैंने उनकी पैंटी के ऊपर से उनकी चूत को चूमा। उनकी पैंटी गीली हो चुकी थी। मैंने अपने दाँतों से उनकी पैंटी को नीचे सरकाया। उनकी गुलाबी चूत मेरे सामने थी। उनकी चूत चिकनी थी, और उसका क्लिट हल्का सा उभरा हुआ था। उसका पानी हल्का-हल्का बह रहा था। मैंने अपने होंठ उनकी चूत पर रखे और चूसना शुरू किया। “आह्ह… उफ्फ… रोहन… तू… हाय…” तनु आंटी की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में डाली, और उसे अंदर-बाहर करने लगा। वो मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थीं। “और जोर से… हाँ… ऐसे ही… उफ्फ…”
मैंने उनकी चूत को 20 मिनट तक चाटा, चूसा, और उनका रस पिया। उनकी चूत का रस हल्का नमकीन था, और मुझे उसका स्वाद दीवाना कर रहा था। तनु आंटी तीन बार झड़ चुकी थीं। उनका शरीर काँप रहा था। अब तनु आंटी ने मुझे नंगा करना शुरू किया। मेरी टी-शर्ट उतारी, फिर मेरी जींस। मेरा अंडरवियर उतारते ही मेरा 6 इंच का लंड बाहर आ गया। मेरा लंड मोटा था, और उसका सुपारा गुलाबी और चमकदार था। वो मेरे लंड को देखकर मुस्कुराईं और बोलीं, “वाह… ये तो कमाल का है…”
वो मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों में लेकर सहलाने लगीं। फिर उन्होंने मेरे लंड को चूमना शुरू किया। उनकी गर्म जीभ मेरे सुपारे पर फिसल रही थी। “उम्म… तनु… आह्ह…” मैं सिसकारियाँ ले रहा था। वो मेरे लंड को पूरा मुँह में ले रही थीं, और उनकी जीभ मेरे सुपारे को चाट रही थी। हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैं उनकी चूत चाट रहा था, और वो मेरा लंड चूस रही थीं। उनकी चूत का पानी मेरे मुँह में था, और मेरा लंड उनकी जीभ पर।
करीब 15 मिनट तक हम एक-दूसरे को चूसते रहे। फिर तनु आंटी बेड पर सीधी लेट गईं और मुझे अपने ऊपर आने का इशारा किया। “रोहन… आ जा… मुझे और मत तड़पा…” वो बोलीं। मैं उनके ऊपर आया और अपना लंड उनकी चूत पर टिकाया। “धीरे करना… तेरा लंड बहुत मोटा है…” वो थोड़ा डरते हुए बोलीं। मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रखे और धीरे से अपने लंड को उनकी चूत में डाला। “आह्ह… उफ्फ…” वो चिल्लाईं, लेकिन मैंने अपने होंठों से उनके होंठ बंद रखे। उनकी चूत टाइट और गर्म थी।
मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए। “पच… पच…” मेरे लंड के अंदर-बाहर होने की आवाज कमरे में गूँज रही थी। तनु आंटी अपनी कमर हिलाकर मेरा साथ दे रही थीं। “आह्ह… रोहन… और जोर से… चोद मुझे… मेरी चूत को फाड़ दे…” वो सिसकारियाँ ले रही थीं। मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई। उनकी चूत का पानी मेरे लंड को और गीला कर रहा था।
करीब 15 मिनट तक मैंने उन्हें मिशनरी में चोदा। फिर मैंने उन्हें घोड़ी बनने को कहा। वो घुटनों के बल झुकीं, और उनका भारी पिछवाड़ा मेरे सामने था। मैंने पीछे से अपना लंड उनकी चूत में डाला और जोर-जोर से धक्के लगाने लगा। “थप… थप… पच… पच…” हमारी चुदाई की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं। तनु आंटी जोर-जोर से सिसकार रही थीं। “आह्ह… रोहन… तू तो… मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा… और जोर से…”
मैंने उनके बूब्स को पीछे से पकड़ा और जोर-जोर से मसलने लगा। उनके गुलाबी निप्पल्स मेरे हाथों में थे। वो और जोर से सिसकारी। “हाँ… ऐसे ही… मेरे बूब्स दबा… चोद मुझे…” करीब 20 मिनट तक मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर चोदा। फिर मैंने उन्हें अपनी गोद में बिठाया। वो मेरे लंड पर बैठ गईं, और मैं नीचे से धक्के लगाने लगा। उनके बूब्स मेरे सामने हिल रहे थे। मैंने उनके निप्पल्स को चूसा और अपनी स्पीड बढ़ा दी।
“आह्ह… रोहन… मैं… झड़ने वाली हूँ…” तनु आंटी चिल्लाईं। “हाँ… तनु… मैं भी… आह्ह…” मैंने अपनी स्पीड और तेज कर दी। “पच… पच… थप… थप…” हमारी चुदाई की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं। कुछ ही पलों में हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैंने अपना सारा माल उनकी चूत में डाल दिया। हम दोनों एक-दूसरे की बाहों में लिपट गए।
तनु आंटी ने हाँफते हुए पूछा, “मजा आया, मेरे राजा?” मैंने हँसकर कहा, “मजा? मैं तो जन्नत में हूँ!” वो हँसी और बोलीं, “जब भी जन्नत जाना हो, मेरे पास चले आना।” हम दोनों हँस पड़े। ये मेरा पहला सेक्स अनुभव था, और तनु आंटी के साथ वो पल मेरे लिए जिंदगी भर याद रहेंगे।
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