माँ, मैं कुछ करता हूँ (Maa ki chudai kar diya)
यह कहानी 1964 की गर्मियों की है, जब राजस्थान के एक छोटे से गांव में धूल भरी हवाएं और खेतों की खुशबू हवा में तैरती थी। हमारे परिवार के सभी सदस्य—मैं, मेरी छोटी बहन माला, छोटा भाई, माँ मीना और बाबूजी—एक चचेरी बहन की शादी में शामिल होने गांव आए थे। शादी की धूमधाम में …