बाप खिलाड़ी बेटी महाखिलाड़िन- 4

बाप बेटी चुदाई की कहानी में आपने पढ़ा और उसके दोस्त दोनों ने बेटी की चूत गांड को होटल में खूब बजाया. बाप घर पहुंचा तो वो घर में भी बेटी से सेक्स करना चाहता था मगर …

Previous Part: बाप खिलाड़ी बेटी महाखिलाड़िन- 3

हैलो मेरे प्यारे दोस्तो, मैं राकेश अपने दोस्त रमेश की कहानी का चौथा भाग आपको बता रहा हूं. इससे पहले भाग में आपने पढ़ा था कि रमेश अपने दोस्त रवि से मिलने जा रहा था.

रमेश अपनी चुदक्कड़ सेक्रेटरी रीता को ले जाना चाहता था लेकिन रवि ने मना कर दिया. रवि बोला कि उसने एक दलाल के माध्यम से एक हाइ-प्रोफाइल रंडी को बुक किया हुआ है.

ये सुन कर रमेश रोमांचित हो गया मगर रीता नाराज हो गयी. रमेश रवि से मिलने होटल में पहुंचा तो उस लड़की को देख कर उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी. वो लड़की उसकी अपनी बेटी रिया थी.

फिर दोनों दोस्तों ने मिल कर रिया की चूत और गांड बेरहमी से बजाई और रिया भी दोनों मर्दों के लंड को झेल गयी. तीनों खुश हो गये और बातें करते हुए सो गये.

अब आगे:

सुबह जब रमेश की आंखें खुलीं तो उसने पाया कि रिया रवि के ऊपर अपनी एक टांग चढ़ा कर सो रही थी. रमेश एकटक अपनी बेटी के नंगे जिस्म को देखता रहा, फिर पास पड़े टेबल से सिगरेट उठा कर जलायी और कश लगाने लगा.

तभी रवि की भी नींद टूट गयी. उसका ध्यान भी रिया के नंगे बदन पर गया. वह रिया की गांड को सहलाने लगा.
फिर उससे अलग होकर किनारे बैठ गया और रमेश से बोला- गुड मॉर्निंग यार, तू कब से उठा हुआ है?

रमेश- बस तभी से जब तू इस रंडी के जिस्म से लिपट कर सोया हुआ था।
रवि रिया की गांड को सहलाते हुए बोला- लिपटूं क्यों ना … साली चीज़ ही ऐसी है … क्या माल है ये! मगर देखने से यह किसी ख़ानदानी परिवार की लगती है।

आप यह बाप बेटी की चुदाई - Baap Beti Sex Story Hindi हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

रवि की बात पर रमेश मुस्करा दिया.
रवि- मगर जो भी हो, रांड तो नम्बर 1 है ये। देख जरा इसकी गांड … कितनी मस्त है! जी करता है अपने दाँत गड़ा दूं इसमें।

रमेश रिया की नंगी गांड को देख कर एक हंसी के साथ बोला- तो गड़ा दे ना… रोका किसने है? पैसे किस बात के दिए हैं तूने?
रवि- हां, सही बोलता है यार!

रवि ने झुक कर रिया की गांड में अपने दाँत गड़ा दिये. रवि के दांत चूतड़ों पर लगते ही रिया चीखते हुए उठ बैठी और बोली- सेठ क्या कर रहे हो तुम?

रमेश जोर-जोर से हंसने लगा.
रवि- कुछ नहीं रांड, बस तुझे जगा रहा था।
रिया- कोई ऐसे गांड में दाँत गड़ा कर किसी को जगाता है क्या?

रिया बेड से उतर कर आगे बढ़ने लगी तो रवि ने उसका हाथ पकड़ कर खींच लिया और उसे अपने लंड पर बैठा लिया. लंड पर उसकी गांड को रखवा कर वो उसकी चूत में आगे से उंगली करने लगा.

इतने में ही रवि का लंड तनाव में आ गया और उसने रिया को ऊपर उकसाते हुए उसकी चूत में लंड रगड़ना शुरू कर दिया. रिया को भी अच्छा लगने लगा. मगर वो उठ कर आगे होने लगी.

रवि ने उसको पकड़ कर फिर से पीछे खींचा और उसकी चूचियों को जोर जोर से दबाते हुए उसकी गर्दन को चूमने लगा. उसकी चूचियों के निप्पलों को कचोटने लगा.

रिया परेशान हो गयी. वो बोली- छोड़ो सेठ, दाम जो लिया था तो वो रात भर के लिए ही था. सुबह के लिए नहीं.
रमेश- अरे करने दे … तेरी चूत घिस थोड़ी न जाएगी?

रिया को अपने बाप की ऐसी बातें सुन कर अजीब लगा.
रवि के चंगुल से खुद को छुड़ाते हुए वो बोली- सेठ, रंडियों के भी कुछ उसूल होते हैं.

इसे भी पढ़ें   बुआ के लड़के से विधवा माँ को चुदवाया - 2 | Freesexkahani

रवि- अरे तुझे पैसे ही चाहिएं न? मिल जाएंगे, मगर आ तो सही मेरे पास।
रिया- सेठ अपना एक और उसूल है. मैं दिन में धन्धा नहीं करती. मैं सिर्फ रात की रानी हूँ. दिन में मैं भी एक शरीफ लड़की हूं।
रवि- तुझे पैसों का ऑफर दिया है, आगे तेरी मर्जी।

आप यह बाप बेटी की चुदाई - Baap Beti Sex Story Hindi हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

रिया ने रवि की तरफ देखा और मुस्करा कर बाथरूम में फ्रेश होने चली गयी. थोड़ी देर बाद रिया नंगी ही बाथरूम से निकली और आइने के सामने बैठ कर बाल संवारने लगी। उसकी गोरी और गुदाज गांड स्टूल से काफी बाहर निकली हुई थी.

रमेश और रवि दोनों बैठ कर उसका बेशर्मी भरा रंडीपना देखने लगे. रिया उठी और फिर अपनी ब्रा और पैंटी पहनने लगी. जैसे ही उसने हाथ उठाये तो रवि ने उसे रोक लिया और बोला- रुको! तुम यह ब्रा और पैंटी अब नहीं पहन सकती।

रिया ने आश्चर्य से पूछा- क्यूं नहीं पहन सकती?
रवि- क्योंकि ये ब्रा और पैंटी अब मेरे दोस्त रमेश की हो गयी हैं.
रिया- अच्छा, कैसे भला?
रवि- क्योंकि रमेश को रंडियों की ब्रा और पैंटी कलेक्ट करने का शौक है. यह जब भी किसी को चोदता है तब उसकी ब्रा और पैंटी को अपने पास रख लेता है.

रवि की बात पर चौंकते हुए रिया रमेश के चेहरे की ओर देखने लगी. मगर रमेश उसको देख कर मुस्करा दिया.
फिर रवि बोला- तुम चाहो तो इसके ऐक्सट्रा पैसे ले लो. लेकिन अब यह ब्रा और पैंटी रमेश की ही है.

रिया रमेश को देख कर मुस्कुरायी और अपने हाथों में अपनी ब्रा और पेंटी लिए रमेश के पास आकर बोली- पैसे देने की कोई जरूरत नहीं सेठ. यह रख लो तुम। मेरी तरफ से फ्री. तुम भी क्या याद रखोगे कि किस दिलदार रंडी से पाला पड़ा था।

ये बोल कर रिया ने ब्रा और पेंटी को रमेश के हाथ में थमा दिया.
रमेश ने रिया की ब्रा और पेंटी को लेकर उसकी खुशबू को सूंघा और रिया रमेश की हरकत को देख कर खिलखिलाकर हंस दी.

फिर रिया ने अपनी जीन्स और टॉप को बिना ब्रा और पैंटी के ही पहन लिया. कपड़े पहन कर वो मटकती हुई दरवाजे की ओर जाने लगी.

दरवाजे के पास पहुंच कर वो बोली- सेठ … दोबारा कभी मेरी याद आये तो रत्न लाल को बोल देना. जितना रेट मैंने आपके लिए फिक्स किया है उससे एक पैसा ज्यादा मत देना उस हरामखोर रत्नलाल को।

तभी रवि ने रिया को रोकते हुए कहा- अरे सुन, तू ही अपना नम्बर दे दे. हम डायरेक्ट तुझसे ही बात कर लेंगे.
रिया- रंडी हूं, बेईमानी नहीं करूंगी सेठ. आज रत्न की वजह से ही इतनी बड़ी रांड बन पायी हूं. मैं उसे धोखा नहीं दे सकती. अगर तुम दोनों को मेरी चूत और गांड चुदाई आगे भी करनी है तो रत्न से ही बात करनी होगी. वरना बाय-बाय।

ये कह कर रिया कमरे से बाहर निकल गयी.
तभी रवि बोला- क्या रंडी थी यार, उसके बारे में सोच कर मेरा लंड अभी भी खड़ा है!
रमेश- हाँ यार, कुछ बात तो है इसमें!

आप यह बाप बेटी की चुदाई - Baap Beti Sex Story Hindi हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

रवि- मेरा तो जी नहीं भरा. मैं तो इसे और चोदना चाहता हूँ। तू क्या बोलता है?
रमेश- नहीं यार, तू ही मज़े कर. मुझे छोड़ दे।
रवि- लगता है तू सच में बूढ़ा हो गया है।
रमेश- तू चाहे जो समझ, मगर मुझे माफ़ कर।
रवि- जैसी तेरी मर्जी।

फिर थोड़ी देर बाद उन दोनों ने नाश्ता किया. उसके बाद रमेश भी अपने कपड़े पहन कर घर के लिये निकल गया. रमेश घर पहुंचा और उसने डोरबेल बजाई. दो मिनट के बाद दरवाजे पर आहट हुई.

इसे भी पढ़ें   भांजी की नई सील पैक चुत

दरवाजा खुला तो सामने रिया खड़ी हुई थी. रमेश रिया को देख कर खुश हो गया और मुस्करा दिया. रिया भी रमेश को देख कर मुस्करा दी. बाप बेटी के बीच में आज एक अलग ही रिश्ता पैदा हो गया था.

तभी आवाज देते हुए रति भी वहां आ पहुंची.
रति- बेटी कौन है?
तभी रति की नजर अपने पति रमेश पर पड़ी.
रति- अरे आप आ गये!

रमेश अंदर आया और उसने रिया को कस कर गले से लगा लिया. रात भर वो रिया के साथ था. मगर रति के सामने वो नाटक करते हुए बोला- आ गयी मेरी बिजनेस वूमेन बेटी।
रिया- जी डैड।
रमेश- बेटी कैसा रहा तेरा इवेंट?

रिया ने रमेश के छिछोरे सवाल पर उसे देखा और मुस्कराती हुई बोली- बहुत बढ़िया डैड, बहुत मजा आया।
रमेश- गुड, कल के इवेंट में किधर से ज्यादा मजा आया? आगे से या पीछे से?

रमेश के सवाल का मतलब रिया अच्छी तरह जानती थी.
वो बोली- डैड कल रात दोनों ही पार्टी जबरदस्त थीं. दोनों ही तरफ से मजा आया।

तभी रति ने दोनों को टोकते हुए कहा- बस हो गयी दोनों बाप-बेटी की बिज़नेस की बातें शुरु? अब जाओ और जा कर फ्रेश हो जाओ. मैं नाश्ता लगाती हूँ।

रमेश- अरे नहीं, तुम लोग नाश्ता करो, मैंने तो कर लिया है.
रिया- डैड, हमने पहले ही नाश्ता कर लिया है।
रमेश- ठीक है. मैं नहा कर फ्रेश हो जाता हूँ।

ये कह कर रमेश अपने कमरे में चला गया. उधर रति और रिया भी अपने अपने काम में लग गयीं. थोड़ी देर के बाद रमेश अपने कमरे से फ्रेश हो कर निकला और रिया को ढूँढता हुआ सीधे किचन में गया.

आप यह बाप बेटी की चुदाई - Baap Beti Sex Story Hindi हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

वो किचन में पहुंचा तो उसे वहां रति मिली. रमेश ने रति को अपनी बांहों में भर लिया. अपनी बीवी के बूब्स को साड़ी के ऊपर से ही दबाते हुए वो बोला- क्या कर रही हो जानू?
रति- आप भी ना! कभी-कभी आप बिल्कुल बुद्धू जैसी बातें करते हैं, देख नहीं रहें हैं कि मैं अपना काम कर रही हूँ?

रमेश- चलो ना डार्लिंग, एक बार हो जाए।
रति- छी: जब देखो तब शुरू हो जाते हो. आज ऑफिस नहीं जाना क्या?
रमेश अब सीधे अपने मतलब पर आते हुए बोला- हाँ जाऊँगा, मगर थोड़ी देर से जाऊँगा. अच्छा, मेरी वो बिजनेस वूमेन किधर है?
रति- वह अपने कमरे में है।

रति को वहीं किचन में छोड़ कर रमेश किचन से निकलते हुए बोला- मैं जरा उससे मिलकर आ रहा हूँ।
रमेश सीधे रिया के कमरे में घुस गया.

रिया की नज़र रमेश पर पड़ी और रमेश ने आगे बढ़ कर रिया को अपनी बांहों में कस लिया.
उसकी गांड को अपने हाथों से दबाते हुए बोला- जानेमन, क्या हो रहा है?

रमेश का लंड रिया की चूत से सट गया था. रमेश अपने लंड को अपनी बेटी की चूत पर कपड़ों के ऊपर से रगड़ने की कोशिश कर रहा था.

एक बार तो रमेश का लंड अपनी चूत पर लगता हुआ पाकर रिया भी बहकने सी लगी. मगर जल्दी ही वो संभल गयी.
वो बोली- डैड छोड़ो मुझे.

रमेश- क्यूं मेरी जान, रात में मेरा लंड लेकर मजा नहीं आया क्या?
रिया- रात की बात अलग थी.
रमेश- अलग कैसे थी, रात को भी तुम और मैं ही थे. अब भी तुम और मैं ही हूं.

रिया- डैड छोड़ो मुझे. रात को आप दोनों मेरे क्लाइंट थे.
रमेश- और अब?
रिया- अब मैं आपकी बेटी हूं.
रमेश- अच्छा, दिन में भैया और रात में सैंया? वाह रे रंडी, खूब हैं तेरे उसूल।

रमेश से छुड़ाकर अलग होते हुए रिया बोली- डैड, कर क्या रहे हो आप? मैं आपकी बेटी हूँ।
रमेश- अच्छा, रंडी … नाटक करना बंद कर और बता … आज रात चलेगी क्या?

इसे भी पढ़ें   बस में सब ने मिलके चोदा

रिया- कहाँ?
रमेश- जहाँ कल चुदी थी।
रिया मन ही मन सोचने लगी कि बाप के लंड चुदाई करवाने का ये पाप वो दोबारा नहीं कर सकती. किसी न किसी तरह से उसे डैड से पीछा छुड़ाना होगा. उसे कुछ तो करना पड़ेगा डैड को रोकने के लिए।

आप यह बाप बेटी की चुदाई - Baap Beti Sex Story Hindi हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

सोच कर वो बोली- सेठ, मेरी चूत की कीमत ही सिर्फ दस हज़ार है. मुझे इतने पैसे दे दो और चोद लो।
रमेश- क्या तू मुझसे भी चुदने के पैसे लेगी?

रिया- सेठ, यह चूत खैरात की नहीं है कि जब चाहो तब अपना लंड इसमें घुसा दो! वैसे भी तुम तो इतने मालदार सेठ हो. तुमसे चुदने के तो मैं 50 लूंगी.

रमेश- क्या? 50 हजार!
तभी रिया का फोन बजने लगा. उसने फोन उठा कर स्पीकर ऑन कर दिया और बोली- हां बोल रत्न!
रत्न- क्या बात है रंडी? क्या जादू कर दिया तुमने रात वाले बुड्ढे पर?

रिया हंसते हुए बोली- क्यों, क्या हुआ?
रत्न- साला आज रात फिर वह तेरी चूत चुदाई की डिमांड कर बैठा है.
रिया ने रमेश की ओर देख कर कहा- तो उसको बोल कि 30 हजार तैयार रखे.

रत्न- तीस नहीं, बीस हज़ार. आज सिर्फ एक ही बुड्ढा है।
रिया- ओके, कितने बजे पहुंचना है?
रत्न- उसी टाइम पर।

रिया- ठीक है पहुँच जाऊंगी, उसको तैयार रहने को बोलना।
रत्न- अरे उसकी बात सुन कर तैयार तो मैं भी बैठा हूँ. मेरा भी लंड तेरा इंतज़ार कर रहा है।
रिया- अरे तेरे लिए तो मैं फ्री हूँ. जब चाहो चोद लेना मगर पहले कस्टमर को तो देख लूँ।

रत्न- हाँ भाई, अब इतनी बड़ी रंडी जो बन गयी है। तो चल ठीक है, टाइम पर पहुँच जाना, रखता हूँ मैं।
उसने फोन काट दिया.

उन दोनों की बातें सुन कर रमेश तिलमिला सा गया और कमरे से बाहर निकलते हुए बड़बड़ाते हुए बोला- साली रंडी, तुझे और रवि को तो मैं देख लूंगा.

रिया अपने काम में लग गयी.

थोड़ी देर के बाद रमेश अपने ऑफिस के लिए चला गया. मगर रमेश का मन उसके ऑफिस में जरा सा भी नहीं लगा. वो बार बार रिया और रवि के बारे में ही सोच रहा था.

आप यह बाप बेटी की चुदाई - Baap Beti Sex Story Hindi हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

रमेश को खोया खोया और परेशान सा देख कर रीता ने भी उसको रिझाने की कोशिश की. उसके सामने अपनी चूचियों को हिलाया और दबाया. उसके हाथ को पकड़ कर अपने चूचों पर रखवाया. मगर रमेश उसको भाव नहीं दे रहा था.

काफी देर तक रीता की छिछोरी हरकतों को वो बर्दाश्त करता रहा मगर फिर उसने रीता को भी झड़क दिया. उसकी आंखों के सामने रवि के चेहरे पर रिया को देख कर नाचती वो हवस बार बार सामने आ रही थी कि कैसे रवि उसकी बेटी की चूत और गांड को चोद रहा था.

कहानी अगले भाग में जारी रहेगी.
कहानी के विषय में अपनी राय देने के लिए अपने विचार आप कमेंट बॉक्स में लिखें. 

Next part: बाप खिलाड़ी बेटी महाखिलाड़िन- 5

Related Posts

Report this post

2 thoughts on “बाप खिलाड़ी बेटी महाखिलाड़िन- 4”

Leave a Comment